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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Ekdam sahi kaha aapneLaliya ne khoob chalaki dikhai.....apne to maze le liye lekin Renu ko nahi lene dena chahti thi
वाह कोमल जीEkdam sahi kaha aapne
vo chaahti thi ki Renu Kamal ke saath sex se dar jaaaye , jisase Kamal sirf laliya ke saath hi,... isliey chikh chilllane ka natak
बहुत बहुत आभार , यह सब आपके साथ और समर्थन का नतीजा है.वाह कोमल जी
ललिया के रूप में कैसे मादक पात्र की रचना की है।
अदभुत अतुलनीय सृजक हो आप।
आप की सृजनशक्ति को प्रणाम।
सादर
bahoot bahoot thankSandarr
एकदम और इसके लिए कबड्डी का जीतना जरूरी था,और कई सालों से भाभियाँ (गाँव की बहुएं) भी...
Bahut deep planning gaiदूबे भाभी का पिटारा , रमजनिया की बूटी
लेकिन रमजनिया बात को खींच के पटरी पर ले आयी,
" दर्जन भर से ऊपर चोदू आने चाहियें,... बित्ता से बड़ा जेनकर खूंटा हो , लेकिन भौजी अब एतना ख़ुशी का मौका है, आपन गोली वाला पिटारा खोल दिया,... फिर तो कउनो पांच छह बार से कम, और सिधवा भी चोदू हो जाएंगे। "
दूबे भाभी से हँसते हुए वो बोली।
मेरे अलावा सब को पिटारे का खेल मालूम था अब सब औरतें दूबे भाभी के पीछे पड़ गयीं,...
गुलबिया ने मेरे कान में किस्सा बताया,... पिटारे का.
दूबे भाभी के पिता जी जबरदस्त वैद्य थे, कई जिले में मशहूर,...और ये उनकी अकेली बेटी तो काफी वैद्यक सीख गयी थीं, फिर हिमालय से लाया गया असली शिलाजीत,...
अपने मायके से लायी थीं,... और उसी की गोली,... बस गाँव में कोई भी औरत,... अगर उस का मरद परदेस से आया और कुछ ढीला हुआ तो वो सीधे दूबे भाभी के यहाँ, लेकिन वो बहुत ठोंक बजा के पूछ ताछ कर के बड़ी मुश्किल से एक गोली देती थीं, लेकिन असर पक्का होता था,... बकरा सांड़ हो जाये,... जिसका चूसने पे भी न खड़ा हो वो जीभ पे पड़ते ही फनफना जाता था, और चढ़ने के बाद आधे घंटे से पहले उतरता नहीं था
दूबे भाभी न सिर्फ मान गयी बल्कि उन्होंने खजाने का मुंह खोल दिया, लेकिन रमजानिया को भी साथ साथ लपेट लिया,...
" ठीक है, ठीक है,... गोली भी दूंगी और भस्म, और लेप भी,... लेकिन आपन गुन ढंग काहें को छिपाई हो, कल उसका भी असर मालूम होना चाहिए,... "
और रमजनिया का ये गुन मैं जानती थी, मैं क्या सारा गाँव,...
जड़ी बूटी पहचानने में उसकी आँखे बहुत तेज थीं और बीस पचीस कोस दूर एक जंगल था वहां से भी चुन चुन के वो लाती थी ,
ऐसी बूटियां जो सिर्फ पूनो की रात में ही चुनी जाती हैं,... कोई दवा गोली मरद का कड़ा कर देगी, स्तम्भन की ताकत बढ़ा देंगी,...
लेकिन रमजनिया की जड़ी का असर था,... जो दो बार में टे बोल जाते थे वो भी चार पांच बार तो कम से कम,... और असली बात तो यही थी , ननद भौजाई मिला के देवरों के दूने नहीं तो डेढ़ गुने और हर ननद पर कम से कम तीन बार चढ़ाई तो होनी ही थी, भौजाइयों का भी मन तो करेगा ही,...
