शुक्रिया दोस्त
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शुक्रिया
Awesomeसुबह उठकर देखा कि मैडम मेरे बाजूम में लेटी हुई मेरे उठने का इंतज़ार कर रही हैं. कल वे उठकर बाथरूम चली गयी थी पर आज बात कुछ और थी. मैं समझ गया और उनकी बुर पर मुंह लगाकर लेट गया. लेटे लेटे ही उन्हों ने मेरे मुंह में मूत डाला. इस कार्य से हम दोनों उत्तेजित हो गये थे इसलिये मैंने फ़िर एक बार मैडम को चोदा और झडने के बाद ही उठने दिया. असल में अब मुझे मालूम था कि नहाने के बाद फ़िर दिन भर चूत चूसना है और चोदने का मौका सिर्फ़ रात को मिलेगा. वह भी पक्का नहीं था क्यों की सोनिया मैडम आज आने वाली थी.
अकेले में नहाते समय मैं मैडम की रबर की चप्पलें साथ ले गया और उन्हें मन लगाकर साफ़ किया. मन भर कर चाटा और चूसा. रबर और मैडम ने पैरों की भीनी भीनी खुशबू से मेरा सिर घूमने लगा. मन कर रहा था कि चप्पल मुंह में भर लूँ और चबा चबा कर खा जाऊँ. बीद में अपनी साफ़ चप्पलें देखकर वे समझ गई पर कुछ बोली नहीं, बस मेरी ओर कनखियों से देखकर मुस्करा दी.
उस दिन मैडम काम पर नहीं गयी और घर में ही सारे पेपर चेक किये, आज तो मैंने उन्हें इस प्यार से चूसा कि लगातार चार घंटे बैठ कर उन्हों ने चूत चुसवाते हुए सारे पेपर खतम कर दिये. बीच में कल जैसे ही बड़े प्यार से अपना मूत पिलाया. फ़िर उन्हों ने मेरा लंड चूस डाला.
उन्हें भी मेरा वीर्य चखे काफ़ी समय हो गया था इसलिये मुझे कुर्सी में बिठा कर मेरे सामने नीचे बैठकर उन्हों ने बड़े लाड से मजा ले लेकर मेरा लंड चूसा और आखिर मुझे करीब करीब रुलाने के बाद झड़ा कर मेरा वीर्य पान किया. फ़िर तुरंत दांत ब्रश कर लिये. बोली. "सोनिया आते ही किस करेगी और अगर तेरी मलाई का स्वाद उसने मेरे मुंह में महसूस कर लिया तो सारा भांडा फ़ूट जायेगा.
बेल बजी तो मुझे मेरे कमरे में बंद करके वे कपड़े ठीक करके दरवाजा खोलने चली गई. मेरे कमरे से मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया, सिर्फ़ दो औरतों के जोर से हंसने और खिलखिलानी की आवाज आयी. मुझे लगा कि अभी वक्त है, दोनों शायद पहले बाहर ही ड्रॉइंग रूम में बैठ कर बातें करेंगी पर मुझे सोनिया मैडम की वासना का अंदाज नहीं था. अचानक बाजू के बेडरूम से आवाज़ें आयी तो मैंने झट से फ़ोटो उठाकर छेद से दूसरे कमरे में झांका.
देख कर मैं दंग रहा गया और मेरा झड़ा लंड अपने आप धीरे धीरे उठने की कोशिश करने लगा. सोनिया मैडम ने आर्या मैडम को बिस्तर पर पटक दिया था और उनपर चढ. कर उनके मम्मे ब्लाउज़ के ऊपर से ही दबाती हुई बेतहाशा उन्हें चूम रही थी. "मेरी जान, हफ़्ता हो गया, तेरी बहुत याद आई, तेरे रस को तो मैं तरस गई, चल जल्दी खोल अपनी बुर और चखा मुझे" कहते हुए सोनिया मैडम ने आर्या मैडम की साड़ी ऊपर की और पेन्टी खींच कर निकाल दी.
आर्या मैडम कहती ही रह गई "ठहर सोनिया डार्लिंग, ठीक से कपड़े तो निकालने दे" पर सोनिया मैडम तो तैश में थी. "अभी टाइम नहीं है, पहले तेरी चूत चुसूँगी और अपनी तुझसे चुसवाऊँगी"
सोनिया मैडम ने अपनी साड़ी ऊपर की. वह पेन्टी पहने ही नहीं थी. आर्या मैडम पर चढ.अकर वह उलटी तरफ़ से लेट गयी और आर्या मैडम की जांघों में सिर डाल दिया. चूसने की आवाज आने लगी. साथ ही सोनिया मैडम ने अपनी जांघों में आर्या मैडम का सिर जकड लिया और उनके मुंह पर अपनी बुर को दबा कर हचक हचक कर आर्या मैडम के मुंह को चोदती हुई चटखारे ले लेकर वह उनकी चूत चूसने लगी.
आधे घंटे की भरपूर चुसाई के बाद सोनिया मैडम कुछ संभली. उठ कर बैठ गयी और आर्या मैडम के ऊपर मर्द जैसी चढ. कर उन्हें चूमते हुए प्यार करने लगी. "मजा आ गया मेरी जान, आज तेरी चूत में कुछ ज्यादा मीठा रस है और निकला भी बहुत. क्या बात है, अपनी यार के अब्सेन्स में मुठ्ठ मारी है लगता है बहुत" वे अपनी सहेली की छाती पर अपनी छाती रगडते और साड़ी के ऊपर से ही उन्हें हल्के हल्के मर्द जैसे चोदते हुए बोली.
