(UPDATE-50)
बोला
“यह देखो खून है किसी का!! और यह खाई का वही हिस्सा है जहाँ से रोहन की बाइक गिरी थी. इसका मतलब अगर रोहन खाई से गिरा होगा तो यही पर होना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं है. सिर्फ़ उसका खून है जिसका मतलब या तो रोहन यहां से जा चुका है या फिर कही वही जानवर उसे नुकसान ना पहुंचाए हो.” सुशांत ने कहा.
“मुझे नहीं लगता की रोहन बाबू को वो जानवर ने जान से मारा होगा, क्योंकि अगर ऐसा होता तो यहां रोहन बाबू की लाश नहीं बल्कि उनका कंकाल मिलता. जैसा हमें वहां इस खाई के ऊपर मिला था.” भीमा ने कहा.
“हम…..मुझे भी यही लगता है सुहंत. जिस तरह हूँ जानवर अपने शिकार का शिकार करते है उस हिसाब से हमें हड्डियों का ढाँचा मिलना चाहिए था, लेकिन यहां ऐसा नहीं है इसका मतलब रोहन अभी भी ज़िंदा है. और अगर वो ज़िंदा तो इसका मतलब इतनी उँचाई से गिरकर वो जख्मी हालत में होगा. हमें जल्द से जल्द उसे ढूंढ़ना होगा. लेकिन समझ में नहीं आता की उसे ढूंडे कहा.” कहता हुआ परवेज़ खामोश हो गया.
“एक रास्ता है.” कहते हुए सुशांत उस खून वाली जगह पर टॉर्च की रोशनी डालने लगा. “यहां देखो! इन खून की बूँदो को. ऐसा लगता है जब रोहन घायल हुआ होगा तो यही से आगे बढ़ा होगा. तभी तो यह खूनी की बूंदें आगे की और जा रही है. हमें इसी के सहारे आगे चलना चाहिए.”
“तुम ठीक कह रहे हो. चलो देखते है यह खून की भूंडे कहा तक ले जाती है.” परवेज़ ने कहा. फिर वो उसी दिशा में जाने लगे जिधर वो खून की बूँदें उन्हें ले जा रही थी, की तभी भीमा ने उन्हें रोकते हुए कहा.
“सरकार वो देखिए उधर कुछ है.” कहते हुए भीमा उधर ही जाने लगा. भीमा ने देखा की वो किसी जानवर की लाश थी. पहले तो वो थोड़ा घबराया ऐसे भयानक जीभ को देखकर. फिर वो ज़रा संभाला तो उसने देखा की उस जीभ के बारे बारे दाँत, लंबे नाखून, पूरे शरीर पर बाल. शकल से वो एक बंदर लग रहा था. सुशांत और परवेज़ भी उसी जीभ को देख रहे थे. उन्हें भी बड़ी हैरत हो रही थी ऐसे जानवर को देखकर जिसे उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखा था.
“यह क्या चीज़ है? कितना भयानक चेहरा है इसका. ऐसा लग रहा है जैसे की यह कोई शैतान हो.” परवेज़ ने कहा.
“यह समझ लो की यह शैतान ही है. जैसा मैंने सुना था और वहां उस खाई के ऊपर जो देखा की इसने कैसे अपने शिकार का शिकार किया है. ऐसा तो कोई शैतान ही कर सकता है.”
“लेकिन इस शैतान को आख़िर किसने मारा होगा. कौन इतनी हिम्मत कर सकता है इसे मारने की?” भीमा ने कहा.
“और कौन करेगा भीमा? मेरा यार रोहन ही कर सकता है. उसी की ही बस की बात है इस भयानक जीभ से पंगा लेने की.” परवेज़ ने कहा.
“अगर इसे रोहन ने मर गिराया है तो इसका मतलब रोहन सौ फीसद अभी ज़िंदा है.”
“में न तो पहले से ही कह रहा था, रोहन इतनी आसानी से अपनी जान देने वालो में से नहीं है. वो जानता है मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों से कैसे निकला जा सकता है. आज मुझे गर्व हो रहा अपने इस दोस्त पर की रोहन मेरा दोस्त है.” रोहन की बहादुरी के कारनामा देख कर मानो परवेज़ का सीना चौड़ा हो गया था.
“हूँ तो ठीक है परवेज़ , लेकिन रोहन होगा किधर इस वक्त. ऐसा तो है नहीं की उसे रेस्ट हाउस का रास्ता पता ना हो. जितना तुम, में और भीमा जानते है इस जंगल के बारे में रोहन भी तो उतना ही जानता है. तो सवाल यह पैदा होता है की अगर उसने इस जानवर को मर गिराने के बाद वापस रेस्ट हाउस पर जाने की बजाए कहा गया. क्योंकि जैसा तुम कह रहे थे की उसे निकले तकरीबन तीन घंटे से ऊपर हो चुका था तो इसका मतलब उसे तब तक वहां रेस्ट हाउस पर पहुंच जाना चाहिए था. लेकिन वो वहां पर नहीं पहुंचा था जब हम वहां पर थे. तो फिर से मतलब यही निकलता है की रोहन अभी भी खतरे से बाहर नहीं गया है. वो अभी भी मुसीबत में है.” सुशांत ने कहा.
“हां सरकार, सुशांत साहिब सही कह रहे है. रोहन बाबू को तो तब तक पहुंच जाना चाहिए थे. कहा होंगे वो इस वक्त.” भीमा ने कहा.
“मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है की उसे कहा तलाश करे. तुम्हीं कुछ बताओ सुशांत कहा ढूंढ़ना चाहिए हमें रोहन को.” परवेज़ ने कहा.
“अब यही तो समस्या की कैसे उसे ढूंढ़ा जाए. एक तो इतना अंधेरा है और ऊपर से खून की बूँदें काफी मद्धम पड़ चुकी है इसलिए हमें आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है.” सुशांत खून की बूँदों पर आस पास टॉर्च की रोशनी से रास्ता तलाश करनी कोशिश कर रहा था.
“लेकिन मेरी समझ में नहीं आ रहा है की रोहन जा कहा सकता है. जब हूँ इस भयानक जानवर को मर गिरा सकता है तो वो इतना सहतमंद तो जरूर होगा की….