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Non-Erotic Rudra Mhanyoda

Vk1989

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New story
यह कहानी रुद्र नाम के एक लड़के के बारे में है जो 18 साल का है और वह एक ऐसी दुनिया में रहता है जहाँ जादू का उपयोग करके खुद को शक्तिशाली बनाना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन रुद्र के अपने ही शिष्य ने लालच में आकर धोखे से रुद्र की हत्या कर दी, जब रुद्र की आँखें खुलीं खुद को एक 18 साल के लड़के के शरीर में पाया। अब रुद्र का एकमात्र लक्ष्य खुद को मजबूत बनाना था, चाहे इसके लिए उसे कितना भी कुछ करना पड़े? जानने के लिए पढ़ें |
 
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krish1152

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nice update
 

Vk1989

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Ch 16 - सच्चाई

रुद्र अवनी को आखरी चेतावनी देते हुए बोलता है "मुझे सब कुछ सच बता दे वरना मुझे तेरी इज्जत उतारने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।"

पर इस बार भी रुद्र की इस बात का अवनी पर कोई असर नहीं पड़ा था अवनी इस तरह बरताव कर रही थी जैसे कि उसने रुद्र की बात नहीं सुनी हो।

अवनी को एक्टिंग करते हुए देखकर रुद्र के चेहरे पर शैतानी हंसी आ जाती है और वह अपने आप से कहता है "आजकल की लड़कियां भी अपने आप को कुछ ज्यादा ही समझदार समझती है इसे लग रहा है मैं इसके साथ कुछ भी नहीं करूंगा मैंने अपनी पिछली जिंदगी में बहुत सारी अडियल लड़‌कियों के मुंह खुलवाए है तुझसे सच उगलवाना मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं होगी।"

इतना सोचने के बाद रुद्र एक झटके के साथ अवनी के कपड़े फाड़ देता है अब अवनी का ऊपरी भाग अंदरुनी कपड़े से ढका हुआ था जहां अवनी की गोरी कमर रूद्र को साफ-साफ दिखाई दे रही थी।
कुछ ही सेकंड के अंदर अवनी के साथ कुछ ऐसा हो गया था जिसके बारे में उसने कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा था उसे बिल्कुल भी नहीं लगा था कि रूद्र इस हद तक गिर जाएगा इससे पहले अवनी अपने आप को संभाल पाती तभी सिमरन ने रुद्र की तरफ भागते हुए कहां "हमारी मिस को छोड़ दो तुम हमारी मिस के कपड़े नहीं फाड़ सकते हो।"

सिमरन को अपने पास आते हुए देखकर रुद्र बोला "तेरी मिस ही क्यों मैं तेरे भी कपड़े पाडूगा।"

इतना कहने के बाद रुद्र सिमरन की एक बाजू फाड़ देता है जहां सिमरन और कपड़े फाड़े जाने के डर से अपने शरीर को अपने दोनों हाथों से ढ़क लेती है और रोते हुए रुद्र से कहती है "तुम बहुत ज्यादा बुरे हो।"

रुद्र की इस हरकत पर अवनी को भी गुस्सा आ गया था पर वह रुद्र के इविल सोल की वजह से अपने शरीर को बिल्कुल भी नहीं हिला सकती थी अवनी बोली "तू.तू कमीने कहीं के तू ऐसे कैसे कर सकता है वो एक छोटी बच्ची है।"

अवनी की इस बात पर रूद्र को हंसी आ गई थी रूद्र ने अपने आप से कहा "तुम्हारी किस्मत बहुत बुरी है क्योंकि तुम्हारे सामने एक शैतानी मार्शल आर्टिस्ट खड़ा है मुझे प्यार शर्म गाली से कोई फर्क नहीं पड़ता है हम जैसे शैतानी मार्शल आर्टिस्ट का काम ही होता है जितना ज्यादा गिर सकते हो गिर जाओ पर जो काम हम कर रहे हो वह काम पूरा होना चाहिए हमारे जैसे मार्शल आर्टिस्ट अपना काम पूरा करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं मैं अपनी पिछली जिंदगी में बहुत बुरे काम कर चुका हूं उनके मुकाबले में ये काम तो कुछ भी नहीं है।"

