- 22,122
- 57,303
- 259
भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
please read, enjoy and comment. your support is requested
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
please read, enjoy and comment. your support is requested
Last edited:
Maza aa gaya. Muje to chhutkiya ka hi to intjar tha. Vo kuchh karegi pakka. Bella ka bhog to jit te hi mang lo. Maza aa jaega. Amezigकबड्डी- पहला राउंड
मैंने मन ही मन स्ट्रेटजी बना ली थी, और छुटकी भी कब्बड्ढी की एक्सपर्ट वो भी तेज निगाह से देख रही थी और मेरी चार सहयोगी, गुलबिया, चननिया, चमेलिया और रमजनिया वो भी ध्यान लगा के नैना की ट्रिक देख रही थीं। नैना की टीम सोच रही थी मैं इन चारों में से किसी को भेजूंगी लेकिन मैंने रज्जो भाभी को भेजा और समझा दिया की कुछ हो बस न मरना न मारना। खाली ऐसे चक्कर काट के आ जाना जिससे मैं उन की ट्रिक समझ के तरीके से,... और वही हुआ।
नैना ने अर्ध चंद्रकार गोला बना लिया था सबसे सेण्टर में नैना और गीता, उनके चारो और चार पांच नयी लड़कियां जो रज्जो को उकसा रही थीं अंदर आने के लिए ,... मैं समझ गयी असली खेल उन चार का है जो जाने वाले को नहीं दिख रही हैं ,.... और वो अचानक दाएं बाएं से मिल के दीवार बनाने वाली थीं रज्जो को रोकने के लिए, छुटकी ने जोर से सीटी मारी,... रज्जो वैसे भी ज्यादा अंदर नहीं घुसी थीं बस वो पलट के वापस , ...
लेकिन तबतक सामने की लड़कियों ने झप्पटा मारा , पर गिरते गिरते भी वो किसी तरह लाइन पार कर गयीं और हम लोगों ने सांस ली।
उनकी और से एक नयी कच्ची कली आयी, ...
बेला देख के मेरा मन मचल रहा था एकदम छोटे छोटे चूजे २८ भी नहीं होंगे लेकिन थी बड़ी फुर्तीली, ...
गनीमत थी मैंने सबको समझा दिया था की कोई इसके पास भी नहीं आएगा हाँ दूर दूर से , सबसे आगे छुटकी, मिश्राइन और दूबे भाभी को मैंने सबसे पीछे छुपा के रखा था और दोनों के साथ एक एक पहरेदार, रमजनिया और गुलबिया,...
बेला भी बस लाइन के आस पास ,... और वो भी लौट गयी.
दो रेड ऐसे ही निकल गए और ननदों ने समझ लिया मामला टेढ़ा है लेकिन हम लोग भी प्वाइंट स्कोर नहीं कर पा रहे थे, और पंद्रह मिनट के बाद ब्रेक होने वाला था, ...,
और मैंने छुटकी को भेजा। अबतक मैंने छुटकी को समझा के रखा था वो पीछे ही रहे,... और ज्यादा जोश न दिखाए, मैं नहीं चाहती थी ननदों को अंदाज लगे की छुटकी जिसका शिकार वो सब करना चाहते हैं हमारे ग्रुप की सबसे बड़ी शिकारी है।
अगली बार छुटकी ही गयी,...
लड़कियों ने खूब हो हल्ला किया चुदवाने आयी है मार लो इसकी,... लेकिन उन्हें छुटकी का अंदाजा नहीं था /
Hai ri meri chhutki. Dekha meri chhutkiya ka kamal. Vo na kabu aae. Komaliya ka chhota roop he vo. Amezig.कबड्डी-छुटकी का हमला
और मैंने छुटकी को भेजा। अबतक मैंने छुटकी को समझा के रखा था वो पीछे ही रहे,... और ज्यादा जोश न दिखाए, मैं नहीं चाहती थी ननदों को अंदाज लगे की छुटकी जिसका शिकार वो सब करना चाहते हैं हमारे ग्रुप की सबसे बड़ी शिकारी है।
अगली बार छुटकी ही गयी,...
