• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

Well-Known Member
22,259
57,932
259
बेटी गरियाते हुए वियाग्रा का डोज दे रही है...
ताकि दुगने जोश से उसका भैया.. उसकी बजा सके...
और माँ बेटे ने तो मिलकर गितवा को बांट लिया...
अब तो उसकी खैर नहीं.....
बचा के करेगी भी क्या चढ़ती जवानी है अभी तो लुटाने का मौका है
 

komaalrani

Well-Known Member
22,259
57,932
259
रीत करन -चंद्र ग्रहण


कभी कभी रिश्तों को नज़र लग जाती है

पूनम के के चाँद पर ही ग्रहण लगता है और चांदनी थर्राने लगती है

please do read these posts in Rang Prasang and share your feelings, thanks.


 

arushi_dayal

Active Member
733
3,190
124
जो मर्द बडे लंबे मोटे मुसल पर घमंड करते है उन्हे मैं बता दु कि "जंग में हौंसले जीतते है, हथियार नहीं।"
मर्द जीतना भी दमदार क्यो ना हो..औरत कितनी भी नाजुक क्यो ना हो लेकिन अगर औरत ठान ले तो आखिर में बिस्तर पर जीत उसकी ही होगी।

32-F54-E40-2-BE9-4323-9-DCA-44-B72843813-B
 

Luckyloda

Well-Known Member
2,459
8,078
158
जो मर्द बडे लंबे मोटे मुसल पर घमंड करते है उन्हे मैं बता दु कि "जंग में हौंसले जीतते है, हथियार नहीं।"
मर्द जीतना भी दमदार क्यो ना हो..औरत कितनी भी नाजुक क्यो ना हो लेकिन अगर औरत ठान ले तो आखिर में बिस्तर पर जीत उसकी ही होगी।

32-F54-E40-2-BE9-4323-9-DCA-44-B72843813-B
Wo to hai hi.... uske pass kam se kam 3 ched haj aur aadmi k pass 1 hi hathiyaar☹️
 

Luckyloda

Well-Known Member
2,459
8,078
158
जो मर्द बडे लंबे मोटे मुसल पर घमंड करते है उन्हे मैं बता दु कि "जंग में हौंसले जीतते है, हथियार नहीं।"
मर्द जीतना भी दमदार क्यो ना हो..औरत कितनी भी नाजुक क्यो ना हो लेकिन अगर औरत ठान ले तो आखिर में बिस्तर पर जीत उसकी ही होगी।

32-F54-E40-2-BE9-4323-9-DCA-44-B72843813-B
Aurat se to bhagwan bhi nahi jeet paye Phir bechare aadmi ki kya aukaat hai ??
 

komaalrani

Well-Known Member
22,259
57,932
259
उभरे वक्ष और नितम्भ, खुले बाल, गहरी नाभी, खनखनती चूड़ी , पायल की झंकार आदि हम औरतों के अस्त्र होते हैं जो किसी भी पुरुष को कामवासना के लिए प्रेरित कर देते हैं।
औरत चाहती है वो अपनी बांहों मे कसकर जकड़ हमारे कान के निचे, गर्दन, कंधों पर के रूह की खूसबू को अपनी सांसों मे भर ले और बिस्तर पे ले जाके गचा गच चोद के संतुष्ट कर दे



614-FAB93-6-B76-4438-BA2-B-845-DA8-DF74-BB 6129792-D-78-CE-442-F-8-F50-F0-E19-A23-E9-D7 1-DDE9675-9-E63-48-E6-BC48-4-B81-A673-BA53 3326677-F-2840-43-E8-AF5-E-2-B2-E5-D15-C3-CE 8377-F281-8007-41-FD-BD92-B6766-E2-FD109 BB040-F66-A45-B-4-E84-9-DD6-DF01750491-AE E10-F8-F70-F5-F5-48-C7-86-FF-5-F77-B14-D7-D9-A
upload mp3 free no registration
एकदम सही कहा आपने
 

komaalrani

Well-Known Member
22,259
57,932
259
औरत का सम्मान करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए जो औरत पति के पाँव छू कर आशीर्वाद लेती है तो पति की भी जिम्मेदारी है की पत्नी के पैरों को उठाकर इसे अपने जांघो के सिंहासन पर जगह दे और उसे प्यार से झूला झुलाते हुए उसके अरमानो को ऊपर उठाकर सिंघासन का चरमसुख दे

0291-C724-0-E1-C-44-CC-8991-F2-B24-A072-A2-C
और इतना आनंदित कर दे कि वो हर रात बिस्तर में उसका इंतजार करे
भावना भी बहुत उत्तम है और आसन भी

सच में हर औरत यही तो चाहती है

और सुहागरात के बाद सारी ननदें, जेठानियाँ, सास यही देखती हैं की दुल्हन के पैर में रच रच के लगाई गयी महावर लड़के के माथे में लगी है की नहीं

और सुहागरात की तैयारी के समय सबसे पहले पायल और बिछुए पहनाये जाते हैं वो भी घँघुरु वाले , की सैंया जी के कन्धों पे चढ़के यही तो सारी रात बजेंगे और बाहर कान पारे ननदों को भी अंदाज लग जाएगा,... भैया ने काम शुरू कर दिया,

एक लोक गीत भी है जिसका इस्तेमाल मैं अक्सर करती हूँ

छोटे दाने वाला बिछुआ गजबे बना, छोटे दाने वाला,

अरवट बाजे, करवट बाजे,... सैंया संग सेजरिया पे बाजे ,...:superb::superb::superb::superb::superb::superb:
 

komaalrani

Well-Known Member
22,259
57,932
259
Nanad ki to bahut buri halat krdi geeta ke bhai ne. Bilkul rehem nhi kiya
are Gaon ki mehman thi phulawa ki nanad to use kuch jor to dikahna tha naa and thanks for gracing the thread and such nice comments
 

komaalrani

Well-Known Member
22,259
57,932
259
komaalrani ma'am
दिल को फिर से बारी-बारी
चिटकाई.....
आपकी शब्द है जिनमें चिंगारी ....
जो चढ़ गये हर एक शब्द दिमाग पर
लिए बिना गर्दन को गुरे पढ़ूँ हर रोज
कलम, आज कोमल जी की ही बोले।

जो अगणित शब्द आपके
तूफानों में एक किनारे,
जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन
माँगा नहीं फिर भी मिलते है अपडटे आपके
कलम, आज कोमल जी की ही बोले।

फिकर हर रीडर की
एक चांद एक सूरज


हम रीडर अंधा चकाचौंध का मारे
क्या जाने इतिहास एक लेखीका की
तुम बनी मेरी सहेली
कलम, आज कोमल जी की ही बोले।
बहुत ही सुन्दर कविता

आभार, नमन धन्यवाद
 

komaalrani

Well-Known Member
22,259
57,932
259
पिछला भाग -

भाग ४९ -पृष्ठ ४२० - मस्ती - माँ, अरविन्द और गीता की

अगला भाग

भाग ५०

माँ संग रगड़ाई -

अरविन्द, गीता और माँ
 
Top