Ch 17 - गलतफहमी
जहां कुछ पल पहले कनिका रूद्र को भाषण दे रही थी वहीं अब कनिका के ऊपर अवनी को मारने का भूत सवार हो गया था इससे पहले कनिका अवनी के पास पहुंच पाती तभी रूद्र, कनिका का हाथ पकड़ लेता है।
कनिका झट पटाने लगती है और वह गुस्से में रुद्र से कहती है "मुझे छोड़ दो रूद्र, आज मुझे इस कमीनी को मारना है इसके परिवार वालों ने मेरे पूरे परिवार को खत्म कर दिया मैं इसे बिल्कुल भी नहीं छोडूंगी।"
रुद्र, कनिका के दोनों हाथ पकड़ लेता है और उसकी आँखों में देखते हुए बोलता है "शांत हो जाओ पहले मेरी बात सुनो और फिर कुछ करने के बारे में सोचना मुझे लगता है तुम दोनों परिवार के बीच में गलतफहमी है।"
रुद्र की बात सुनकर कनिका और अवनी दोनों ही बहुत ज्यादा हैरान हो जाती है रुद्र बोला "हो ना हो यह सब डार्क फील्ड वालों ने ही किया होगा।"
इतना कहने के बाद रुद्र कुछ सोचने लगता है और फिर कनिका से पूछता है "कनिका क्या तुम्हें पता है डार्क फील्ड वाले कौन से परिवार से आते हैं?"
जिस पर कनिका बोली "इस बारे में तो सबको पता है डार्क फील्ड वाले मेहरा परिवार से आते हैं।"
"अच्छा तो वे लोग मेहरा परिवार से हैं मुझे लगता है तुम दोनों के बीच में गलतफहमी डालने वाला और कोई नहीं बल्कि मेहरा परिवार हैं पर मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही है वर्मा परिवार और गुप्ता परिवार मेहरा परिवार के सामने कुछ भी नहीं है अगर मेहरा परिवार चाहे रातों- रात तुम दोनों परिवार का अस्तित्व मिटा सकता है पर उन्होंने ऐसा नहीं किया।"
इतना कहने के बाद रूद्र सोच में पड़ जाता है उसे भी समझ में नहीं आ रहा था 7 राजसी परिवार में से एक परिवार इतने छोटे परिवार के साथ खेल क्यों खेल रहा है?
थोड़ी देर सोचने के बाद रुद्र अवनी के पास चला जाता है और उससे कहता है "मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा अगर मुझे मेहरा परिवार के बारे में पता लगाना है तो मुझे सोम पर्वत पर जाना होगा तुम्हारे गुप्ता परिवार में से ही मुझे कुछ पता चल सकता है।"
रुद्र की बात सुनकर अवनी गुस्से मे बोली "तुम कमीने
तुझे क्या लगता है इतना सब कुछ करने के बाद मैं तुझे सोम पर्वत पर लेकर जाऊंगी बिल्कुल भी नहीं।"
अवनी की बात सुनकर रुद्र के चेहरे पर शैतानी हंसी आ
जाती है जिसे देखकर अवनी थोड़ी घबरा जाती है रुद्र बोला "तुम्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है तुम मुझे खुद अपनी मर्जी से सोम पर्वत लेकर जाओगी।"
इतना कहने के बाद रूद्र कनिका से कहता है "कनिका क्या तुम मुझे अपना पुश्तैनी खजाना दे सकती हो?"
रुद्र की बात सुनकर कनिका अपनी स्पेस रिंग में से रूद्र को एक बुक निकाल कर दे देती है कनिका से उस बुक को लेने के बाद रूद्र ने उस बुक को अवनी के पास ले जाते हुए कहां "यह वर्मा परिवार का पुश्तैनी खजाना है तुम्हें क्या लगता है तुम अपने पिताजी को इस बुक की मदद से ठीक कर सकती हो इस बुक के अंदर सिर्फ निचले स्तर की एक मार्शल आर्ट लिखी है और इस बुक के अंदर कुछ भी खास नहीं है।"
रुद्र की बात सुनकर अवनी उस बुक को देखने लगती है और जो रूद्र ने कहा था वह बिल्कुल सच था उस बुक के अंदर सिर्फ निचले स्तर की मार्शल आर्ट लिखी थी।
रुद्र बोला "तुम मुझे अपने साथ सोम पर्वत पर लेकर चलो
मुझे एक बार तुम्हारे पिताजी को देखना है क्या पता मैं उन्हें ठीक कर सकूं और मुझे तुम्हारे मंगेतर पर भी सक है।"
इससे पहले रूद्र आगे कुछ कह पाता तभी अवनी के पीछे खड़ी सिमरन बोली 'तुम झूठ बोल रहे हो ऐसा नहीं हो सकता हमारे यंग मास्टर बहुत ज्यादा अच्छे हैं।"
सिमरन की बात सुनकर रुद्र सिमरन को देखने लगता है जहां सिमरन अवनी के पीछे छुप जाती है रुद्र बोला "मैंने कहा ना तुम दोनों को मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं मैं एक भला इंसान हूं, ना की कोई भूत और रही बात तुम्हारे यंग मास्टर की तुम दोनों अपने ठंडे दिमाग से सोचो क्या तुम्हें नहीं लगता तुम्हारा यंग मास्टर कुछ ज्यादा ही रहस्यमय है भला एक छोटा परिवार का लड़का जो कुछ साल पहले तुम्हारे गुप्ता परिवार में आया था उसकी पहुंच 7 राजसी परिवार में से एक परिवार के साथ कैसी हो सकती है?"
