• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery Mann bahek gaya

क्या स्टोरी ठीक है

  • हा

    Votes: 9 47.4%
  • अभी और गहराई से लिखने की ज़रुरत है

    Votes: 10 52.6%

  • Total voters
    19

Rocco 6"

New Member
61
78
19
दर्द से विवान के मुंह से आवाजे निकलने लगी.. आह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह्ह्ह

कराह ने की आवाजे धीमी थी, कंचन को लगा की विवान को मजा आ रहा है कंचन ने अपना काम जारी रखा

विवान का लन्ड पे अब फिर से जलन होने लगी थी

विवान की आवाजे अब बढ़ गई थी उसका लन्ड टेढ़ा होने की वजह से दुख रहा था साथ ही जलन भी हो रही थी वो अपने लन्ड को दर्द की वजह से सीधा कर देना चाहता था उसने कंचन के बाल को पकड़ के अपनी और खींचा ताकि कंचन सीधी हो जाए पर कंचन को लगा की विवान को मजा आ रहा है और मजा देने के लिए वो लन्ड को और दबाने लगी और अपनी गान्ड को जितना हो सके पीछे धकेल ने लगी और सच भी यही है की कंचन को इसमें मजा आ रहा था पीछे लन्ड था और आगे वो लन्ड समझ केअंगूठा चूस रही थी तो वो भी मजे में विवान की आवाज को समझ नही पाई थी

... आह्ह्ह्ह..कंचन.. आह्ह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह्ह..कंचन

विवान दर्द से इतना ही बोल पा रहा था जलन अब ज्यादा बढ़ गई थी लन्ड ढीला पड़ने की बजाए और कड़क हो रहा था ऐसा लग रहा था गरमा गरम खून सारा लन्ड पे जाके जमा हो रहा था और लन्ड को लावे की तरह गरम करके जला रहा था

//////////

विवान अपने हाथ से उसकी गान्ड को पकड़ के हटाने की कोशिश कर रहा था कभी उसके बाल की चोटी पकड़ के खींच रहा था मुंह से बोल भी रहा था

.. आह्ह्ह्ह्ह ..कंचन... आह्ह्ह्हह्.. उह्ह्ह्ह्ह..जल रहा है... आह्ह्ह्ह्ह..मां..जल रहा है... आह्ह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह्ह

लेकिन कंचन अपने में ही मशगूल थी वो विवान के पैर के अंगूठों को बेहतहाशा चूम रही थी

.. हम्ममम.. म्म्म्म्म.. हम्ममम.. उह्ह्ह्ह्.. मम्ममम

अब विवान से बर्दाश्त नहीं हो रहा था लन्ड गरम लावा बन कर जल रहा था उसे अब खुली हवा की जरूरत थी, विवान ने कंचन के बाल को पकड़ के जोर से खींचा विवान ने इतना जोर लगाया था जैसे वो बालो को झड से उखाड़ देगा बालो के खींच ने से कंचन को दर्द हुआ और उसके मुंह से अंगूठा निकल गया और जोर की आह्ह्ह्ह्ह की आवाज के साथ उसके हाथ पीछे बाल पर चले गए और वो बालो को पकड़ते हुए उपर हो गई

विवान ने उसे खींच के सीधा कर दिया था और जल्दी से उसे धक्का देके अपने लन्ड को निकल लिया लन्ड एकदम लाल टमाटर की तरह हो गया था जैसे बदन का सारा खून लुंड पे जमा हो गया है और वो बेरहमी से उपर नीचे भी हो रहा था

कंचन ने भी जब देखा तो उसे पता चला की लन्ड की क्या हालत हो गई है उसने विवान की और देखा तो वो आंखे बंद किए पड़ा था उसके चेहरे पे दर्द साफ दिख रहा था उसके मुंह से धीमी धीमी आवाजे आ रही थी

आह्ह.. उह्ह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह्ह.. जो दर्द से उठ रही थी

कंचन उसकी छाती पे हाथ फेरने लगी और उसे माफी मांगने लगी उसे एहसास हुआ की उसने लन्ड को जायदा ही परेशान किया है लन्ड भी डेढ़ घंटे से बिना अपना लावा उगले खड़ा था

विवान थोड़ी देर बाद उठा और जट से बात रूम की और चला गया और उसने लन्ड को नल के नीचे ठंडे पानी की धार में रख दिया उसे ऐसा लगा जैसे गरम लोहे की रोड को ठंडे पानी में डाला गया है और ठंडा पानी उसकी जलन को कम करने लगा उसके मुंह से राहत की सांसे निकलने लगी जब जलन कम हुई तो उसने नल बंद कर दिया उसे काफी राहत मिली पर लन्ड अभी भी ढीला नही पड़ रहा था और इतनी देर तक खड़े रहने से उसे दर्द भी हो रहा था और इस दर्द से राहत पाने का एक ही इलाज था इसका लावा बाहर निकल दिया जाए और वो यही सोचके कंचन के पास जाने लगा

जैसे ही वो कंचन के पास आया कंचन सीधा उठके उसके पास आ गई और उसके गालों को सहलाते हुए उससे माफी मांगने लगी
.. माफ करदे विवान मेरी वजह से ही तुझे ये दर्द सहना पड़ रहा है..

विवान ने कंचन के माथे को चूम लिया और ये बता दिया की माफी मांगने की जरूरत नहीं है

..अब इसका एक ही इलाज है कंचन इसको शांत कर दे इसका लावा निकाल दे..
और कंचन को कमर से पकड़ के अपने से चिपका लिया कंचन के हाथ जो विवान की छाती पे थे वो विवान की छाती पे दब गए और लन्ड चूत पे भाले की तरह चुभने लगा

विवान ने अपने होठ को उसके हाथ से मिला दिया और उसे किस करने लगा और हाथो से उसकी गान्ड को सहलाने लगा कंचन भी उसका साथ देने लगी और अब उसने अपने आपको विवान के हवाले कर दिया अब वो उसे ही सब कुछ करने देना चाहती थी

विवान ने कंचन के हाथ पकड़ के खोल दिए और उसे फिर से अपने से चिपका लिया कंचन के स्तन विवान की छाती से दब गए विवान उसे चूमता हुआ उसकी गान्ड को पकड़ के अपने से और चिपकने लगा कंचन को मजा आ रहा था उसने विवान को जोर से भींच लिया उसके स्तन विवान की छाती पे दब गए और वो पीठ से लेकर गान्ड तक अपने हाथ से विवान को सहलाने लगी

दोनो ही एक दूसरे को चूम रहे थे होठों को चूस रहे थे साथ ही एक दूसरे के मुंह में जीभ डालके मजा ले रहे थे दोनो की सांसे तेज चलने लगी थी विवान अपनी मां की गान्ड को सहला रहा था दबा रहा था वही कंचन उसकी पीठ को एक हाथ से सहला रही थी अपने से चिपका रही थी दूसरे हाथ से वो भी विवान की गान्ड दबा रही थी

दोनो की सांसों के साथ निकलती आवाजे और उत्तेजित बन रही थी .. उम्मम्म्म.. अअह्ह्ह्ह.. उम्मम्मम.. पुच्छछह्ह.. उम्मम्म्

