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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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ऐसा वर्णन कहीं और नहीं मिलता... बस कोमल रानी की कृपा है...
🙏🙏
 

komaalrani

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माहौल हीं ऐसा होता है...
कि नाड़ा के साथ-साथ सबकुछ खुलने लगता है...
एकदम तन मन सब कुछ
 

komaalrani

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हाँ.. सहेलियों के किस्से सुन सुन के मन तो उसका भी ललच रहा होगा...
एकदम वो सोच रही होगी की अब मैं भी बताउंगी उन कमीनियो को कि मैंने भी गन्ने के खेत का मज़ा ले लिया है

और बताने की जरूरत ही नहीं, खेत में काम करनेवालियाँ खुद ही नमक मिर्च लगा के शाम ढलने के पहले ही पूरे गाँव में बाँट देंगी
 

komaalrani

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जो गन्ने का रस सबको नीचे के मुँह से..
अब वही रस बहिनिया भी.. गन्ने के खेत में मोटे गन्ने का गाढ़ा रस...
अपने गन्ने के खेत में दिन दहाड़े

अपने सगे भाई के संग गन्ने का रस

बात ही कुछ और है
 

komaalrani

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ये कंधे पे पैर चढ़ा के .. साथ में चूमते हुए .. चोदने का मजा.. कई गुना बढ़ जाता है...
इसलिए सबसे पॉपुलर

बाकी काम के साथ चुम्मा चाटी देखा देखी भी
 

Random2022

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खबर









गीता रुक गयी और फिर बोली,

" बाऊ जी जब गए तो पांच छह महीने पहले तक हर हफ्ते शुक्र के दिन वहां से फोन आता था , मैं भी बात करती थी खुस थे , ... लेकिन बाद में बोले की कउनो खेला होने वाला है बहुत मकान और न जाने का का बन रहा है, तो काम ख़तम होने के बाद ही,... आ पाएंगे ,... लेकिन पांच महीने से कोई फोन भी नहीं आया, गाँव के एक दो लोगों से माँ ने बात की तो वो लोग समझाये की काम ज्यादा होने पे फोन रखवा लेते है , कुछ नहीं होगा पर,... "


गीता के चेहरे पर फिर झाईं सी छा गयी और वो रुक गयी,...

बोलने की कोशिश की पर आवाज नहीं निकल पायी। आवाज रुंध सी गयी, दो तीन बार के बाद धीमे धीमे वो बोली,...

माँ के जाने के कुछ दिन पहले,... चार पांच दिन पहले,... मुझे नहीं दिखाया,... भैया एक अखबार कहीं से लाया था, दो दिन पुराना, ... कमरा बंद कर के माँ को दिखाया,... मुझे माँ के जाने के बाद पता चला,... भैया ने ही बताया,... ४१ लोगों की फोटो छपी थी,... बाउ जहाँ गए थे,... वहां जहाँ मैचवा,... और बहुत काम हो रहा था,... का नाम, हाँ क़तर,... वो लोग जो वहां काम करते हुए,... नहीं रहे,...


गीता फिर चुप हो गयी,... फिर अब उसने बोलना शुरू किया तो नहीं रुकी,...

बहुत खराब खबर थी,... पास के गाँव की दो औरतों ने,... एक को तो मैं जानती भी थी,... सिन्दूर पोंछ लिया, चूड़ी तोड़ दिया,...बिदा होके गौने आयी थी तो मैं गयी थी, गौने के दस दिन के अंदर ही,... उसका मरद, वही बाबू जी वाली एजेंसी से ही,... साल भर हुआ होगा,... बोल के गया था जल्दी आयंगे,... हम लोग चिढ़ाते भी थे की जब अबकी आएंगे तो नौ महीने बाद सोहर होगा,... लेकिन,... लेकिन अखबार में फोटो आयी।




वहां कोई बिल्डिंग गिरी थी और भी कुछ कुछ गड़बड़ हुआ था, ... लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा था, कोई खोज खबर नहीं,... अब उस अखबार वाले ने कहीं से पता कर के जितना मिला,... लेकिन,... बाउ जी की फ़ोटो उसमें नहीं थी,...


भैया तो तब भी डरा सहमा,... जिनसे अखबार ले आया था वो उससे बोले थे,... की अरे सबकी फोटुवा अखबार वाले को थोड़ी मिली होगी, ... जिसका पता नहीं चल रहा, समझो,...

मैं जान रही थी मामला कुछ सीरियस है,... मैं भी दरवाजे से चिपकी,... माँ की आवाज सुनाई पड़ी , एकदम जोर से भैया से,... नहीं नहीं तोहरे बाउजी को कुछ नहीं होगा, देखो अखबार में उनकी फोटो नहीं है, .. कउनो मुसीबत तो है, लेकिन देखना वो आएंगे जरूर आयंगे,... मैं हूँ न सावित्री,... सत्यवान को ले आउंगी,... इतना बरत पूजा , झूठ नहीं जायेगी,...

मैं जाउंगी उन्हें लाने,...