आर्या मैडम हंसकर अपनी सहेली के इस उत्कट प्यार का मजा लेती हुई बोली. "बताती हूँ, पर नाराज तो नहीं होगी?" मैं अब थोड़ा टेन्शन में आ गया क्यों की इतनी जल्दी मेरी बात छिड़ेगी यह मुझे नहीं लगा था. अपने खड़े लंड को पुचकारता हुआ मैं बड़ी अधीरता से देखने लगा कि अब क्या होगा.
आर्या मैडम बोली "एक बड़ा प्यारा लड़का है, बिलकुल जवान, समझ लो बच्चा ही है. मुझ पर मरता है. उससे मुझे इन कुछ दिनों में बहुत आनंद मिला है. तुझे मालूम है कि तेरी दोस्ती के बाद मैंने किसी पुरुष को पास नहीं आने दिया. पर यह तो इतना चिकना छोकरा है कि मुझसे नहीं रहा गया."
सोनिया मैडम अब भी बार बार आर्या मैडम के मम्मे मसलते हुए उनकी आँखें, गाल, होंठ चूमती जा रही थी. "स्टुडेन्ट है क्या? किस ईयर मे है?" सोनिया मैडम ने पूछा. "अरे फ़र्स्ट ईयर में है, पर लगता है जैसे अभी भी स्कूल में हो." आर्या मैडम ने जवाब दिया.
"तो कोई बात नहीं. तू इतनी खुश लग रही है तो बड़ा मस्ताना होगा. मुझसे भी मिलवा तो सही." वे बोली. आर्या मैडम बोली. "आज ही मिलवाती हूँ. तू ऐसा कर, यहीं आ जा रात को रहने. तू आयेगी तब तक मैं उसे तैयार करती हूँ. उसे खास तरह से पेश करती हूँ तुम्हारे सामने"
सोनिया मैडम हंसने लगी. "समझ गयी, यहीं है, तेरे पास. उस बंद वाले रूम में होगा. छुपा कर रखा है अपना गुड्डा कि और कोई खेल न ले. चल कोई बात नहीं. तू अपने हिसाब से उसे मुझसे मिलवा. देखूँ तो तेरा कितना दीवाना है. पर जाने के पहले एक बार मेरी चूत चूस अपने खास अंदाज में"
सोनिया मैडम एक कुर्सी में बैठ गई और अपनी साड़ी उठाकर कमर के इर्द गिर्द बटोर ली. मुझे पहली बार ठीक से उनकी साँवली पुष्ट छरहरी जांघों और उनके बीच खिले घने काले बालों के जमघट का दर्शन हुआ. वे अब भी स्लिम हाई हील की सेंडल पहनी थी और उनकी नंगी चिकनी टांगें उन सैंडलों के साथ ऐसी लग रही थी कि जैसे किसी मोडेल की टांगें हों. अपनी झांटों में उँगली चलाती हुई वे बोली. "आ जानेमन, अब जुट जा अपने काम में, बहुत रस इकठ्ठा किया है मैंने हफ़्ते भर में."
आर्या मैडम नीचे उन खुली टांगों के बीच बैठकर बड़े प्यार से उन जांघों को चूमने लगी. फ़िर धीरे धीरे ऊपर बढ. कर आखिर अपनी उंगलीयाँ उन घनी झांटों में चलाते हुए बोली. "सोनिया डार्लिंग, तेरी झांटे तो सबसे अलग हैं. ऐसी घनी और किसी की नहीं हैं. बहुत अच्छा करती है कि इन्हें काटती नहीं, और बढने दे, मैं तो इन पर वारी जाऊँ."
और फ़िर अपना मुंह उनमें डालकर वे झांटों को चूमने लगी. उंगलियों से झांटे अलग करके आखिर उन्हों ने सोनिया मैडम की चूत नंगी की. साँवली जांघें, उन के बीच काली झांटे और उनके बीच गुलाबी भगोष्ठो के बीच दिखता लाल चूत का छेद, मेरे मुंह में पानी भर आया. पर यह माल मेरे लिये नहीं था, कम से कम अभी तो नहीं. आर्या मैडम ने जीभ निकालकर ऊपर से नीचे तक उस निचले रसीले मुंह को चाटना शुरू कर दिया.
सोनिया मैडम कराह उठी. "हाय बेदर्द, तड.अपा मत, चूस ना जोर से" पर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था यह उनके चेहरे पर के भाव से स्पष्ट था. उनका सिसकना अनदेखा करके आर्या मैडम धीरे धीरे उनकी बुर चाटती रहीं और तब तक चाटती रहीं जब तक एक कम्पन के साथ सोनिया मैडम झड नहीं गई. अब उस बुर पर रिसते हुए रस की चमक साफ़ दिख रही थी. रस का बहाव शुरू होते ही आर्या मैडम ने चाटना बंद किया और अपना मुंह खोल कर उन भगोष्ठों को अपने होंठों मे दबा कर ऐसे चूसने लगी जैसे मेरा चुंबन लेती थी.