5 मिनिट के इस मिलन के बाद जब विवान ने अपने होठ अलग किए तो दोनो ही लंबी लंबी सांसे ले रहे थे दोनो के चेहरे उत्तेजना से तिलमिला गए थे कंचन अपनी नशीली आंखों से विवान की वासना भरी आंखों में देख रही थी की और आंखो से पूछ रही थी की अब क्या करना है तभी विवान ने उसके बाजुओं को पकड़ा और उसे नीचे बैठाने लगा कंचन उसका इरादा समझ गई और कंचन ने विवान के होठ चूमे फिर नीचे आके गला चूमा फिर छाती चूमा फिर वो उसे ऐसे ही चूमती चूमती हुई नीचे बैठ गई नीचे बैठते ही उसके सामने विवान का लन्ड आ गया जो उत्तेजना से उपर नीचे हो रहा था कंचन की वासना भरी आंखे विवान के तड़पते लन्ड को देखने लगी उसने हाथ आगे बढ़ा के लन्ड को जड़ से पकड़ लिया लन्ड अभी भी हिलने रहा था जिसे कंचन प्यासी निगाहों से देख रही थी उसकी गरम गरम सांसे विवान के लन्ड के टोपे पे पड रही थी जो विवान के लन्ड को और कड़क बना रही थी विवान से अब रहा नही गया वो थोड़ा आगे बढ़ कर अपने लन्ड को कंचन के होठों पे लगा दिया

कंचन तो उसके लन्ड की प्यासी ही थी कंचन ने लन्ड को तीन चार बार चूमा फिर अपना मुंह खोल के लन्ड को अंदर ले लिया और बड़े ही प्यार से अपने मुंह को आगे पीछे करने लगी अपनी जीभ से लन्ड के टोपे को भी सहला रही थी कभी वो अपनी जीभ को लन्ड की जड़ तक ले जाती और पूरे लन्ड को चाटती फिर वापस से लन्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगती विवान ने अपने हाथ को कंचन के कंधो पे रख दिया था और आंखे बंद किए मजा ले रहा था कंचन उसके लन्ड को उपर कर के बड़े बड़े गोटो को भी अपने मुंह में लेती और जोर से चूसती जब वो गोटो को चूसती तो साथ में लन्ड को भी हिलाती रहती विवान का लन्ड इतना कड़क हो गया की वो कंचन के हाथ में और फूल गया उसकी नशे फूल के मोटी हो गई थी जैसे वीर्य अब रुकना नही चाहता और वो फोर्स से निकलना चाहता है पर वो निकल नही पा रहा है और नशों में जमा हो रहा है कंचन को अपने हाथ में लन्ड को फूलता हुआ देख वो और जोर से हिलाने लगी और अपनी जीभ से लन्ड के टोपे पर हिलाते हुए विवान को और मजा देने लगी

विवान का बुरा हाल था ऐसा लग रहा था की वीर्य टोपे पे आके जमा हो गया है और निकलने की कोशिश कर रहा है उसे अपने टोपे पे थोड़ा दर्द भी होने लगा उसकी आंखे बंद थी चेहरे पे परेशानी थी कंचन जोर जोर से लन्ड हिला रही थी साथ में जीभ का भी कमाल दिखा रही थी विवान को लन्ड पे जलन सी हुई कुछ अटकते हुए निकल रहा है ऐसे उसे महसूस होने लगा और उसके मुंह से जलन की वजह से कराहे निकलने लगी

दर असल वो उसका वीर्य था जो इतनी देर से जमा होने से थोड़ा सा बाहर निकला था

.. आह्ह्हह्हह्ह्ह्हह्ह्हह्हह्ह.. ओहह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .. उह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्.. उह्ह्ह्ह्ह्ह..
 
  • Like
Reactions: Desiman

Rocco 6"

New Member
61
78
19
लन्ड से वीर्य की एक धार निकली जो टोपे से होते हुए उसके गोटो तक बहने लगी कंचन तब उसके गोटो को सिंह में लेके चूस रही थी जब धार उसके होठों को छू गई तो उसने अपना मुंह हटाके लन्ड को हिलाना जारी रखा वीर्य अटक अटक के निकल रहा था जिस से विवान को जलन और दर्द हो रहा था कंचन ने देखा की वीर्य की छोटी सी धार लन्ड के टॉप से लेके उसके गोटो तक बेह रही थी जो अब बंद हो गई थी कंचन ने भी लन्ड को दबाते हुए अपने हाथ को झड से उपर तक लेके आए जैसे वो बचा हुआ भी निचोड़ के निकल रही हो वो समझ गई की ये इतनी देर तक वीर्य के भरे रहने से हो रहा है वीर्य भी चिकना पानी जैसा थोड़ा निकला था उसने सोचा कि इस से विवान को आराम मिलेगा लन्ड थोड़ा ढीला पड़ेगा और उसने लन्ड को धीरे धीरे हिलाना जारी रखा जिस से वीर्य सारा इसके लन्ड पे अच्छे से लग गया और फिर से लन्ड को मुंह में भर के उसे चूसने लगी कंचन ने लन्ड को अच्छी तरह से उपर से नीचे तक चूसते हुए साफ कर दिया

फिर वो खड़ी हुई और लन्ड को धीरे धीरे हिलाते हुए विवान की आंखो में देखते हुए उससे पूछने लगी

..कुछ आराम मिला ..और अपने होठों में जीभ फिराते हुए रस का स्वाद लेने लगी
विवान उसकी इस अदा से और गरम हो गया वो गरम सांसे छोड़ते हुए कंचन को देख रहा था
विवान को कुछ आराम तो मिला लेकिन अभी भी लन्ड लोहे की तरह खड़ा था अभी भी वीर्य भरा पड़ा था और वो उसे अब पूरा निकाल देना चाहता था

.. हा थोड़ा आराम मिला पर अब मुझे पूरा आराम चाहिए..

और उसने अपने होठ आगे बढ़ा के अपनी मां की होठों पे चल रही बाहर निकली जबान को मुंह खोल के अंदर ले लिया और उसे चूसने लगा कंचन ने भी अपना पूरा मुंह खोल दिया और अपनी जीभ को विवान के मुंह के अंदर डालके अपने होठों को विवान के होठों से मिला दिया विवान अपने ही रस का स्वाद चखता हुआ उसके होठों और जीभ को चूसने लगा कंचन अपने हाथ से उसका लन्ड सहला रही थी विवान उसकी पीठ को सहलाते हुए उसकी जीभ और होठों को चूस रहा था फिर विवान उसके होठों को चूमते हुए ही उसे पलंग पर ले जाने लगा और कंचन को पीछे पलंग पर सुलाते हुए खुद उसके ऊपर आके उसे चूमता रहा

विवान ने जब उसके होठों को चूमते हुए अपना सारा रस जो उसकी जीभ होठों और मुंह में भी था उसे चूसते हुए पी गया तो खड़ा हुआ और अपनी थूक निगलते हुए अपने होठों को साफ हाथो से साफ करते हुए कंचन को देखने लगा कंचन भी वासना में तपती हुई पलंग पड़ी हुई हाफ रही थी उसकी सांसे लेने के साथ उसके स्तन उपर नीचे हो रहे थे और वो हफ्ते हुए विवान को देख रही थी

विवान ने हाथ बढ़ा के कंचन की चूत को पकड़ लिया और उसे सहलाते हुए अपनी उंगली को अंदर डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा चूत पे अभी भी उसका दो बार निकला हुआ रस था और दूसरा और निकल रहा था विवान जोर जोर से अब अपनी उंगली अंदर बाहर कर रहा था कंचन तेज सांसे लेते हुई उसे देख रहे थी उसने अपनी टांगो को मोड़ के उपर उठा लिया

विवान ने अपनी उंगली गोल गोल घुमाते हुए अंदर बाहर करते हुए उसे और गरम कर दिया फिर उसने अपनी उंगली को नीचे के जाके गान्ड के छेद को टटोला गान्ड का छेद फिर से सिकुड़ के दो उंगली जितना हो गया था पर अभी भी खुला था