फिर आज की तरह कुल होली की मस्ती ५-६ घंटे चलनी थी,... रमजनिया के पास मोहिनी मन्त्र पढ़ा हुआ कामचूर्ण भी था,...
जिस लड़की को जरा सा चटा के उसके यार को चढ़ा दो बस जिंदगी भर वो खुद उससे चुदवाने भरी बारिश में दौड़ी चली आएगी। जिस लड़की औरत को उसकी बूटी का रस पिला दी, काम में माती रहेगी, अगर कोई लौंडा जरा भी ना नुकुर किया तो चढ़ के चोद देगी।
दूबे भाभी ने मुझसे पूछा कित्ते देवर होंगे तुम्हारे,... तो मैं हंस के बोली भौजी दो दर्जन से कम का होंगे,...
और फिर मैंने नैना से जो बात हुयी थी बिना उसका नाम लिए जस का तस बता दी,...
नैना ने चार पांच और देवरों के नाम बताये थे
जो सब सात इंच से तो ऊपर ही थे, मोटे भी अच्छे खासे लेकिन सबसे असली बातें दो थीं, एक तो सब के सब लम्बी रेस के घोड़े, बारह पंद्रह मिनट से पहले डालने के बाद,... चाहे अगवाड़े का छेद हो या पिछवाड़े का, फुल स्पीड से,... रगड़ाई करते हैं,... और उससे भी बड़ी बात एक से उनका मन नहीं भरता, पांच छह को तो निबटाएंगे ही,...
दूसरे जो भाइयों का चक्कर था उसमें भी उसने कुछ सहायता कर दी थी, ये आइडिया उसको भी अच्छा लगा था की जितनी कुंवारियां हैं उनके ऊपर जिसके जिसके सगे हैं नहीं तो चचेरे, रिश्ते के भाई सबके सामने उन्ही से फड़वाएंगे,...
टीम में जो थीं उंनका जुगाड़ तो हो गया था लेकिन बाहर जो बैठी थीं उनके बारे में भी नैना ने बता दिया था दो के सगे भाई है लेकिन थोड़े शर्मीले, कुछ जोर जबरदस्ती करनी पड़ेगी पर हैं नंबरी चोदू अभी घास वालियों पर हाथ साफ़ करते हैं और दो के चचेरे हैं,...
दूबे भाभी ने फिर रमजनिया को काम पे लगाया,
"सुन अभी लौटेगी तो चंदा से मिल लेना उसके मोच की दवा दे देना और उसमें थोड़ा अपनी बूटी भी मिला देना ,.. और उस के तो कितने दर्जन यार होंगे उसमें से जितने बित्ते भर वाले होंगे, पांच दस, सब को बुलौवा दे देगी वो,... एक भी नहीं आया न तो बोल देना उसको,...."
हम लोग निकलने ही वाले थे की दूबे भाभी को कुछ याद आया, रमजानिया से बोलीं, अरे उ आशा बहू को बुलाया था आयी की नहीं
" आयी हैं बाहर बैठीं है,... " किसी ने बोला,
" अरे तो बुलाओ न, यह गाँव की नहीं है तो का हुआ लगेंगी तो भौजाई ही " दूबे भाभी ने हँसते हुए कहा।
Hot flash backरेनू और कमल
लेकिन घर पहुँचने के पहले ही मेरी मुलाकात हो गयी, रेनू की चाची और कमल की माँ से,...
वैसे तो उन का घर पूरब पट्टी में था और दूबे भाभी के घर से मेरे घर के रस्ते में नहीं पड़ता लेकिन मैं रज्जो भौजी को घर छोड़ते हुए जा रही थी और रज्जो भौजी का घर रेनू के घर के बगल में ही था, उन्होंने बोला भी था की सुबह वो रेनू को ले के आएँगी, बस , तो बस जैसे ही मैं रज्जो भौजी के घर से निकली उसी समय. रेनू की चाची, निकली,
घर, चूल्हा तो एक ही था,
मुझसे ज्यादा भेट मुलाकात नहीं थी लेकिन पहचानती तो थी ही. लगती तो मेरी सास ही थीं,... झुक के मैंने उनका पैर छूने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पकड़कर उठा लिया और अँकवार में भर लिया,...
