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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

Random2022

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जो बात कर रहे हो भाई हीरो को लेकर तुम सही कह रहे हो लेकिन कहानी पढ़ने के बाद गुड्डी का भाई हीरो लगता है जो कहानी पढ़ने के लिए बोल रहे थे भाई में कब का पढ़ चुका हूं लगता है आप दूसरा पाठ उसका नहीं पढ़े हो उसे कहानी में जो हीरो बोल रहे हो उस कहानी में भी हीरो नहीं लगता इसलिए नहीं लगता है जो उसमें हीरो है उनकी बीवी उनकी साली हीरो की छोटी बहन उसमें भोग लगाने वाला उनका जीजा ही है उसे कहानी में किधर हीरो किधर लगता है आप कहते हैं हीरोइन के ऊपर कहानी नहीं लिखी गई है कहानी के नाम बता दे रहा हूं भाई जाकर पढ़ लेना इसलिए कि हम लोग ऐसी कहानी बहुत कम पढ़ते हैं पहले 16 सावन 2 भाभी ने बनाया ननंद को हॉट गर्ल्स 3 ससुराल का नई दिशा 4 कैसे-कैसे परिवार 5 नाना ने बनाया दीवाना जैसे आप कहानी कह रहे थे एकदम वैसा ही है भाई एक दो कहानी ऐसा और हैं आपको आगे लिखकर पोस्ट कर दूंगा मैं जैसा चाह रहा था भाई अभी तक ऐसी कहानी नहीं आई है हीरो के बारे में भी लिखा था दूसरे पुरुषों के बारे में भी लिखा था मतलब सबका मन रह जाए जो हीरो को प्रतीत पड़े उसे भी अच्छा लगे जो उसे हिसाब से पड़े उसे भी अच्छा लगे भाई अगर हीरोइन रहेगी तो हीरो भी एक रहना चाहिए पहले ठीक से चैट पढ़ करो भाई तब जवाब दिया करो एक सिर्फ सलाह दिया था आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Yeh dono story kese kese pariwar or nayi disha dono padhne shuru kiye the mene. Lekin bahut boring story hai sirf mindless fucking hai inme without any emotion.
Bhai holi ka maja saja sasural me sirf ek mard hi hai jo sabke sath sex krta hai fir kyun hero nhi lgta. Or xforum pr itni saari story hai fir bhi tumhe apne pasand ki ek nhi milti to bhai apki requirement hi alag hai. Aap hindi me likhte but clear nhi likh pa rahe. Kahin pr sapurn Viram nhi. Pta hi nhi chalta konsa statement kab shuru kab khtam ho raha hai.

Or har lekhak ka apna style hota hai likhne ka or Itna asan bhi nhi hota story likhna. Feedback dena chahiye lekin itna bhi criticize krna achha nahi hai.
 

komaalrani

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Exemplary... Both the updates embody a significant degree of profundity.
Thanks so much for nice words and underlining the multilayered character of story. I feel story must say something and not only titillate. Thanks again.
 

komaalrani

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Nanad ki training ke 5-6 page padhe , bahut hot likhit ho aap shuru se. Pehle aap shuddh hindi use krti thi or ab thoda apne gaon ka touch dena shuru kr diya hai. Yeh mene notice kiya
Thanks, in NKT background is purely urban. Not a modern town but a small town. Even there in the scenes of Ratjaga or songs of wedding one can feel the rustic touch. stories which are entirely based in the city will have fewer occasions of rural charm. Even Mohe Rang de which you are reading will have less rural dialogues. I feel diloagues should be based on three fatcors, place, occasion and age and type of character.
 

Random2022

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Thanks, in NKT background is purely urban. Not a modern town but a small town. Even there in the scenes of Ratjaga or songs of wedding one can feel the rustic touch. stories which are entirely based in the city will have fewer occasions of rural charm. Even Mohe Rang de which you are reading will have less rural dialogues. I feel diloagues should be based on three fatcors, place, occasion and age and type of character.
Bilkul sahi kaha apne. And reader who are from metro city like us will feel more connected to NKT due to urban touch
 

