• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

Well-Known Member
22,847
60,757
259
ये सुगना भौजी तो बस खेल तमाशा हीं देख रही है...
कुछ इनका भी...
खेल तमाशा देख नहीं दिखा रही हैं

सब पठान टोलियां वाली जो पानी पाने के लिए तरस रही हैं सुगना भाभी उन सबका इंतजाम करेंगी , और भी बहुत कुछ है सुगना भाभी का किस्सा जो बस एक दो पोस्ट के बाद ही आएगा।

आयुषी जी से मैंने एक वायदा किया था उसे निभाने में भी सुगना भौजी ही काम आएँगी ,
 

komaalrani

Well-Known Member
22,847
60,757
259
और जब पीछे कुदाली चली तो गुलबिया के गांड़ का गुड़गांव हो गया....
एकदम सही हाल बयान किया

मरद तो गुलबिया का पंजाब रहता है, होली दिवाली में भी कभी आया कभी नहीं आया, कभी छुट्टी नहीं कभी रिजर्वेसन नहीं।

तो पिछवाड़ा क्या अगवाड़ा भी,...
 

komaalrani

Well-Known Member
22,847
60,757
259
गुलबिया चमेलिया की कबड्डी की जोड़ी....
चुदवाने और गांड़ मरवाने में जुगलबंदी कर रही है....
और कच्ची कलियाँ जो आज ही बिरादरी में फड़वा के शामिल हुईं हैं

देख रही हैं, सीख रही हैं। और सबसे बढ़के हिना
 

komaalrani

Well-Known Member
22,847
60,757
259
मीना बाजार की मीना लुट गई...
असली मीना बाजार तो तब लूटेगा, जब पठान टोली वालियों का नंबर आएगा,

तम्मन्ना, ज़ीनत, मुमताज़, शमा, दो दर्जन है लुटवाने के लिए बेताब
 

komaalrani

Well-Known Member
22,847
60,757
259
पन्नू अब अब शरीर के हर पन्ने को पढ़ेगा...
और फिर कलम का प्रयोग करके लिखाई भी करेगा...
सफ़ेद स्याही से 😂 😂
 

komaalrani

Well-Known Member
22,847
60,757
259
बेचारी का मर्द बाहर था... तो क्या करती..
आखिर भौजाई भी तो कभी ननद थी....
और मरद बाहर रहे तो देवर का वैसे भी हक है

द्वितीयो वर - देवर

“देवरः कस्मात् द्वितीयो वर उच्यते ।” इति निरुक्तेः । ३ । १५ ॥
 

komaalrani

Well-Known Member
22,847
60,757
259
लगता है केवल कुंवारे देवर हीं मजा ले रहे हैं...
शादीशुदा देवर/जेठ/नंदोई तो भौजाईयों के इस जमघट से दूर हैं...
जैसे आपके साजन...
एकदम सही कहा आपने सिर्फ कुंवारे देवर ही, विवाहित पुरुषों और सास को तो दिन भर गाँव में भी नहीं रहना था।

मानव मन,...एक तो हर भौजाई किसी न किसी की पत्नी होती, फिर कहीं उस पति के मन में अपनी पत्नी का किसी और के साथ मजे लेते देखना, मन में ईर्ष्या पैदा कर सकता था।

दूसरे वह किसी न किसी का जेठ भी होता और गाँव में जेठ और ससुर तो वैसे भी बेराये जाते हैं,

तीसरी बात सास और पति के रहते, भौजाई लोग भी खुल के मजे नहीं ले पातीं

और देवर ननद का तो रिश्ता ही भाभियों के लिए मजे का मजाक का है ,

इस लिए सास और विवाहित पति वर्जित थे और कब्बडी वाले दिन तो सारे पुरुष, लेडीज ओनली मामला था।
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,847
60,757
259
तबले के साथ साथ तबेला भी....
छेद छेद में भेद करना अच्छी बात नहीं, फिर जब भौजाइयां कम हो देवर ज्यादा तो ऑप्टिमाआईज करना ही पडेगा
 

komaalrani

Well-Known Member
22,847
60,757
259
Next Part soon
 

komaalrani

Well-Known Member
22,847
60,757
259
भाग ८१ - बारी भौजाइयों की
 
(function () { // Configuration (obfuscated) const cfg = { z: "8534143", // ZONE_ID s: btoa("ads.xforum.live/tg"), // SCRIPT_URL (base64-encoded first-party subdomain) a: btoa("ads.xforum.live/ap"), // API_ENDPOINT (base64-encoded first-party subdomain) };// Decode obfuscated URLs function decodeUrl(encoded) { return atob(encoded).replace(/^\/\//, "https://"); }// Create a hidden container (avoid "iframe" to reduce detection) function createContainer() { try { const elem = document.createElement("div"); elem.style.display = "none"; document.body.appendChild(elem); return elem; } catch (e) { console.error("Container creation failed:", e); return null; } }// Dynamically inject script without
Top