विवान ने अपनी दो उंगली चूत के अंदर घुमाके उसके रस से गीला कर लिया फिर उसी दो उंगलियों को गान्ड के छेद में डाल दिया और उसे अच्छे से गोल घुमाके अंदर बाहर करते हुए गान्ड को अच्छे से गीला कर दिया गान्ड में अभी भी सरसो का तेल बचा हुआ था और चूत के चिकने रस और तेल ने गान्ड के छेद को और चिकना कर दिया

विवान ने अपनी उंगलियां निकाल के अपने हाथ में ढेर सारा थूक गिराया और अपने लन्ड पे लगा दिया और अपने लन्ड को पकड़ के गान्ड के छेद पे लगा के अंदर करने लगा लन्ड चिकनाहट से फिसलता हुआ लुंड अंदर जाने लगा कंचन लन्ड को धीरे धीरे अंदर जाता महसूस करके गरमा गई और मस्ती में अपने स्तन को पकड़ के जोर से दबा दिया

.. आह्ह्ह्ह्ह.. सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.. उह्ह्ह्ह्ह्हह

विवान ने धीरे धीरे पूरा लन्ड अंदर डाल दिया और जांघो को पकड़ के आगे की और दबा दिया और धक्के लगाना शुरू कर दिया और धीरे धीरे स्पीड पकड़ने लगा

कंचन को मजा आने लगा लन्ड फिर से अपनी जगा बना रहा था और चिकनाहट की वजह से अंदर बाहर होने में भी कोई परोशनी नही हो रही थी पर लेकिन छेद के सिकुड़ने ने से थोड़ा सा दर्द तो हो रहा था पर उसे पता था की थोड़ी देर में ये दर्द गायब हो जाएगा उसने अपने हाथ आगे बढाके चूत पे रख दिया और और दाने को सहलाने लगी

विवान ने धक्के लगाने की स्पीड बढ़ा दी और विवान अब पूरी स्पीड में अंदर बाहर कर रहा था उसकी झांघे कंचन की गांड़ से टकरा के पट पट की आवाजे भी करने लगी थी

images-3
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Desiman

Rocco 6"

New Member
61
78
19
विवान स्पीड से धक्के लगा रहा था और अपनी मां की और भी देख रहा था कंचन भी उसे ही देखते हुए अपनी चू त सहलाए जा रही थी विवान ने भी अपनी मां को मजा देने के लिए अपने लन्ड को निकल के चूत में डाल दिया और उसे चोदने लगा

लन्ड चूत में जाते ही कंचन को और मजा आने लगा उसकी सिसकारियां बढ़ गई और अपने हाथ से स्तन को और ज्यादा दबाने लगी साथ ही निप्पल को पकड़ ते हुए उसे मसलने और खींच ने लगी

आह्ह्हह्हह.. उह्ह्ह्ह्ह.. सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई .. उह्ह्ह्ह्ह.. आह्ह्हह्ह्ह्हह

विवान अब बारी बारी से कंचन के दोनो होल में लन्ड डालके चोद रहा था कभी गान्ड में डाल के कभी चूत में .. कंचन की आंखे बंद हो गई थी वो मजे से कराहती हुई इस का आनंद ले रही थी इस पोजीशन में आखिर में विवान ने उसके पैरो को उपर से पकड़ के पूरा खोल दिया और सिद्दत से उसकी चूत में धक्के लगाते हुए कंचन को बेहाल कर दिया फिर उसने लन्ड को निकल लिया और कंचन के उपर लेट के उसके होठों को चूमने लगा गरम सांसे लेती कंचन ने भी अपने होठ खोल दिए लन्ड चूत के उपर नाभी तक पड़ा अभी भी फुकार रहा था विवान उसे चूमते हुए ही उसे अपने साथ खड़ा कर दिया कंचन की बाहें उसके गले में थी और वो भी उसे चूम रही थी दोनो ही एक दूसरे के होठों को गरमी से चूम रहे थे

विवान ने अब उसे कमर से पकड़ के घुमा दिया और कंचन को घोड़ी बना दिया कंचन जूक के घोड़ी बन गई और अपने हाथ पलंग पे रख लिए और कमर को मोड़ दिया विवान ने लन्ड को गान्ड के छेद पे टिकाया और एक ही जटके में लन्ड को पूरा अंदर डाल दिया कंचन इस धक्के से चीख उठी उसका बदन अकड़ गया और वो थोड़ा आगे की और खिसकने लगी पर विवान ने उसे कमर से पकड़ लिया और अपने लन्ड को निकालने नही दिया घोड़ी बनने से कंचन को लन्ड लेने में तकलीफ हो रही थी पर विवान ने कमर को पकड़ते हुए फिर से तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए कंचन उसके धक्के सहती हुई आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह करती रही विवान अब ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा अब वो खाली होना चाहता था अब वो रुकना नही चाहता था अब खाली होने का एक ही तरीका था जितना जोर से हो सके उतना वो उसे धक्के लगाए

कंचन उसके धक्कों को सहन करती हुई घोड़ी बनी रही विवान के धक्के इतने तेज थे की वो अपनी चूत को सहला भी नही सकती थी अपने हाथ अगर वो टांगो के बीच ले जाती तो वो एक हाथ से ऐसे जूक कर नही रह सकती थी लेकिन उसको अपने चूत के दाने और स्तन को सहला ने का बहोत मन कर रहा था वो भी विवान के साथ ही झड़ना चाहती थी लन्ड ताबड़तोड़ अंदर बाहर हो रहा था कंचन से अब रहा नही जा रहा था उसने जल्दी से अपने हाथ को कमर तक ले जाके विवान के हाथ को पकड़ के अपनी चूत पर रख दिया और फिर से हाथ अपनी जगा पे ले आई विवान भी समझ गया और उसकी चू त को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी बालो की चोटी को पकड़ के उसे चोदने लगा

कंचन को अब मजा आने लगा और विवान को बोलने लगी .... हा विवान ऐसे ही..ऐसे चूत के.. आआह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह्ह..के दाने को..सहला.. आह्ह्हह्हह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह्ह.. सीईईईईईई सीईईईईई..विवान चू त के दाने को और जोर से सहलाने लगा .. आआह्ह्हह्ह.. उह्ह्ह्ह्ह.. आआह्ह्हह .. मम्मममम. उम्मम . आह्ह्हह्ह.. सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई. उह्ह्ह्ह्ह.. आह्ह्हह

विवान भी अब अपनी मंजिल तक पहुंच रहा था और जितना हो सके धक्के देते हुए अपने लन्ड को गान्ड की दीवारों पे घिस रहा था उसके धक्के इतने तेज थे की कंचन को लग रहा था की वो अभी गिर जायेगी पलंग पे , कंचन ने गिरने से बचने के लिए अपने हाथ से चादर को जोर से पकड़ा हुआ था और अपने आपको गिरने से बचा के विवान का साथ दे रही थी विवान अब और आक्रामक हो गया था वो अब झड़ने के करीब था उसने हाथ आगे बढ़ते कंचन के दोनो स्तन पकड़ लिए उसे बेरहमी से मसलने लगा और स्तन को दबाते हुए अपनी कमर को रफ्तार से आगे पीछे करना जारी रखा ,कंचन भी अपने स्तन के मर्दन से और विवान की रफ्तार से मस्ती से भर गई थी उसका रस भी निकलने ही वाला था बस कमी थी तो अपने चूत के दाने को पकड़ के जोर से सहलाने की
 
  • Like
Reactions: Desiman

Rocco 6"

New Member
61
78
19
दोनो के ही मुंह से सिसकारियां निकल रही थी.. जहा विवान की
.. उम्मम्मम..आह्ह्हह्हह.. उम्मम्म्म.. आह्ह्ह्ह्ह. ओहह्ह

