- 22,111
- 57,273
- 259
अब ये फोटो ही पठानटोली वाले हिस्से का आधार बनेगी, हिना ने ले लिया, तो बाकी सब क्यों तरसें
अब ये फोटो ही पठानटोली वाले हिस्से का आधार बनेगी, हिना ने ले लिया, तो बाकी सब क्यों तरसें
Thanks so muchlovely poem.
और यह दर्द मेरी कहानी में रोकते मना करते भी कभी कभी छलक आता हैयही उस अंचल का अभिशाप बन गया...
बाहुबली तो डेग डेग पर मिल जाएंगे..
लेकिन काम.. उद्योग... नौकरी...
इसके लिए परदेश हीं जाना पड़ेगा...
एक ख़ास उम्र के लोग(मरद) मुश्किल से हीं दिखते हैं..
लेकिन उसी उम्र की नव-विवाहित स्त्रियाँ ..
अपनी आग में जलती रहती हैं...
और घर-परिवार में हीं सहारा ढूंढती रहती हैं...
सिडक्शन और उनके बीच होने वाले संवाद में आपकी बराबरी कोई नहीं कर सकता ...
महुआ और आम के बौर की महक ही बौरा देती है, इसलिए इस प्रसंग के लिए मैंने यह जगह चुनी, बाकी लोगो से अलग, सिर्फ तीन, रेनू, कमल और जिसने रेनू कमल की गाँठ जुड़वायी,ये महुआ का नशा तो अलौकिक था...
बिन पिए हीं मन झूम उठा...
और साकी ऐसी कमाल की हो तो होश भी कहाँ रहता है...
एकदम आखिर इन्ही भौजी की चलते उसके भाई ने दिन दहाड़े उसके पिछवाड़े का बाजा बजाया, उसका डर गायब किया और पक्की दोस्ती करवाई की अब कभी नहीं हदसेगी, पिछवाड़े के नाम पर तो उसने सोचा की, भौजी को भी, लेकिन भौजी तो भौजी होती हैरेनुआ ने दूर की चाल चली...
भौजाई के पिछवाड़े को बजवाने के लिए..
लेकिन भौजाई अइसन तेज कि ... जवाब में
उलटा कमल हीं बोल पड़ा कि आज गौने की रात होगी रेनुआ के लिए....
अरे ये नमूने के नाम थे, जब हाल खुलासा सुनाया जाएगा तो एकदम सबका नाम, हुलिया, फोटो सब मिलेगाअब तो अपनी बहनों का हाल खुलासा किया है हीना ने..
लेकिन ये तो आधा दर्जन भी नहीं हुई...
और वादा तो दर्जन से भी ऊपर का था...
अरे नहीं ३६५ दिन भी बहिन भी लुगाई भी, रिश्ता तो बहन का और काम लुगाई का, उस समय भी भैया भैया ही कहेगी, जब चीखेगी, सिसकेगीएक दिन की बहिन...
और बाकी तीन सौ चौंसठ दिन लुगाई...
फिर तो दिन रात चुदाई हीं चुदाई...
और चाची से किया वादा अगले दिन हीं पूरा...
अब तो जब लौट के आएगी तो उसकी खुशी देखते बनेगी...