इससे पहले रूद्र आगे कुछ कह पाता तभी अवनी ने रूद्र को रोकते हुए कहा "ठीक है ठीक है मैं तुम्हें अपने साथ लेकर जाने के लिए तैयार हूँ बताओ हम कब चल रहे हैं?"
रुद्र बोला "हम अभी चल रहे हैं पर इससे पहले तुम अपने कपड़े बदल लो मैं तुम्हें इस तरह नहीं ले जा सकता।"
रुद्र की बात सुनकर अवनी अपने कपड़े की ओर देखती है रुद्र की बात सुनने के चक्कर में अवनी यह तो भूल ही गई थी उसने सिर्फ अपने ऊपरी भाग को ढकने के लिए हल्का कपड़ा पहन रखा था अवनी जल्दी से अपने शरीर को कवर करती है और चिल्लाते हुए रुद्र से कहती है "कमीने कहीं के तूने. तूने यह सब जानबूझकर किया ना."
अवनी चिल्लाती रह जाती है और रुद्र वहां से हंसता हुआ निकल जाता है कुछ समय बाद तैयार होने के बाद अवनी और रुद्र सोम पर्वत की ओर निकल जाते हैं रूद्र ने अपना वेश बदल लिया था और वह एक वेद की तरह दिखाई दे रहा था रूद्र ने आसमानी रंग के हल्के ढीले कपड़े पहन रखे थे और उसने नकली दाढ़ी मूछ लगा ली थी।
जंगल में चलते हुए अवनी ने रुद्र से कहा "मैं तुम पर भरोसा करके सोम पर्वत पर लेकर जा रही हूं वहां पर जाकर अगर तुमने किसी को मारने के बारे में सोचा तो मै तुम्हें बिल्कुल भी नहीं छोडूंगी।"
जिस पर रूद्र किसी भले इंसान की तरह बोला "मैं वहां पर किसी को मारने नहीं बल्कि सच का पता लगाने जा रहा हूं मैं भी तो देखूं आखिर वह कौन है जिसने तुम दोनों परिवार का बेवकूफ बनाया?"
"चलो मैं तुम्हारी बात पर विश्वास कर लेती हूं पर सिमरन
का क्या होगा मेरे जाने के बाद अगर उन्होंने सिमरन को
मार दिया?"मैं इस बात की जिम्मेदारी लेता हूं वर्मा परिवार में से कोई भी सिमरन को कुछ नहीं करेगा वह एक छोटी बच्ची है कनिका इतनी गिरी हुई नहीं है जो वह अपने परिवार का बदला लेने के लिए किसी छोटी बच्ची को मारेगी।"
इसी तरह बात करते हुए वे दोनों सोम पर्वत पर पहुंच जाते हैं रूद्र को सामने एक बड़ा सा पर्वत दिखाई दे रहा था जिस पर ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई थी।
अभी रूद्र उस पर्वत को ही देख रहा था तभी पेड़ के ऊपर से एक सिपाही नीचे आते हुए रुद्र और अवनी से कहता है "ओ तुम दोनों किधर जा रहे हो?"
पर जैसे ही वह सिपाही अवनी का चेहरा देखता है वह उसके सामने झुक जाता है सिपाही ने अवनी से कहा "मिस आप यहां पर क्या कर रही है आपको तो लोटस सिटी में होना चाहिए था?"
अवनी बोली "मुझे यहां पर कुछ काम है इसलिए मैं वापस आई हूं।"
इतना कहने के बाद रुद्र और अवनी सीढियां चढ़ने लगते हैं रूद्र ने सीधे चलते हुए अवनी से कहा "मुझे लगता है यह सिपाही भी तुम्हारे मंगेतर के साथ मिला हुआ है।" अवनी ने कंफ्यूज होते हुए पूछा "पर तुम्हें ऐसा क्यों लगता है?"
"क्या तुम सच में बेवकूफ हो अपना खुद का दिमाग लगाओ तुम लोटस सिटी के अंदर जा रही हो इस बारे में तुम्हें और तुम्हारे मंगेतर को पता था पर उस मामूली से सिपाही को इस बारे में कैसे पता लगा जरूर यह सिपाही भी तुम्हारे मंगेतर के साथ मिला होगा तभी तो उसे तुम्हारे बारे में पता है तुम देखना जब हम ऊपर पहुंच जाएंगे तुम्हारा मंगेतर हमसे मिलने के लिए जरूर आएगा।"
कुछ समय बाद वे दोनों ऊपर पहुंच जाते हैं जहां पहले से ही अवनी का मंगेतर विवेक खड़ा था।
विवेक को देखकर रूद्र ने धीमी आवाज में अवनी से कहा "देखा तुमने, मैंने कहा था ना तुम्हारा मंगेतर हमसे मिलने के लिए जरूर आएगा।"
विवेक ने अवनी को देखते ही कहा "अवनी तुम यहां पर क्या कर रही हो तुम्हें तो लोटस सिटी में होना चाहिए था?"
जिस पर अवनी ने कहा "सीनियर मुझे लगता है फिलहाल हम वर्मा परिवार के ऊपर हमला नहीं कर सकते उनकी रक्षा करने के लिए उस जगह पर बहुत ज्यादा सिपाही है और मैंने अपने लोगों को उसी जगह पर छोड़ कर रखा है
उनकी नजर वर्मा परिवार के ऊपर 24 घंटे रहती है।"
अब आगे क्या होगा, क्या अवनी सच में अपने मंगेतर यानी विवेक को बेवकूफ बनाने में कामयाब हो जाएगी? और क्या रूद्र, अवनी के पिताजी को ठीक कर पाएगा? क्या सच में विवेक ने ही वर्मा परिवार और गुप्ता परिवार के बीच में लड़ाई करवाई? जानने के लिए पढ़ते रहिए l
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