कामुक कहानियों में कोई हीरो नही होता, सर्वाधिक ताकत (बुर, चूंची, गांड़, होंठ) महिला के पास होती है । इसमें चूत ही हीरो है, हीरोइन है, विलेन है। बाकी सारे किरदार चूत के पूरक हैं । कोई उसे मारना चाहता है, कोई उसे रगड़ना चाहता है, कोई चूसना चाहता है, कोई सहलाना चाहता है यानी केंद्र में वही है। वैसे भी कहानी की पृष्ठभूमि ग्रामीण है । और ग्रामीण महिलाओं की बातचीत/किस्से/ कहानी इसी तरह होते हैं शुरू कहीं से होते हैं और खत्म कहीं होते हैं। आपके कहे अनुसार लेखक कहानी लिखे तो बोरियत के सिवा कुछ नही होगा वही घिसी पिटी कहानी बनेगी एक बड़े और मोटे लंड का हीरो है वही सबकी चूत मार रहा है। ऐसी कहानियां भरी पड़ी हैं। किंतु यह कहानी विपरीत दिशा में चल रही है जिसमे एक से अधिक चूत हैं और एक से अधिक लौड़े के इंतजाम हैं । मस्त कहानी चल रही है आनंद लो ।