. चुनिया -बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
तेरी अम्मा के नखड़े मैं सारे उठाउंगी, तेरी माई के नखड़े मैं सारे उठाउंगी ,
और मुड़ के सुरजू की माई की ओर सर झुका के दोनों हाथ जोड़ के फिर से एक चक्कर मार के ठुमका लगा के गाया
तेरी अम्मा के नखड़े मैं सारे उठाउंगी, तेरी माई के नखड़े मैं सारे उठाउंगी ,
सुरजू की माई खूब खुश, उन्होंने हाथ उठा के आशीर्वाद दिया और चुनिया ने बुच्ची को देख के पास में जा के गाना आगे बढ़ाया
बुच्ची की ओर मुड़ के बोली लेकिन, और बुच्ची ने भौहे मटकायी जैसे पूछ रही हो क्या?
और चुनिया ने क्या कमर मटकायी, क्या चक्कर मारा और फिर माला जैसे एकदम बन्ना बने बुच्ची के पास ले जा के गाया
बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
तेरी अम्मा के नखड़े मैं सारे उठाउंगी, तेरी माई के नखड़े मैं सारे उठाउंगी ,
लेकिन तेरी बहना पे अपने भाई को चढ़ाउंगी, तेरी बुच्ची पे अपने गप्पू को चढ़ाउंगी
बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
और अब वो जोर से हो हो हुयी, लड़कियों ने मुंह में ऊँगली डाल के सीटी मारी, ढोलक खूबी तेज से टनकने लगी, बुच्ची जैसे सोच में पड़ गयी, ये शर्त माने न माने
लेकिन चुनिया ने फिर गाया
बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
तेरी अम्मा के नखड़े मैं सारे उठाउंगी, तेरी माई के नखड़े मैं सारे उठाउंगी ,
लेकिन तेरी बहना पे अपने भाई को चढ़ाउंगी, तेरी बुच्ची पे अपने गप्पू को चढ़ाउंगी
बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
और बन्ना बनी बुच्ची को पकड़ने की कोशिश की लेकिन बुच्ची मुस्कराते हुए, उसकी बाहों से फिसलकर निकल गयी, और दूर खड़ी होक उसे जीभ चिढ़ाते हुए अंगूठा दिखाने लगी,
कोई भौजाई बोली, " अरे बन्ने मान जा, तेरा भी फायदा तेरी बहना का भी फायदा, लम्बा मोटा औजार मिलेगा, गपागप घोंटेंगी
दूसरी बोली, दूल्हे की बहन पर तो दुल्हिन के मायके वालों का पहला हक होता है
और चुनिया ने फिर अपनी बात साफ़ की
बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
सेजों पे तुझे मजा कराउंगी, तुझे मैं मस्ती खूब कराउंगी
लेकिन तेरी बहना का जोबन अपने भाई से मिजवाउंगी
तेरी बुच्ची का जोबन गप्पू से मलवाउंगी
और अब मामला एकदम खुल के था, टॉप तो दोनों के ऊपर उठ गए थे, लेकिन रामपुर वाली भाभी ने गाने का लेवल एकदम से बढ़ा दिया और अब सब औरतें, लड़कियां मजे ले लेकर गा रही थीं,
बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी, बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
सेजों पे तुझे मजा कराउंगी, तुझे मैं मस्ती खूब कराउंगी
बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी,सेजों पे तुझे मजा कराउंगी,
लेकिन पहले तेरी बहना को, तेरी बुच्ची को घोड़ी बनवाऊंगी, तेरी बुच्ची को कातिक की कुतिया बनवाऊंगी,
तेरी बुच्ची को घोड़ी बनवाऊंगी, तेरी बुच्ची को कातिक की कुतिया बनवाऊंगी,