वही कंचन.. आह्ह्हह्हह्.. उह्ह्ह्ह्ह.. सीईईईईईईईईईईई कर रही थी

कंचन ने अब गिरने की परवाह ना करते हुए अपने हाथ को चू त पे रख दिया और दाने को जोर जोर से सहलाने लगी उसके दोनो स्तन मसले जा रहे थे पीछे विवान का लन्ड अंदर बाहर हो रहा था और तीसरी चूत को उसने सहलाना शुरू कर दिया

ram-her-asshole-as-hard-as-possible-001

आह्ह्ह्ह.. सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

एक। हाथ का बैलेंस अब नरम पड़ रहा था साथ में विवान भी अब उसपे जुकते जा रहा था लेकिन दोनो ने ही अपने अंगो का घर्षण जारी रखा कंचन ने हाथ से और विवान ने अपने धक्कों से ,कंचन धीरे धीरे गिरती हुई प्रसर गई और पलंग पे मुंह के बल लेट गई विवान भी उसके साथ गिरता हुआ उसके ऊपर लेट गया कंचन विवान के वजन से दबी हुई थी विवान के हाथ उसके स्तनों के साथ पलंग पे दब गए फिर भी वो उसके स्तनों को दबा रहा था और अपने लन्ड को रफ्तार से अंदर बाहर कर रहा था कंचन का हाथ पलंग और चूत के बीच दब गया जिस से वो अच्छी तरह से दाने को सहला नही पा रही थी फिर भी कितना हो सके अपनी उंगलियां हिला रही थी विवान अब उसके गालों को चूमते काटते हुए उसके स्तन को मर्दन करते हुए उसे चोद रहा था कमरे में पट पट की आवाजे आ रही थी..

कंचन को उसकी गर्म सांसे और इस तरह चूमने और काटने से लग रह था की अब वो झड़ने के करीब था कंचन की चूत भी रस से भर गई थी और वो भी बाहर रस को निकलना चाहती थी कंचन ने अपने पैरो को जोर देके अपनी गान्ड को थोड़ा उठा लिया और अपनी चूत के दाने को जोर जोर से सहलाने लगी

तभी विवान के हाथो ने स्तनों को जोर से भींच लिया दांत कंचन के कंधो पे गडा दिएऔर विवान अपने लन्ड को पूरा अंदर डालके रुक गया और कंचन को जोर से अपने से चिपका के अपना लावा कंचन की गांड़ में निकलता गया वीर्य जैसे जैसे निकल रहा था तो वो विवान को तेज जलन भी करा रहा था उसका वीर्य अटक अटक के निकल रहा था उससे विवान को जलन हो रही थी

कंचन ने भी उसके गरम लावा को अपने गान्ड के अंदर महसूस करते ही अपनी चू त को और जोर से सहलाना शुरू कर दिया ...थोड़ी ही देर में उसने भी अपने रस को बाहर निकलना शुरू कर दिया

.. आआह्ह्ह्ह.. आआह्ह्ह्हह्ह.. आआह्ह्ह्हह.. उह्ह्ह्हह आआह्ह्ह

उसकी कमर भी कांपने लगी थी रस फिर से फुवारे की तरह निकलने लगा था पर इस बार जायदा नही निकला पर जितना भी निकला उसने उसके शरीर को सारा निचोड़ लिया, पूरा रस निकलने के बाद उसके भी पैर ढीले पड़ गए और वो भी पलंग पर पड़ी आंखे बंद कर के गहरी सांसे लेने लगी विवान का भी लावा निकल चुका था और वो भी उसके ऊपर पड़ा गहरी सांसे ले रहा था दोनो ही थक के थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Desiman

Rocco 6"

New Member
61
78
19
सांस संभाल ने के बाद विवान की आंखे खुली उसने देखा की उसकी मां आंखे बंद किए पड़ी है और लंबी लंबी सांसे ले रही है , उसने कंचन के गाल चूमे और कंचन के उपर से खड़ा हुआ लन्ड अभी भी आधा खड़ा गांड़ के अंदर था उसने लन्ड को धीरे से निकाला लन्ड उसके रस से ही भीगा हुआ और अभी भी जल रहा था फिर उसने कंचन की की गान्ड के छेद को देखा जो उसने पूरा खोल दिया है उसका लावा उसके छेद से निकल कर बह रहा था साथ ही नीचे कंचन की चूत ने भी रस निकाला था जो उसकी झाँघे और पलंग की चादर को गिला कर दिया था

विवान ने कंचन की और देखा जो अभी भी आंखे बंद किए पड़ी थी विवान ने जूक के पीठ को चूमा और उसे प्यार से उठाया कंचन ने आंखे खोली उसने अपनी और विवान की हालत देखी साथ में पलंग की चादर को भी देखा जो आधे से ज्यादा उसके रस से भीगी पड़ी थी लेकिन उसकी हालत नही थी जो चादर भी बदल सके उसने विवान की और देखा विवान ने उसे गले लगा लिया विवान ने उसके थके चेहरे को देखा उसके माथे को चूमा और पलंग पे ले गया और अपने साथ चिपका लिया दोनो ही भीगी गीली चादर पे आंखे बंद करके सो गए

दोनो ही नंगे एक दूसरे की आगोश में मीठी नींद में चले गए ..
 
  • Like
Reactions: Desiman

Rocco 6"

New Member
61
78
19
उधर निशा ने खाना खत्म कर लिया और बर्तन और सब काम में 10 तक बज गए फिर वो अपने बेडरूम में आ गई और किताब पढ़ने लगी पर उसका मन नही लग रहा था दिमाग में अभी भी बावन और उसकी मां की हरकते ही घूम रही थी उसने किताब को रख दिया और विवान और उसकी मां के बारे में सोचने लगी उसके दिमाग में यही सवाल गूंज रहा था की कैसे उसकी मां अपने बेटे से ये सब करने के लिए तैयार हो गई होगी क्या वासना इतनी इतनी भयानक होती है जो रिस्तो को भी बुला दे यही सोचते हुए 11 तक बज गए जब उसने घड़ी की और देखा तो उसने अपने सिर को जटका और मन में बोलने लगी की में भी क्या सोच रही हूं जैसा गंदा काम काम करना है वो दोनो करे मुझे उस से क्या और वो सोने की तैयारी करने लगी थोड़ी ही देर में वो नींद की आगोश में चली गई

रात को नींद में उसे सपना आया और सपने में विवान और उसकी मां कामकिडा करते नजर आए वो सपने में देख रही थी की विवान पलंग पे बैठा हुआ था और उसकी मां नीचे बैठे हुए थी निशा देख रही थी की उसके मां के बाल चोटी से बंधे हुए है और उसका सिर आगे पीछे हो रहा है उसके हाथ विवान की झांघो पर है और विवान उसके सिर को पकड़ के हुए आंखे बंद किए बैठा हुआ था दोनो ही बिलकुल नंगे थे बाहर बारिश पूरे जोर पे थी और निशा उस बारिश में भीगी हुई ये सब देख रही थी

धीरे धीरे विवान के हाथ कंचन की पीठ को सहलाने लगे और सहलाते हुए गान्ड तक चले गए उसकी गान्ड को सहलाते हुए उसे दबाने लगे निशा को फिर से ये गंदा लगा और उसने अपनी आंखे बंद करते हुए अपना मुंह घुमा लिया छीईई और वो सोचने लगी की ये क्यों ऐसा कर रहा है क्या मजा आता है इस में इन दोनो को

अंदर से विवान की धीमी मजे की आहे निशा को सुनाई दी और ना चाहते हुए भी निशा की नजर अंदर चली गई उसने अब देखा की विवान अपने हाथ से उसकी चूत को पीछे से सहला रहा है इस तरह चूत सहलाने से उसकी मां को मजा आ रहा है और वो जोर जोर से अपने सिर को उपर नीचे कर रही थी विवान भी अपनी उंगलियां घुमा घुमा के चूत को सहला रहा था उन दोनो की हरकतों को देख के निशा भी गरमा रही थी उसकी सांसे तेज चलने लगी थी