यह सब सोचते हुए रुद्र की हंसी और ज्यादा खतरनाक हो जाती है अवनी को रुद्र के इरादे बिल्कुल भी सही नहीं लग रहे थे रुद्र बोला "तेरा शरीर तो बहुत ज्यादा कमाल का है मैं सोच रहा हूं बाहर सभी सिपाही दिन-रात काम करते हुए बहुत ज्यादा बोर हो गई है कुछ दिनों के लिए मैं तुझे उन सिपाही के हवाले कर देता हूं उन सभी का मनोरंजन हो जाएगा पर उन सभी सिपाहियों को सौंपने से पहले मैं तुम्हारे शरीर को ध्यान से देख लेता हूं।"

इतना कहने के बाद रुद्र अपने हाथ को अवनी के शरीर पर बचे आखिरी कपड़ों की और बढ़ाने लगता है ले देकर बड़ी मुश्किल से अवनी ने उस कपड़े की मदद से अपनी इज्जत को बचा कर रखा था और अब रूद्र उसे भी उतारना चाहता था अवनी अपने आप को बचाना चाहती थी पर वह अपने शरीर को बिल्कुल भी नहीं हिला पा रही थी।
रुद्र अवनी के उस कपड़े को उतारने ही वाला था तभी
अवनी बोली "रुको रुको मैं तुम्हें सब कुछ बताने के लिए तैयार हूं पर मुझे मत छुओ।"

अवनी की बात सुनकर रूद्र अपने हाथ को पीछे कर लेता है और अवनी से कहता है "मुझे सब कुछ सच बताओ।"

अवनी को हल्के ठंड महसूस हो रही थी और उसे बहुत ज्यादा शर्म भी आ रही थी रूद्र ने उसे किसी सामान की तरह नैकड खड़ा कर दिया था वह तो शुक्र था रुद्र का उसने अभी तक अवनी के पुरे कपड़े नहीं उतारे थे वरना वो तो कभी किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहती।

अवनी ने शर्माते हुए धीमी आवाज में कहा "मैं अपने पिता की गोद ली हुई बेटी हूं और मैं यहां पर अपने साथियों के साथ वर्मा परिवार के ऊपर हमला करने के लिए आई थी क्योंकि मुझे वर्मा परिवार का खजाना चाहिए।"

रुद्र बोला "अच्छा वैसे तू यह काम कैसे करने वाली थी और हां मुझे इस साजिश के पीछे कौन है इस बारे में भी जानना है?"

अवनी बोली "विवेक ने डार्क फील्ड वालों के साथ हाथ मिला लिया, और बहुत जल्द डार्क फील्ड वाले कौशिक परिवार के ऊपर हमला करेने वाले है और हम उन्हीं का फायदा उठाकर कौशिक परिवार के अंदर घुसकर वर्मा परिवार के ऊपर हमला कर देगे उस वक्त कौशिक परिवार के सिपाही भी डार्क फील्ड वालों को संभालने में व्यस्त रहेंगे और हमें रोकने वाला कोई भी नहीं होगा।"

अवनी की बात सुनकर रूद्र ने कुछ सोचते हुए अवनी से कहा "वैसे क्या तुम मुझे इस विवेक के बारे में बताने की कृपा करोगी?"

रुद्र के इस सवाल को सुनकर अवनी कुछ नहीं बोलती और वह बिल्कुल चुप चाप खड़ी हो जाती है जहां रूद्र ने गुस्से में आगे हाथ बढ़ाते हुए कहा "लगता है तू ऐसे नहीं मानेगी."

अवनी ने भी रुद्र के हाथ को अपनी तरफ आते हुए देखकर अपनी आंखों को बंद कर लिया था आज भले ही अवनी की सारी इज्जत उतर जाए पर अवनी ने सोच लिया था वह इससे ज्यादा रूद्र को कुछ नहीं बताने वाली है।

रुद्र का हाथ अवनी के सीने पर पहुंच ही गया था तभी रूद्र को सिमरन की आवाज आई "रुको मैं तुम्हें सब कुछ बताती हूं पर मेरी मिस के कपड़े मत उतारी।"

सिमरन ने सिसकियां लेते हुए आगे कहा "यंग मास्टर विवेक हमारी मिस के मंगेतर है और वे हमारे अगले होने वाले मुखिया भी, उन्होंने ही डार्क फील्ड वालों के साथ सौदा किया था। " इससे पहले सिमरन आगे कुछ और कह पाती तभी अवनी ने सिमरन पर चिल्लाते हुए कहा "सिमरन चुप हो जोओ इसे इससे ज्यादा ओर कुछ मत बताना।"