और बुच्ची जो खूब मजे ले रही थी, खुद निहुर के घोड़ी बन गयी, और चुनिया, उसके पीछे, और एक झटके में बुच्ची की शलवार का नाड़ा भी खुला और शलवार सरक के घुटने तक, और गाना फिर तेज हो गया था, चुनिया और गप्पू की बड़ी बहन, रामपुर वाली भौजी गा रही थीं , साथ में अब सब लड़कियां, औरतें
लेकिन पहले तेरी बहना को, तेरी बुच्ची को घोड़ी बनवाऊंगी, तेरी बुच्ची को कातिक की कुतिया बनवाऊंगी,
तेरी बुच्ची को घोड़ी बनवाऊंगी, तेरी बुच्ची को कातिक की कुतिया बनवाऊंगी,
अपने गप्पू से तेरी बुच्ची को खूब चुदवाउंगी , गपागप चुदवाउंगी
और सब लोग मान गए बुच्ची और चुनिया की जोड़ी को, स्साला क्या कोई मरद चोदेगा, जिस तरह से चुनिया ने सबके सामने बुच्ची की टाँगे फैलायीं, बीच में अपनी दोनों टाँगे फंसा दी, की धक्के पड़ने पर स्साली सिकोड़ न ले, और फिर एक हाथ कमर पे और दूसरा जोबन पे और रगड़ रगड़ के, गिन गिन के धक्के मारे,, चुनिया की भी शलवार किसी लड़की ने खींच के नीचे, और अब दोनों सहेलियों की चुनमुनिया आपस में रगड़ खा रही थी, लेकिन चुनिया ने कुछ उसके कान में भी कहा, प्यार से भी धमका के,
" स्साली, बोल हाँ, सबके सामने, नहीं तो एक साथ तीन ऊँगली अंदर करूंगी, जो तुझे अपने सुरजू भैया से अपनी झिल्ली फड़वाने का शौक है न बस यहीं फट जायेगी सबके सामने और तेरे भैया को फटी फटी मिलेगी, "
" कमीनी, हाँ तो कर दिया है, अब कैसे करूँ, स्साली ऊँगली किया न तो कुट्टी, पक्की वाली और तेरा भाई भी देखता रह जाएगा, " बुच्ची गुस्से से धीमे धीमे फुसफुसाते बोली, लेकिन डर उसे लग रहा था, कहीं सच में ये छिनार,
" चल एक बार और हाँ बोल दे, सबके सामने जोर से " चुनिया ने दोनों जांघों के बीच एक हथेली डाल के अपनी सहेली की कुँवारी एकदम कच्ची सहेली को रगड़ते बोला
" लेकिन तू ऊँगली नहीं करेगी, और पहले अपने भैया से उसके बाद पक्का चल तू भी क्या याद करेगी, गप्पू बेचारा इत्ते दिन से पीछे पड़ा है तो उसका भी मन रख दूंगी। " मुस्कराते हुए बुच्ची बोली
और एक बार फिर से गप्पू की बड़ी बहन, रामपुर वाली भौजी दुहरा रही थीं, जोर जोर से गा रही थीं
लेकिन पहले तेरी बहना को, तेरी बुच्ची को घोड़ी बनवाऊंगी, तेरी बुच्ची को कातिक की कुतिया बनवाऊंगी,
तेरी बुच्ची को घोड़ी बनवाऊंगी, तेरी बुच्ची को कातिक की कुतिया बनवाऊंगी,
अपने गप्पू से तेरी बुच्ची को खूब चुदवाउंगी , गपागप चुदवाउंगी
और अबकी बुच्ची ने एक बार फिर जोर से हाँ हाँ हाँ कहा पूरे पांच बार, और चारो ओर देखकर, रामपुर वाली भौजी को भी सुनाते हुए ,
वो हाँ तो सबने सुनी और सब समझ गए किस बात की हाँ है लेकिन ये बात भी कई लोगो ने सुनी जो बुच्ची ने बोली थी,
" पहले अपने भैया से उसके बाद पक्का चल तू भी क्या याद करेगी, गप्पू का भी मन रख दूंगी। "
और जिन लोगों ने सुनी उसमे इमरतिया, मुन्ना बहू, मंजू भाभी, रामपुर वाली भाभी के आलावा भी घर की कई भौजाइयां, लड़कियां और काम करनेवाली थीं,
बस अपनी जीत का जैसे एलान करते हुए चुनिया ने बुच्ची का कुर्ता पूरी तरह अब खींच के उतार दिया, खड़ी होक लहराया और पूरी ताकत से जो फेंका तो सीधे मुन्ना बहू की गोद में और उन्होंने दबोच लिया।