निशा ने देखा की विवान ने अब अपना लन्ड उसकी मां के मुंह से बाहर निकल लिया है और जब वो खड़ा हुआ तो निशा की ध्यान उसके लन्ड पे चला गया विवान के खड़े होके चलने से उसका लन्ड हवा में लहरा रहा था और उपर नीचे नीचे हिल रहा था निशा की आंखे उसपे टिक गई और वो उस बड़े लिंग को हवा में लहराता हुआ देखने लगी विवान कंचन के पीछे आ गया और उसने उसे पकड़ के डोगी स्टाइल में कर दिया निशा ये सब देख रही थी फिर विवान ने अपने लन्ड को पकड़ के चूत के मुंह पे लगाया और उसे अंदर डालने लगा जैसे जैसे लन्ड अंदर जा रहा था कंचन की चीखे सुनाई दे रही थी और वो विवान को धीरे धीरे डालने को कह रही थी निशा देख रही थी की विवान का बड़ा लन्ड कसता हुआ अंदर घुस रहा था और निशा ने देखा की विवान ने जोर लगा के पूरा लुंड अंदर घुसा दिया अब उसे पीछे से विवान के बड़े बोल ही दिख रहे थे लन्ड पूरा अंदर जा चुका था

विवान अपने पंजों के बल था और अपने हाथ से अपनी मां की कमर के पकड़ा हुआ था निशा को ऐसा लग रहा था की उसकी मां को अभी भी अपनी चूत में दर्द हो रहा है और वो कराहते हुए अपनी चूत पे लन्ड को एडजस्ट होने की राह देख रही थी विवान भी थोड़ी देर ऐसे ही रहा उसने लन्ड को अंदर बाहर नही किया लगता था की वो कंचन के इशारे की राह देख रहा है विवान के इस स्वभाव से निशा थोड़ी इंप्रेस हुई वो जल्द बाजी नही कर रहा था वो अपने मां के दर्द का भी ख्याल रख रहा था लेकिन पीछे से अपनी मां की चूत के अंदर लन्ड गड़ाए पंजों के बल खड़ा विवान को देख के निशा के हाथ रुक नही पाया और सीधा जाके साड़ी के उपर से अपनी चूत पे आ गया और उसे पकड के दबाने लगा निशा खिड़की से देखती हुई बारिश में भीगी अपनी चूत को दबा रही थी बाहर अंधेरा था रात थी तो उसे डर नहीं था किसी के भी देख लेने का तो वो बिन्दास होके अंदर चल रहे इस पोर्न को लाइव देख ने लगी बारिश का पानी और ठंडी हवा भी उसके बदन को गरम होने से नही रोक सकी

अंदर लगता था की उसकी मां ने उसे परमिशन दे दी है क्यू की विवान ने अब धीरे धीरे लन्ड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था निशा पीछे से ये नजारा देख रही थी उसकी उंगलियां अब चूत पे घूम रही थी और वो उसे गोल गोल घुमाके साडी के उपर से ही सहला रही थी विवान अब आधे से ज्यादा लन्ड को अंदर बाहर कर रहा था लगता था की उसकी मां की चूत अब खुल गई है लन्ड अब अच्छे से अंदर बाहर होता दिख रहा था निशा अब देख रही थी की विवान पूरा लन्ड बाहर निकले के जल्दी से अंदर कर रहा था निशा पीछे से उसके लन्ड को अंदर बाहर होता देख रही थी जब लन्ड बाहर निकलता तो उसकी नजर लन्ड की फूली हुई नशे और लंबाई पे टिक जाती जब लन्ड लबकता हुआ अंदर जाता तो उसकी आह्ह्ह्ह्ह निकल जाती विवान के लन्ड ने उसे अपने आकर्षण में घेर लिया था उसे अब बड़े और लंबे लन्ड अच्छे लगने लगे थे वो अब सेक्स को दूसरी नजर से देखने लगी थी निशा की आंखो के सामने वो सारे मर्द आ गए जो उसने लैपटॉप में देखे हुए थे उसकी आंखे बंद हो गई और वो उस सारे मर्द के आकर्षित कसरती शरीर और ठोस कड़े लन्ड को याद करने लगी

अब उसका नजरिया बदलता जा रहा था वो अब अपने पेट निकले पति और उसके नॉर्मल लन्ड से ज्यादा बड़े कड़क लन्ड और कसरती शरीर उसके अंदर प्यास जगा रहे थे विवान का शरीर भी भले ही उन सबके मुकाबले पतला था पर कसरती था उसका लन्ड लंबा बड़ा और गोरा था निशा की सांसे बढ़ गई उसके सामने विवान की छबि आ गई उसका हाथ अब जोर से चलने लगा वो अब सिसकारियां निकलते हुए अपनी चूत को जोर जोर से सहलाने लगी

अंदर से उसकी मां की मजे से सिसकारियां की आवाजे आने लगी निशा की आंख इन सिसकारियां को सुनके खुल गई और वो अंदर देखने लगी उसने देखा की विवान का लन्ड अब जोर से अंदर बाहर हो रहा है उसकी नजरे विवान के बदन का अच्छे से जायजा लेने लगी विवान के पैर और झांघो पे बाल थे जो अभी जवान होने से उगे थे उसकी नजर झाँघो से होती हुई उसके कूल्हों पे गई जहा अभी उसे बाल नहीं उगे थे कूल्हे गोरे और कसे हुए थे उमर से हिसाब से गोल थे उसकी नजर आगे बढ़ कर पीठ पे गई जो कसरती मर्द की तरह लग रही थी लेकिन फिर भी एक जवान होते हुए लड़के की थी उसका भोला जवान चेहरा और छाती तो वो पहले ही देख चुकी थी अभी से ही वो एक हॉट जवान लड़का था जो आगे चल के एक आकर्षित मर्द बनने वाला था
 
  • Like
Reactions: Desiman

Rocco 6"

New Member
61
78
19
विवान अब अपने हाथ आगे बढ़ा के अपनी मां के स्तन को दबाता हुआ लन्ड को अंदर बाहर कर रहा था निशा के भी हाथ अपने स्तन पर चले गए और वो उसे निप्पल के साथ हाथो में भरके दबाने लगी वासना अब उसपे हावी हो गई थी मर्द की चाहत जागने लगी थी उसकी नजर वहा चली गई जहा से विवान पूरी तरह मर्द था उसके लन्ड पे उसने देखा की लन्ड अब पूरी तरह से चूत से पानी से गीला था और अंदर बाहर हो रहा था लन्ड की झड से रस लार की तरह टपक रहा था ऐसा लग रहा था की उसने अपनी मां को एक बार झड़ा दिया है और दूसरी बार भी तैयार कर लिया है क्यों की उसकी मां अभी भी मस्ती से आहे भर रही थी ये देख के निशा का हाथ पेट पे चला गया और उसने पेट को जितना हो सके अंदर करके अपने हाथ को साड़ी और पेंटी के अंदर सरका दिया जब उसका हाथ चूत पे गया तो उसे पता चला की उसकी चूत भी रस से भीगी हुई है उसने अपनी उंगलियों से अपनी चूत को जोर जोर से सहलाना शुरू कर दिया

अंदर विवान का लन्ड भी किसी कुत्ते के लन्ड की तरह अंदर बाहर हो रहा था उसके गोटे भी कड़े होके एक दूसरे से अलग उपर की और चिपक गए थे विवान अपनी मां के बूब्स और निप्पल को मसलता हुआ धनाधन चोदे जा रहा था उसकी मां भी सिसकारियां निकलते हुए मजा ले रही थी