लड़कियों ने खूब हो हल्ला किया चुदवाने आयी है मार लो इसकी,... लेकिन उन्हें छुटकी का अंदाजा नहीं था /
उन लोगों ने फिर सेमी सर्किल बनाया जैसे बहेलिया जाल फेंकता है और छुटकी ने जान के अनदेखा किया की चार तगड़ी लड़कियां साइड में हैं, पीछे से उसे दबोचने के लिए तैयार हैं,... वो कुछ देर लाइन के आस पास और फिर गजब की फुर्ती से वो एकदम उसी सेमी सर्किल के अंदर घुसी और नैना ने इशारा किया लड़किया और पीछे हो गयीं, और उधर दाएं बाएं से बिना आवाज किये उनकी सबसे चार तगड़ी लड़कियां पीछे से पकड़ने के लिए ,... रेनू, चंदा, लीला नीलू. रेनू और चंदा दायीं और और लीला और नीलू बायीं ओर।
रेनू और चंदा दायीं और और लीला और नीलू बायीं ओर।
वो सब सोच रही थीं की छुटकी मारे जोश के अंदर घुसेगी और वो सब दबोच लेंगी, ...
पर छुटकी की चार आँखे थी... अचानक वो पीछे मुड़ी और एकदम झुक के जैसे जमीन के पैरेलल, उसे पकड़ने के लिए जो लड़कियां थीं उनके हाथ में हवा लगी और छुटकी ने एक की टांग पकड़ के खींचा और वो धड़ाम से गिरी।
ये रेनू थी.
उसकी पकड़ के आगे सब भौजाइयां पानी मांगती थीं , इंटर में पढ़ती थी। फुर्तीली भी बहुत कालेज की कबड्डी टीम में भी , और उसके बैठने झुकने के अंदाज से ही छुटकी ने समझ लिया था की नैना की टीम में यही है जिसे सबसे ज्यादा दांव पेंच मालूम होंगे और तगड़ी डिफेंडर होगी , पिछले साथ ६ भौजाइयां जो पकड़ी गयी थीं उनमे से ४ को रेनू ने ही दबोचा था।
लेकिन लाइन अभी भी दूर थी और अब नैना और बाकी लड़कियां छुटकी को छापने के लिए तेजी से आगे बढ़ी।
चार जो उसे पकड़ने के लिए बढ़ी थी एक, रेनू को उसने गिरा दिया था पर दो ने फिर लपक के छुटकी को दबोचा, कन्नी काट के छुटकी बची तभी जो गिरी थी, रेनू, उसने छुटकी का पैर दबोच लिया।
लेकिन छुटकी क्राल कर के सरकते हुए लाइन तक, मुश्किल से एक बित्ता बचा था, अब तक नैना और दो और लड़कियां उसके ऊपर टूट पड़ी थीं, पर छुटकी ने हाथ बढ़ा के न सिर्फ लाइन छू दी बल्कि कोहनी तक लाइन पार हो गयी और रेफरी ने जोर से सीटी बजायी।
भौजाइयों की टीम ने पहला प्वाइंट स्कोर कर लिया था। और ननदों की टीम की एक तगड़ी खिलाड़ी जो हर बार उनकी जीत का कारण बनती थी , गेम से बाहर हो गयी थी , छुटकी ने जान बूझ के उसी को टारगेट किया था.
उसके आते ही मिश्राइन भौजी और मंजू भाभी ने एकदम गले से लगा लिया और हमारी टीम के बाकी लोगों ने, लेकिन मैं सोच रही थी फर्स्ट राउंड में ही कम से कम उनके टीम की एक खिलाड़ी परमानेंट बाहर हो जाए,...
