ओह्ह्ह.. ये तो कम होगा... या तो कंटेंट बढाएं या फ्रीक्वेंसी...
अगर सेक्स सीन में कुछ एडिशन संभव हो तो....
पोस्ट करनी मैंने शुरू कर दी है और हफ्ते का गैप पाठको का ध्यान रख के
कई बार सारी पोस्टों को पढ़ने के लिए उन्हें भी तो टाइम लगता है, फिर तीन कहानियां सब में अगर महीने में तीन तीन पोस्ट भी आ पायीं तो ९ पोस्ट्स
यानी एक हफ्ते में दो से ज्यादा,
कांटेट का जहां तक सवाल है जोरू का गुलाम की पिछली पोस्ट ९, ००० शब्दों की थी।
और फागुन के दिन चार में मैंने सोचा कॉपी पेस्ट से काम चल जाएगा, ... लेकिन उसमे भी काफी रफ़ूगीरी करनी पड़ रही है, पहला भाग तो मैंने पोस्ट कर दिया अब देखिये व्यूज और कमेंट्स कैसे आते हैं।