पम्द्रह मिनट उन्हों ने लगातार चूसा और आखिर आखिर में सोनिया मैडम ऐसी उत्तेजित हुईम कि अपनी टांगें बंद करके आर्या मैडम के सिर को कस के जकड कर अपनी बुर पर दबा कर आगे पीछे धक्के मारने लगी. दो मिनट में वे निढाल होकर कुर्सी में ढेर हो गई. आर्या मैडम ने पूरा रस चाट कर साफ़ किया और फ़िर उठ कर खड़ी हो गई. सोनिया मैडम पर झुक कर प्यार से उन्हें चूमते हुए बोली. "उतर गयी मस्ती? आज सच तेरा भी रस शहद जैसा गाढ़ा था. लगता है मुठ्ठ भी नहीं मारी इतने दिन."
सोनिया मैडम उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगी. "हाँ रानी, मारती तो भी इसका आधा मजा भी नहीं आता. आखिर कंट्रोल कर लिया. सोचा मेरी जान के लिये बचा कर रखूँ." दोनों ने लिपटकर कुछ और चूमा चाटी की और फ़िर जल्दी ही लौटने का वादा करते हुए सोनिया मैडम चली गई. "अपने गुड्डे को तैयार रखना. देखूँ तो क्या चीज़ है!"
उनके जाते ही आर्या मैडम मेरे पास आयी. मैं अब मस्त हो कर मचल रहा था और उनपर चढ. जाना चाहता था पर उन्हों ने मना कर दिया. जल्दी खाना खाकर फ़िर नहाने को ले गई. हम दोनों ने खूब नहाया पर उन्हों ने मुझे झड़ाने से साफ़ इनकार कर दिया. "चल, ऐसा ही मस्त रह, आखिर सोनिया मैडम को भी तो दिखाना है मेरा प्यारा लवर. अब तुझे तैयार करती हूँ."
मुझे समझ में नहीं आया कि क्या तैयारी करनी है पर जल्द ही पता चल गया जब उन्हों ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और अपनी दो ब्रेसियर लेकर मेरे हाथ और पैर कस कर बांध दिये. उनकी मुलायम ब्रा से बम्धना मुझे बहुत अच्छा लगा पर डर भी लगा. "आप क्या कर रही हैं मैडम? प्लीज़ ऐसा मत कीजिये." मेरी बात अनसुनी करके उन्हों ने कस कर मेरे हाथ पैर बांध दिये.
"जरूरी है बेटे दो कारणों से. एक तो सोनिया मैडम जानती है कि तू मेरा गुड्डा है और इसलिये मैं तुझे उसके सामने एक असहाय खिलौने की तरह पेश करना चाहती हूँ जिसके साथ कुछ भी किया जा सकता है. वह इस पर मचल उठेगी. दूसरा यह कि वह नाराज नहीं है कि मैंने उसकी पीठ पीछे तुझसे चुदवा लिया. जरूर वह हमारे साथ ही अब रति करेगी और तेरे साथ अब तरह तरह के खेल वह मुझसे खिलवायेगी या मेरे साथ मिलकर खेलेगी. हमें सिर्फ़ देख कर तेरी यह हालत है तो जब तेरी दो नंगी मैडमें, तेरी पूज्य टीचरें तेरे साथ मन चाहे वह करेंगी तो तू सह नहीं पायेगा. और मैं चाहती हूँ कि तू तब तक न झड़ें जब तक हम न चाहें और इतना सुख उठाये कि तुझ से रहा न जाये. इसलिये तुझे बांधना ही जरूरी है."
सुबह उठकर देखा कि मैडम मेरे बाजूम में लेटी हुई मेरे उठने का इंतज़ार कर रही हैं. कल वे उठकर बाथरूम चली गयी थी पर आज बात कुछ और थी. मैं समझ गया और उनकी बुर पर मुंह लगाकर लेट गया. लेटे लेटे ही उन्हों ने मेरे मुंह में मूत डाला. इस कार्य से हम दोनों उत्तेजित हो गये थे इसलिये मैंने फ़िर एक बार मैडम को चोदा और झडने के बाद ही उठने दिया. असल में अब मुझे मालूम था कि नहाने के बाद फ़िर दिन भर चूत चूसना है और चोदने का मौका सिर्फ़ रात को मिलेगा. वह भी पक्का नहीं था क्यों की सोनिया मैडम आज आने वाली थी.
अकेले में नहाते समय मैं मैडम की रबर की चप्पलें साथ ले गया और उन्हें मन लगाकर साफ़ किया. मन भर कर चाटा और चूसा. रबर और मैडम ने पैरों की भीनी भीनी खुशबू से मेरा सिर घूमने लगा. मन कर रहा था कि चप्पल मुंह में भर लूँ और चबा चबा कर खा जाऊँ. बीद में अपनी साफ़ चप्पलें देखकर वे समझ गई पर कुछ बोली नहीं, बस मेरी ओर कनखियों से देखकर मुस्करा दी.
उस दिन मैडम काम पर नहीं गयी और घर में ही सारे पेपर चेक किये, आज तो मैंने उन्हें इस प्यार से चूसा कि लगातार चार घंटे बैठ कर उन्हों ने चूत चुसवाते हुए सारे पेपर खतम कर दिये. बीच में कल जैसे ही बड़े प्यार से अपना मूत पिलाया. फ़िर उन्हों ने मेरा लंड चूस डाला.