जबरदस्त जोबन, खूब गोरी, लम्बी मेरी इतनी हो होंगी, ५-५ के आस पास, और बहुत हंसमुख,... और अपने उभारों से मेरे उभारों को दबातीं खुश होके बोलीं,...
" आज बहुत दिन बाद तू यह गाँव का बहुओं क नाम ऊपर कर दी ,.... "
( भौजाइयों की जीत से सासें भी बहुत खुश थीं, आखिर वो भी तो हम सब की तरह इस गाँव की बहू ही थीं ) और उनके होंठ मेरे गालों से चिपक गए, जैसे हम दोनों न जाने कब की सहेली हों,... और उनकी ख़ुशी का कारण उनकी अगली बात से पता चला गया,...
" सुना है तोहार ननदिया, रेनू ( उनकी जेठानी की बेटी ) पहले राउंड में आउट हो गयी,... बहुत बोलती थी हमको कबड्डी का ये दांव आता है , वो दांव आता है दो चार भौजाई को तो अकेलवे,... "
" आपका आसीर्बाद,... " मैं सिर्फ इतना ही बोली।
लेकिन बात उनकी सही थी, नंदों की टीम की दांव पेंच के लिहाज से सबसे तगड़ी खिलाड़ी वही थी, हर साल जीत दिलवाने में गितवा के साथ उसका भी बड़ा हाथ रहता था, और ये बात हम सब लोगों को मालूम भी थी लेकिन हल ढूंढा छुटकी ने जिसने पहले राउंड में ही जब वह नंदों के पाले में गयी, झप्पटा मार कर पीछे अपनी एड़ी से छू के उसे आउट कर दिया था।
और बाद में नैना ने असली किस्सा खोला उसके कटखने चचेरे भाई कमल का, की रेनू ने उसके सामने शलवार का नाड़ा खोलने से मना कर दिया है इसलिए वो कटखना हो गया है।
पर कल के लिए प्लान मेरा यही थी की उसी कमल से उसकी बहन रेनू की नथ उतराई करवाई जाए , वो भी सब ननदों, भौजाइयों के सामने। लेकिन उसके लिए जरूरी था कल कमल, रेनू के चचेरे भाई का आना,.. नैना ने तो मुझे बोला था की वो खुद उससे बोल देगी कल की होली के लिए बगिया में पहुँचने के लिए, पर उसकी माँ मिल गयी थीं तो मैंने सोचा मैं भी बोल ही दूँ,...
" और हमार देवर कहाँ है, कल आना जरूरी है बगिया में "
" अरे नयकी भौजी क महक लग जाये तो आस पास के गाँव क देवर पहुँच जाये, वो तो पहुंचेगा ही " मुस्करा के रेनू की चाची बोलीं।
बहू और सास में भी खुल के मजाक चलता था, और होली का असर तो अभी चल ही रहा था मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा,...
