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Non-Erotic Rudra Mhanyoda

Vk1989

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New story
यह कहानी रुद्र नाम के एक लड़के के बारे में है जो 18 साल का है और वह एक ऐसी दुनिया में रहता है जहाँ जादू का उपयोग करके खुद को शक्तिशाली बनाना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन रुद्र के अपने ही शिष्य ने लालच में आकर धोखे से रुद्र की हत्या कर दी, जब रुद्र की आँखें खुलीं खुद को एक 18 साल के लड़के के शरीर में पाया। अब रुद्र का एकमात्र लक्ष्य खुद को मजबूत बनाना था, चाहे इसके लिए उसे कितना भी कुछ करना पड़े? जानने के लिए पढ़ें |


CH 31 post please comment.
 
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Waiting brother❤️
 

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2 din bad duga frnds office ke off ke din likh ra hu.
 

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Ch 24 - बाजी पलटना

उस चील की आंखों में देखकर रूद्र हैरान हो गया था उसे अपनी आंखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था रूद्र ने अपने आप से कहा "हां यह वही सुनहेरी आंखें है इसका मतलब मास्टर राजेश ने उस सुनहेरी आंख को चील की एक आंख से बदल दिया।"

रुद्र पेड़ के पीछे छुपकर सब कुछ देख रहा था और उसे उस शैतानी चील की एक आंख बिल्कुल सुनहेरी दिखाई दे रही थी उस सुनहेरी आंख को अपने सामने देखने के बाद रूद्र ने ठान लिया था कि अब उसे वह सुनहेरी आंख चाहिए पर रूद्र ऐसे ही सभी के सामने उस सुनहेरी आंख को लेने के लिए नहीं जा सकता था अगर गलती से भी उन सभी में से किसी एक ने रुद्र के ऊपर हमला कर दिया तो रुद्र बहुत ज्यादा घायल हो जाएगा।

यशवंत ने भी उस चील की आंख में अपनी सुनहेरी आंख को देख लिया था और यशवंत भी उस चील की आंखों में अपनी सुनहेरी आंखे देखकर बहुत ज्यादा हैरान था यशवंत बोला "यह कैसे हो सकता है ऐसा होना नामुमकिन है तूने तो उस दिन इस आंख को पूरी तरह खत्म कर दिया था।"

यशवंत की बात सुनकर राजेश जोर-जोर से हंसने लगा था राजेश ने हंसते हुए जवाब दिया "तुझे क्या लगता है मैंने उस दिन इस आंख को खत्म कर दिया था पर मैंने ऐसा नहीं किया था मैं इतनी कीमती खजाने को खत्म कैसे कर सकता हूं मैंने इस आंख को अपनी चील को दे दिया था।"

राजेश की बात सुनकर यशवंत गुस्से में बोला "मैं तुझे आज बिल्कुल भी नहीं छोडूंगा तेरा मरना तय है।"

राजेश ने तुरंत जवाब दिया "अगर तुम सभी मुझे मारना चाहते हो इससे पहले तुम्हें इस चील को मारना होगा और यशवंत तुझे तो इस सुनहेरी आंख के बारे में अच्छे से पता होगा तूने इस आंख का इस्तेमाल जो किया है।"

इतना कहने के बाद राजेश उस चील को यशवंत की ओर हमला करने के लिए भेज देता है राजेश ने एक मार्शल आर्ट का इस्तेमाल करते हुए उस चील को अपना पालतू बना रखा था जिस वजह से राजेश अपने मन में उस चील से जो करने के लिए कहेगा वह चील वैसा ही करेगी।

यशवंत के करीब जाते हुए उस चील ने अपने चारों तरफ लाल रंग का ओरा बाहर निकाल लिया था और बेशक ये ओरा राजेश का था। उस चील की स्पीड बहुत ज्यादा थी और पलक झपकते ही वह यशवंत के करीब पहुंच जाती है यह चील यशवंत से टकराने ही वाली थी तभी यशवंत अपनी तलवार को उस चील के सामने कर लेता है जिस वजह से वह चील सीधा उस तलवार के साथ टकराई थी।