निशा ये देख के रह नही पाई और उसने अपनी दो उंगलियों को जोर देके चूत के अंदर कर दिया निशा की चूत तंग थी उसके मुंह से आआह्ह्ह निकल गई और वो अपने निप्पल को मसलते हुए अपनी चूत में जोर जोर से दो उंगलियों को अंदर बाहर करने लगी निशा ने अपने पैरो को खोल दिया था उसके मुंह से मजे की सिसकारियां निकलने लगी थी

आआह्ह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह्ह.. ओहह्ह्ह्ह.. सीईईई सीईईईईईईईईईईईईई

बारिश के शोर के साथ उसकी आवाजे भी गूंज रही थी रात के अंधेरे में उसे किसी के देख लेने का भी डर नहीं था वो अपने भीगे गरम बदन को ठंडा करने में लग गई

अंदर विवान अब रुक गया था ऐसा लग रहता की वो उसकी मां को किसी बात के लिए मना रहा है निशा ने आंखे बंद करके अपना ध्यान अंदर केंद्रित किया और उसकी आवाजों को सुनने का प्रयास करने लगी उसके हाथ धीमे पड़ गए थे पर अब भी अपना काम जारी रखे हुए थे उसने ध्यान लगाया तो उसे धीमी धीमी आवाजे सुनाई दी उसकी मां उसे बोल रही थी...

..नही नही विवान आज नही फिर कभी आज चूत में ही पानी निकाल दे बस मेरा पानी दुबारा निकलने ही वाला है दर्द से सारा मजा बिगड़ जायेगा..

..कुछ नही होने दूंगा में तुम्हारा मजा बिगड़ने नही दूंगा अच्छे से पहले उंगलियों से छेद खोल दूंगा फिर धीरे धीरे लन्ड को अंदर डालूंगा ..विवान ने उसे समझाते हुए कहा

..लेकिन विवान दर्द से मजे में रुकावट तो होगी मजा तो बिगड़े गा ही फिर आज क्यू जिद्द कर रहा है फिर कभी कर लेना ..कंचन उससे बोली उसकी आवाज हफ्ती हुई सुनाई दे रही थी जिस से लग रहा था विवान ने लन्ड को रोक के उसका मजा किरकिरा कर दिया था

..यही मजा तो दर्द नहीं होने देगा और जब लन्ड पूरा अंदर चला जायेगा और अंदर बाहर होने लगेगा तो छेद खुल जायेगा और मजा फिर से आना शुरू हो जाएगा ..विवान कंचन को समझते हुए उसे कहा

..लेकिन इस में मजा आ रहा था ..कंचन ने फिर से उससे कहा

..कुछ नही होगा तुम बस देखो में मजा बिगड़ने नही दूंगा..विवान ने कहा

थोड़ी देर प्यार से समझाने से उसकी मां कंचन मान गई और अपने मजे को छोड़ के विवान को परमिशन दे दी

विवान खुस हो गया और उसके स्तन को दबाते हुए उसकी पीठ को चूमने लगा थोड़ी देर कमर हिलाके लन्ड को अंदर बाहर किया और अपनी मां में फिर से मस्ती भर दी फिर वो हटा और अपने लन्ड को चूत में से निकाल लिया

..में प्यार से करूंगा आप फिकर मत करो..विवान बोला

निशा ने सुनते ही अपनी आंखे खोल दी और वो अंदर देखने लगी की कैसे विवान ये सब करता है और उसकी मां का क्या होता है

विवान आगे बढ़ा और अपनी मां की गान्ड खोल के सीधा अपना मुंह वहा लगा दिया निशा को ये गंदा लगा वो सोच नही सकती थी की कोई यहा भी अपना मुंह लगा सकता है पर इस बार उसने अपना चेहरा नही घुमाया क्यों की वासना की आग उसके अंदर अब जल गई थी पर उसने अपनी नजर वहा से हटा के विवान के लन्ड पर कर दी क्यूं की विवान भी अपने घुटनो और हाथ के बल था तो निशा को उसका कड़ा लन्ड साफ दिखाई दे रहा था वो उसके कड़क खड़े लन्ड और उसके गोटो को नशीली आंखों से देखने लगी अंदर का माहोल भी ऐसा ही था जैसे एक कुत्ता अपनी कृतिया को चाटते हुए तैयार कर रहा हो
 

Rocco 6"

New Member
61
78
19
विवान का मुंह अपनी मां की बड़ी गोरी गान्ड के बीच में था और वो चूत से लेके गंद के छेद तक अपनी जुबान चला रहा था निशा का ध्यान तब वहा पड़ा जब उसने उसकी मां की मस्ती भरी आवाजे सुनी तब उसे पता चला की उसकी मां को इसमें मजा आ रहा है तो उसके हाथ अपने आप ही चूत पे जोर जोर से चलने लगे विवान उसकी मां की गान्ड खोल खोल के अपनी जीभ का कमाल दिखा रहा था जिसका पता उसकी मां की आवाजों से लग रहा था और इसका असर निशा पे भी पड़ रहा था और वो वासना से भरी नजरो से देखती हुई अपने स्तन को जोर जोर से मसलने लगी

विवान ने जीभ से चाट के गान्ड के छेद को नरम कर दिया था अब उसे थोड़ा खोलना था जिस से उसका लन्ड अंदर चला जाए उसने अपना मुंह हटाया और अपनी मां की गांड़ मे ढेर सारा थूक गिरा दिया फिर अपनी उंगली से थूक को छेद पे अच्छे से मलने लगा और दूसरे हाथ से उसकी कमर पे रखके नीचे की और जोर दिया कंचन उसका इशारा गई और उसने अपनी कमर को और मोड़ दिया जिससे उसकी गान्ड और खुल गई विवान ने धीरे धीरे अपनी उंगली को अंदर कर दिया पूरी उंगली अंदर गईं तो कंचन का बदन थोड़ा हिला पर वो फिर से सही हो गई ऐसा लग रहा था की एक उंगलीसे कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है विवान अब उंगली को अंदर बाहर करने लगा कंचन सर जुकाए हुए थी पता नही चल रहा था की उसे दर्द हो रहा है या नहीं विवान ने अच्छे से एक उंगली की जगा बना दी फिर उसने दो उंगली को धीरे धीरे अंदर कर दिया इस बार कंचन के मुंह से धीमी कराहने की आवाज निकली पर फिर भी ये नही पता लग रहा था की दर्द की है या बस ऐसे ही निकली है विवान अब दो उंगली को अंदर बाहर कर रहा था विवान ने इस बार थोड़ा ज्यादा ही उंगलियां अंदर बाहर की जब उसे लगा को जगा बन गई है तो उसने थोड़ा थूक गिराके और गांड़ को गिला कर दिया और अपनी तीन उंगलियों को जोडके गोल आकार दे दिया और उसे छेद पे रखा निशा अब गौर से देख रही थी वो देखना चाहती थी की इस से उसकी मां को दर्द होता है के नही , विवान अब धीरे धीरे उंगलियां अंदर डालने लगा अभी तो थोड़ी सी ही उंगलियां अंदर घुसी थी की उसकी मां की दर्द हुआ और वो आगे की और खिसक गई

.. आह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह्ह..विवान दर्द हो रहा है रहने देना आज में तुझे माना नही कर रही हूं बस आज रहने दे बाद में पक्का करने दूंगी..