" एकदम, और हमार देवर कहीं अपने महतारी के भोंसडे में जा के छिपेगें न तो वहां से भी हाथ डाल के निकाल के ले आउंगी, ... "
उन्होंने मजाक के जवाब में कस के मेरे गाल पकड़ के मीड दिए और मेरी महतारी अपनी समधन को एक खूब गंदी सी गाली दी। और बात रेनू की ओर मुड़ गयी, जो नैना का शक था वो एकदम सही निकला, ... चचेरे क्या एक तरह से सगे ही हुए दोनों, बाप तो एक ही है,.... और रेनू की चाची ने सब किस्सा साफ़ साफ़ बता दिया।
कमल के बाबू, रेनू के चाचा तो अपनी भौजाई का खेत अपनी शादी के पहले से जोतते थे, और रेनू की चाची को भी इसमें कुछ बुरा नहीं लगता था। रेनू के बाबू अकसर बाहर रहते थे साल डेढ़ साल में आते। खेत, घर सब एक , चूल्हा एक, तो जब कुछ बांटा नहीं था तो,... लेकिन देवरानी, कमल की माँ , जेठानी के पहले बियाई,
( देवर भौजाई का चक्कर चलता तो लेकिन कुछ कुछ सावधानी बरतते थे , एक दो बार पेट भी गिरवाया ) . कमल पेट में बहुत उत्पात मंचाता था और हुआ भी बड़ी मुश्किल से, और उसके बाद डाक्टरनी ने बोल दिया की अब दूसरा बच्चा नहीं हो सकता,... कमल घर का अकेला लड़का, बंश का दीपक , देवरानी जेठानी के बीच में अकेला,... तो मनबढ़ तो होना ही था। लेकिन जैसे जैसे बड़ा हुआ उसकी जिद्द की उसके कोई बहन क्यों नहीं है,... चार साल का था जिद्द कर बैठा,...
मेरी समझ में कुछ कुछ आने लगा था फिर भी मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए पूछा, तो फिर क्या आपके जेठ आये,...
रेनू की चाची बड़ी जोर से हंसी, बोली, आके भी का करते, उनके बस का कुछ था नहीं और फिर उनका शौक भी अलग था, आगे का नहीं पीछे का, वो भी लड़कों के साथ,... और मारने का नहीं,..."
" .... मरवाने का " हँसते हए मैंने उनकी बात पूरी की,... ये बात मुझे भी मालूम थी की कौन गाँव ऐसा होगा जिसमें चिकने लौंडे या लौण्डेबाज न हों,... तो रेनू की चाची ने आगे बात बढ़ाई,...
" तो एक दिन वो जिद्द कर रहा था तो मैंने उसे उसकी ताई की ओर लुहका दिया , और उनसे बोली भी,... देखिये आपका दुलरुआ है आप ही इसकी इच्छा पूरी करिये,... मुझे तो डाक्टरनी ने बोल ही दिया है कुछ हो नहीं सकता। आपके देवर इतनी मेहनत करते हैं लेकिन कुछ होना जाना नहीं हैं , हाँ अगर आप चाहें,... "
कमल को गोद में लेके प्यार करते वो बोलीं , " अरे अब हमार कुल दीपक कउनो चीज चाहें और हम मना कर दें, ... उसका तेल बुकवा वही सब करती हैं, ... '
मैंने फिर छेड़ा, और नूनी खोल के तेल लगाना भी,... पकड़ के सु सु कराना वो भी।
हँसते हुए वो बोली एकदम और अभी भी मैं कमल के सामने भी उनसे बोलती हूँ , इसकी नूनी जब थी तब तो आपने सबसे पहले पकड़ा सहलाया था , तेल लगा लगा के बड़ा किया ,... लेकिन बात ये हुयी की सावन लग गया था, बहुत दिन से मैं मायके नहीं गयी थी, तो मैं कमल को लेकर महीने भर के लिए मायके चली गयी, और लौटी तो जेठानी हमारी उलटी करती मिलीं, रोज खट्टा मांगती। "
" तो सावन जबरदस्त बरसा, रोपनी अच्छी हुयी, देवर ने भौजी के खेत में पूरी मेहनत की,... " मैंने मुस्कराकर रेनू की चाची से कहा।
" एकदम, ... दिन रात मेहनत की, और अबकी सब पानी खेत में ही जा रहा था और उस समय तो गोली वोली का भी ज्यादा जमाना नहीं था। तो नतीजा अच्छा निकला। " हँसते हुए वो बोलीं।
Thanks so much, aapke comments ka arse se intezaar tha.Bahut deep planning gai
Ekdam Bhai behan ka ek aur dilchasp kissa, agala bhaag bhi Renu aur kamal ki hi dastaan ka hogaHot flash back