तलवार के साथ टकराने की वजह से उस जगह पर धुआं-धुआं हो गया था और यशवंत पीछे धकेला गया था अगर यशवंत अपनी तलवार को आगे नहीं करता तो आज उसका मारना बिलकुल तय था क्योंकि उस चील की स्पीड इतनी ज्यादा थी अगर यशवंत अपनी तलवार को सामने नहीं करता तो वह चील यशवंत के शरीर से आर पार हो जाती।

यह सब इतनी जल्दी हुआ था ओमवीर और गौतम को कुछ समझने का भी वक्त नहीं मिला था और जैसे ही ओमवीर और गौतम को समझ में आता है कि यहां पर क्या हो रहा है वे दोनों तेजी से राजेश की और हमला करने के लिए चले जाते हैं क्योंकि अगर उन्होंने राजेश को मार दिया तो उसकी शैतानी चील कुछ नहीं कर पाएगी।

पर जैसे ही राजेश को उन दोनों की भनक लगती हैं वह अपने हाथ का इशारा करता है राजेश को अपने हाथ से इशारा करते हुए देखकर गौतम ने अपने मन ही मन में कहा "अब उस चील को बुलाने से कुछ फायदा नहीं होगा जब तक वह चील तुम्हारे पास पहुंचे हम तुम्हें मार डालेंगे।"

गौतम ने अपने हाथ को राजेश की गर्दन उड़ाने के लिए तैयारी ही कर लिया था तभी वह शैतानी चील गौतम और ओमवीर की ओर अपनी सुनहेरी आंख से लेजर अटैक करती है। गौतम और ओमवीर ने भी उस अटैक को देख लिया था जिस पर रिएक्ट करते हुए वे दोनों राजेश से दूर जाते हैं क्योंकि उन्हें भी पता था अगर यह हमला उन्हें लग गया तो उनके शरीर से पार हो जाएगा।

कुछ ही सेकंड के अंदर बाजी पलटती हुई दिखाई दे रही थी जहां कुछ समय पहले गौतम, ओमवीर और यशवंत, राजेश पर भारी पड़ रहे थे वही अब उस शैतानी चील की वजह से राजेश उन तीनों पर भारी पड़ रहा था।

रूद्र को भी समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा था कि वे तीनों उस शैतानी चील के सामने नही टिक पाएंगे और यह एहसास होते ही रुद्र के चेहरे पर चिंता के भाव आ जाते हैं रूद्र ने अपने आप से कहा "मुझे कुछ करना होगा यह तीनों उस चील के सामने नहीं टिक पाएंगे।"

इस चीज का एहसास होते ही रूद्र मास्टर राजेश को हारने के बारे में सोचने लगता है रूद्र को उन तीनों मास्टर की बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वो उन तीनों मास्टर को इसलिए बचाना चाहता था क्योंकि उनकी वजह से वर्मा परिवार बचा हुआ था अगर एक बार वे तीनों मारे गए तो मास्टर राजेश वर्मा परिवार को भी नहीं छोड़ेगा।

कुछ सेकंड इसी बारे में सोचने के बाद रुद्र अपने इविल सोल को बाहर निकाल लेता है और ऐसा करते ही रुद्र के साइड उड़ता हुआ लाल रंग का बच्चा आ जाता है रूद्र ने अपने इविल सोल को चुपके से मास्टर राजेश की ओर भेजते हुए कहा "मुझे उन तीनों मास्टर को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगानी होगा वरना वर्म परिवार नहीं बचेगा बस में दुआ कर सकता हूं मास्टर राजेश मेरे इविल सोल को नहीं पकड़ पाए अगर एक बार उसने मेरे इविल सोल को खत्म कर दिया तो मैं भी मारा जाऊंगा।"

