Ch 24 - बाजी पलटना
उस चील की आंखों में देखकर रूद्र हैरान हो गया था उसे अपनी आंखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था रूद्र ने अपने आप से कहा "हां यह वही सुनहेरी आंखें है इसका मतलब मास्टर राजेश ने उस सुनहेरी आंख को चील की एक आंख से बदल दिया।"
रुद्र पेड़ के पीछे छुपकर सब कुछ देख रहा था और उसे उस शैतानी चील की एक आंख बिल्कुल सुनहेरी दिखाई दे रही थी उस सुनहेरी आंख को अपने सामने देखने के बाद रूद्र ने ठान लिया था कि अब उसे वह सुनहेरी आंख चाहिए पर रूद्र ऐसे ही सभी के सामने उस सुनहेरी आंख को लेने के लिए नहीं जा सकता था अगर गलती से भी उन सभी में से किसी एक ने रुद्र के ऊपर हमला कर दिया तो रुद्र बहुत ज्यादा घायल हो जाएगा।
यशवंत ने भी उस चील की आंख में अपनी सुनहेरी आंख को देख लिया था और यशवंत भी उस चील की आंखों में अपनी सुनहेरी आंखे देखकर बहुत ज्यादा हैरान था यशवंत बोला "यह कैसे हो सकता है ऐसा होना नामुमकिन है तूने तो उस दिन इस आंख को पूरी तरह खत्म कर दिया था।"
यशवंत की बात सुनकर राजेश जोर-जोर से हंसने लगा था राजेश ने हंसते हुए जवाब दिया "तुझे क्या लगता है मैंने उस दिन इस आंख को खत्म कर दिया था पर मैंने ऐसा नहीं किया था मैं इतनी कीमती खजाने को खत्म कैसे कर सकता हूं मैंने इस आंख को अपनी चील को दे दिया था।"
राजेश की बात सुनकर यशवंत गुस्से में बोला "मैं तुझे आज बिल्कुल भी नहीं छोडूंगा तेरा मरना तय है।"
राजेश ने तुरंत जवाब दिया "अगर तुम सभी मुझे मारना चाहते हो इससे पहले तुम्हें इस चील को मारना होगा और यशवंत तुझे तो इस सुनहेरी आंख के बारे में अच्छे से पता होगा तूने इस आंख का इस्तेमाल जो किया है।"
इतना कहने के बाद राजेश उस चील को यशवंत की ओर हमला करने के लिए भेज देता है राजेश ने एक मार्शल आर्ट का इस्तेमाल करते हुए उस चील को अपना पालतू बना रखा था जिस वजह से राजेश अपने मन में उस चील से जो करने के लिए कहेगा वह चील वैसा ही करेगी।
यशवंत के करीब जाते हुए उस चील ने अपने चारों तरफ लाल रंग का ओरा बाहर निकाल लिया था और बेशक ये ओरा राजेश का था। उस चील की स्पीड बहुत ज्यादा थी और पलक झपकते ही वह यशवंत के करीब पहुंच जाती है यह चील यशवंत से टकराने ही वाली थी तभी यशवंत अपनी तलवार को उस चील के सामने कर लेता है जिस वजह से वह चील सीधा उस तलवार के साथ टकराई थी।
तलवार के साथ टकराने की वजह से उस जगह पर धुआं-धुआं हो गया था और यशवंत पीछे धकेला गया था अगर यशवंत अपनी तलवार को आगे नहीं करता तो आज उसका मारना बिलकुल तय था क्योंकि उस चील की स्पीड इतनी ज्यादा थी अगर यशवंत अपनी तलवार को सामने नहीं करता तो वह चील यशवंत के शरीर से आर पार हो जाती।
यह सब इतनी जल्दी हुआ था ओमवीर और गौतम को कुछ समझने का भी वक्त नहीं मिला था और जैसे ही ओमवीर और गौतम को समझ में आता है कि यहां पर क्या हो रहा है वे दोनों तेजी से राजेश की और हमला करने के लिए चले जाते हैं क्योंकि अगर उन्होंने राजेश को मार दिया तो उसकी शैतानी चील कुछ नहीं कर पाएगी।
पर जैसे ही राजेश को उन दोनों की भनक लगती हैं वह अपने हाथ का इशारा करता है राजेश को अपने हाथ से इशारा करते हुए देखकर गौतम ने अपने मन ही मन में कहा "अब उस चील को बुलाने से कुछ फायदा नहीं होगा जब तक वह चील तुम्हारे पास पहुंचे हम तुम्हें मार डालेंगे।"
गौतम ने अपने हाथ को राजेश की गर्दन उड़ाने के लिए तैयारी ही कर लिया था तभी वह शैतानी चील गौतम और ओमवीर की ओर अपनी सुनहेरी आंख से लेजर अटैक करती है। गौतम और ओमवीर ने भी उस अटैक को देख लिया था जिस पर रिएक्ट करते हुए वे दोनों राजेश से दूर जाते हैं क्योंकि उन्हें भी पता था अगर यह हमला उन्हें लग गया तो उनके शरीर से पार हो जाएगा।
कुछ ही सेकंड के अंदर बाजी पलटती हुई दिखाई दे रही थी जहां कुछ समय पहले गौतम, ओमवीर और यशवंत, राजेश पर भारी पड़ रहे थे वही अब उस शैतानी चील की वजह से राजेश उन तीनों पर भारी पड़ रहा था।
रूद्र को भी समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा था कि वे तीनों उस शैतानी चील के सामने नही टिक पाएंगे और यह एहसास होते ही रुद्र के चेहरे पर चिंता के भाव आ जाते हैं रूद्र ने अपने आप से कहा "मुझे कुछ करना होगा यह तीनों उस चील के सामने नहीं टिक पाएंगे।"
