- 22,121
- 57,303
- 259
भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
please read, enjoy and comment. your support is requested
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
please read, enjoy and comment. your support is requested
Last edited:
Waah... Komal ji maza aa gaya.... is kavita ne to hamare bhi niche ki or halchal macha di aur ek sakht tambu ban gayaआरुषि जी की नयी लम्बी कविता
देवर भाभी
जोरू का गुलाम सूत्र पर,...
पृष्ठ ९२४ और ९३० पर,
पढ़िए लाइक करिए और कमेंट करिये,...
Erotica - जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
Wow...amazing update Madam...and such a long one..the "one" update that you have given, others might do it in 2-3 updates. Covers many things..threesome, fisting, etc..Hats off to you!!! @komaalraniexforum.live
एक देवर और भाभी के बीच विकसित हो रहे कामुक संबंध पर कुछ पंक्तियाँ लिखने का निर्णय लिया है। मैंने इसे कुछ भागों में रखा है। मैं यहां अपने प्रिय दर्शकों के लिए पहला भाग पोस्ट कर रही हूं। अगर मुझे अपने पाठकों से अच्छी समीक्षाएं मिलीं तो मैं जल्द ही अन्य भाग भी पोस्ट करूंगी..आपके सुझावों और समीक्षाओं की तलाश में ……
पति का जैसा ही चाटा सुपारा
लौड़े ने छोड़ दी पानी की धारा
किसको अपनी व्यथा में सुनाऊ
जवानी की प्यास कैसे बुझाऊ
सखिया सुनाए है अपनी कहानी
please comment
sad but trueTrue... They are coming with pre-conceived idea and if the writer does not pay heed to them then they start targeting.
एक किस्सा याद आया गाँव का, कोई देवर फंस गया था होली में भौजाइयों के बीच में, और वो उसे चिढ़ा रही थी, कुछ ज्यादा जोशीली गरिया भी रही थीं, एक के हाथ में झाड़ू थी, बस उसे दिखा के बोली, अभी पिछवाड़े लगा दूंगी अंदर तक, मोर बन के नाचना सारे गाँव में,...मोरनी बागा में नाचे आधी रात में...
एकदम ननदों के रहते हुए देवर बेचारे हैंडपंप क्यों चलाएं,और जवानी में हैंडपंप भी खट से तैयार और पानी भी भरपूर मात्रा में....
क्या आप इकट्ठे पढ़ना चाहते हैं...
अगर नहीं तो धारावाहिक की तरह हर एपिसोड का मजा लीजिए...
और कहानी के अंदर कहानियों की भरमार .. और हर कहानी अपने आप में संपूर्ण..
कभी रुलाएगी...कभी हंसाएगी .. कभी गुदगुदाएगी...
और हाजिरजवाबी भी...
सब कुछ साथ चलने वालों पर तय करता है, वैसे तो ये सीक्वेल मात्र था,... लेकिन अब उससे आगे बढ़ चूका हैकम से कम शतकवीर... इससे कम मंजूर नहीं...
ज्यादे का तो कोई ओर छोर हीं नहीं...
आप ऐसे मित्रों का साथ रहे तो कहानी बढ़ती रहेगी,... बिना हुंकारी भरने वालों के कहानी सुनाने का क्या मज़ाअरे अभी दाढ़ गीले हुए हैं....
अभी तो पूरा छक कर पीना है...
इतने में क्या होगा...