रूद्र ने अपने इविल सोल को मास्टर राजेश के शरीर में भेजने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी ताकतवर मार्शल आर्टिस्ट रुद्र के इविल सोल का दूर से ही पता लगा सकते थे पर इस वक्त मास्टर राजेश का पूरा ध्यान गौतम, ओमवीर और यशवंत पर था अगर मास्टर राजेश थोडे भी सतर्क रहे तो वे रुद्र के इविल सोल का पता लगा लेंगे।

इस वक्त मास्टर राजेश रूद्र से 10 मीटर की दूरी पर उड़ रहे थे और रुद्र अपने इविल सोल को मास्टर राजेश की नजरों से बचाता हुआ उनके पीछे लेकर जा रहा था।

इधर यशवंत उस शैतानी चील के हमले से बार-बार बच गया था और वह ज्यादा घायल नहीं हुआ था जहां वह शैतानी चीज दोबारा से राजेश के कंधे पर आकर बैठ गई थी राजेश ने उस चील के सर को अपने हाथ से सहलाते हुए कहां "यह चील तो बहुत ज्यादा ताकतवर है अब मैं इसकी मदद से इन तीनों श्रेष्ठ के साथ लड़ सकता हूं।"

गौतम, ओमवीर और यशवंत एक साथ इकट्ठा हो जाते हैं और राजेश को घूरने लगते हैं यशवंत ने राजेश के तीन साथियों में से एक साथी को मार दिया था जहां बचे हुए दो साथी राजेश के साथ खड़े हो गए थे।

इस वक्त गौतम, ओमवीर और यशवंत तीनों के चेहरे पर गुस्सा अलग ही देखा जा सकता था उनकी भौहे गुस्से की वजह से चढ़ गई थी और वे तीनों किसी भी तरह राजेश को मारना चाहते थे।

गौतम ने गुस्से में कहा "यह मत भूल तू भी हमारे जितना ताकतवर है और इस वक्त हम तीन हैं और तू अकेला।"

इतना कहने के बाद गौतम, ओमवीर और यशवंत को पीछे हटने के लिए कहता है क्योंकि वह अपनी सबसे
ताकतवर मार्शल आर्ट का इस्तेमाल करने वाला था।

गौतम अपने दोनों हाथो को जोड़ लेता है और अपनी एनर्जी रिलीज करने लगता है जहां गौतम की एनर्जी उसके पीछे एक बड़े से शेर को बनाती है वह शेर गौतम के चार गुना बड़ा था।

जैसे ही गौतम का हमला पूरा होता है वह उस शेर को राजेश की ओर हमला करने के लिए भेज देता है जहां वह शेर भी हवा में दौड़ता हुआ तेजी से राजेश की ओर जाने लगता है।

उस शेर को अपनी तरफ आता हुआ देखकर भी राजेश के चेहरे पर बिल्कुल भी डर के भाव नहीं थे राजेश अपने साथियों के साथ मिलकर दोबारा से जंजीर बनाता है जहां वे सुर्ख लाल जंजीर उस शेर को पूरी तरह जकड़ लेती है।

राजेश बोला "मैं यह बात तो भूल ही गया था तू कौशिक परिवार का सबसे ज्यादा ताकतवर श्रेष्ठ है तुझे हराना इतना ज्यादा आसान नहीं होगा पर अब मेरे पास यह चील है इस चील के होते हुए तू मुझे बिल्कुल भी नहीं हरा सकता।"

राजेश अपनी चील को उस शेर के ऊपर हमला करने के लिए भेजना ही वाला था तभी पीछे से रुद्र का इविल सोल राजेश के पीछे घुस जाता है और राजेश अपनी जगह पर जम जाता है उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हो गया।

अचानक से कुछ ना करने की वजह से राजेश की जंजीर उस शेर के ऊपर से गायब हो गई थी और राजेश के दोनों साथी उस शेर को अपनी जंजीरों के साथ संभाल नहीं पा रहे थे तभी वह शेर राजेश के दोनों साथियों की जंजीर तोड़ता हुआ तेजी से राजेश की ओर आने लगता है और बूम.