इस चीज का एहसास होते ही रूद्र मास्टर राजेश को हारने के बारे में सोचने लगता है रूद्र को उन तीनों मास्टर की बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वो उन तीनों मास्टर को इसलिए बचाना चाहता था क्योंकि उनकी वजह से वर्मा परिवार बचा हुआ था अगर एक बार वे तीनों मारे गए तो मास्टर राजेश वर्मा परिवार को भी नहीं छोड़ेगा।
कुछ सेकंड इसी बारे में सोचने के बाद रुद्र अपने इविल सोल को बाहर निकाल लेता है और ऐसा करते ही रुद्र के साइड उड़ता हुआ लाल रंग का बच्चा आ जाता है रूद्र ने अपने इविल सोल को चुपके से मास्टर राजेश की ओर भेजते हुए कहा "मुझे उन तीनों मास्टर को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगानी होगा वरना वर्म परिवार नहीं बचेगा बस में दुआ कर सकता हूं मास्टर राजेश मेरे इविल सोल को नहीं पकड़ पाए अगर एक बार उसने मेरे इविल सोल को खत्म कर दिया तो मैं भी मारा जाऊंगा।"
रूद्र ने अपने इविल सोल को मास्टर राजेश के शरीर में भेजने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी ताकतवर मार्शल आर्टिस्ट रुद्र के इविल सोल का दूर से ही पता लगा सकते थे पर इस वक्त मास्टर राजेश का पूरा ध्यान गौतम, ओमवीर और यशवंत पर था अगर मास्टर राजेश थोडे भी सतर्क रहे तो वे रुद्र के इविल सोल का पता लगा लेंगे।
इस वक्त मास्टर राजेश रूद्र से 10 मीटर की दूरी पर उड़ रहे थे और रुद्र अपने इविल सोल को मास्टर राजेश की नजरों से बचाता हुआ उनके पीछे लेकर जा रहा था।
इधर यशवंत उस शैतानी चील के हमले से बार-बार बच गया था और वह ज्यादा घायल नहीं हुआ था जहां वह शैतानी चीज दोबारा से राजेश के कंधे पर आकर बैठ गई थी राजेश ने उस चील के सर को अपने हाथ से सहलाते हुए कहां "यह चील तो बहुत ज्यादा ताकतवर है अब मैं इसकी मदद से इन तीनों श्रेष्ठ के साथ लड़ सकता हूं।"
गौतम, ओमवीर और यशवंत एक साथ इकट्ठा हो जाते हैं और राजेश को घूरने लगते हैं यशवंत ने राजेश के तीन साथियों में से एक साथी को मार दिया था जहां बचे हुए दो साथी राजेश के साथ खड़े हो गए थे।
इस वक्त गौतम, ओमवीर और यशवंत तीनों के चेहरे पर गुस्सा अलग ही देखा जा सकता था उनकी भौहे गुस्से की वजह से चढ़ गई थी और वे तीनों किसी भी तरह राजेश को मारना चाहते थे।
गौतम ने गुस्से में कहा "यह मत भूल तू भी हमारे जितना ताकतवर है और इस वक्त हम तीन हैं और तू अकेला।"
इतना कहने के बाद गौतम, ओमवीर और यशवंत को पीछे हटने के लिए कहता है क्योंकि वह अपनी सबसे
ताकतवर मार्शल आर्ट का इस्तेमाल करने वाला था।
गौतम अपने दोनों हाथो को जोड़ लेता है और अपनी एनर्जी रिलीज करने लगता है जहां गौतम की एनर्जी उसके पीछे एक बड़े से शेर को बनाती है वह शेर गौतम के चार गुना बड़ा था।
जैसे ही गौतम का हमला पूरा होता है वह उस शेर को राजेश की ओर हमला करने के लिए भेज देता है जहां वह शेर भी हवा में दौड़ता हुआ तेजी से राजेश की ओर जाने लगता है।
उस शेर को अपनी तरफ आता हुआ देखकर भी राजेश के चेहरे पर बिल्कुल भी डर के भाव नहीं थे राजेश अपने साथियों के साथ मिलकर दोबारा से जंजीर बनाता है जहां वे सुर्ख लाल जंजीर उस शेर को पूरी तरह जकड़ लेती है।
राजेश बोला "मैं यह बात तो भूल ही गया था तू कौशिक परिवार का सबसे ज्यादा ताकतवर श्रेष्ठ है तुझे हराना इतना ज्यादा आसान नहीं होगा पर अब मेरे पास यह चील है इस चील के होते हुए तू मुझे बिल्कुल भी नहीं हरा सकता।"
राजेश अपनी चील को उस शेर के ऊपर हमला करने के लिए भेजना ही वाला था तभी पीछे से रुद्र का इविल सोल राजेश के पीछे घुस जाता है और राजेश अपनी जगह पर जम जाता है उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हो गया।
अचानक से कुछ ना करने की वजह से राजेश की जंजीर उस शेर के ऊपर से गायब हो गई थी और राजेश के दोनों साथी उस शेर को अपनी जंजीरों के साथ संभाल नहीं पा रहे थे तभी वह शेर राजेश के दोनों साथियों की जंजीर तोड़ता हुआ तेजी से राजेश की ओर आने लगता है और बूम.