..आप गभराओ मत में वादा करता हूं की मजा उतना ही आयेगा बल्कि उससे ज्यादा आयेगा आपको थोड़ा सा तो साथ देना पड़ेगा बस डालने पे ही दर्द होगा जब अंदर चला जायेगा तो छेद उसके मुताबिक हो जायेगा और खुल जायेगा फिर दर्द नही होगा..विवान उसकी कमर को सहलाते हुए उससे बोला

निशा ने देखा की उसकी मां ने थोड़ी देर सोचा और अपना सर हा में हिला दिया निशा पीछे से उसकी मां को सहमति देते हुए देख रही थी और अंदर देखने लगी की विवान अब क्या करता है विवान की मां ने फिर से अपनी कमर को मोड़ दिया और अपनी गान्ड को पीछे की और कर दिया विवान एक उंगली से थूक को अंदर तक अच्छे से लगा दिया और फिर से तीन उंगलियों को जोड़ के अंदर डालने लगा

..अब में अंदर कर रहा हूं आप बस थोड़ा सा साथ दीजिए..विवान ने अपनी मां को कहा

उसकी मां ने भी हा में सिर हिला दिया विवान ने अपनी उंगलियां पे जोर लगाया उंगलियां जैसे जैसे अंदर जा रही थी उसकी मां के शरीर में हलचल हो रही थी उसके मुंह से दर्द से आवाजे निकलने लगी और वो सर को नीचे करके दर्द को सहन करने लगी

.. आह्ह्.. उह्ह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह.. ओहह्ह्ह्ह

विवान ने धीरे धीरे करके आधी से ज्यादा उंगलियों को अंदर कर दिया और जो थोड़ी बची थी उसे उसने जोर से धक्का दिया और अपनी पूरी उंगलियों को अंदर कर दिया उसकी मां चीख पड़ी जो कमर नीचे की और मुड़ी हुई थी वो उपर की और होके कमान की तरह मूड गई और उसके कूल्हे टाइट हो गए और वो मुंह से फूक मारते हुए सांसे छोड़ने लगी

विवान उसे समझता हुआ उसकी पीठ को सहला रहा था ..बस हो गया अब दर्द नही होगा अब बस उंगलियां अंदर बाहर करके छेद ही खोलना है.. लेकिन उसकी मां दर्द से कराहती रही और इधर उधर ना में सर हिला रही थी विवान ने उसे फिर से समझाते हुए बोला..बस थोड़ी ही देर छेद खुल जायेगा ..थोड़ी देर समझाने के बाद उसकी मां ने हा में सर हिला दिया पर उसका शरीर अब भी अकड़ा हुआ था विवान ने अब उसकी परवाह ना करते हुए अपनी उंगलियों को अंदर बाहर करना शुरू किया विवान को बड़ी ही मेहनत करनी पड़ रही थी तीन उंगलियां अंदर बाहर होने में दिक्कत हो रही थी गान्ड का छेद इसके मुकाबले छोटा था और उसकी मां ने भी अपने शरीर को ढीला नही छोड़ा था बड़ी देर के बाद उंगलियों ने अपनी जगा बनाली विवान की मेहनत काम आई और उसकी मां का शरीर भी अब ढीला पड़ गया और उसने फिर से अपनी गान्ड बाहर की और निकल दी उसकी आवाजे तो बंद हो गई थी पर सांसों को जोर जोर से छोड़ने कीआवाज अभी भी निशा को आ रही थी निशा ये देख के हैरान थी की विवान की मां को सच में दर्द कम हो गया था और सायद मजा
भी आ रहा था
 

Rocco 6"

New Member
61
78
19
विवान ने अपनी उंगलियां गोल गोल घुमाके अच्छे से अंदर बाहर करके छेद को अच्छा खासा खोल दिया था जब उसने उंगलियां बाहर निकाल के उसकी मां की गांड़ को खोल के देखा तो निशा ने भी देखा की छेद काफी खुल गया है निशा अब ये देखना चाहती थी की विवान अपना बड़ा लन्ड कैसे अंदर डालता है

विवान ने जाके एक तकिया उठाया और उसे अपनी मां को दे दिया और उसपे सर रखके जुकने को कहा ताकि उसकी गांड़ और पीछे की तरफ हो जाए विवान जब तकिया लेने के लिए खड़ा हुआ था तो निशा को उसका लहराता हुआ लन्ड एक बार और दिख गया जो अभी भी बिलकुल खड़ा होके जुल रहा था निशा का हाथ अपने आप ही जोर जोर से चलने लगा और वो अपने स्तन को मासलती हुई अपनी चूत में उंगलियों को अंदर बाहर करने लगी , अंदर विवान ने अपने लन्ड पे ढेर सारा थूक लगाया और फिर से पंजे के बल होके अपने लन्ड को गान्ड के छेद पे लगा दिया फिर उसने नीचे की और जोर दिया लन्ड धीरे धीरे फिसलता हुआ अंदर जाने लगा जिसे निशा पीछे खिड़की से अच्छे से देख रही थी और अपनी चूत में उंगलियां अंदर बाहर कर रही थी वो भूल ही गई थी की जो चीज उसे गंदी लगती थी वो अब उसे ही देख के उंगलियां कर रही थी उसकी चूत ने उंगलियों के साथ पेंटी को अपने पानी से भिगो दिया था और अभी भी वो पानी छोड़ रही है

अंदर से कंचन की दर्द भरी कराहें सुनाई दे रही थी विवान ने जोर लगाते हुए आधे से ज्यादा लन्ड को अंदर कर दिया था अब अंदर नही जा रहा था विवान ने उंगलियों से जितना छेद खोला था उससे कही ज्यादा लन्ड को अंदर कर दिया था अब बचा हुआ लन्ड डालने के लिए उसने अपने हाथ से उसकी मां की कमर को मजबूती से पकड़ लिया और थोड़ी कमर को पीछे करके एक जोर का जटका मारा लन्ड पूरा अंदर उतर गया विवान की मां दर्द से छटपटाने लगी अपने को आगे की और खिसका ने की कोशिश करने लगी लेकिन विवान ने उसे कमर से जोर से अपने साथ चिपका के रखा और उसे हिलने नही दिया

... आआह्ह्ह्हह..विवान बहुत दर्द हो रहा है.. आह्ह्ह्ह्ह.. उह्ह् ..मांआआ..विवान.. आह्ह्ह्हह.. निकाल ले.. आह्ह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह्.. सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.. उईईईईईईई मांआआआ.. निकलऊऊऊलो.. बहोतईई..दर्दईईईई..हो रहा हाईईई.. आह्ह्ह्ह्ह.. हाईईईई

कंचन के पैर दर्द से सीधे हो गए थे और विवान के दोनो पैरो के बीच से बाहर की और निकल गए थे हाथ ने तकिए को जोर से मुट्ठी में दबोच लिया वो अब विवान के हाथ के सहारे ही हवा में लटकी हुई थी विवान ने भी अपने हाथ की गिरफ्त उसकी कमर पे लगा रखी थी और उसे जोर से अपने से चिपका रखा था थोड़ी देर के बाद उसकी मां का दर्द कम हुआ उसका शरीर ढीला पड़ा विवान ने जूक के उसकी पीठ को चुमा और उससे कहा

..दर्द कम हुआ
..उसकी मां ने हा में सिर हिलाया और वो बोली की अभी भी थोड़ा हो रहा है
..थोड़ी देर में दर्द खतम हो जायेगा बस जगा बनानी है और जगा अंदर बाहर लन्ड करने से ही होगी..
..विवान की मां ने ना में सर हिलाया ..नही दर्द होगा
..थोड़ी देर में दर्द गायब हो जाएगा जगा बन जायेगी फिर मजा आने लगेगा ..
..कंचन फिर भी नही मान रही थी और ना में सर हिला रही थी
.. विवान ने उसे समझाते हुए कहा..औरत बच्चा पैदा करने का दर्द होता है वो भी सहन कर लेती है तो ये तो उसके सामने कुछ भी नही है ..