वह शेर राजेश के एक हाथ से टकरा गया था जिस वजह से राजेश का हाथ कटकर जमीन पर गिर गया था, उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है वह अचानक से अपने शरीर को क्यों नहीं हिला पा रहा था।

रुद्र भी नीचे से राजेश को देख रहा था रूद्र ने अपने आप से कहा "इस लड़ाई के अंदर में भी आ गया हूं अब इस बुड्ढे का बचपाना नामुमकिन है यह बुड्डा उस चील के सहारे कुछ ज्यादा ही फुदक रहा था मैं भी देखता हूं अब इसे कौन बचाता है?"

अपनी पूरी ताकत लगाने के बाद अब राजेश अपने शरीर को हिला पा रहा था रुद्र भी अपने इविल सल के जरिए ज्यादा देर तक राजेश को नहीं रोक सकता था इसलिए उसने अपने इविल सोल को वापस बुला लिया था अगर रुद्र का इविल सोल कुछ सेकंड और राजेश के शरीर में रहता तो राजेश को पता चल जाता उसके शरीर के अंदर कोई चीज है जो उसे शक्तिहीन बना रही थी।

रुद्र दूसरे सितारे के पांचवें स्तर पर था और जब रूद्र नोवे स्तर को पार कर लेगा तब वह तीसरे सितारे पर पहुंचेगे रुद्र अपने इविल सोल के जरिए दूसरे सितारे के नोवे अस्तर वाले मार्शल आर्टिस्ट को ही मार सकता था अगर वह इससे ज्यादा ताकतवर मार्शल आर्टिस्ट को मारना चाहेगा तो वह ऐसा नहीं कर पाएगा अगर राजेश का पूरा ध्यान गौतम ओमवीर और यशवंत पर नहीं होता तो रुद्र कभी भी राजेश के अंदर अपने इविल सोल को नहीं भेज पाता।

राजेश बहुत ज्यादा हैरान था और वह अपने दूसरे हाथ से घाव पर हाथ रखकर खून रोकने की कोशिश कर रहा था राजेश के चेहरे पर हैरानी घबराहट गुस्से के एक साथ भाव देखे जा सकते थे, एक ही पल के अंदर उसने जीती हुई बाजी हार ली थी राजेश ने अपने आप से कहा "जरूर कौशिक परिवार के पास कोई शैतानी मार्शल आर्टिस्ट है जिसने मेरे ऊपर छूप कर हमला किया है ऐसा सिर्फ शैतानी मार्शल आर्टिस्ट ही कर सकते हैं वह शैतानी मार्शल आर्टिस्ट जरूर बहुत ज्यादा ताकतवर होगा मैं उसका सामना नहीं कर सकता।" इतना सोचने के बाद राजेश ने तुरंत अपने दोनों साथियों से कहा "जल्दी यहां से चलो, हमें यहां से भगाना होगा।"

इतना कहने के बाद राजेश अपने दोनों साथियों के साथ तेजी से भागने लगता है जहां राजेश को अपने साथियों के साथ भागता हुआ देखकर गौतम, ओमवीर और यशवंत उनका पीछा करने लगते हैं।

रुद्र के चेहरे पर राजेश को भागता हुआ देखकर शैतानी हंसी आ जाती है रूद्र ने अपने आप से कहा "मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता हूं अब वे तीनों मास्टर उसे संभाल लेंगे पर उस चील के अंदर जो सुनहेरी आंख थी मुझे वह चाहिए उसे आंख को एक सम्राट के पास होना चाहिए, इस दुनिया के अंदर ऐसी बहुत ही काम चीज है जिसे मैं पाना चाहता हूं और वह आंख भी उन्हीं में से एक है पर मुझे पहले अपने परिवार के पास जाना होगा विवेक कभी भी मेरे परिवार के ऊपर हमला करने के लिए आता होगा।"

अब आगे क्या होगा, क्या वे तीनों मास्टर राजेश को मार पाएंगे? और क्या रूद्र उस सुनहेरी आँख को ले पाएगा? जानने के लिए पढ़ते रहिए ।