और उनकी ओर से कजरी आयी, नाउन की बिटिया नैना की असिस्टेंट और गुलबिया की सगी छुटकी ननद।
Bhoujiyo ke joban ka josh he. Kaha tikegi ye chhinar nandiyaकबड्डी-कजरी ननदिया की रगड़ाई
और उनकी ओर से कजरी आयी, नाउन की बिटिया नैना की असिस्टेंट और गुलबिया की सगी छुटकी ननद।
और कजरी को देख के ही मेरे कान में एक आवाज गुंजी, ' चररर, चररर " और मैं मुस्करायी कस के आवाज मेरे मन की थी,
सच में ननद हो, होली और कपडे न फाड़े जाएँ, बड़ी ज्यादती है
अभी दो चार दिन पहले ही तो होली के दिन, मैंने इस के न सिर्फ फ्राक फाड़ी थी बल्कि ऊँगली भी की थी कचकचा के, और तभी तो पता चला था की उसकी झिल्ली किसी ने गन्ने के खेत में फाड़ दी, पर थी बहुत ही कसी और रगड़ाई में उसने कबूल भी कर लिया, फटी है लेकिन सिर्फ एक बार कोई चढ़ा है ऊपर उसके, उमर में छुटकी से भी थोड़ी छोटी ही होगी, दोनों टिकोरे लेकिन जबरदस्त, एकदम कच्चे कड़े कड़े,
और आज तो सबके सामने अगर इस स्साली के कपडे न फटे टिकोरे न मसले गए,
और मेरी नाउन की बहु, कजरी की भौजी गुलबिया से मेरी नजरे मिलीं और तय हो गया स्साली की ले लेनी है बच के न जाने पाए अब बहुत हो गया चोर सिपहिया।
और प्लान बन गया.
गुलबिया कजरी को ललकारने लगी, " आओ छू लो आओ न , ननद रानी काहें डर रही हो " और गुलबिया ने चारों ओर देख के बोल दिया,
" हे कोई ओर नहीं पकड़ेगा मेरी ननद को "
और सब लोग दूर दूर हो गए , लेकिन ये इशारा पहले से तय था मतलब बाकी तीन मेरी टीम की तगड़ी चमेलिया, चननिया और रमजनिया साथ में छुटकी एकदम लाइन के पास
पर गीता और नैना उस पार से देख रही थीं , और वही से कजरी को समझाने लगीं ,...
हे कजरी नहीं नहीं अंदर मत जाओ , वापस वापस लाइन के पास,
लेकिन गुलबिया अब खुद उसके पास आ गयी थी और ननद को भौजाई को हराने का सुनहला मौका था पर कजरी जैसे उसे छूने के लिए बढ़ती गुलबिया कन्नी काट के कभी दाएं कभी बाएं, खुद अपना हाथ बढ़ा के कजरी की ओर छू न , छू न
कभी एक इंच कभी दो इंच दूर बस और जित्ती बार कजरी झप्पटा मारती उसके हाथ हवा लगती,
लेकिन लाइन उस पार गीता और नैना हम लोगों की ट्रिक समझ रही थीं बार बार बोल रही थीं ,
कजरी वापस आ , वापस आ,... लेकिन उन को भी नहीं अंदाज था क्या होने वाला है,...
मैंने गुलबिया को आँख मार के इशारा किया।
और अब जैसे ही कजरी ने झप्पटा मारा, गुलबिया ने उसे छू लेने दिया और उस का हाथ पकड़ने की कोशिश की लेकिन कजरी भी कम खिलाड़ी नहीं थी , छू के कन्नी काट के वो वापस आने के लिए मुड़ी और तेजी से अपनी लाइन की ओर, लेकिन सामने दीवाल थी, मोहिनी , रमजानिया, चमेलिया और चननिया , इन से पार पाना मुश्किल था और ये चारो एक दूसरे का हाथ पकडे चेन बना के,
अब उनको पार कर के लाइन पार करना मुश्किल था, पर मैं मान गयी कजरिया को पल भर में वो दाएं से बाएं मुड़ी बिजली की तेजी से बस मुश्किल से पांच कदम दूर थी लाइन सेकेंडो में वो पार करती और गुलबिया अपनी भौजी जिसको उसने छू दिया था गेम से बाहर हो जाती, कजरी और लाइन के बीच में कोई नहीं था
पर कजरी को छुटकी का अंदाज नहीं था, .... दो बार अंडर 15 उसने अपने जिले की टीम को कबड्डी चैम्पियन बनाया था, बिजली की तेजी से वो साइड से आयी,
कजरी उसके हाथ की पकड़ से बचने के लिए झुकी पर छुटकी का असली निशाना कजरी की लम्बी टाँगे थी और छुटकी ने जो टांग फँसायी की कजरी धड़ाम से
लेकिन छुटकी ने असली चाल दिखाई वो खुद लाइन और कजरी के बीच में गिरी की कहीं गिरते गिरते कजरी लाइन न छू ले और तबतक चमेलिया कल्लू की मेहरारू, गांव मेँ मेरी अकेली देवरानी ने कजरी की टांग पकड़ के पीछे की ओर और छुटकी कजरी के ऊपर,
चररर चररर और छुटकी ने कजरी की फ्राक फाड़ दी
