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Adultery Mann bahek gaya

क्या स्टोरी ठीक है

  • हा

    Votes: 9 47.4%
  • अभी और गहराई से लिखने की ज़रुरत है

    Votes: 10 52.6%

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Rocco 6"

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विवान का हाथ कंचन के सर से निकल के सीधा उसके टांगो के बीच आ गया और चूत को पकड़ के दबोच लिया इस हमले से कंचन के होठ अलग हो गए और उसके मुंह से एक लंबी आह्ह्ह्हह.. निकल गई

कंचन ने आंखे खोल के विवान की और देखा उसकी आंखो में वासना और नशा साफ दिख रहा था विवान ने उसकी नशीली आंखे में देखते हुए उसकी चूत को सहलाने लगा कंचन के बदन में मस्ती चढ़ने लगी उसको मजा आने लगा और उसका मुंह खुल गया और मजे की सिसकारियां कंचन के मुंह से फूटने लगी

उूउउन्न्ञणनह उम्म्म ऊफफफफफफफम्‍म्म"

विवान चूत को सहलाते हुए अपनी बड़ी उंगली को नीचे ले गया और चूत के छेद के उपर रख दिया और अपने अंगूठे से को चूत के दाने को सहलाने लगा विवान के इस तरह दाने को सहलाने से कंचन को और मजा आने लगा उसने विवान के गले में अपना हाथ रख दिया और उसे फिर से चूमने लगी विवान भी कंचन को बेहाल करने लगा उसे और वासना चढ़ाने लगा और पूरी चूत को जोर जोर से सहलाने लगा

दोनो ही एकदूसरे को चूम रहे थे और सहला रहे थे दोनो के ही मुंह से आवाजे निकल रही थी

आह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह

विवान से अब रुका नही जा रहा था उसने कंचन को कंधे से पकड़ के सुला दिया और कमर पकड़ के उल्टा कर दिया जिस से कंचन को गान्ड उसके सामने हो गई विवान ने अपने हाथ में तेल लिया और अपने लन्ड पे लगा लिया और कंचन के पैर को पकड़ के आगे की तरफ मोड़ दिया और तेल की शीशी लेके गान्ड खोल के उसके छेद के उपर तेल को डाल दिया गान्ड का छेद अभी भी थोड़ा खुला हुआ था विवान ने जल्दी से अपनी उंगली से तेल को अंदर तक अच्छे से लगा दिया

विवान ने एक हाथ से गान्ड को पकड़ के खोल दिया और अपने कड़क लन्ड को पकड़ के उसकी चमड़ी को और पीछे खींच के उसे गान्ड के छेद पे लगा के अंदर डालने लगा लन्ड कसता हुआ अंदर जा रहा था तेल की चिकनाहट की वजह से अंदर सरक रहा था

जैसे जैसे लन्ड अंदर जा रहा था कंचन के चेहरे के भाव बदल रहे थे माथे पे सिकंज आने लगी थी होठों को भींच लिया था हाथ की मुट्ठी ने चादर को पकड़ रखा था लेकिन इस बार वो ऐसे ही पड़ी रही दर्द हो रहा था पर सहन करने लायक था वो पूरा लन्ड अंदर जाने तक अपने बदन को ढीला छोड़ के रखा और विवान का साथ दिया

पूरा लन्ड अंदर डालके विवान रुका नही उसने धक्के लगाने शुरू कर दिए तेल की वजह से लन्ड इस बार अंदर बाहर ही रहा था साथ में कंचन ने भी अपने बदन को ढीला छोड़ा हुआ था ताकि विवान को तकलीफ ना हो
 

Rocco 6"

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विवान को इतना मजा आ रहा था की उसकी आंखे बंद हो गई थी वो धीरे धीरे मजे ले कर लन्ड को अंदर बाहर कर रहा था मजे से उसके मुंह से आहे निकल रही थी.. ओहह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्.. उह्ह्ह