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Ch 25 - मास्टर महेश

कौशिक परिवार की ब्रांच काफी बड़ी थी और वह काफी एकड़ में फैली हुई थी जहां रुद्र का वर्मा परिवार भी कौशिक परिवार में ही रहता था रूद्र ने अपने इविल सोल का इस्तेमाल करके राजेश का एक हाथ कटवा दिया था जिस वजह से राजेश घायल हो गया था रुद्र यह बात भी जानता था वह घायल होने के कारण उस चील का अच्छे से इस्तेमाल नहीं कर पाएगा इसलिए राजेश ने उस जगह से भागना हीं सही समझा, जहां कौशिक परिवार के तीनों श्रेष्ठ राजेश का पीछा करने लगे थे रुद्र भी राजेश का पीछा करना चाहता था पर उसे वर्मा परिवार की रक्षा करने के लिए वापिस जाना पड़ा।

जैसे ही रुद्रा अंदर जाता है उसे एक घर के पीछे से लड़ने की आवाज आती है उस जगह पर जाने के बाद रूद्र को जानवी और सार्थक दिखाई देते हैं जो सोम पर्वत के लुटेरों को मार रहे थे उस जगह पर 150 से भी ज्यादा लुटेरे मौजूद थे जिनका सामना जानवी और सार्थक 50 से भी ज्यादा सिपाही के साथ कर रहे थे जानवी और सार्थक ने मिलकर सभी लुटेरो को घेर लिया था जिस वजह से कोई भी लुटेरा भाग नहीं सकता था। सभी लुटेरे बहुत ज्यादा डर गए थे बेशक कौशिक परिवार के सभी सिपाही बहुत ज्यादा ताकतवर थे और उन्होंने सभी लुटेरों को घेर भी लिया था सभी लुटेरों को समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा था कि उन्हें पहले से ही पता था कि हम आज हमला करने के लिए आने वाले हैं जिस वजह से उन्होंने सारी तैयारी कर रखी थी।

रुद्र एक घर के पीछे छुपकर उन सभी को देख रहा था रूद्र ने उन सभी को देखते हुए अपने आप से कहा "यहां पर तो यह अपना काम सही से कर रहे हैं पर इन लुटेरों की तादाद ज्यादा है लगता है विवेक सोम पर्वत से सभी लुटेरों को लेकर आ गया है मुझे घर की ओर जाना चाहिए जरूर विवेक उसी जगह पर होगा।"

जैसे ही रूद्र घर के बाहर पहुंचता है उसे विवेक दिखाई देता है जो 50 लुटेरों के साथ आगे खड़ा था विवेक ने गेट पर लात मारते हुए कहा "जल्दी बाहर निकलो मुझे तुम्हारी वह मार्शल आर्ट चाहिए वरना आज तुम सभी मरोगे।"

इससे पहले विवेक उस गेट को पूरी तरह तोड़ पाता तभी रूद्र, विवेक के सामने आ जाता है रुद्र के चेहरे पर कोई डर नहीं था बल्कि हमेशा की तरह हल्की मुस्कुराहट थी जो किसी को भी डराने के लिए काफी थी। रुद्र अकेला ही उन 50 लुटेरों के सामने खड़ा था और उसे बिल्कुल भी डर नहीं लग रहा था रूद्र बोला "बस, बस रुक जाओ ये तेरे बाप का घर नहीं है जो तू यहां पर आकर चिल्ला रहा है।"

रूद्र को देखकर विवेक बोला "तू कौन है और यहां पर क्या कर रहा है क्या तुझे मरने का कुछ ज्यादा ही शौक है?"