उन्हें भी मेरा वीर्य चखे काफ़ी समय हो गया था इसलिये मुझे कुर्सी में बिठा कर मेरे सामने नीचे बैठकर उन्हों ने बड़े लाड से मजा ले लेकर मेरा लंड चूसा और आखिर मुझे करीब करीब रुलाने के बाद झड़ा कर मेरा वीर्य पान किया. फ़िर तुरंत दांत ब्रश कर लिये. बोली. "सोनिया आते ही किस करेगी और अगर तेरी मलाई का स्वाद उसने मेरे मुंह में महसूस कर लिया तो सारा भांडा फ़ूट जायेगा.
बेल बजी तो मुझे मेरे कमरे में बंद करके वे कपड़े ठीक करके दरवाजा खोलने चली गई. मेरे कमरे से मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया, सिर्फ़ दो औरतों के जोर से हंसने और खिलखिलानी की आवाज आयी. मुझे लगा कि अभी वक्त है, दोनों शायद पहले बाहर ही ड्रॉइंग रूम में बैठ कर बातें करेंगी पर मुझे सोनिया मैडम की वासना का अंदाज नहीं था. अचानक बाजू के बेडरूम से आवाज़ें आयी तो मैंने झट से फ़ोटो उठाकर छेद से दूसरे कमरे में झांका.
देख कर मैं दंग रहा गया और मेरा झड़ा लंड अपने आप धीरे धीरे उठने की कोशिश करने लगा. सोनिया मैडम ने आर्या मैडम को बिस्तर पर पटक दिया था और उनपर चढ. कर उनके मम्मे ब्लाउज़ के ऊपर से ही दबाती हुई बेतहाशा उन्हें चूम रही थी. "मेरी जान, हफ़्ता हो गया, तेरी बहुत याद आई, तेरे रस को तो मैं तरस गई, चल जल्दी खोल अपनी बुर और चखा मुझे" कहते हुए सोनिया मैडम ने आर्या मैडम की साड़ी ऊपर की और पेन्टी खींच कर निकाल दी.
आर्या मैडम कहती ही रह गई "ठहर सोनिया डार्लिंग, ठीक से कपड़े तो निकालने दे" पर सोनिया मैडम तो तैश में थी. "अभी टाइम नहीं है, पहले तेरी चूत चुसूँगी और अपनी तुझसे चुसवाऊँगी"
सोनिया मैडम ने अपनी साड़ी ऊपर की. वह पेन्टी पहने ही नहीं थी. आर्या मैडम पर चढ.अकर वह उलटी तरफ़ से लेट गयी और आर्या मैडम की जांघों में सिर डाल दिया. चूसने की आवाज आने लगी. साथ ही सोनिया मैडम ने अपनी जांघों में आर्या मैडम का सिर जकड लिया और उनके मुंह पर अपनी बुर को दबा कर हचक हचक कर आर्या मैडम के मुंह को चोदती हुई चटखारे ले लेकर वह उनकी चूत चूसने लगी.
आधे घंटे की भरपूर चुसाई के बाद सोनिया मैडम कुछ संभली. उठ कर बैठ गयी और आर्या मैडम के ऊपर मर्द जैसी चढ. कर उन्हें चूमते हुए प्यार करने लगी. "मजा आ गया मेरी जान, आज तेरी चूत में कुछ ज्यादा मीठा रस है और निकला भी बहुत. क्या बात है, अपनी यार के अब्सेन्स में मुठ्ठ मारी है लगता है बहुत" वे अपनी सहेली की छाती पर अपनी छाती रगडते और साड़ी के ऊपर से ही उन्हें हल्के हल्के मर्द जैसे चोदते हुए बोली.
आर्या मैडम हंसकर अपनी सहेली के इस उत्कट प्यार का मजा लेती हुई बोली. "बताती हूँ, पर नाराज तो नहीं होगी?" मैं अब थोड़ा टेन्शन में आ गया क्यों की इतनी जल्दी मेरी बात छिड़ेगी यह मुझे नहीं लगा था. अपने खड़े लंड को पुचकारता हुआ मैं बड़ी अधीरता से देखने लगा कि अब क्या होगा.
आर्या मैडम बोली "एक बड़ा प्यारा लड़का है, बिलकुल जवान, समझ लो बच्चा ही है. मुझ पर मरता है. उससे मुझे इन कुछ दिनों में बहुत आनंद मिला है. तुझे मालूम है कि तेरी दोस्ती के बाद मैंने किसी पुरुष को पास नहीं आने दिया. पर यह तो इतना चिकना छोकरा है कि मुझसे नहीं रहा गया."
सोनिया मैडम अब भी बार बार आर्या मैडम के मम्मे मसलते हुए उनकी आँखें, गाल, होंठ चूमती जा रही थी. "स्टुडेन्ट है क्या? किस ईयर मे है?" सोनिया मैडम ने पूछा. "अरे फ़र्स्ट ईयर में है, पर लगता है जैसे अभी भी स्कूल में हो." आर्या मैडम ने जवाब दिया.