मारे ख़ुशी के मेरा सीना ३४ सी ३८ डी हो गया, ... और चमेलिया ने उसी फटी फ्राक को पूरी ताकत से खींच फाड़ के चार टुकड़े कर के सब भौजाइयों में बाँट दिया ,
कजरी के छोटे छोटे उभार अब सब के सामने थे क्या मस्त कच्ची अमिया थी, ... कजरी को भौजी गुलबिया भी आ गयी और उसने अब सीधे अपनी ननद की जाँघों में फंसी छोटी सी चड्ढी पे हाथ लगाया ,
लेकिन ज्यादा देर तक हम देख नहीं पाए क्योंकि चमेलिया ने ननद के कच्चे उभार हाथ में लेकर दबाना मसलना शुरू कर दिया, पर कजरी देखने में छोटी थी ताकत गजब थी उधर लाइन उस पार से नैना जोर जोर से चिल्ला रही थी
कजरी पलट पलट ,
कजरी कसमसा रही थी फिर वो जैसे गोल हुयी उसने पानी टांगो को मोड़ के एक जबरदस्त धक्का चमेलिया को दिया, चमेलिया की पकड़ से तो वो नहीं निकल पायी लेकिन पलट गयी और अब कजरी पेट के बल, चड्ढी उसकी अभी भी फटी नहीं थी हाँ थोड़ा सरक जरूर गयी थी, और कजरी ने कस के जमीन में उगी घास को पकड़ लिया था।
गुलबिया कजरी की भौजी एक बार फिर से मैदान में आगयी लेकिन कजरी जानती थी क्या होगा और उसने कस के अपनी दोनों टांगें एक दूसरे में फंसा ली और गुलबिया लाख कोशिश करे वो टाँगे न छुड़ा पाए और चमेलिया उसे पलटने की कोशिश कर रही थी,
टाइम निकल रहा था मेरी समझ में नहीं आ रहा था क्या करूँ, एक साथ दो से ज्यादा, गिरने के बाद किसी को नहीं पकड़ सकते थे. अब भाभियों का हल्ला धीमा पड़ गया था और नैना की टीम जोर जोर से चिल्ला रही थी कजरी कजरी।
लेकिन एक्स्पीरिएन्स का कोई जवाब नहीं होता, ... और मिश्राइन भाभी ने जोर से आवाज लगायी
Ye to network me aate pakka padhna heशीला भाभी का अंतिम भाग पोस्ट हो गया है,
कृपया पढ़ें आनंद ले , लाइक करें और कमेंट भी करें
सपना बनारस की ससुराल का -
समधन का नंबर
Erotica - रंग -प्रसंग,कोमल के संग
https://exforum.live/threads/%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8-%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B0.126857/page-81भाग ६ -चंदा भाभी, ---अनाड़ी बना खिलाड़ी Phagun ke din chaar update postedplease read, like, enjoy and commentतेल...exforum.live
आप आयीं बहार आयी आप के आते ही सब लोग, आरुषि जी, शैतान सब के कमेंट्स,... थैंक्स सो मचAsli technical kaam to Gitwa ne hi kiya,sab ko saf saf nazara dikha dia
Erotic update
Thanks so much, for supporting this thread, and appreciation. apako pasand aaya matalb likhna vasoolMohini bhabhi ke to chhed khol diye muthi pichhe dal kar
Very hot update
ekdm aapki sangat ka kuch to asar hoga naaKomal heroine ko line par karne se kese rok sakta hai koii
Mukabla to fir bhi takkar ka diya he. Ye sali chhinale jo bade bade sabad bol rahe hena. Bas ek kachi chhinal kisi dhakhad bhabhi ke niche dab jae. Chhinalo ko pata lage ki inke bhaiya ke niche shans lena mushkil he ya bhoujaiyo ke niche. Mazedar kiss. Love it.भाग ६० कबड्डी राउंड २
( पहला राउंड - भौजाई २ - ननद १ )
998,779
पहले ब्रेक के समय हम लोग एक प्वाइट से आगे थे, ननदो की टीम के दो खिलाडी खेल से बाहर थे और हमारी ओर से एक, नंदों की एक तगड़ी खिलाड़ी, रेनू को छुटकी ने उनके पाले में जा कर छू के मारा था और कजरी हमारे इलाके में रगड़ी गयी।
पांच मिनट के इस ब्रेक में मैंने छुटकी चननिया और मिश्राइन भाभी के साथ क्विक स्ट्रेटजी सेशन किया। रमजानिया ने नैना की टीम के एक एक मेंबर का हाल खुलासा बताया।
सबसे तगड़ी थीं वो चार जो पकडने का काम करती थीं, लीला, नीलू, चंदा, और रेनू। चारों उमर में बड़ी थीं, दो की तो शादी हो गयी थी, गौना नहीं हुआ था, लीला और नीलू, . चंदा थोड़ी स्थूल थी.