रुद्र अपने हाथ का इशारा करता है और अवनी का महूं अपनी इविल सोल द्वारा बंद करवा देता है जब तक अवनी के शरीर में रुद्र का इविल सोल था तब तक रूद्र अवनी के शरीर को किसी भी तरह से कंट्रोल कर सकता था जब चाहे रूद्र अवनी को मार सकता था और जब चाहे उसे शक्तिहीन कर सकता था।

रूद्र ने सिमरन के सर पर हाथ रखते हुए कहां "प्यारी बच्ची मुझे सब कुछ सच बता दो वरना तुम्हारी मिस के लिए अच्छा नहीं होगा।"

रुद्र की बात सुनकर सिमरन बहुत ज्यादा डर जाती है और उसे जो कुछ भी पता था वह रूद्र को सब कुछ बताने लगती हैं "यह सब कुछ वर्मा परिवार की वजह से हो रहा है वर्मा परिवार के मुखिया ने हमारी मिस के पिताजी पर हमला किया, जिस वजह से उनका पूरा शरीर शक्तिहीन हो गया है और वे कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे यंग मास्टर विवेक ने बताया था हम अपने मुखिया को वर्मा परिवार के पुश्तैनी खजाने से ही ठीक कर सकते हैं इसलिए हमने लुटेरों को भेज कर वर्मा परिवार के ऊपर हमला करवा दिया पर उस जगह से मिस कनिका और उनका भाई भाग गया, हमने उनके पीछे सातवें अस्तर के लुटेरो को भी भेजा था पर वे सभी लोग मारे गए जब यंग मास्टर को यह बात पता चली तो उन्होंने हम लोगों को वर्मा परिवार के ऊपर हमला करने के लिए भेजा था पर इस जगह पर आने के बाद हमें पता चला वर्मा परिवार की रक्षा कौशिक परिवार कर रहा है हमारे यंग मास्टर के पास इसका भी इलाज था उन्होंने डार्क फील्ड वालों के साथ सौदा कर लिया और हमारे लिए वर्मा परिवार के ऊपर हमला करने के लिए एक अच्छा मौका ढूंढा।"

सिमरन की सारी बात सुनने के बाद रूद्र को इतना तो समझ में आ गया था इन सभी को विवेक कंट्रोल कर रहा था रुद्र बोला "छुटकी तुम मुझे एक बात बताओ क्या सच में वर्मा परिवार के मुखिया ने अवनी के पिताजी पर हमला किया था मेरा मतलब क्या तुमने यह सब अपनी आंखों से देखा था?"

जिस पर सिमरन ने मासूमियत से जवाब दिया "नहीं यह सब तो हमारे यंग मास्टर ने देखा था।"

"हां मुझे ऐसा ही लगा था तुम्हारे यंग मास्टर ने ही तुम्हें यह सब बताया होगा और जहां तक तुमने मुझे अपने यंग मास्टर के बारे में बताया उस हिसाब से तुम्हारे यंग मास्टर ने ही तुम्हें यह बताया होगा अवनी के पिताजी को वर्मा परिवार के पुश्तैनी खजाने से ही ठीक किया जा सकता है।" अभी रूद्र कड़ी से कड़ी ही मिल रहा था तभी दरवाजा खुलता है रुद्र "मुझे तुम्हारे साथ कुछ बात करनी है।"

दरवाजे पर कनिका खड़ी थी कमरे के अंदर आते ही उसकी नजर अवनी और सिमरन पर गई थी अवनी को नैकड देखकर कनिका हैरान हो गई थी और उसने शर्म की वजह से अपनी आंखें बंद कर ली थी कुछ ही सेकंड के अंदर कनिका का पूरा मुंह लाल हो गया था और वह रूद्र को मन ही मन गाली दे रही थी।

कनिका ने तेज आवाज में कहा "रुद्र तुम कमीने कहीं के, यह सब यहां पर क्या हो रहा है तुम इन लड़कियों के साथ क्या करना चाहते हो इस वक्त हम अपने घर पर नहीं है यह घर कौशिक परिवार का है और हम कौशिक परिवार के घर में रह रहे हैं तुम इस तरह इन लड़कियों को यहां पर नहीं ला सकते हो।"

कनिका को इतना ज्यादा परेशान देखकर रूद्र ने हैरानी में अपने आप से कहा "इसे क्या हो गया मैं तो इनके साथ पूछताछ कर रहा था?"