"तो कोई बात नहीं. तू इतनी खुश लग रही है तो बड़ा मस्ताना होगा. मुझसे भी मिलवा तो सही." वे बोली. आर्या मैडम बोली. "आज ही मिलवाती हूँ. तू ऐसा कर, यहीं आ जा रात को रहने. तू आयेगी तब तक मैं उसे तैयार करती हूँ. उसे खास तरह से पेश करती हूँ तुम्हारे सामने"
सोनिया मैडम हंसने लगी. "समझ गयी, यहीं है, तेरे पास. उस बंद वाले रूम में होगा. छुपा कर रखा है अपना गुड्डा कि और कोई खेल न ले. चल कोई बात नहीं. तू अपने हिसाब से उसे मुझसे मिलवा. देखूँ तो तेरा कितना दीवाना है. पर जाने के पहले एक बार मेरी चूत चूस अपने खास अंदाज में"
सोनिया मैडम एक कुर्सी में बैठ गई और अपनी साड़ी उठाकर कमर के इर्द गिर्द बटोर ली. मुझे पहली बार ठीक से उनकी साँवली पुष्ट छरहरी जांघों और उनके बीच खिले घने काले बालों के जमघट का दर्शन हुआ. वे अब भी स्लिम हाई हील की सेंडल पहनी थी और उनकी नंगी चिकनी टांगें उन सैंडलों के साथ ऐसी लग रही थी कि जैसे किसी मोडेल की टांगें हों. अपनी झांटों में उँगली चलाती हुई वे बोली. "आ जानेमन, अब जुट जा अपने काम में, बहुत रस इकठ्ठा किया है मैंने हफ़्ते भर में."
आर्या मैडम नीचे उन खुली टांगों के बीच बैठकर बड़े प्यार से उन जांघों को चूमने लगी. फ़िर धीरे धीरे ऊपर बढ. कर आखिर अपनी उंगलीयाँ उन घनी झांटों में चलाते हुए बोली. "सोनिया डार्लिंग, तेरी झांटे तो सबसे अलग हैं. ऐसी घनी और किसी की नहीं हैं. बहुत अच्छा करती है कि इन्हें काटती नहीं, और बढने दे, मैं तो इन पर वारी जाऊँ."
और फ़िर अपना मुंह उनमें डालकर वे झांटों को चूमने लगी. उंगलियों से झांटे अलग करके आखिर उन्हों ने सोनिया मैडम की चूत नंगी की. साँवली जांघें, उन के बीच काली झांटे और उनके बीच गुलाबी भगोष्ठो के बीच दिखता लाल चूत का छेद, मेरे मुंह में पानी भर आया. पर यह माल मेरे लिये नहीं था, कम से कम अभी तो नहीं. आर्या मैडम ने जीभ निकालकर ऊपर से नीचे तक उस निचले रसीले मुंह को चाटना शुरू कर दिया.
सोनिया मैडम कराह उठी. "हाय बेदर्द, तड.अपा मत, चूस ना जोर से" पर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था यह उनके चेहरे पर के भाव से स्पष्ट था. उनका सिसकना अनदेखा करके आर्या मैडम धीरे धीरे उनकी बुर चाटती रहीं और तब तक चाटती रहीं जब तक एक कम्पन के साथ सोनिया मैडम झड नहीं गई. अब उस बुर पर रिसते हुए रस की चमक साफ़ दिख रही थी. रस का बहाव शुरू होते ही आर्या मैडम ने चाटना बंद किया और अपना मुंह खोल कर उन भगोष्ठों को अपने होंठों मे दबा कर ऐसे चूसने लगी जैसे मेरा चुंबन लेती थी.
पम्द्रह मिनट उन्हों ने लगातार चूसा और आखिर आखिर में सोनिया मैडम ऐसी उत्तेजित हुईम कि अपनी टांगें बंद करके आर्या मैडम के सिर को कस के जकड कर अपनी बुर पर दबा कर आगे पीछे धक्के मारने लगी. दो मिनट में वे निढाल होकर कुर्सी में ढेर हो गई. आर्या मैडम ने पूरा रस चाट कर साफ़ किया और फ़िर उठ कर खड़ी हो गई. सोनिया मैडम पर झुक कर प्यार से उन्हें चूमते हुए बोली. "उतर गयी मस्ती? आज सच तेरा भी रस शहद जैसा गाढ़ा था. लगता है मुठ्ठ भी नहीं मारी इतने दिन."
सोनिया मैडम उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगी. "हाँ रानी, मारती तो भी इसका आधा मजा भी नहीं आता. आखिर कंट्रोल कर लिया. सोचा मेरी जान के लिये बचा कर रखूँ." दोनों ने लिपटकर कुछ और चूमा चाटी की और फ़िर जल्दी ही लौटने का वादा करते हुए सोनिया मैडम चली गई. "अपने गुड्डे को तैयार रखना. देखूँ तो क्या चीज़ है!"
उनके जाते ही आर्या मैडम मेरे पास आयी. मैं अब मस्त हो कर मचल रहा था और उनपर चढ. जाना चाहता था पर उन्हों ने मना कर दिया. जल्दी खाना खाकर फ़िर नहाने को ले गई. हम दोनों ने खूब नहाया पर उन्हों ने मुझे झड़ाने से साफ़ इनकार कर दिया. "चल, ऐसा ही मस्त रह, आखिर सोनिया मैडम को भी तो दिखाना है मेरा प्यारा लवर. अब तुझे तैयार करती हूँ."