इन चारों का पिछले चार साल से कबड्डी में भौजाइयों कोहराने में बड़ा हिस्सा था।
रेनू बिनचुदी थी हालांकि १२ वे पहुँच गयी थी,... और उसी का चचेरा भाई कटखने कुत्ते की तरह दौड़ता था अगर कोई उसके बहन को इशारा भी करे। रेनू और चंदा बायीं साइड पे रहती थीं और नीलू और लीला दायीं ओर। रेनू को छुटकी ने उनके पाले में जा कर छू के मारा था.
नैना और गीता दोनों सेण्टर में, लेकिन जैसे ही कोई अपनी ओर वाली घुसती थी पहले तो दोनों अपनी बगल में खड़ी नई उमर वालियों को इशारा करके,... और उसके आगे बढ़ने पर नैना दायीं ओर और गीता बायीं ओर का मोर्चा सम्हालती। जब रज्जो भाभी वापस आयीं और उन्होंने देखा लीला, नीलू, चंदा खड़ी है तो बायीं ओर से बच निकलने के लिए कन्नी काट के, पर गीता पहले से अंदाज लगा लेती थी की आने वाली बच के कन्नी काट के किधर से वो वहीँ पे और उस के साथ एक दो छुटकियाँ, उसी में से एक ने उनकी साड़ी पर हाथ मारा बस उसे बचाने के चक्कर में,... वो तब भी बच जातीं एक ने लंगड़ी मारी , गिर वो लाइन की ओर रही थीं और हाथ उन्होंने लम्बा कर लिया था ऐसे क्रिकेट में बैट्समेन रन आउट से बचने के लिए डाइव मारता है,... पर गीता ने समझ लिया था पहले ही और उनके गिरते ही उनकी टांग पकड़ के घसीट लिया।
अब बची पांच छुटकियाँ, सब की सब अपनी छुटकी की उमर की एक दो और भी कच्ची। कजरी को छोड़ के बाकी सब की सब कोरी।
मान गयी मैं नैना ननदिया को, वो सोच रही थीं की पिछले साल जैसे गितवा ने भौजाइयों के साथ ये ट्रिक चली थी,.. आधी तो उस के भाई अरविंदवा की चोदी,... और अरविंदवा ने सबका हाल खुलासा गीता को बता रखा था कौन कब कैसे चुदी, बस वो कान में यही बोलती थी, कहो भौजी सुना दूँ अरविन्द भैया के साथ अमराई में का हुआ था, और सामने सबकी सास बैठीं,... बस जहाँ तीन चार भौजाइयां टूटीं, ... घंटे भर में उसने मैदान मार लिया।
बस इसी से बचने के लिए , और उन्ही पांचो को वो भेजती थी, सब की सब दुबली छरहरी बहुत फुर्तीली,... और हम अगर उनको पकड़ भी लेते तो उनके किसी राज़ की बात उनके कान में नहीं बोल सकते थे,... जो मैंने रमजनिया को टीम में जोड़ के सोचा था की सब ननदों का हाल चाल मिलेगा वो फायदा आधा रह गया था।
ये पांचो तीर के फल की तरह उसका शीर्ष धंसने वाला हिंसा, ... हमला करने भी वही आती, और जो हमारी टीम की ओर से जाती, उसे भी ललचाती, चिढ़ाती खूब अंदर तक
और जैसे ही वो चारों,... लीला, नीलू, चंदा और रेनू रास्ता रोक लेती इन पाँचों में से भी दो दाएं की ओर, दो बाएं की और साइड से खड़ी, जिधर भौजाई कन्नी काट के निकले बस वही लंगड़ी मार के गिराने में,... फुर्तीली तो सब थीं ही और एक जो बची रहती वो जिधर भौजाई मुड़ती उसके दूसरे ओर की कहीं आखिरी मिनट पर कोई कन्नी काट के, और नैना भी उसी के साथ,