इधर कंचन भी आंखे बंद किए लेटी हुई थी जैसे जैसे लन्ड अंदर बाहर हो रहा था वैसे अब जगह भी बन रही थी छेद अब अपनी हठ छोड़ के ढीला पड़ रहा था जिस से कंचन का दर्द कम होता जा रहा था और थोड़ी देर में कंचन के मुंह से भी धीमी आहे निकलने लगी थी

.. हम्ममम.. उह्ह्ह्ह.. मम्ममम... उह्ह्ह्ह्ह

विवान अब कंचन के उपर लेट गया और उसके कान को मुंह में लेकर चूसने लगा और धक्कों की स्पीड थोड़ी बढ़ते हुए उसे चोदने लगा

.. उम्मम्मम..उसकी गरम सांसे कंचन के गाल पर पड रही थी विवान कंचन के गाल को चूमते हुए.. पुच्च्छ.च.च्चच्छ कंचन बहुत मजा आ रहा है .. आह्ह्ह्ह्..कंचन .. उम्मम्मम.. पुच्च्छ च्च्च च्चच्छ उसके धक्कों की स्पीड बढ़ती जा रही थी

जवाब मे कंचन ने अपने हाथ को उसके सर पे ले जाके उसके बालो को सहलाने लगी जिसका मतलब था की उसे भी अब मजा आने लगा है लन्ड भी अब आसानी से अंदर बाहर हो रहा था विवान ने उसके गालों को चूमा और अब वो अपने हाथो के बल उपर होके उसे चोदने लगा
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अब उसके धक्कों की स्पीड बढ़ गई थी उसे मजा तो आ रहा था पर वो अब भी झड़ने से दूर था उसकी मां ने उसके लन्ड को अपने हाथो से ही वियाग्रा पीला दी थी इसी लिए वो अब जानवरों की तरह चोदने लगा था

इस तरह चोदने से कंचन की चीखे निकलनी शुरू हो गई थी उसे दर्द होने लगा था पर मजा ज्यादा आ रहा था हर एक धक्के साथ वो..

आह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह्ह कर रही थी
 

Rocco 6"

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अब upadate live होगे की जैसे दिमाग में आया वैसे यहा उतार दिया
 

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लन्ड अब आसानी से अंदर बाहर हो रहा था जिस से कंचन को अब मजा आने लगा था जितनी तेजी से लन्ड अंदर बाहर हो रहा था उससे उसकी चूत में मस्ती भर गई थी और चूत गीली होके पानी छोड़ने लगी थी साथ ही विवान के धक्को के कारण उसका दाना पलंग पे रगड़ रहा था जिस से उसका मजा और बढ़ रहा था और वो आंख बंद कर के इसका आनंद ले रही थी

विवान ने भी अपनी मां को मजे लेते हुए देखा उसका गोल भोला चेहरा मस्ती से भरा हुआ एक साइड से दिख रहा था उसने देखा की आंखे बंद करे हुए कंचन मस्ती की आहे अपने मुंह से निकाल रही है ये देख कर उसका लन्ड और कड़क हो गया नशे और फूल गई और एक मस्ती की लहर लन्ड में दौड़ गई और वो सीधा अपनी मां के उपर लेट गया उसका लन्ड झड तक अंदर घुसा हुआ था और वो अपनी मां के गालो को पूरा अपने मुंह में लेके चूसने लगा कंचन ने भी अपने हाथ पीछे ले जाके उसके बालो को सहलाने लगी और थोड़ा सा अपने मुंह को घुमाके अपने होठ विवान के होठ से मिला दिया

दोनो ही एक दूसरे को होठो को चूम रहे थे और अपनी जीभ को एक दूसरे के मुंह में डालके चूस रहे थे कंचन का मजा इस तरह से बयान हो रहा था की उसकी गान्ड विवान के लन्ड को जकड़ रही थी और छोड रही थी जिस से विवान का लन्ड और फूल गया और उसने अपने लन्ड को झड तक अंदर रखे ही अपनी कमर को और आगे की और किया जैसे वो अपने गोटो को भी अंदर घुसा देना चाहता हो उसका घर्षण इतना जोर का था की कंचन का बदन आधे फूट तक आगे की और घिस गया उसका दाना जोर से रगड़ खा गया
दाना घिसते ही कंचन के होठ अलग हो गए और एक मजे की लंबी सिसकारी निकल गई

आह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह...