komaalrani

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कोमल जी जो जोरू का गुलाम कहानी है लोग पढ़ते थे कुछ तो कहानी समझने में कंफ्यूज हो गए और कुछ हीरो पद के हिसाब से जो हीरो का कैरेक्टर निभाया जा रहा है बहुत लोगों को बुरा लगा था इसलिए बोला था कोमल मैं हीरो का 10 इंच 4 इंच मोटा एक टाइमिंग उनका बढ़ा दो कोई भी पुरुष हो उसको शामिल करती हैं तो 6 इंच 7 इंच 7:15 इंच ढाई इंच मोटा रखना था इसलिए बोल रहा था कि आपका मन भी रह जाए और दर्शकों भी मन रह जाए आगे कहानी खींचने में कोई दिक्कत ना आए रही बात कुछ अलग करने की आपके दिमाग के ऊपर है कोमल जी हीरो का सेक्स लाइफ सबसे अलग रहना चाहिए जैसे हीरो की मां मौसी मामी बुआ और हीरो की सास हो यह पोंचो का थोड़ा अलग ही रिश्ता है इन पोंचो में lesbian सेक्स करवाया जाए तो कितना अच्छा रहेगा सेक्स करने के टाइम पर सिर्फ हीरो का नाम से गाली दी जाए हीरो का नाम से छेड़खानिया की जाए बात-बात पर कोई भी त्यौहार हो जैसे समारोह हो हीरो का नाम पर छेड़खानी हो लाड थोड़ा प्यार थोड़ा प्रेम थोड़ा जब यह सब कहानी में इस्तेमाल किया जाता है तो कहानी अपने आप खींची हुई चली जाती है हीरो का सेक्स domination BDSM ki tarah ho जैसा कैरेक्टर हो उसे हिसाब से फोटो डालो ऐसी कहानी भी अलग हो जाएगी मां बेटी का सपना भी पूरा हो जाएगा जैसे बनाना चाहती थी दर्शकों का भी मन रह जाएगा कुछ अपना दिमाग लगा लेना कोमल में आपको कैसे रखना है क्या करना है सलाह कुछ ठीक लगे तो अमल करना कमेंट करके जरूर बताना आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
मेरे ख्याल से हम इस कहानी में इसी कहानी के बारे में ख़ास तौर से पिछले पोस्ट के बारे में बातें करें, तो बाकी पाठकों को भी फायदा होगा और मुझे भी की जरूरी सुधार मैं कर पाऊँगी।
जहां तक जोरू का गुलाम का सवाल है वो कहानी अपने आखिरी भाग में है, अच्छी बुरी जैसी भी है, १००० पेज पूरी करने वाली है, २०० से ज्यादा पोस्ट्स हो चुके हैं और करीब बीस लाख व्यूज भी।

तो छुटकी की इस कहानी का पिछला पार्ट कैसा लगा यह बताएं तो ज्यादा अच्छा रहेगा /
 

komaalrani

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गाँव में त्यौहार मनाने का अलग ही मजा और उल्लास होता हे , जो शहर में कहाँ सम्भव हे , गाँव में पेसे का दिखावा कम होता हे कुछ होली दिवाली मेने भी गाँव में मनाई हें , सुबह २ टोली बनाकर गाँव में घूमना और रंगो की जगह कीचड़ से होली खेलना अच्छी तरह याद हे , शादी में बरी पूरी लेकर छोटे २ बच्चों का जनवासे से शादी वाले घर तक जाना और तीज त्यौहार में उल्लास और मस्ती अलह ही दिखती थी , जो शहर की शादियों मे कहाँ सम्भव हे हर रीती रिवाज का पालन करना , बेलगाडी में बारात का जाना और कई कई दिन बारात का रुकना जिसे बढाध बोलते हें वो सब कहाँ सम्भव हे
Thanks
 

komaalrani

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Yeh dono story kese kese pariwar or nayi disha dono padhne shuru kiye the mene. Lekin bahut boring story hai sirf mindless fucking hai inme without any emotion.
Bhai holi ka maja saja sasural me sirf ek mard hi hai jo sabke sath sex krta hai fir kyun hero nhi lgta. Or xforum pr itni saari story hai fir bhi tumhe apne pasand ki ek nhi milti to bhai apki requirement hi alag hai. Aap hindi me likhte but clear nhi likh pa rahe. Kahin pr sapurn Viram nhi. Pta hi nhi chalta konsa statement kab shuru kab khtam ho raha hai.

Or har lekhak ka apna style hota hai likhne ka or Itna asan bhi nhi hota story likhna. Feedback dena chahiye lekin itna bhi criticize krna achha nahi hai.
Thanks so much for understanding essence of the story.

maine bhi apne mitra partahak se aur sabhi pathkon se anurodh kiya hai ki is kahani par aur uski pichali post pe comment den to baki padhne vaale readers ka aur mera bhi laabh hoga. han iske baad apni ruchi aur baaki baaton ki bhi charcha karen lekin kam se kam ek bar yah kahani kaisi lagi aise to bataayen, aapki baat ekdm sahi hai, thanks soooooooooo much.
 

komaalrani

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wow awesome....... Komal Ji
too erotic.....
kitini detail mai lekha hai aapne......
too good......
thanks for this excellent entertainer
waiting for next update......
Thanks so much and please do read my two explanatory posts also on last page, page 646 about the 67th Part, Holika Maai. I will be waiting for your views.
 

komaalrani

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Bilkul sahi kaha apne. And reader who are from metro city like us will feel more connected to NKT due to urban touch
Thanks. Only in my novel like stories i have mixed both backgrounds, like in JKG basically set up in the urban background, one part in a company township, and another part in a small town i have added a long rural background through the flashback of Jethani ji. HOLI and wedding rituals also have come through flashbacks. In those parts dialogues have a rural tang. some stories like solhavan saavn are purely rural background, but here too the young teen central character comes from a town ( not a big town) and her dress, hesitation, shows in the beginning. Many times the rural part is emphasized. Big metro has come only in two of my stories, one is phagun ke din chaar where Mumbai is present. and one is my English story, It is a hard rain.

In many stories i found that this distinction is not underlined, and character from different background speak the same lingo. Nice of you to make a point about it.
 
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