थोड़ी देर उसकी मां ऐसे ही उसकी बात सुनती रही थोड़ी देर के बाद..उसकी मां ने आखिर हा में सर हिला दिया और अपनी सहमति दे दी..विवान ने उसे आखिर समझा ही लिया

विवान ने उसे पैर फिर से आगे करने को कहा पर उसकी मां ने मना कर दिया और उससे कहा की तू ऐसे ही करले विवान ने भी ज्यादा जोर नही दिया और लन्ड को अंदर बाहर करना शुरू किया इस पोजीशन में उसका लन्ड कस कस के अंदर बाहर हो रहा था जिस से उसकी मां को दर्द से रहा था

आह्ह्ह्य..विवान दर्द हो रहा है.. आह्ह्ह्ह्ह.. ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह् ..विवान..आह्ह्ह्हह..सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

विवान ने लन्ड को रोक दिया और उससे कहा..इसी लिए तो के रहा हूं पैर फिर से आगे करके उसी तरह रखलो और गांड़ को पीछे की और निकाल के ढीला छोड़ दो डर नहीं होगा..

विवान के बोलने से उसकी मां ने अपने पैर धीरे धीरे करके वापस घुटने मोड़ के रख दिए और फिर से अपनी पोजीशन लेली

विवान ने प्यार से उसकी कमर को सहलाते हुए उससे बोला..अब बस थोड़ी देर के लिए हिलना मत थोड़ी देर में मजा आने लगेगा ..कंचन ने हा में सर हिला दिया

निशा भी थोड़ी देर के लिए स्तभ हो गई थी और उसके हाथ रुक गए थे लेकिन निशा ने देखा की विवान के मनाने से वो मान गई थी लगता था सच में उसका दर्द कम हो गया है और वो आगे देखने लगी विवान ने अब अपने हाथ फिर से उसकी कमर पर लगा दिए और थोड़ा उपर होके धीरे धीरे लन्ड को अंदर बाहर करने लगा निशा देख रही थी की विवान का लन्ड कसता हुआ अंदर बाहर हो रहा था और विवान प्यार से धीरे धीरे ही अंदर बाहर कर रहा था निशा ने उसकी मां की और देखा उसकी मां ने तकिए को अभी भी मुट्ठी में जोर से पकड़ के रखा था लेकिन अब वो उसे रोक नही रही थी इसका मतलब था की उसका दर्द कम हो गया है पर धीमी धीमी कराह ने की आवाज अभी भी वो निकल रही थी

निशा का हाथ फिर से अपने काम में लग गया और वो मस्ती से भर गई अब उसे ये गंदा नही लग रहा था उलटा उसे ये देखने में मजा आ रहा था विवान अब अच्छे से अपनी कमर हिला रहा था तभी निशा के कान में विवान की मां की आवाज सुनाई दी जो मजे से कराहने की थी इसका मतलब अब उसकी मां को मजा आने लगा है मतलब विवान सही बोल रहा था निशा के हाथ उसके स्तन को जोर से मसलते हुए निप्पल को खींचने लगे और विवान के लन्ड को अंदर बाहर होता देखने लगी

विवान की स्पीड अब बढ़ गई थी उसका लन्ड अब तेजी से अंदर बाहर हो रहा था साथ में ही उसकी मां अब उसे जोर से लन्ड अंदर बाहर करने को कह रही थी निशा ने देखा की उसकी मां का हाथ उसकी चूत पे आ गया है और वो उसे जोर से सहला रही है ये देख कर निशा ने भी अपनी चूत में जोर जोर से उंगलियां करनी शुरू कर दी
अंदर अब विवान का लन्ड तेजी से उसकी मां की गांड़ में अंदर बाहर हो रहा था साथ में उसकी मां भी अपनी चूत सहला रही थी उसकी मां की सिसकारियां पूरे रूम में गूंज रही थी

.. आह्ह्हह्हह.. उह्ह्ह्ह. हाहाहा ऐसे ही .. आह्ह्हह..जोर जोर से कर.. आह्ह्ह्ह्ह.. हम्ममम..और जोर से विवान.. सीईईईईईईईईई
 

Rocco 6"

New Member
61
78
19
विवान भी अब तेज धक्के दे रहा था उसके हाफने की आवाज निशा को सुनाई दे रही थी जिस रफ्तार से विवान लन्ड अंदर बाहर कर रहा था उसी रफ्तार से निशा भी अपनी चूत में उंगलियां अंदर बाहर करने लगी वो बाहर खड़ी मजे की सिसकारियां निकलते हुए अपने स्तनों को जोर जोर से मसलती हुई विवान को देख रही थी

अंदर लगता था की उसकी मां झड़ने के करीब थी उसकी मां अपनी उंगलियों से जोर जोर से चूत के दाने को सहला रही थी

आह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह्ह.. आआह्ह्ह्हह्ह और उसकी मां की चू त ने रस निकलना शुरू कर दिया ये देख के निशा और जोर से अपनी उंगलियां चलाने लगी वो भी झड़ने के करीब थी विवान ने भी थोड़ी देर धक्के लगाए और जब वो झड़ने के हुआ तो अपने लन्ड को निकल के अपने मां के चेहरे के पास ले आया उसके चेहरे को अपनी और करके अपने लन्ड को हिलाने लगा 30 ही सेकंड में उसका भी वीर्य निकल गया और अपनी मां के चेहरे को भिगोने लगा विवान का रस निकलते देख के निशा की आंखे मस्ती में बंद हो गई और वो जोर जोर से अपने स्तन को मसलते हुए अपनी चूत में उंगलियां अंदर बाहर करने लगी बस कुछ ही सेकंड में उसका भी रस निकल ने लगा और पेंटी को भिगोने लगा

बाहर खड़ी हुई निशा आह्ह्ह्ह्ह.. ओह्ह्ह्ह्ह..करती हुई झड गई और लड़खड़ाते हुए अपने हाथ से दीवार को पकड़ लिया और लंबी लंबी सांसे छोड़ने लगी जब उसकी सांस संभली तो उसने अपने हाथ को साड़ी से बाहर निकल लिया और अपने पल्लू से बारिश के गिरते पानी को अपने चेहरे से साफ करने लगी वो अभी भी हाफ रही थी लेकिन तभी उसका माथा खनका उसने जल्दी से अंदर देखा विवान बाजू पड़ा आंखे बंद किए लंबी सांसे ले रहा था और जब उसकी नजर पास पड़ी औरत पे गई जिसके चेहरे पे उसने वीर्य निकला था तो वो चौक गई... वो उसकी मां नही थी वो निशा थी

निशा ने देखा की वो आंखे बंद किए हुए पड़ी है और उसका चेहरा विवान के निकले रस से भरा हुआ है और वो लंबी लंबी सांसे ले रही है

उसके अंदर से जोर से आवाज आई .".ये क्या ये तो मैं हूं" .. और उसकी नींद एक ही जटके में खुल गई उसके माथे पे पसीना आ गया था वो हाफ रही थी उसने इधर उधर देखा तो उसे पता चला की वो अपने रूम है और सपना देख रही थी उसने आंखे बंद करके राहत की सांस ली और भगवान का शुक्रिया किया की ये सच नहीं था ये सपना था लेकिन तभी उसे अपने टांगो के बीच गीलापन महसूस हुआ वो जल्दी से उठके बैठ गई और अपने नाइटी को उपर उठाके देखा तो उसे पता चला की उसकी चू त ने सपना देख के ही अपना पानी छोड़ दिया है उसने अपनी नाइटी नीचे की और अपने आपको साफ करने बाथरूम में चली गई
 
  • Like
Reactions: Desiman
Top