मजे की आह्ह्ह के साथ ही विवान के होठो पे कंचन की गरम सांसे पड़ी जिसने विवान को और पागल बना दिया और उसने हाथ अंदर डालके कंचन के बड़े स्तन को पकड़ लिया और उसे बेरहमी से मसलने लगा विवान स्तन को ऐसे मसल रहा था जैसे इन गुब्बारों को फाड देना चाहता हो
कंचन को इस से दर्द तो हो रहा था पर उससे भी जायदा उसे मजा आ रहा था जब भी विवान स्तन दबाता कंचन के मुंह से आवाज निकल जाती लेकिन उसे इस बेरहमी से मजा आ रहा था वो अब चाहती थी की विवान दूसरे स्तन को भी इस तरह से मसले

विवान ने भी जैसे समझ लिया हो उसने स्तन को पकड़ते हुए ही वो एक साइड होके पीछे लेट गया और कंचन को भी अपने साथ ही जकड़ के रखा जिस से कंचन भी उससे चिपकी हुई एक साइड हो गई जिस से उसके स्तन जो नीचे दबे हुए है थे वो खुलके सामने की तरफ हो गए विवान ने कंचन की झांघ को पकड़ के आगे की और मोड दिया और कंचन के हाथ को पकड़ के उसकी गान्ड पे ले जाके कंचन के हाथ से ही गान्ड को खोल दिया और कंचन के चेहरे को अपनी और करके उसके होठो को चूमते हुए उसे फिर से चोदने लगा
 

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विवान अब तेज धक्के लगाते हुए उसे चोद रहा था अपने एक हाथ को कंचन के गले से नीचे होते हुए उसके स्तन को पकड़ लिया और एक एक करके दोनो को फिर से मसलने लगा दूसरे हाथ से उसकी झाँघ और पेट को सहला रहा था..

कंचन अब बेहाल सी होने लगी थी उसके मजे की कोई सीमा नहीं थी उसका रस अब फूटने को ही था विवान के हर धक्के के साथ उसके मुंह से

आह्ह.. आह्ह्ह्.. उह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्हह्ह... उह्ह्ह.. आह्ह्ह्हह्ह्.. की आवाजे निकल रही थी

विवान उसे और बेहाल करने लगा वो कंचन के कडक निप्पल को पकड़ के मसलने लगा साथ ही उसको दबाते हुए खींच भी रहा था कंचन अब मस्ती से भर गई थी उसके रस का झरना अब बेहने को किनारे के पास पोहच गया था वो भी अपनी गान्ड को पीछे की और धकेल ने लगी उसका हाथ विवान की गान्ड पे आ गया और उसे अपनी और खींचने लगी

आह्ह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह्ह..और तेज ..और तेज कर.. आह्ह्ह्हह्.. सीईईईईईईईईईईईईईई

विवान ने भी अपने धकको की रफतार और बढ़ा दी और वो अब उसे तेजी से चोदने लगा उसके धकको से पट पट की आवाजे आ रही थी और इतने तेज धक्को को कंचन बर्दास्त नही कर सकी और दो ही मिनट में उसके रस का झरना किनारे से बाहर फोर्स से निकलने लगा कंचन का बदन कांपने लगा उसकी जांघ उपर की और उठ गई हाथ ने विवान की गान्ड को अपनी और जोर से दबा दिया और विवान को रुकने का इशारा कर दिया विवान भी अपने लन्ड पूरा अंदर डाले हुए रुक गया कंचन का बदन जटके खा रहा था चूत से रस फुवारे की तरह बाहर निकल रहा था
 
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रस की अखरी बूंद गिराने तक कंचन का बदन जटके खाता रहा जब वो खाली हो गई तो निढाल होके अपने झाँघ नीचे करके,आंखे बंद करके लंबी लंबी सांसे लेने लगी