रुद्र बोला "मिस कनिका आपको क्या हो गया है मैं यह सब वर्मा परिवार की भलाई के लिए कर रहा हूं।"

कनिका बोली "क्या कहा तुमने तुम यह सब वर्मा परिवार की भलाई के लिए कर रहे हो इन लड़कियों के साथ वो सब करने से वर्मा परिवार का भला कैसे होगा क्या तुम इसी तरह हमारे परिवार को ताकतवर बनाना चाहते हो?"

रूद्र को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि कनिका किस बारे में बात कर रही है एक तो रुद्र वर्मा परिवार का भला करने के लिए इन दोनों को पकड़ कर लाया था और वही कनिका रूद्र को डांट रही थी रूद्र ने अपने आप से कहा "पता नहीं आज इसे क्या हो गया चलो मैं इसे इन दोनों के बारे में बता देता हूं क्या पता फिर यह ठंडे दिमाग से सोचने लगे।"

इतना सोचने के बाद रूद्र ने कनिका को शांति से कहा "देखिए मिस मै इन दोनों को यहां पर पूछताछ करने के लिए लाया हूं और मुझे पता चला है यह दोनों गुप्ता परिवार से हैं।"

जैसे ही कनिका गुप्ता परिवार का नाम सुनती है उसे अपने पिताजी के बारे में याद आ जाता है की कैसे गुप्ता परिवार के लोगों ने उसके पिताजी को मारा था और एक ही दिन के अंदर उनके परिवार के सभी लोगों को मार दिया था।

उस बारे में याद आते ही कनिका का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है और वह गुस्से में अवनी की ओर हमला करने के लिए चली जाती है। अब आगे क्या होगा, क्या सच में कनिका के पिताजी ने अवनी के पिताजी को मारा था? और क्या वर्मा परिवार का पुश्तैनी खजाना अवनी के पिताजी को ठीक कर देगा? और क्या आज कनिका अवनी को मार देगी? इस बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिए l

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Ch 17 - गलतफहमी

जहां कुछ पल पहले कनिका रूद्र को भाषण दे रही थी वहीं अब कनिका के ऊपर अवनी को मारने का भूत सवार हो गया था इससे पहले कनिका अवनी के पास पहुंच पाती तभी रूद्र, कनिका का हाथ पकड़ लेता है।

कनिका झट पटाने लगती है और वह गुस्से में रुद्र से कहती है "मुझे छोड़ दो रूद्र, आज मुझे इस कमीनी को मारना है इसके परिवार वालों ने मेरे पूरे परिवार को खत्म कर दिया मैं इसे बिल्कुल भी नहीं छोडूंगी।"

रुद्र, कनिका के दोनों हाथ पकड़ लेता है और उसकी आँखों में देखते हुए बोलता है "शांत हो जाओ पहले मेरी बात सुनो और फिर कुछ करने के बारे में सोचना मुझे लगता है तुम दोनों परिवार के बीच में गलतफहमी है।"

रुद्र की बात सुनकर कनिका और अवनी दोनों ही बहुत ज्यादा हैरान हो जाती है रुद्र बोला "हो ना हो यह सब डार्क फील्ड वालों ने ही किया होगा।"

इतना कहने के बाद रुद्र कुछ सोचने लगता है और फिर कनिका से पूछता है "कनिका क्या तुम्हें पता है डार्क फील्ड वाले कौन से परिवार से आते हैं?"

जिस पर कनिका बोली "इस बारे में तो सबको पता है डार्क फील्ड वाले मेहरा परिवार से आते हैं।"

"अच्छा तो वे लोग मेहरा परिवार से हैं मुझे लगता है तुम दोनों के बीच में गलतफहमी डालने वाला और कोई नहीं बल्कि मेहरा परिवार हैं पर मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही है वर्मा परिवार और गुप्ता परिवार मेहरा परिवार के सामने कुछ भी नहीं है अगर मेहरा परिवार चाहे रातों- रात तुम दोनों परिवार का अस्तित्व मिटा सकता है पर उन्होंने ऐसा नहीं किया।"

इतना कहने के बाद रूद्र सोच में पड़ जाता है उसे भी समझ में नहीं आ रहा था 7 राजसी परिवार में से एक परिवार इतने छोटे परिवार के साथ खेल क्यों खेल रहा है?