कजरी के अलावा बाकी चार थीं,... कम्मो, नीता, बेला और पायल।
पहले राउंड में छुटकी ने ताड़ लिया था की ये चार ही सबसे घातक होंगी,... जो दाएं बाएं है और दीवाल बना लेती हैं और उसने उनमे से एक रेनू को निपटा दिया था. कजरी आ के फंस गयी थी। पर अब रेनू की जगह ज गीता झप्पट के ले लेती।
पर जो चीज मैं देख के भी नहीं देख पा रही थी वो छुटकी और मिश्राइन भाभी ने देख लिया था,
कपडे।
वो पांच जिनके जिम्मे हमले का काम था, ललचा के भाभियों को अंदर तक ले जाने का काम था, कम्मो, चंदा, बेला और पायल सब की सब या तो फ्राक में थीं वो भी बहुत टाइट, या टॉप और लेगिंग में,...
जिससे उन्हें भागने दौड़ने में कोई दिक्कत नहीं थी. जो चार रोकने का काम कर रही थीं उनमे एक दो टॉप लेगिंग में और दो शलवार सूट में,... हमारी ओर से छुटकी ही सिर्फ टॉप और एक छोटे से सफ़ेद शार्ट में थी, बाकी सब साड़ी में, हालांकि रज्जो भाभी के गिरते ही हम सब ने साड़ी ब्लाउज पर से हटा के फेंटे की तरह बाँध लिया था, पर फिर भी,... एक दो झिझक रही थी की फेंटे की तरह बांधने में ब्लाउज खुल जाएगा, जोबन दिखने लगेगा,... तो मैंने समझाया
" अरे अपने टिकोरे दिखा रही हैं तो हम लोगों को क्या,... "
और मिश्राइन भाभी ने बोला साड़ी उतार दो अगर ज्यादा झंझट है,...
हर बार तो भाभियाँ पहले से हार मान जाती थीं लेकिन अबकी कम से कम हम आगे थे हाँ मैं यह समझ गयी थी की मुकाबला तगड़ा नहीं बहुत तगड़ा है और हमारा ट्रम्प का पत्ता छुटकी ही है और आगे से नैना की टीम मुझे और छुटकी को मारने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। पांच मिनट के ब्रेक में हम लोगों ने फिर हिम्मत बढ़ाई और थोड़ी बहुत स्ट्रेटजी भी बनाई।
लेकिन तबतक ब्रेक का सेंशन ख़त्म हो गया था उनमे से किसी ने ये बात सुन ली और ननदों ने छेड़ना शुरू कर दिया,...
" अरे भौजी एक दिन भैया नहीं है तो ऐसे गरमा रही हो की साड़ी उतार के फेंक रही हो, घबड़ा मत अभी ब्लाउज पेटीकोट कुल उतरेगा "
लीला अपनी कुहनी दिखा के सीधे मुझसे बोली,... " अरे नयकी भौजी, आपकी ननद है न, काहें परेशान सीधे कुहनी तक पेलूँगी,... "
उसके साथ की नीलू बोली,... " अरे भौजी क बुर तू चोदना, मुट्ठी से गाँड़ मैं मारूंगी,... अइसन मस्त मस्त चूतड़, जबतक गाँड़ में मुट्ठी न जाए,... बस थोड़ी देर,... मैचवा ख़तम होने दीजिए रज्जो भाभी के साथ तो कुछ नहीं हुआ। "
छुटकियाँ कम नहीं थीं उन में से एक कम्मो बोली,...