विवान उसके माथे पे हाथ फेरता हुआ उसके गाल को चूम लिया लन्ड अभी भी अंदर था जिसे वो सोच रहा था की निकल ले और वो निकलने जा ही रहा था की उसकी मां ने अपना हाथ पीछे ले जाके उसके कूल्हे पे रख दिया और हाथ के इशारे से उसे फिर से अंदर डालने को कहने लगी उसकी आंखे अभी भी बंद थी

ये देख के विवान को अपनी मां पे और प्यार आने लगा
 

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विवान भी उसे प्यार करने लगा कंचन के गालो को उसकी पीठ को चूमने लगा अपने हाथ से उसके पूरे बदन को सहलाने लगा कंचन भी अब ठीक हो गई थी उसकी सांसे संभल गई थी वो उसके गाल को प्यार से सहलाने लगी और उसकी तरफ अपना चेहरा घुमाके

.. तुजे क्या लगा तेरी कंचन तुझे ऐसे ही प्यासा छोड देगी..

विवान उसके गालों को चूमते हुए.. तुम मुझे प्यासा छोड दो ऐसा कभी नहीं हो सकता बस तुम्हे आराम देने के लिए थोड़ी देर के लिए निकाल रहा था..

कंचन उसके होठो को चूमते हुए.. अब आराम तो विवान की प्यास बुझा के ही करेगे दोनो..


..तुम्हारी तो दो बार प्यास बुझ चुकी है अब जेल पाओगी..



... तू अगर पूरी रात भी डालके रखेगा तब भी जेल लूंगी..



दोनो एक प्रेमी युगल की तरह बाते कर रहे थे विवान को ऐसी बातों से और मस्ती भर जाती थी उसके बदन में सुरसुरी फैल जाती है और उसका लन्ड और फूलने लगता है जिसे कंचन भी महसूस करती है



..वैसे और कितनी देर अंदर डालके पड़े रहना का इरादा है... आप का .. आखिर के दो शब्द कंचन ने थोड़ी देर के बाद सेक्सी अंदाज में धीमी आवाज के साथ बोला कंचन जानती थी की विवान को ऐसी बाते और उत्तेजित करती है



ये सुनते ही विवान के मुंह से धीमी आह्ह्ह्हह निकल गई उसने कंचन के गालो पे अपने होठ लगाके उसे चूम लिया और अपनी कमर धीमे धीमे आगे पीछे करने लगा



कंचन के गालो पे विवान की गरम सांसे पड रही थी उसकी उत्तेजना को वो साफ महसूस कर रही थी अपने बेटे को और मजा आए इस लिए उसने भी बाते करने जारी रखी

..तो फिर क्या करना है मेरी कंचन.. और विवान उसे चूमने लगता है

कंचन ने उसकी और देखा विवान के चेहरे पे साफ उत्तेजना देख रही थी विवान की सांसे और तेज हो रही थी जो कंचन के चेहरे पे पड रही थी गरम गरम सांसे कंचन को भी गरम करने लगी थी

..वही जो करना है वही जो मेरे प्यारे बेटे को अच्छा लगता है .. और कंचन ने उसकी जांघ को पकड़ के अपने ऊपर चढ़ा लिया और उसकी झाँघ को सहलाने लगी

विवान उसके इशारे को समाज गया वो अब अपने लन्ड को आधे से ज्यादा बाहर निकल के अंदर करने लगा कंचन के चेहरे को घुमा के उसके होठों को चूमते हुए उसके स्तनों को मसलने लगा कंचन भी अपने होठ खोलके उसका पूरा साथ देने लगी अभी भी विवान धीरे धीरे पर गहरे धक्के लगाके उसके होठों को चूम रहा था,होठों को जी भरके चूमने के बाद कंचन के स्तन को जोर से दबाया और अपने लन्ड के दो करारे धक्के मरता है और उससे कहता है ..अपने स्वामी को आप कहते है.. धक्के के साथ ही कंचन के मुंह से आवाजे निकाल जाती है.. आह्ह्ह्हह... आह्ह्ह्हह्ह कंचन इस करारे धक्के और विवान को बेशरम बनता देख थोड़ी मुस्कुराती है

.. कोनसी मां अपने बेटे को आप बोलती है..

