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आपने कहानी के उद्धरण के साथ जो कमेंट किये हैं उससे लगता है कितनी अच्छी तरह न सिर्फ आपने कहानी को पढ़ा बल्कि एक एक बात को रेखांकित भी किया , आप ऐसे मित्र पाठक दुलर्भ हैं,Yeh ... Ye huaa ashli maza. Sach me konalji ye vala kissa se dill khush ho gaya. Kon bolta he ke fagun me dewar bhoujiyo ko pelte he. Are bhouji log dewar ko pelte he. Abhi to dekha hi kya he. Bhuji power. Wah chameliya wah. Kar diya bittu ka balatkar. Dam dar update.
Ye daylog to jitni bar padho kam he. Kya baki sabdo ka jadu he
1) लेकिन फिर चमेलिया ने जो किया, ननदों की चीख निकल गयी, ... उसने पलटी मार दी। हाथों से तो कस को बिट्टू की पकडे ही थी, अपनी दोनों टांगो से उसने बिट्टू के चुतड़ दबोच लिए, और अब जब बिट्टू ने धक्का मारा एकदम जड़ तक, बस वही बुर भींचने वाली ट्रिक पूरी ताकत से चमेलिया ने की और पलटी मार दी,
2)
मेलिया ने जैसे गौने की रात मरद नयी नयी दुलहन की दोनों कोहनी तक चूड़ी से लदी कलाई पकड़ के पूरी ताकत से झिल्ली फाड़ने के लिए धक्का मारता है, उसी तरह चमेलिया ने बिट्टू की दोनों कलाइयां पकड़ ली,.... और धीरे धीरे अपनी बुर ढीली कर अपने को ऊपर उठाया और झुक के एक कस के चुम्मा बिट्टू के मुंह पे ले के बोली,
" अब भौजी चोदेगी और देवर चुदवायेगा "
3)
जब बिट्टू की आँख खुली तो चमेलिया से बोला,...
" भौजी बहुत बुर चोदे , लेकिन तोहरे अस चुदवासी, एकाध ही मिलीं,... " और जिस तरह ये फुसफुसाते हुए बिट्टू ने मुझे देखा, मैं भी समझ गयी, मेरी अकेली देवरानी चमेलिया भी, ... की वो 'एकाध' कौन है।
फागुन के दिन चार का नया भाग भी आपका इन्तजार कर रहा है।