(UPDATE-75)
अपना मुंह दूसरी फेयर के देखने लगा.
“अरे यह क्या हुआ? “ श्रुति ने थोड़ा हैरत से कहा.
“जिसको में याद नहीं करना चाहता उसका नाम लेना जरूरी है.” रोहन थोड़ा गुस्से से कहा.
“तुम भी क्या अभी तक उससे प्यार करते हो जो उसके नाम से तुम्हें गुस्सा आता है?”
“नहीं ऐसी बात नहीं. में और उससे प्यार करता हूँ…हरगिज़ नहीं. वो तो बस जब कोई उसका नाम ले लेता है तो उसका चेहरा मेरी आँखों के सामने घूमने लगता है जिसके वजह से मेरा खून भी खौलने लगता है.” रोहन ने कहा.
“ओके ठीक है..मारो उसे गोली….”
“मेरा बस चलता तो अभी जाकर उसे गोली मर देता. कम से कम दिमागी सुकून तो मिलता मुझे” रोहन ने कहा.
“वो अब भी मिल सकता है. पूच्छो कैसे?” रोहन, श्रुति की यह बात पर थोड़ा हैरान होते हुए उसे देखने लगा.
“कैसे?”
“तुम्हारे दिमाग को संध्या के नाम से और जो उसकी तस्वीर तुम्हारी नजारे में घूमती है दूर हो सकती है, लेकिन गोली से तो नहीं किसी और चीज़ से.”
“अच्छा!! वो कैसे?” रोहन थोड़ा खुश होते हुए कहा.
“हम…..वैसे तो मुझे वो चीज़ पसंद नहीं है, लेकिन तुम्हारे अंदर से संध्या का बहुत भागने के लिए मुझे यह भी बर्दाश्त करना पड़ेगा. आफ्टर ऑल तुम मेरे दोस्त जो तहरे. “श्रुति ने कहा.
“अब बता भी दो तुम कहना क्या चाहती हो.” रोहन व्याकुल हो रहा था जाने के लिए की कैसे वो संध्या से अपना पीछा छुड़ा सकता है.
“वैसे में हंड्रेड परसेंट शुरू तो नहीं हूँ की यह काम करेगा…लेकिन मैंने एक फिल्म में देखा था यह तरीका काम आया था.”
“अच्छा ठीक है वो बाद की बात है पहले तुम तरीका तो बताओ.”रोहन ने कहा.
“वो यह है की मैंने तुम्हें देखा है की तुम गालिया बहुत निकालते हो.” श्रुति ने कहा.
“हां तो. इससे संध्या से क्या ताल्लुक?” रोहन ने कहा.
“पहले तुम मेरी बात तो सुनो….देखो तुम्हें जिस पर भी गुस्सा आता है तुम क्या करते हो …..? गालिया बकते हो ना…? रोहन भी हाँ में सर हिलाता हुआ बोला
“हां तो?”
“हां तो क्या मतलब तुम भी ऐसे ही गालियाँ संध्या के लिए निकालो. देखना वो तुम्हारे दिल से यूँ चुटकी बजाते हुए निकल जाएगी.” श्रुति का इतना कहना ही था की रोहन अपना पेट पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से हँसे लगा.
“हाहहः……तुम भी श्रुति पागल हो…तुम्हें क्या लगता है क्या मैंने आज तक कभी उस हराम खोर संध्या को गालियाँ नहीं दी. जब भी सुबह सोकर उत्त्ता हूँ तो मेरा पहला काम यह ही रहता है. उसे जी भर के गालियाँ देना और जब तक देना जब तक मुझे सुकून नहीं मिल जाता. लेकिन फिर भी वो अगले दिन मेरी आँखों के सामने हाज़िर हो जाती है अपनी मनहूस शकल लेकर. अब तुम बताओ में क्या करूं?” रोहन ने कहा.
“इसमें तो कोई शक़ुए की बात है ही नहीं तुम उसे गाल्यान नहीं दिए होंगे…..लेकिन तब मामला दूसरा था और अब मामला दूसरा है.” श्रुति ने बारे कॉन्फिडेन्स से कहा.
“अच्छा कैसे!! कैसे अभी यह दूसरा मामला है? रोहन ने कहा.
“तुमने आज तक संध्या के बारे में किसी को बताया है? अपने घर वालो को, अपने करीबी को और क्या नाम बताया था तुमने अपने उस दोस्त का……..परवेज़ उसे बताया है?” श्रुति ने कहा. रोहन थोड़ी देर श्रुति को यूँही घूर था रहा, फिर श्रुति के वापस टोकने पर उसने कहा.
“नहीं…मैंने आज तक इस बारे में किसी को नहीं बताया. सिर्फ़ तुम्हारे अलावा.” रोहन ने कहा.
“हां तो बस यही वजह है जो संध्या अभी तक तुम्हारे दिलों दिमाग पर च्छाई हुई है…क्योंकि तुमने यह राज़ अपने सीने में दफ़न किए हुए था, उसे कभी बाहर लाए नहीं. में चाहती हूँ तुम आज अपने सीने से उस संध्या को बाहर निकालो. क्योंकि मुझे अपना यह राज़ बताकर तो तुम पहला कदम चल चुके हो. अब दूसरा कदम चलने के लिए जितना हो सके उतनी गाल्यान निकालो जो भी तुमने आज तक सुनी हो और दी हो. और यह सब तुम्हें मेरे सामने करना है. ओके?” श्रुति ने कहा.
“तुम्हारे सामने? तुम सुन सकती हो?” रोहन, श्रुति की तरफ देख कर कहा.
“मुझे पता है यह बहुत मुश्किल है मेरे लिए, मगर क्या करूं तुम मेरे लिए अपनी जान झोकं में डाल सकते हो तो में तुम्हारी यह गंदी सी गालियाँ सुन ही सकती हूँ.” श्रुति ने कहा.
“सोच लो? कहीं बाद में कही भारी ना पढ़ जाए?” रोहन ने कहा.
“अब क्या आटम बॉम्ब फोड़ोगे?” श्रुति ने कहा.
“हहहे….आटम बॉम्ब भी मेरी गालियों के आगे कुछ नहीं है.” रोहन थोड़ा फख्र से कहा.
“ओह माइ गॉड…!!!” फिर श्रुति थूक निगलते हुए कहा.
“अन्य वे ई आम रेडी फॉर डेठ. तुम शुरू हो जाओ. में तो अपने कानों पर हाथ भी नहीं रख सकती.”
“तो ठीक है….शुरू करता हूँ में……तेरी….” रोहन कुछ और कहता, श्रुति उसे रोकते हुए कहा.
“ऐसे नहीं…तुम्हें हर गाली के साथ में संध्या का नाम भी लेना होगा क्योंकि इससे और फ़ीलिंग आएगी..”श्रुति ने कहा.
“तुम्हें बड़ा मालूम है इस बारे में? जैसे तुम कोई गुरु हो.” रोहन ने कहा.
“अरे बाबा मैंने कहा ना…मैंने यह सब एक फिल्म में देखा था.” श्रुति ने कहा.
“फिल्मों में गालया भी बकना सिखाते है? क्या बात है. वैसे कौनसी फिल्म थी वो.?” रोहन ने कहा.
“तुम वो….