भाई के रस से गहराई तक पगी...भले ही इस कहानी में आनंद न हों, चरित्र के रूप में लेकिन यह चिर सत्य ननद और ननद के भैया वाला इस कहानी में पल पल छलकता रहता है और यह प्रसंग भी वही है बल्कि आनंद की बहन तो ममेरी है यहाँ तो सगी बहन, भैया को सैंया बना रही है बल्कि गाभिन होने का भी प्लान है