न केवल कहानीकार अच्छी हैं... बल्कि कमेंट से भी चार चाँद लगा देती हैं...आपने कहानी के उद्धरण के साथ जो कमेंट किये हैं उससे लगता है कितनी अच्छी तरह न सिर्फ आपने कहानी को पढ़ा बल्कि एक एक बात को रेखांकित भी किया , आप ऐसे मित्र पाठक दुलर्भ हैं,
फागुन के दिन चार का नया भाग भी आपका इन्तजार कर रहा है।