थोड़ी देर सोचने के बाद रुद्र अवनी के पास चला जाता है और उससे कहता है "मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा अगर मुझे मेहरा परिवार के बारे में पता लगाना है तो मुझे सोम पर्वत पर जाना होगा तुम्हारे गुप्ता परिवार में से ही मुझे कुछ पता चल सकता है।"

रुद्र की बात सुनकर अवनी गुस्से मे बोली "तुम कमीने

तुझे क्या लगता है इतना सब कुछ करने के बाद मैं तुझे सोम पर्वत पर लेकर जाऊंगी बिल्कुल भी नहीं।"

अवनी की बात सुनकर रुद्र के चेहरे पर शैतानी हंसी आ

जाती है जिसे देखकर अवनी थोड़ी घबरा जाती है रुद्र बोला "तुम्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है तुम मुझे खुद अपनी मर्जी से सोम पर्वत लेकर जाओगी।"

इतना कहने के बाद रूद्र कनिका से कहता है "कनिका क्या तुम मुझे अपना पुश्तैनी खजाना दे सकती हो?"

रुद्र की बात सुनकर कनिका अपनी स्पेस रिंग में से रूद्र को एक बुक निकाल कर दे देती है कनिका से उस बुक को लेने के बाद रूद्र ने उस बुक को अवनी के पास ले जाते हुए कहां "यह वर्मा परिवार का पुश्तैनी खजाना है तुम्हें क्या लगता है तुम अपने पिताजी को इस बुक की मदद से ठीक कर सकती हो इस बुक के अंदर सिर्फ निचले स्तर की एक मार्शल आर्ट लिखी है और इस बुक के अंदर कुछ भी खास नहीं है।"

रुद्र की बात सुनकर अवनी उस बुक को देखने लगती है और जो रूद्र ने कहा था वह बिल्कुल सच था उस बुक के अंदर सिर्फ निचले स्तर की मार्शल आर्ट लिखी थी।

रुद्र बोला "तुम मुझे अपने साथ सोम पर्वत पर लेकर चलो

मुझे एक बार तुम्हारे पिताजी को देखना है क्या पता मैं उन्हें ठीक कर सकूं और मुझे तुम्हारे मंगेतर पर भी सक है।"

इससे पहले रूद्र आगे कुछ कह पाता तभी अवनी के पीछे खड़ी सिमरन बोली 'तुम झूठ बोल रहे हो ऐसा नहीं हो सकता हमारे यंग मास्टर बहुत ज्यादा अच्छे हैं।"

सिमरन की बात सुनकर रुद्र सिमरन को देखने लगता है जहां सिमरन अवनी के पीछे छुप जाती है रुद्र बोला "मैंने कहा ना तुम दोनों को मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं मैं एक भला इंसान हूं, ना की कोई भूत और रही बात तुम्हारे यंग मास्टर की तुम दोनों अपने ठंडे दिमाग से सोचो क्या तुम्हें नहीं लगता तुम्हारा यंग मास्टर कुछ ज्यादा ही रहस्यमय है भला एक छोटा परिवार का लड़का जो कुछ साल पहले तुम्हारे गुप्ता परिवार में आया था उसकी पहुंच 7 राजसी परिवार में से एक परिवार के साथ कैसी हो सकती है?"

इससे पहले रूद्र आगे कुछ कह पाता तभी अवनी ने रूद्र को रोकते हुए कहा "ठीक है ठीक है मैं तुम्हें अपने साथ लेकर जाने के लिए तैयार हूँ बताओ हम कब चल रहे हैं?"

रुद्र बोला "हम अभी चल रहे हैं पर इससे पहले तुम अपने कपड़े बदल लो मैं तुम्हें इस तरह नहीं ले जा सकता।"

रुद्र की बात सुनकर अवनी अपने कपड़े की ओर देखती है रुद्र की बात सुनने के चक्कर में अवनी यह तो भूल ही गई थी उसने सिर्फ अपने ऊपरी भाग को ढकने के लिए हल्का कपड़ा पहन रखा था अवनी जल्दी से अपने शरीर को कवर करती है और चिल्लाते हुए रुद्र से कहती है "कमीने कहीं के तूने. तूने यह सब जानबूझकर किया ना."

