तेरे बदन की लिखावट में है उतार चढ़ाव मै तुझ को केैसे पढूंंगा मुझेे किताब तो दे राहत साहब
Naik Well-Known Member 21,440 77,274 258 Nov 6, 2021 #1,701 तेरे बदन की लिखावट में है उतार चढ़ाव मै तुझ को केैसे पढूंंगा मुझेे किताब तो दे राहत साहब Reactions: Destiny and Rajizexy
Naik Well-Known Member 21,440 77,274 258 Nov 6, 2021 #1,702 दिल को सबके लिए पत्थर बना के रखा है बस तेरी याद को जेवर बना के रखा है जिसको तुम लड़की समझते हो जादु गरनी है जाने कितनों को कबूूतर बना के रखा है Reactions: Destiny and Rajizexy
दिल को सबके लिए पत्थर बना के रखा है बस तेरी याद को जेवर बना के रखा है जिसको तुम लड़की समझते हो जादु गरनी है जाने कितनों को कबूूतर बना के रखा है
komaalrani Well-Known Member 22,226 57,826 259 Nov 10, 2021 #1,703 अदा निगाहों से होता है फर्जे-गोयाई, जुबां की हद से जब शौके-बयां गुजरता है। -निहाल सेहरारवी Reactions: Destiny and Naik
komaalrani Well-Known Member 22,226 57,826 259 Nov 10, 2021 #1,704 इन्ही में खींचकर रूहे-मुहब्बत मैने भरे हैं, मेरा अश्यार देखेंगे मेरा दिल देखने वाले। Reactions: Naik
komaalrani Well-Known Member 22,226 57,826 259 Nov 10, 2021 #1,705 कुदरत को नापसंद है सख्ती बयान में, पैदा हुई न इस लिये हड्डी जबान में। Reactions: Naik
komaalrani Well-Known Member 22,226 57,826 259 Nov 10, 2021 #1,706 तवारीखों में कुछ ऐसे भी मंजर हमने देखे है, कि लम्हों ने खता की थी, और सदियों ने सजा पाई। Reactions: Destiny, Rajizexy and Naik
komaalrani Well-Known Member 22,226 57,826 259 Nov 10, 2021 #1,707 हम सहने-गुलिस्ताँ में अक्सर, यह बात भी सोचा करते हैं, यह आंसू है किन आंखों के फूलों पै जो बरसा करते हैं। Reactions: Rajizexy and Naik
हम सहने-गुलिस्ताँ में अक्सर, यह बात भी सोचा करते हैं, यह आंसू है किन आंखों के फूलों पै जो बरसा करते हैं।
Naik Well-Known Member 21,440 77,274 258 Nov 13, 2021 #1,709 इससे पहले कि जुुुदाई की खबर तुुुमसे मिले हमने सोचा हे कि हम तुमसे बिछड़ जाएँगेे Last edited: Nov 13, 2021
R Rohn.mak123 Member 145 830 108 Nov 15, 2021 #1,710 Meri barbadi nazara dekhne, log ek katar mai khade the, Jiski koi ummid nahi thi waha hone ki, Waha bas wohi sab khade the, Reactions: Naik
Meri barbadi nazara dekhne, log ek katar mai khade the, Jiski koi ummid nahi thi waha hone ki, Waha bas wohi sab khade the,