कंचन उसको चिढ़ाते हुए बोली

विवान ने फिर से तीन करारे धक्के मारे इस बार विवान ने अपने लन्ड को टोपे तक निकाल के धक्के मारे कंचन को इन धक्के ने दर्द का एहसास दिलाया और उसकी मुस्कुराहट गायब हो गई

..में तुम्हारा बेटा थोड़ी ना हूं
..तो फिर क्या है..कंचन ने फिर कहा

आह्ह्ह्ह..विवान को मजा आने लगाता है और अपनी कमर को हिलाने लगता है और लन्ड को अंदर बाहर करते हुए उसके निप्पल को मसलने लगता है

..में मालिक हूं बेटा हूं पति हूं और आशिक भी
..और में क्या हूं
..तुम कभी मां
हो पत्नी हो और मेरी हर बात को मानने वाली औरत हो
 

Rocco 6"

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विवान की स्पीड बढ़ रही थी वो अब उसकी पीठ और गाल को चूमते हुए उसे चोदने लगा था कंचन भी अब गरम होने लगी थी उसे पता था की ये बाते विवान को गरम कर देती है वैसे भी अभी तो वो जवान हुआ है और जवान लड़को की अच्छा ये भी कई होती है खास कर उसके उमर की भरी हुई औरत को वो हर तरह से भोगना चाहते है

.. तुझे पता भी है हर बात मानने वाली औरत को क्या कहते है
..क्या कहते है..विवान निप्पल को खींचते हुए बोला

आह्ह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह.. उम्मम्मम कंचन कराहते हुए बोली
..उसे राण्ड कहते है ऐसी ही औरते होती है जो पैसा लेके हर बात मानती है

कंचन के मुंह से आज ऐसी बाते सुनके विवान और पागल हो जाता है वो और जोर से अपनी कमर हिलाने लगता है

..ऐसी बाते करोगी तो में और बेहरहेम हो जाऊंगा

.. ये बेहरहेम क्या होता है जिस से प्यार करते है उसकी बेहरहेमी भी प्यार ही होती है

.. उह्ह्ह कंचन और विवान उसके होठों को चूमने लगा साथ ही अपने कमर हिलाते हुए चोद भी रहा था इतने वक्त बाते करने और विवान के लन्ड अंदर बाहर करने से कंचन भी गरम हो गई थी वो भी अब अपनी गान्ड को पीछे धकेलते हुए विवान के होठों को चूमने में उसका साथ दे रही थी जब विवान का हाथ आगे बढ़ कर कंचन की चूत को दबोच ने और सहलाने लगा तो कंचन के मुंह से सिसकारियां फूटने लगी

.. आह्ह्ह्हह्ह.. हम्ममम.. आह्ह्ह्.. उह्ह्ह्ह..
सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई..

कंचन की आंखे नशीली हो गई थी और उस नशीली आंखों से विवान की और देखते हुए उसने फिर से उसे पूछा..

..तो फिर क्या बनाना चाहता है मुझे पत्नी, हर बात मानने वाली औरत, या मां..

..आज मुझे अपना मालिक समजलो में तुम्हारा मालिक बनके तुम्हे भरपूर चोदना चाहता हूं..

.तो मेरे मालिक ये बदन आपका ही है आ
प जैसे चाहे इत्समाल करो..
 

Rocco 6"

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कंचन ने उसके गाल को सहलाते हुए उससे कहा विवान ये सुनके पागल हो गया और उसके ऊपर पूरा चढ़के उसे चोदने लगा कंचन उसके नीचे दबी हुई आह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह् कर रही थी

थोड़ी देर के बाद फिर विवान ने उससे कहा ..अब अपने मालिक उपर आ जाओ
..जैसाआप कहे ..कंचन ने नशीली आवाज में कहा