और जब वो बाहर निकलीं,... तो उन्होंने भैया को कहीं भेज दिया,... मेरा डरा सहमा घबड़ाया चेहरा देख के पहले तो बस वो मुझे देखती रहीं,... फिर उन्होंने मुझे भींच लिया और जैसे बाँध टूट पड़ा,... बस हिचक हिचक के,... उनकी साड़ी, मेरी फ्राक,... उनके आंसुओं से,... और बिना कुछ समझे,... माँ की आंखों से ये आंसू मैं पहली बार देख रही थी,... मैं भी रोने लगी, देर तक तक हम दोनों माँ बेटी एक दूसरे को दबोचे जैसे एक दूसरे का संबल बने आंसू बहाते रहे,... वो डर जो वो भैया से तो छुपा ले गयी थी पर मुझसे नहीं,... और जब चुप हुईं तो भी मुझे भींचे, सुबक सुबक के बोलती रहीं,...

" तु मत घबड़ा, मैं हूँ न,... बचपन से तुझे,... मैं रहूंगी न,... और तेरा भाई भी,... तुम दोनों को परेशान होने की बात नहीं,... वो आयेंगे,... कुछ नहीं होगा,... मैं रहूंगी न,... "

मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था बस जब मैं छोटी थी, बिजली कड़कती, कोई जोर से बोलता तो बस माँ की गोद में चिपक जाती,... बस उसी तरह चिपकी,...



गीता ने अबकी जब बोलना बंद किया तो छुटकी की भी समझ में नहीं आरहा था क्या कहे,... कई बार हिम्मत बंधाना भी बड़ा फर्जी लगता है, शब्द से ज्यादा चुप्पी ही सहारा देती है,...

बात फिर से गीता ने ही शुरू की,...

शाम को चाचा का फोन आया,... भाई ने उठाया था,...

अबकी छुटकी ने हिम्मत कर पूछा क्या बोला था चाचा ने वो बंबई में,...



" हाँ, बंबई से,... " गीता बोली, फिर साफ़ किया,... जब से बाउ जी खुद चले गए थे वो लड़को की टीम लेकर,... उनका बंबई वाला हिसाब किताब,... गड़बड़ा रहा था जिसको सम्हाल के बोले थे वो कुछ न कुछ बहाना बना के तो माँ ने चाचा से कहा,... फिर महीने दो महीने के लिए चाचा बंबई का काम धाम देखने लगे , कभी कभी आते,... तो वही माँ को फोन किये थे की उनसे ठीक से सम्हल नहीं रहा है और एक बात और बताये की वो जो एजेंसी वाला सऊदी या पता नहीं कहाँ का है वो फोन किया था... जबसे अखबार में सब फोटो छपी है वहां भी बहुत हल्ला है,...

की बाउजी ठीक हैं,... बकी अभी मैचवा सब होने वाला है दुनिया भर के अखबार टीवी वाले ,... तो तीन चार महीना और जो लोग यहाँ से गए थे उन सब लोगों को एक जगह रखा है , लेकिन ऐसी जगह की कोई मिल न पाए और वो बात भी नहीं करवा पायेगा, हाँ तीन महीना के बाद,....

और साथ में एजेंसी का जो बाउ जी का हिस्सा है वो किसी को वो चाहता है ,... "

गीता रुक गयी, फिर थोड़ा सा मुस्करा के बोली,... माँ भले गाँव की हैं लेकिन बड़ी समझदार वो समझ गयीं की चाचा क्या कहना चाहते हैं

वो खुद बोलीं, " अरे वो एजेंसी जिस को देना चाहता है जिस भाव देना चाहता है दे दो अब ऐसा काम नहीं करना है , लेकिन एक बार बोल देना की आपको उनसे बात करवा दे,... जरूरत हो तो आप चले जाओ,... कह देना की सब कागज हमारी भौजी के पास है और वो कही हैं की बिना उनसे बात किये,... और मैं आ जाउंगी आठ दस दिन में , बंबई का काम देखने, आप चले जाओ,... में सब सम्हाल लूंगी, वहां का भी,... इतने दिनों से सब खेती बारी अकेले देख ही रही हूँ कुछ भी हो अपने भैया का पता जरूर लगा के आना, और मुझसे कुछ छिपाना मत तोहरी भौजी में बहुत हिम्मत है. हम आ रहे हैं बंबई। "
Very emotional, bahut kam hota h apki stories me.
 

komaalrani

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Apki stort me mene notice kiya hai ki kai character ke Pita ji ka jikar nhi hota. Jese komal ji ke father ka kisi story me nhi hai, apke sasur ji ka bhi nahi hai, koi khaas vajah Komal ji
aapko shaayd is saval ka is post ke baad javab mil gaya hoga maine kaha tha bas kahani se jude rahiye, aur Geeta ke baabu ji ka jikr pahle hi story men aa chuka tha isliye. Thanks apako ye part accha laga
 

komaalrani

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उन दोनों को तो ये चीखो-पुकार गीत-संगीत लगता होगा...
और बार बार इस धुन को सुनने के लिए...
दोनों मैदा
फुलवा की ननद इन दोनों की ननद

और ननद की चीख पुकार से मीठा संगीत क्या होगा, अमराई है घने बादल, भीगी नम हवा, और यह संगीत
न में उतर आती थीं...
 

komaalrani

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और थोड़े नखड़े भी झलकाए.. थोड़ी मान मनौव्वल..
और उस पीड़ा को झेलने के बाद की मस्ती...
आनंद की कोई सीमा नहीं...
एकदम यही बात है थोड़ा नखड़ा थोड़ा मन मनुहार
 

komaalrani

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अजी सुनते हो... कुछ करते क्यों नहीं....
ekdam,... fir vo karegaa 🤣🤣
 
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