मुझे समझ में नहीं आया कि क्या तैयारी करनी है पर जल्द ही पता चल गया जब उन्हों ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और अपनी दो ब्रेसियर लेकर मेरे हाथ और पैर कस कर बांध दिये. उनकी मुलायम ब्रा से बम्धना मुझे बहुत अच्छा लगा पर डर भी लगा. "आप क्या कर रही हैं मैडम? प्लीज़ ऐसा मत कीजिये." मेरी बात अनसुनी करके उन्हों ने कस कर मेरे हाथ पैर बांध दिये.
"जरूरी है बेटे दो कारणों से. एक तो सोनिया मैडम जानती है कि तू मेरा गुड्डा है और इसलिये मैं तुझे उसके सामने एक असहाय खिलौने की तरह पेश करना चाहती हूँ जिसके साथ कुछ भी किया जा सकता है. वह इस पर मचल उठेगी. दूसरा यह कि वह नाराज नहीं है कि मैंने उसकी पीठ पीछे तुझसे चुदवा लिया. जरूर वह हमारे साथ ही अब रति करेगी और तेरे साथ अब तरह तरह के खेल वह मुझसे खिलवायेगी या मेरे साथ मिलकर खेलेगी. हमें सिर्फ़ देख कर तेरी यह हालत है तो जब तेरी दो नंगी मैडमें, तेरी पूज्य टीचरें तेरे साथ मन चाहे वह करेंगी तो तू सह नहीं पायेगा. और मैं चाहती हूँ कि तू तब तक न झड़ें जब तक हम न चाहें और इतना सुख उठाये कि तुझ से रहा न जाये. इसलिये तुझे बांधना ही जरूरी है."
शुक्रिया भाईAwesome
Nice... अब एक गुड्डे से दो दो बुढ़िया खेलेंगी.सुबह उठकर देखा कि मैडम मेरे बाजूम में लेटी हुई मेरे उठने का इंतज़ार कर रही हैं. कल वे उठकर बाथरूम चली गयी थी पर आज बात कुछ और थी. मैं समझ गया और उनकी बुर पर मुंह लगाकर लेट गया. लेटे लेटे ही उन्हों ने मेरे मुंह में मूत डाला. इस कार्य से हम दोनों उत्तेजित हो गये थे इसलिये मैंने फ़िर एक बार मैडम को चोदा और झडने के बाद ही उठने दिया. असल में अब मुझे मालूम था कि नहाने के बाद फ़िर दिन भर चूत चूसना है और चोदने का मौका सिर्फ़ रात को मिलेगा. वह भी पक्का नहीं था क्यों की सोनिया मैडम आज आने वाली थी.
अकेले में नहाते समय मैं मैडम की रबर की चप्पलें साथ ले गया और उन्हें मन लगाकर साफ़ किया. मन भर कर चाटा और चूसा. रबर और मैडम ने पैरों की भीनी भीनी खुशबू से मेरा सिर घूमने लगा. मन कर रहा था कि चप्पल मुंह में भर लूँ और चबा चबा कर खा जाऊँ. बीद में अपनी साफ़ चप्पलें देखकर वे समझ गई पर कुछ बोली नहीं, बस मेरी ओर कनखियों से देखकर मुस्करा दी.
उस दिन मैडम काम पर नहीं गयी और घर में ही सारे पेपर चेक किये, आज तो मैंने उन्हें इस प्यार से चूसा कि लगातार चार घंटे बैठ कर उन्हों ने चूत चुसवाते हुए सारे पेपर खतम कर दिये. बीच में कल जैसे ही बड़े प्यार से अपना मूत पिलाया. फ़िर उन्हों ने मेरा लंड चूस डाला.
उन्हें भी मेरा वीर्य चखे काफ़ी समय हो गया था इसलिये मुझे कुर्सी में बिठा कर मेरे सामने नीचे बैठकर उन्हों ने बड़े लाड से मजा ले लेकर मेरा लंड चूसा और आखिर मुझे करीब करीब रुलाने के बाद झड़ा कर मेरा वीर्य पान किया. फ़िर तुरंत दांत ब्रश कर लिये. बोली. "सोनिया आते ही किस करेगी और अगर तेरी मलाई का स्वाद उसने मेरे मुंह में महसूस कर लिया तो सारा भांडा फ़ूट जायेगा.
बेल बजी तो मुझे मेरे कमरे में बंद करके वे कपड़े ठीक करके दरवाजा खोलने चली गई. मेरे कमरे से मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया, सिर्फ़ दो औरतों के जोर से हंसने और खिलखिलानी की आवाज आयी. मुझे लगा कि अभी वक्त है, दोनों शायद पहले बाहर ही ड्रॉइंग रूम में बैठ कर बातें करेंगी पर मुझे सोनिया मैडम की वासना का अंदाज नहीं था. अचानक बाजू के बेडरूम से आवाज़ें आयी तो मैंने झट से फ़ोटो उठाकर छेद से दूसरे कमरे में झांका.
देख कर मैं दंग रहा गया और मेरा झड़ा लंड अपने आप धीरे धीरे उठने की कोशिश करने लगा. सोनिया मैडम ने आर्या मैडम को बिस्तर पर पटक दिया था और उनपर चढ. कर उनके मम्मे ब्लाउज़ के ऊपर से ही दबाती हुई बेतहाशा उन्हें चूम रही थी. "मेरी जान, हफ़्ता हो गया, तेरी बहुत याद आई, तेरे रस को तो मैं तरस गई, चल जल्दी खोल अपनी बुर और चखा मुझे" कहते हुए सोनिया मैडम ने आर्या मैडम की साड़ी ऊपर की और पेन्टी खींच कर निकाल दी.