कंचन की नशीली आवाज सुनके विवान और पागल हो गया और उसको जट से कमर से पकड़ के अपने ऊपर ले लिया
विवान इतना पागल हो चुका था कंचन को पलटा ते ही धक्के लगाना शुरू कर दिया उसे रुका नही जा रहा था और वो नीचे से धक्के मारने लगा था कंचन को पोजीशन में आने में थोड़ी मुश्किल हुई विवान के धक्कों से पर जैसे भी वो रह सकती थी वैसे वो अपने हाथ और पैर के जोर से अपने बदन को स्थिर कर लिया जब तक विवान धक्के लगाता रहा तब तक अपने आप को ऐसे ही रखा जब विवान रुका तो वो ठीक से अपने पंजों के बल बैठ गई और अपनी गान्ड को उपर नीचे करने लगी विवान के मुकाबले उसकी स्पीड कम थी वो मजे लेते हुए अपनी गान्ड को उपर नीचे कर रही थी उसकी स्पीड भले ही विवान के जैसे नही थी पर उसकी बलखाती हुई कमर जो उपर नीचे हो रही थी उसके हाथो की हरकतों से ऐसा लग रहा था की वो स्तन के साथ अपनी चूत भी सहला रही है उसके बाल जो चोटी से बंधे हुए पीठ से लेके गान्ड तक थे जहा विवान का लन्ड अंदर बाहर हो रहा था जिसे विवान पीछे से देख रहा था जिस से उसका जोश और बढ़ रहा था लन्ड की नशे और फूल गई थी विवान ने अपने हाथ बढ़ा के कंचन की बड़ी गान्ड को पकड़ा और फैला दिया और अपने लन्ड को अंदर बाहर होता देखने लगा उसे इतना मजा आ रहा था की उसने कंचन की पीठ पे हाथ रख के उसे आगे की और जुकने का इशारा किया कंचन उसकी इच्छा समझते हुए और आगे जुक गई और अपने घुटने के बल हो गई जिस से उसकी गांड़ और खुल गई और विवान अब और अच्छी तरह से अपने लन्ड को अंदर बाहर होता देख रहा था कंचन ने बैलेंस के लिए उसके पैर पकड़ लिए थे जितना हो सके अपनी गान्ड को बाहर की और निकाले अपनी गान्ड आगे पीछे कर रही थी

विवान ने उसे थोड़ा और आगे जूकने को कहा कंचन और आगे झुक गई इस पोजीशन में कंचन से अच्छे से लन्ड अंदर बाहर नही हो रहा था फिर भी वो विवान के लिए कुछ भी करने को तैयार थी इस पोजीशन में विवान का लन्ड नीचे की और हो गया था और घर्षण भी धीमा हो गया था फिर भी विवान को अपना लन्ड अंदर जाते हुए देखना अच्छा लग रहा था उसने कंचन की गांड़ को पकड़ के और खोल दिया और अपने लन्ड को अंदर जाता हुआ देखने लगा फिर कंचन जूक गई जिस से उसके स्तन विवान की टांगो में चुभने लगे और कंचन ने आगे बढ़ के विवान के अंगूठे को अपने मुंह में ले लिया और उसे लन्ड की तरह चूसने लगी इस नए अनुभव से विवान को और मजा आने लगा आंखे बंद कर के वो कंचन की गान्ड को पकड़ के जितना हो सके अपनी और खींच ने लगा और गान्ड का घर्षण अपने लन्ड पर करने लगा कंचन भी उसकी भावना समझ के जितना हो सके अपनी गान्ड को पीछे धकेल ने लगी फिर भी उतना घर्षण नही हो रहा था जितना वो पहले कर रही थी लेकिन विवान पे असर हो रहा था उसकी आंखे बंद होने से उसके मन में अपनी मां की लन्ड को चूसती हुई छबि बन रही थी जिस तरह से वो पैर के दोनो अंगूठों को बारी बारी चूसते हुए अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी उसका असर उसके लन्ड पर भी हो रहा था उसके मन मस्तिक में अपने मां के मुंह में लन्ड को अंदर डालके गले तक उतरने की इच्छा हुई जिसका असर लन्ड पे हुआ और लन्ड और कड़क हो गया और उपर उठने को कोशिश करने लगा लेकिन कंचन के आगे की तरफ जुके होने और गान्ड को अंदर होने की वजह से लन्ड नीचे की तरफ होके दबा रहा लन्ड अब दुखने लगा था अब उसमे जलन भी शुरू होने लगी थी
 
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