" अरे भौजी को इतना इन्तजार नहीं होगा बहुत मोटे मोटे चींटे काट रहे हैं, ... इनकी महतारी दान दहेज़ देके भेजी हैं हमरे गाँव चुदवाने, गाँड़ मरवाने और बेचारी भौजी, तरसे,... अरे अबकी आप आ जाइये पक्का नंदों के आगे देवर ननदोयो भूल जाइयेगा, एक साथ मुट्ठी घुसेगी अगवाड़े भी पिछवाड़े भी और हम सब, तेलियाई के आयी हैं की नहीं अपनी बुर और गाँड़,... जितना रात भर में झड़ती होंगी, उतना हम सब ननदें अभी झाड़ देंगे सबके सामने "
और बाहर देख रही ननदें भी चिल्लाने लगीं नयकी भौजी, नयकी भौजी,... ले लो ननदों की मुट्ठी का मजा,... अपने मायके के यारों को भूल जाइएगा,...
मुझे बहुत मजा आ रहा था, जितना मजा गारी देने में आता है उससे ज्यादा गारी सुनने में आता है,... लेकिन मैंने मिश्राइन भाभी की ओर देखा, वो भी मुस्करायीं और हाँ में सर हिला दिया, मैंने उन्हें पहले ही बोल दिया था और अब जिस तरह से लीलवा और निलुआ मुठियाने की बात कर रही थीं,... मेरी बात अब पक्की थी , पहले खाली लड़कोर ननदों के साथ दो चार बच्चे बिया चुकी हों, बुर भोंसड़ा हो चुकी हो उन्ही के साथ मुट्ठी,... वो भी मुश्किल से एक दो के साथ लेकिन अब ये सब खुद बोल रही हैं तो सब मुठियाई जाएंगी, और अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर।
कम्मो की बात का जवान हमारी ओर से गुलबिया ने दिया जिसने अभी थोड़ी देर पहले अपनी ननद कजरी की ऐसी की तैसी की थी, ललकारते हुए
" हे कम्मो छिनार अइसन चूत में आग लगी हो न तो आय जाओ अबकी, कजरी का हाल तो देखा था न उहू से दस गुना ज्यादा,... गाँव के लौंडन को भूल जाओगी ,... "
मुझे भी लग रहा थी की अबकी उन की ओर से बची हुयी चार छुटकियों, कम्मो, चंदा, बेला और पायल में से कोई आएगा और उसी तरह से रमजनिया, चननिया, चमेलिया और गुलबिया खड़ी थीं,... रज्जो भाभी के साथ जो हुआ उसका सूद के साथ बदला देने के लिए .
लेकिन हमारी सारी स्ट्रेटजी दूसरे राउंड के शुरू होते ही फेल हो गयी,
Muje dekhna he. Khel me karishma kon karega. Komaliya ya chhutki.सेकेण्ड राउंड - भौजाइयां डाउन
( भौजाइयां २ ननदें ३ )
लेकिन हमारी सारी स्ट्रेटजी दूसरे राउंड के शुरू होते ही फेल हो गयी,
हमे लगा था की नैना अपनी टीम की किसी नयी लड़की को भेजेगी, पर नैना खुद आ गयी, और क्या स्पीड थी उसकी। नैना के बारे में हमने तय कर लिया था की हम उसे पकड़ने के चक्कर में नहीं पड़ेंगे और बस उससे सब लोग बचेंगे। नैना ने अपना फोकस चमेलिया और गुलबिया पे किया था जिसने उसकी लेफ्टिनेंट कजरी की ऐसी की तैसी की थी लेकिन मैं जान रही थी की वो साथ में दूबे भाभी या मिश्राइन भौजी जो सबसे सीनियर थीं और उमर ज्यादा होने से स्लो भी थीं ,.. और हुआ भी यही कजरी की भौजी गुलबिया तो बार बार कन्नी काट के बच जाती थी
यह तो मैं जान गयी थी की नैना आयी है तो किसी न किसी को ले के जाएगी, अमोघ अस्त्र की तरह है अपनी टीम की वह लेकिन मुझे अपनी चार तगड़ी मेंबर्स को और छुटकी को बचाना था, और मुझे लग रहा था की गुलबिया या चमेलिया को मारेगी वो।
नैना जाने के लिए वापस मुड़ी और सीधे दुबे भाभी की ओर
मुझे लगा की अगर दूबे भाभी गयीं भी तो घाटे का सौदा नहीं होगा लेकिन मान गयी मैं नैना ननदिया को, छिनार तो सब ननदें होती हैं वो निपट छिनार थी। पैदायशी, खानदानी।
दूबे को भाभी को भी लग गया था वो अब बच नहीं पाएंगी, लेकिन उनसे बचने के लिए कन्नी काटी, … नैना ने खुद और बिजली की तेजी से जिधर मैं थी उधर, जब तक मैं सम्हलती समझती वो मेरे पास,...