आर्या मैडम कहती ही रह गई "ठहर सोनिया डार्लिंग, ठीक से कपड़े तो निकालने दे" पर सोनिया मैडम तो तैश में थी. "अभी टाइम नहीं है, पहले तेरी चूत चुसूँगी और अपनी तुझसे चुसवाऊँगी"
सोनिया मैडम ने अपनी साड़ी ऊपर की. वह पेन्टी पहने ही नहीं थी. आर्या मैडम पर चढ.अकर वह उलटी तरफ़ से लेट गयी और आर्या मैडम की जांघों में सिर डाल दिया. चूसने की आवाज आने लगी. साथ ही सोनिया मैडम ने अपनी जांघों में आर्या मैडम का सिर जकड लिया और उनके मुंह पर अपनी बुर को दबा कर हचक हचक कर आर्या मैडम के मुंह को चोदती हुई चटखारे ले लेकर वह उनकी चूत चूसने लगी.
आधे घंटे की भरपूर चुसाई के बाद सोनिया मैडम कुछ संभली. उठ कर बैठ गयी और आर्या मैडम के ऊपर मर्द जैसी चढ. कर उन्हें चूमते हुए प्यार करने लगी. "मजा आ गया मेरी जान, आज तेरी चूत में कुछ ज्यादा मीठा रस है और निकला भी बहुत. क्या बात है, अपनी यार के अब्सेन्स में मुठ्ठ मारी है लगता है बहुत" वे अपनी सहेली की छाती पर अपनी छाती रगडते और साड़ी के ऊपर से ही उन्हें हल्के हल्के मर्द जैसे चोदते हुए बोली.
आर्या मैडम हंसकर अपनी सहेली के इस उत्कट प्यार का मजा लेती हुई बोली. "बताती हूँ, पर नाराज तो नहीं होगी?" मैं अब थोड़ा टेन्शन में आ गया क्यों की इतनी जल्दी मेरी बात छिड़ेगी यह मुझे नहीं लगा था. अपने खड़े लंड को पुचकारता हुआ मैं बड़ी अधीरता से देखने लगा कि अब क्या होगा.
आर्या मैडम बोली "एक बड़ा प्यारा लड़का है, बिलकुल जवान, समझ लो बच्चा ही है. मुझ पर मरता है. उससे मुझे इन कुछ दिनों में बहुत आनंद मिला है. तुझे मालूम है कि तेरी दोस्ती के बाद मैंने किसी पुरुष को पास नहीं आने दिया. पर यह तो इतना चिकना छोकरा है कि मुझसे नहीं रहा गया."
सोनिया मैडम अब भी बार बार आर्या मैडम के मम्मे मसलते हुए उनकी आँखें, गाल, होंठ चूमती जा रही थी. "स्टुडेन्ट है क्या? किस ईयर मे है?" सोनिया मैडम ने पूछा. "अरे फ़र्स्ट ईयर में है, पर लगता है जैसे अभी भी स्कूल में हो." आर्या मैडम ने जवाब दिया.
"तो कोई बात नहीं. तू इतनी खुश लग रही है तो बड़ा मस्ताना होगा. मुझसे भी मिलवा तो सही." वे बोली. आर्या मैडम बोली. "आज ही मिलवाती हूँ. तू ऐसा कर, यहीं आ जा रात को रहने. तू आयेगी तब तक मैं उसे तैयार करती हूँ. उसे खास तरह से पेश करती हूँ तुम्हारे सामने"
सोनिया मैडम हंसने लगी. "समझ गयी, यहीं है, तेरे पास. उस बंद वाले रूम में होगा. छुपा कर रखा है अपना गुड्डा कि और कोई खेल न ले. चल कोई बात नहीं. तू अपने हिसाब से उसे मुझसे मिलवा. देखूँ तो तेरा कितना दीवाना है. पर जाने के पहले एक बार मेरी चूत चूस अपने खास अंदाज में"
सोनिया मैडम एक कुर्सी में बैठ गई और अपनी साड़ी उठाकर कमर के इर्द गिर्द बटोर ली. मुझे पहली बार ठीक से उनकी साँवली पुष्ट छरहरी जांघों और उनके बीच खिले घने काले बालों के जमघट का दर्शन हुआ. वे अब भी स्लिम हाई हील की सेंडल पहनी थी और उनकी नंगी चिकनी टांगें उन सैंडलों के साथ ऐसी लग रही थी कि जैसे किसी मोडेल की टांगें हों. अपनी झांटों में उँगली चलाती हुई वे बोली. "आ जानेमन, अब जुट जा अपने काम में, बहुत रस इकठ्ठा किया है मैंने हफ़्ते भर में."
आर्या मैडम नीचे उन खुली टांगों के बीच बैठकर बड़े प्यार से उन जांघों को चूमने लगी. फ़िर धीरे धीरे ऊपर बढ. कर आखिर अपनी उंगलीयाँ उन घनी झांटों में चलाते हुए बोली. "सोनिया डार्लिंग, तेरी झांटे तो सबसे अलग हैं. ऐसी घनी और किसी की नहीं हैं. बहुत अच्छा करती है कि इन्हें काटती नहीं, और बढने दे, मैं तो इन पर वारी जाऊँ."