अवनी चिल्लाती रह जाती है और रुद्र वहां से हंसता हुआ निकल जाता है कुछ समय बाद तैयार होने के बाद अवनी और रुद्र सोम पर्वत की ओर निकल जाते हैं रूद्र ने अपना वेश बदल लिया था और वह एक वेद की तरह दिखाई दे रहा था रूद्र ने आसमानी रंग के हल्के ढीले कपड़े पहन रखे थे और उसने नकली दाढ़ी मूछ लगा ली थी।

जंगल में चलते हुए अवनी ने रुद्र से कहा "मैं तुम पर भरोसा करके सोम पर्वत पर लेकर जा रही हूं वहां पर जाकर अगर तुमने किसी को मारने के बारे में सोचा तो मै तुम्हें बिल्कुल भी नहीं छोडूंगी।"

जिस पर रूद्र किसी भले इंसान की तरह बोला "मैं वहां पर किसी को मारने नहीं बल्कि सच का पता लगाने जा रहा हूं मैं भी तो देखूं आखिर वह कौन है जिसने तुम दोनों परिवार का बेवकूफ बनाया?"

"चलो मैं तुम्हारी बात पर विश्वास कर लेती हूं पर सिमरन

का क्या होगा मेरे जाने के बाद अगर उन्होंने सिमरन को

मार दिया?"मैं इस बात की जिम्मेदारी लेता हूं वर्मा परिवार में से कोई भी सिमरन को कुछ नहीं करेगा वह एक छोटी बच्ची है कनिका इतनी गिरी हुई नहीं है जो वह अपने परिवार का बदला लेने के लिए किसी छोटी बच्ची को मारेगी।"

इसी तरह बात करते हुए वे दोनों सोम पर्वत पर पहुंच जाते हैं रूद्र को सामने एक बड़ा सा पर्वत दिखाई दे रहा था जिस पर ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई थी।

अभी रूद्र उस पर्वत को ही देख रहा था तभी पेड़ के ऊपर से एक सिपाही नीचे आते हुए रुद्र और अवनी से कहता है "ओ तुम दोनों किधर जा रहे हो?"

पर जैसे ही वह सिपाही अवनी का चेहरा देखता है वह उसके सामने झुक जाता है सिपाही ने अवनी से कहा "मिस आप यहां पर क्या कर रही है आपको तो लोटस सिटी में होना चाहिए था?"

अवनी बोली "मुझे यहां पर कुछ काम है इसलिए मैं वापस आई हूं।"

इतना कहने के बाद रुद्र और अवनी सीढियां चढ़ने लगते हैं रूद्र ने सीधे चलते हुए अवनी से कहा "मुझे लगता है यह सिपाही भी तुम्हारे मंगेतर के साथ मिला हुआ है।" अवनी ने कंफ्यूज होते हुए पूछा "पर तुम्हें ऐसा क्यों लगता है?"

"क्या तुम सच में बेवकूफ हो अपना खुद का दिमाग लगाओ तुम लोटस सिटी के अंदर जा रही हो इस बारे में तुम्हें और तुम्हारे मंगेतर को पता था पर उस मामूली से सिपाही को इस बारे में कैसे पता लगा जरूर यह सिपाही भी तुम्हारे मंगेतर के साथ मिला होगा तभी तो उसे तुम्हारे बारे में पता है तुम देखना जब हम ऊपर पहुंच जाएंगे तुम्हारा मंगेतर हमसे मिलने के लिए जरूर आएगा।"

कुछ समय बाद वे दोनों ऊपर पहुंच जाते हैं जहां पहले से ही अवनी का मंगेतर विवेक खड़ा था।

विवेक को देखकर रूद्र ने धीमी आवाज में अवनी से कहा "देखा तुमने, मैंने कहा था ना तुम्हारा मंगेतर हमसे मिलने के लिए जरूर आएगा।"

विवेक ने अवनी को देखते ही कहा "अवनी तुम यहां पर क्या कर रही हो तुम्हें तो लोटस सिटी में होना चाहिए था?"

जिस पर अवनी ने कहा "सीनियर मुझे लगता है फिलहाल हम वर्मा परिवार के ऊपर हमला नहीं कर सकते उनकी रक्षा करने के लिए उस जगह पर बहुत ज्यादा सिपाही है और मैंने अपने लोगों को उसी जगह पर छोड़ कर रखा है

उनकी नजर वर्मा परिवार के ऊपर 24 घंटे रहती है।"

अब आगे क्या होगा, क्या अवनी सच में अपने मंगेतर यानी विवेक को बेवकूफ बनाने में कामयाब हो जाएगी? और क्या रूद्र, अवनी के पिताजी को ठीक कर पाएगा? क्या सच में विवेक ने ही वर्मा परिवार और गुप्ता परिवार के बीच में लड़ाई करवाई? जानने के लिए पढ़ते रहिए l

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