"मेरा नाम रूद्र है और मैं वर्मा परिवार का सलाहकार हूं।"

"अच्छा तू वर्मा परिवार का सलाहकार है अच्छा हुआ तू हमें यहीं पर मिल गया, आज मैं तुझे मारने के साथ शुरुआत करूंगा।"

इतना कहने के बाद विवेक अपने एक साथी को तुरंत रूद्र के पास रुद्र को मारने के लिए भेज देता है विवेक जल्द से जल्द अपने काम को खत्म करना चाहता था और उसके पास किसी भी अरे-गरे के साथ बात करने का वक्त नहीं था पर उसे क्या पता था इस वक्त उसके सामने जो खड़ा है वह पूरे वर्मा परिवार का सबसे ताकतवर लड़का है।

जैसे ही वह आदमी रुद्र के पास पहुंचता है रुद्र अपने हाथ को ऊपर उठाते हुए तेजी से उसके सर को जमीन में दे मारता है सब कुछ इतनी जल्दी हुआ था उस आदमी को हमला करने का मौका भी नहीं मिला था और उसकी उसी जगह पर मौत हो गई थी।

अभी विवेक इसी बारे में सोच रहा था कि उसे वर्मा परिवार से वह मार्शल आर्ट कैसे लेनी है तभी उसे अपना मरा हुआ आदमी दिखाई देता है जिसे देखकर वह हैरान और घबरा गया था। रुद्र के चारों तरफ सुर्ख लाल एनर्जी थी जो अंधेरे में थोड़ी-थोड़ी काली भी दिखाई दे रही थी।

विवेक, रुद्रा की एनर्जी और उसके बर्ताव को देखकर ही समझ गया था की रूद्र शैतानी मार्शल आर्टिस्ट है शैतानी मार्शल आर्टिस्ट ही ऐसे होते हैं जो किसी को मारने से पहले बिल्कुल भी नहीं हिचकीचाते,

विवेक ने हैरानी में रुद्र से पूछा "तू कौन है मुझे वर्मा परिवार के सभी सदस्यों के बारे में पता है वर्मा परिवार के पास इतना ताकतवर शैतानी मार्शल आर्टिस्ट नहीं था?"

रुद्र बोला "क्या तू इतनी जल्दी भूल गया अभी तो कुछ दिनों पहले मैं तुझसे मिलने के लिए आया था याद कर मिस अवनी के साथ एक बूढ़ा आदमी आया था और वह तेरे चंगुल से आजाद होकर भाग गया था।"

रुद्र की बात सुनकर विवेक को समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगता कि उसके सामने खड़ा लड़का ही वह बूढ़ा आदमी है जो उसका बेवकूफ बनाकर अवनी और मास्टर जसवीर को भगाकर ले गया था विवेक ने गुस्से में कहा "कमीने वे लोग कहां पर है?"

"अरे बेवकूफ जब मैं यहां पर हूं वे लोग भी यहीं पर होंगे क्या तेरे अंदर इतनी भी अक्ल नहीं है?"

इतना कहने के साथ रूद्र अपने इर्द-गिर्द बहुत सारे स्पिरिचुअल स्टोन गैर देता है और अपने एनर्जी को रिलीज करने लगता है जिस वजह से रुद्र का पूरा शरीर लाल रंग की सुर्ख एनर्जी से पूरा घिर गया था रूद्र ने जिस भी स्पिरिचुअल स्टोन को नीचे गेरा था वह एक निश्चित दूरी पर गेरा था और उन सभी स्पिरिचुअल स्टोन ने फॉर्मेशन का रूप ले लिया था जो रुद्र के चारों तरफ थी।

इधर रुद्र की बात सुनकर विवेक को बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया था वह रुद्र की आंखों में सभी को मारने की इच्छा साफ-साफ देख सकता था रुद्र बाकी मार्शल आर्टिस्ट जैसा बिल्कुल भी नहीं था कोई भी मार्शल आर्टिस्ट किसी को मारने से पहले थोड़ा बहुत सोचता था पर रूद्र ऐसा नहीं था वह तुरंत बिना सोचे समझे अपने दुश्मन को खत्म कर देता था रूद्र को देखने से कभी भी ऐसा नहीं लगता था की वह 18 साल का मार्शल आर्टिस्ट है। अगर देखा जाए विवेक जो सोच रहा था वह काफी हद तक सही भी था रूद्र अपने पिछले जन्म में बहुत सारे युद्ध लड़ चुका था और वह अपने एक ही बार में हजारों मार्शल आर्टिस्ट को मार देता था जिस वजह से उसकी मेंटल पावर दूसरे मार्शल आर्टिस्ट के मुकाबले में बहुत ज्यादा थी और उसे युद्ध का बहुत ज्यादा अनुभव भी था।