और फ़िर अपना मुंह उनमें डालकर वे झांटों को चूमने लगी. उंगलियों से झांटे अलग करके आखिर उन्हों ने सोनिया मैडम की चूत नंगी की. साँवली जांघें, उन के बीच काली झांटे और उनके बीच गुलाबी भगोष्ठो के बीच दिखता लाल चूत का छेद, मेरे मुंह में पानी भर आया. पर यह माल मेरे लिये नहीं था, कम से कम अभी तो नहीं. आर्या मैडम ने जीभ निकालकर ऊपर से नीचे तक उस निचले रसीले मुंह को चाटना शुरू कर दिया.
सोनिया मैडम कराह उठी. "हाय बेदर्द, तड.अपा मत, चूस ना जोर से" पर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था यह उनके चेहरे पर के भाव से स्पष्ट था. उनका सिसकना अनदेखा करके आर्या मैडम धीरे धीरे उनकी बुर चाटती रहीं और तब तक चाटती रहीं जब तक एक कम्पन के साथ सोनिया मैडम झड नहीं गई. अब उस बुर पर रिसते हुए रस की चमक साफ़ दिख रही थी. रस का बहाव शुरू होते ही आर्या मैडम ने चाटना बंद किया और अपना मुंह खोल कर उन भगोष्ठों को अपने होंठों मे दबा कर ऐसे चूसने लगी जैसे मेरा चुंबन लेती थी.
पम्द्रह मिनट उन्हों ने लगातार चूसा और आखिर आखिर में सोनिया मैडम ऐसी उत्तेजित हुईम कि अपनी टांगें बंद करके आर्या मैडम के सिर को कस के जकड कर अपनी बुर पर दबा कर आगे पीछे धक्के मारने लगी. दो मिनट में वे निढाल होकर कुर्सी में ढेर हो गई. आर्या मैडम ने पूरा रस चाट कर साफ़ किया और फ़िर उठ कर खड़ी हो गई. सोनिया मैडम पर झुक कर प्यार से उन्हें चूमते हुए बोली. "उतर गयी मस्ती? आज सच तेरा भी रस शहद जैसा गाढ़ा था. लगता है मुठ्ठ भी नहीं मारी इतने दिन."
सोनिया मैडम उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगी. "हाँ रानी, मारती तो भी इसका आधा मजा भी नहीं आता. आखिर कंट्रोल कर लिया. सोचा मेरी जान के लिये बचा कर रखूँ." दोनों ने लिपटकर कुछ और चूमा चाटी की और फ़िर जल्दी ही लौटने का वादा करते हुए सोनिया मैडम चली गई. "अपने गुड्डे को तैयार रखना. देखूँ तो क्या चीज़ है!"
उनके जाते ही आर्या मैडम मेरे पास आयी. मैं अब मस्त हो कर मचल रहा था और उनपर चढ. जाना चाहता था पर उन्हों ने मना कर दिया. जल्दी खाना खाकर फ़िर नहाने को ले गई. हम दोनों ने खूब नहाया पर उन्हों ने मुझे झड़ाने से साफ़ इनकार कर दिया. "चल, ऐसा ही मस्त रह, आखिर सोनिया मैडम को भी तो दिखाना है मेरा प्यारा लवर. अब तुझे तैयार करती हूँ."
मुझे समझ में नहीं आया कि क्या तैयारी करनी है पर जल्द ही पता चल गया जब उन्हों ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और अपनी दो ब्रेसियर लेकर मेरे हाथ और पैर कस कर बांध दिये. उनकी मुलायम ब्रा से बम्धना मुझे बहुत अच्छा लगा पर डर भी लगा. "आप क्या कर रही हैं मैडम? प्लीज़ ऐसा मत कीजिये." मेरी बात अनसुनी करके उन्हों ने कस कर मेरे हाथ पैर बांध दिये.
"जरूरी है बेटे दो कारणों से. एक तो सोनिया मैडम जानती है कि तू मेरा गुड्डा है और इसलिये मैं तुझे उसके सामने एक असहाय खिलौने की तरह पेश करना चाहती हूँ जिसके साथ कुछ भी किया जा सकता है. वह इस पर मचल उठेगी. दूसरा यह कि वह नाराज नहीं है कि मैंने उसकी पीठ पीछे तुझसे चुदवा लिया. जरूर वह हमारे साथ ही अब रति करेगी और तेरे साथ अब तरह तरह के खेल वह मुझसे खिलवायेगी या मेरे साथ मिलकर खेलेगी. हमें सिर्फ़ देख कर तेरी यह हालत है तो जब तेरी दो नंगी मैडमें, तेरी पूज्य टीचरें तेरे साथ मन चाहे वह करेंगी तो तू सह नहीं पायेगा. और मैं चाहती हूँ कि तू तब तक न झड़ें जब तक हम न चाहें और इतना सुख उठाये कि तुझ से रहा न जाये. इसलिये तुझे बांधना ही जरूरी है."
शुक्रिया भाईGazab ki update he vakharia Bhai,
Ab do do hawas ki pyasi aurate launde ka maja lengi..............
Keep posting Bhai