नींद का हल्का गुलाबी सा ख़ुमार आँखों में था यूँ लगा जैसे वो शब को देर तक सोया नहीं...
Romeo 22 Well-Known Member 9,734 5,415 189 May 19, 2020 #1,311 नींद का हल्का गुलाबी सा ख़ुमार आँखों में था यूँ लगा जैसे वो शब को देर तक सोया नहीं... Reactions: Naina
Naina Nain11ster creation... a monter in me 31,619 92,311 304 May 20, 2020 #1,312 Romeo 22 said: नींद का हल्का गुलाबी सा ख़ुमार आँखों में था यूँ लगा जैसे वो शब को देर तक सोया नहीं... Click to expand... shayad zid mein aakar unse taalluk tod liya aapne, ab sukoon unko nahin aur bekaraar aap bhi hain. ?
Romeo 22 said: नींद का हल्का गुलाबी सा ख़ुमार आँखों में था यूँ लगा जैसे वो शब को देर तक सोया नहीं... Click to expand... shayad zid mein aakar unse taalluk tod liya aapne, ab sukoon unko nahin aur bekaraar aap bhi hain. ?
Naina Nain11ster creation... a monter in me 31,619 92,311 304 May 20, 2020 #1,313 नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही, इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यों नही...
Naina Nain11ster creation... a monter in me 31,619 92,311 304 May 20, 2020 #1,314 Kad Badha Nahin Karte, Aidiyaan Uthane Se Unchaiya To Milti Hain, Sar Jhukaane Se..... Last edited: May 20, 2020 Reactions: komaalrani
Naina Nain11ster creation... a monter in me 31,619 92,311 304 May 20, 2020 #1,315 दो शब्द तसल्ली के नहीं मिलते इस शहर में लोग दिल में भी दिमाग लिए घूमते हैं...... Reactions: Ssking, komaalrani and Romeo 22
lone_hunterr Titanus Ghidorah 3,848 5,456 159 May 21, 2020 #1,316 माहोल शराबी बनाया जा रहा, जाम इश्क़ का घोला जा रहा मैं तो इस गली से कभी गुजरा ही नहीं, मेरा तो बस नाम उछाला जा रहा Reactions: komaalrani, Akki ❸❸❸ and chintu222
माहोल शराबी बनाया जा रहा, जाम इश्क़ का घोला जा रहा मैं तो इस गली से कभी गुजरा ही नहीं, मेरा तो बस नाम उछाला जा रहा
komaalrani Well-Known Member 22,241 57,858 259 May 25, 2020 #1,317 अल्लारे उनके फूलों-से गालों की ताजगी, धूप आइने की देखकर कुम्हलाये जाती है।
komaalrani Well-Known Member 22,241 57,858 259 May 25, 2020 #1,318 आ गया है कौन पसे-पर्दा, नूर से झिलमिलाती है चिलमन। Reactions: Ssking
komaalrani Well-Known Member 22,241 57,858 259 May 25, 2020 #1,319 इधर गैसू, उधर रू-ए-मुनव्वर है तसव्वर में, कहाँ ये शाम आयेगी, कहाँ ऐसी सहर होगी। 1.गैसू - बाल, जुल्फ 2. रू-ए-मुनव्वर - रौशन चेहरा या मुखड़ा 3.सहर - सुबह, प्रातःकाल, प्रभात, भोर Reactions: Ssking
इधर गैसू, उधर रू-ए-मुनव्वर है तसव्वर में, कहाँ ये शाम आयेगी, कहाँ ऐसी सहर होगी। 1.गैसू - बाल, जुल्फ 2. रू-ए-मुनव्वर - रौशन चेहरा या मुखड़ा 3.सहर - सुबह, प्रातःकाल, प्रभात, भोर
komaalrani Well-Known Member 22,241 57,858 259 May 25, 2020 #1,320 उनके रूखसार पै बहते हुए आंसू तौबा, हमने शोलों पै मचलती हुई शबनम देखी। Reactions: Ssking