वह शेर राजेश के एक हाथ से टकरा गया था जिस वजह से राजेश का हाथ कटकर जमीन पर गिर गया था, उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है वह अचानक से अपने शरीर को क्यों नहीं हिला पा रहा था।
रुद्र भी नीचे से राजेश को देख रहा था रूद्र ने अपने आप से कहा "इस लड़ाई के अंदर में भी आ गया हूं अब इस बुड्ढे का बचपाना नामुमकिन है यह बुड्डा उस चील के सहारे कुछ ज्यादा ही फुदक रहा था मैं भी देखता हूं अब इसे कौन बचाता है?"
अपनी पूरी ताकत लगाने के बाद अब राजेश अपने शरीर को हिला पा रहा था रुद्र भी अपने इविल सल के जरिए ज्यादा देर तक राजेश को नहीं रोक सकता था इसलिए उसने अपने इविल सोल को वापस बुला लिया था अगर रुद्र का इविल सोल कुछ सेकंड और राजेश के शरीर में रहता तो राजेश को पता चल जाता उसके शरीर के अंदर कोई चीज है जो उसे शक्तिहीन बना रही थी।
रुद्र दूसरे सितारे के पांचवें स्तर पर था और जब रूद्र नोवे स्तर को पार कर लेगा तब वह तीसरे सितारे पर पहुंचेगे रुद्र अपने इविल सोल के जरिए दूसरे सितारे के नोवे अस्तर वाले मार्शल आर्टिस्ट को ही मार सकता था अगर वह इससे ज्यादा ताकतवर मार्शल आर्टिस्ट को मारना चाहेगा तो वह ऐसा नहीं कर पाएगा अगर राजेश का पूरा ध्यान गौतम ओमवीर और यशवंत पर नहीं होता तो रुद्र कभी भी राजेश के अंदर अपने इविल सोल को नहीं भेज पाता।
राजेश बहुत ज्यादा हैरान था और वह अपने दूसरे हाथ से घाव पर हाथ रखकर खून रोकने की कोशिश कर रहा था राजेश के चेहरे पर हैरानी घबराहट गुस्से के एक साथ भाव देखे जा सकते थे, एक ही पल के अंदर उसने जीती हुई बाजी हार ली थी राजेश ने अपने आप से कहा "जरूर कौशिक परिवार के पास कोई शैतानी मार्शल आर्टिस्ट है जिसने मेरे ऊपर छूप कर हमला किया है ऐसा सिर्फ शैतानी मार्शल आर्टिस्ट ही कर सकते हैं वह शैतानी मार्शल आर्टिस्ट जरूर बहुत ज्यादा ताकतवर होगा मैं उसका सामना नहीं कर सकता।" इतना सोचने के बाद राजेश ने तुरंत अपने दोनों साथियों से कहा "जल्दी यहां से चलो, हमें यहां से भगाना होगा।"
इतना कहने के बाद राजेश अपने दोनों साथियों के साथ तेजी से भागने लगता है जहां राजेश को अपने साथियों के साथ भागता हुआ देखकर गौतम, ओमवीर और यशवंत उनका पीछा करने लगते हैं।
रुद्र के चेहरे पर राजेश को भागता हुआ देखकर शैतानी हंसी आ जाती है रूद्र ने अपने आप से कहा "मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता हूं अब वे तीनों मास्टर उसे संभाल लेंगे पर उस चील के अंदर जो सुनहेरी आंख थी मुझे वह चाहिए उसे आंख को एक सम्राट के पास होना चाहिए, इस दुनिया के अंदर ऐसी बहुत ही काम चीज है जिसे मैं पाना चाहता हूं और वह आंख भी उन्हीं में से एक है पर मुझे पहले अपने परिवार के पास जाना होगा विवेक कभी भी मेरे परिवार के ऊपर हमला करने के लिए आता होगा।"
अब आगे क्या होगा, क्या वे तीनों मास्टर राजेश को मार पाएंगे? और क्या रूद्र उस सुनहेरी आँख को ले पाएगा? जानने के लिए पढ़ते रहिए ।
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