रुद्र हमेशा से अकेले ही लड़ाई करता था उसके कंधे पर कभी किसी की जिम्मेदारी नहीं थी वरना वह बहुत पहले ही अपने सभी दुश्मनों को खत्म कर चुका होता।

विवेक अपने हाथों में बिजली का गोला तैयार कर लेता है सोम पर्वत के जितने भी लोग थे वे सभी बिजली का हमला करते थे क्योंकि उन्हें बचपन से ही ऐसी मार्शल आर्ट सिखाई जाती थी इस वजह से वे लोग बिजली का हमला कर पाते थे और यह मार्शल आर्ट उनके पर्वत की सबसे ताकतवर मार्शल आर्ट भी थी।

विवेक ने अपने आप से कहा "मुझे जल्द से जल्द इसको खत्म करना होगा, पता नहीं क्यों पर ये मुझे मास्टर राजेश से भी ज्यादा खतरनाक लग रहा है।"

इतना कहने के बाद विवेक बिजली का गोला बनाने के बाद तेजी से रुद्र की ओर जाने लगता है "तुझे क्या लगता है मैं राज की तरह कमजोर हूं मुझे कम आकने की कोशिश मत करना।" विवेक का हमला रूद्र को लगने ही वाला था तभी रुद्र के चारों तरफ नीले रंग की हल्की सी परत बन जाती है और विवेक का हमला उस परत पर जाकर लगता है रुद्र उसे नीले रंग की अपारदर्शी परत के अंदर था जहां जैसे ही विवेक का हमला उस परत पर लगता है वह पीछे धकेला जाता है उसे ऐसा लग रहा था कि उसने यह हमला रूद्र पर नहीं बल्कि किसी दीवार पर किया हो।

पीछे आने के बाद विवेक ने घबराहट और गुस्से में कहा "कमीने तूने अपने चारों तरफ रक्षा फॉर्मेशन लगा ली पर यह तूने कब किया?"

"मुझे नहीं लगा था तू भी समझदारों वाली बात कर लेता है हां यह रक्षा फॉर्मेशन है और तूने एक और बात सही कही थी तू सच में उस डार्क फील्ड वाले राज से बहुत ज्यादा ताकतवर है पर तू मेरे सामने कीड़े मकोड़े से कम नहीं है मैं तुझे जब चाहूं मसल सकता हूं।"

इतना कहने के तुरंत बाद रुद्र अपने एक हाथ को जमीन पर रख देता है और तभी जमीन पर पड़े स्पिरिचुअल स्टोन चमकने लगते हैं और उनके अंदर से एनर्जी निकालकर एक फिनिक्स का रूप ले लेती है जो चील की तरह दिखाई दे रही थी और उसके पंख किसी मोर की तरह बड़े-बड़े थे वह फिनिक्स एनर्जी से बनी हुई थी और उसका रंग नीला था। रुद्र उस फिनिक्स से विवेक के ऊपर हमला करने ही वाला था तभी उसे पीछे से अवनी की आवाज आई जो भागते हुए रुद्र की तरफ आ रही थी "रुको, रुको उसे मत मारना उस कमीने को मैं अपने हाथों से मारूंगी।"

पर रूद्र अवनी की बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता है और वह अपने फिनिक्स को विवेक के ऊपर हमला करने के लिए छोड़ देता है रुद्र ऐसा लड़का नहीं था जो किसी लड़की के कहने पर रुक जाए पर उसने एक बार ठान लिया कि वह हमला करके रहेगा तो वो किसी पर नहीं रुकेगा।