लेकिन मंजू भाभी मेरी कैप्टेन, उन्होंने कितनी साल ये कब्बडी का खेल देखा था, ननदों से हार झेली थीं, मेरी जेठानी की आँख मुझसे भी तेज थी और पता नहीं कहा से उड़ के हवा की तरह मेरे और नैना के बीच में और सीधे उसके ऊपर गिर पड़ीं, ...
नैना ने उनको छू लिया था पर टाइम ख़तम हो रहा था और झट से लाइन पार कर गयी।
और मैंने नैना को नजदीक से देखा, बाल बाल बची थी मैं।
ड्रेस उसकी, एक स्लीवलेस देह से चिपका टॉप, दोनों बड़े बड़े जोबन छलक रहे थे,... और लेगिंग भी बहुत टाइट, कोई भी कपड़ा ऐसा नहीं जिसे कोई पकड़ सके,... और हाथ खूब चमक रहा था,... मतलब की उसने कस के तेल चुपड़ रखा था, अगर कोई पकडे भी तो हाथ फिसल जाए,...
लाइन पार कर के मुस्करायी, जैसे कह रही हो, भौजी अबकी बच गयी हो,... आओ इधर तो मजा देती हूँ,...
हमारी टीम की कप्तान आउट हो गयीं, ननदो ने खूब हल्ला मचाया, अब स्कोर बराबर था।
बाहर बैठी भाभियाँ एकदम उदास कुछ बोलने लगी हर बार जो होता है वही होगा नैना आ गयी है अब कौन ननदों को हरा सकता है।
लेकिन नैना उतनी खुश नहीं थी उसका असली निशाना तो मैं थी , लेकिन लाइन उस पार से मुझे देख के वो जोर से मुस्करायी, जैसे कह रही हो कोमल भाभी इस बार बच गयीं लेकिन अगली बार नहीं बच पाएगीं और गितवा ने उससे कुछ बात की दोनों ने मुझे देखा और फिर ननदों की टीम ने जिसमें नयी एनर्जी आ गयी थी जोर जोर से चिल्लाने लगीं
" कोमल भौजी कोमल भौजी, आ जाओ आ जाओ " और फिर एक से एक गालियां,
मैं भी उतावली हो रही थी जाने के लिए लेकिन मिश्रायिन भाभी ने एकदम सख्ती से मना कर दिया
" और ये नैना बुरचोदनो के जाल में मत फंसो "
और उन्होंने खुद दूबे भाभी को भेज दिया, वो हमारी टीम की सीनीयर मेंबर में से , मिश्राइन भाभी के आस पास की ही उमर में ३५-३६, थोड़ी स्थूल लेकिन ताकत में और रगड़ाई करने में किसी से कम नहीं थीं,
लेकिन वो पकड़ी गयीं और अब ननदों की टीम एक प्वाइंट से आगे हो गयी. हमारी टीम की तीन खिलाड़ी खेल से बाहर हो गयी थी, रज्जो, मंजू भाभी और दूबे भाभी, और उनकी दो खिलाड़ी।
लेकिन हारने के पहले भी दूबे भाभी ने जो जलवा दिखाया उससे पीछे रह के भी हमारी टीम की हिम्मत कम नहीं पड़ी।