रुद्र का फिनिक्स उड़ता हुआ विवेक से टकराने के लिए जाने लगता है पर तभी हवा में बहुत सारी जंजीर बनती है और उस फिनिक्स को चारों तरफ से जकड़ लेती है।

उन लाल रंग की जंजीरों को देखकर रुद्र के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आ जाती है रूद्र ने अपने आप से कहा "मुझे लगा था इस जगह पर भी मेहरा परिवार का कोई आदमी होगा।"

जिस तरह सोम पर्वत के सभी लोग बिजली के हमले का इस्तेमाल करते हैं और कौशिक परिवार के लोग अपनी एनर्जी से फिनिक्स बनाकर हमला करते हैं बिल्कुल इसी तरह मेहरा परिवार की खासियत जंजीर
बनाकर अपने दुश्मन को जकड़कर उन्हें मारने की है। मेहरा परिवार के अंदर जंजीर वाली मार्शल आर्ट बहुत ज्यादा ताकतवर है जो किसी भी दुश्मन को जकड़ सकती है।

रुद्र की नजर सामने ही थी तभी एक आदमी कूदता हुआ रुद्र के सामने आ जाता है जो सभी लुटेरो के पीछे छुपा हुआ था उस आदमी ने शाही पोशाक पहन रखी थी और उसके शरीर पर कवच लगा हुआ था।

उस आदमी का नाम मास्टर महेश था जो मेहरा परिवार के 12 श्रेष्ठ में से एक था जो इस वक्त कौशिक परिवार की ब्रांच पर हमला करने के लिए आया था वह मास्टर दिखने में 45 साल के आदमी की तरह दिखाई दे रहा था जिसके हल्की हल्की दाढ़ी मूछ थी पर रूद्र उसकी उम्र का अंदाजा नहीं लग सकता था क्योंकि वह एक मार्शल आर्टिस्ट था और उसकी उम्र 200 साल से भी पार हो सकती थी।

अभी तक अवनी भी रुद्र के पास आ गई थी अवनी ने रुद्र पर चिल्लाते हुए कहा "मैंने तुम्हें कहा था उसको मैं मारूंगी फिर तुम क्यों उसे मार रहे थे?"

जिस पर रूद्र ने बिना किसी भाव के कहा "जो मेरे ऊपर हमला करेगा मैं उसे मारने के लिए किसी का इंतजार नहीं करूंगा बल्कि उसे उसी वक्त मार डालूंगा।"

विवेक भी अपने सामने मेहरा परिवार के श्रेष्ठ को देखकर हैरान था उसे नहीं पता था कि उसका पीछा करते हुए एक श्रेष्ठ आ जाएंगे विवेक ने उस श्रेष्ठ को नमस्कार करने के बाद हिम्मत जुटाते हुए कहा "श्रेष्ठ इसको मैं मारना चाहता हूं कृपया आप मुझे इसको मारने की इजाजत दे।"

जिस पर मास्टर महेश ने कहा "जल्दी यहां से चले जाओ।"

मास्टर महेश की बात सुनकर विवेक ने ऊंची आवाज में कहा "मास्टर में इसे मार सकता हूं इसने मेरे भाई जैसे दोस्त को भी मारा था।"

इससे पहले विवेक आगे कुछ कह पाता तभी मास्टर महेश, विवेक के गाल पर चांटा जड़ देते हैं महेश बोला "मैं तुम्हें बचपन से जानता हूं मुझे पता है तुम ताकतवर हो पर यह तुमसे काफी ज्यादा ताकतवर है। इसे मैं ही संभाल सकता हूं तुम इसके सामने कीड़े के समान हो और यह तुम्हें मसल देगा।"

अब आगे क्या होगा, क्या रूद्र एक श्रेष्ठ का सामना कर पाएगा? और विवेक श्रेष्ठ की बात मानकर उस जगह से जाएगा या फिर नहीं? जानने के लिए पढ़ते रहिए ।
 

Manojsharma

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Nice update
 
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