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रात बाकी, बात बाकी
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रात बाकी, बात बाकी
Thanks so much aur bahoot jaldशानदार चित्रण
waiting for next update.......
Itni kutai ke baad bhi Guddi ka man nahi bhara, or na hi guddi ke Jija ka.दोनों बहनों की एक साथ,...
छुटकी रो रही थी , चीख रही थी अपने हाथ पटक रही थी , पर जितना वो तड़पती उतना ही नन्दोई जी और कस कस के,...
तभी मैंने देखा की मेरे साजन भी, उन्हें मैं क्यों बख्शती , उनकी भी शार्ट उतर गयी , ननदोई का खूंटा मेरी छोटी बहन की गाँड़ में और ननदोई के साले का खूंटा नन्दोई की सलहज के मुंह में ,...
मस्त हो कर मैं चूस रही थी , और जब बीच में उन्हें छोड़ के उनकी साली की चुत चुसाई में लग जाती तो मेरी उँगलियाँ ,
दस बाहर मिनट तक नन्दोई जी छुटकी की गाँड़ मारते रहे , छुटकी चीखती चिल्लाती रही,... पर पता नहीं साले जीजा में क्या बात चीत हुयी , खिलाड़ी बदल गए ,
अब छुटकी के जीजा छुटकी के पिछवाड़े,... छुटकी की चीख के साथ मेरी भी चीख निकली ,
पीछे से ननदोई जी ने मेरी गाँड़ में ठेल दिया था और एक बार में आधा बांस, मैं जोर से चीखी,...
और मेरी छिनार ननद खूब जोर से हंसी,
" अब मजा आ रहा है , दोनों बहनों की एक साथ गाँड़ मारी जा रही है , खुले आँगन में "
हम दोनों बहने सिक्सटी नाइन की पोज में , मेरी बहन के पिछवाड़े मेरे साजन और मेरे पिछवाड़े नन्दोई जी , मेरी गाँड़ के रसिया
और मैं भी कभी गांड में उनके लंड को निचोड़ लेती कभी उनके धक्के का जवाब धक्के से देती , कभी उनकी बहिन महतारी गरियाती ,
आधे घंटे के बाद जीजा साले एक साथ झड़े, और देर तक हम दोनों के अंदर ,
मुझे सहारा देकर ननद जी ने खड़ा किया और सासू जी ने छुटकी को।
सासू जी छुटकी को लेकर अपने कमरे की ओर जाने लगीं तो छुटकी का मुंह छोटा सा हो गया, वो मुड़ मुड़ के अपने जीजू की ओर देखने लगी, और इनकी आँखे भी ललचाती हुयी छुटकी को देख रही थीं सासू जी की आँखों से तो कुछ छिपा नहीं रहता, तो बस छुटकी से वो बोलीं,...
" बस मुझे ज़रा सी नींद लगने लगे तो तू अपनी दीदी के पास चली जाना।"
बोल तो वो छुटकी से रही थी लेकिन, जैसे सूरज को देख के कमल खिलता है, उनका चेहरा खिल रहा था.
उधर ननद रानी भी नन्दोई जी के साथ जाने के लिए मुड़ी तो मैंने नन्दोई जी को जबरदस्त आँख मार दी, और इन्हे उकसाते,
ननद जी को छेड़ते अपने साजन से बोली,
" आज आपने मेरी बहिनिया की गाँड़ मारी तो कल अपनी बहिनिया की मारिएगा,.. बहुत मस्त चूतड़ हैं ननद रानी के "
और साथ में कस के चिकोटी ननद के मोटे मोटे चूतड़ों में काट ली,... "
मुस्कराती ननद, नन्दोई के साथ अपने कमरे में, और ये बोले,
" तेरी ननद की तो कल देखी जायेगी, आज अभी तो ननद की भाभी अपना पिछवाड़ा बचाएं "
मैं भी जानती थी और ये भी जानते थी की न मैं बचाने वाली न ये छोड़ने वाले, अरे बचाने के लिए थोड़ी मेरी माँ ने इनके पास भेजा था, पर मैं बोली,
" तो कल ननद के पिछवाड़े पर ननद के भइया चढ़ेंगे, पक्का "
और खिलखिलाते हुए अपने कमरे में इनके आगे आगे , मैं खुद पलंग को निहुर के पकड़ के,
दरवाजा भी इन्होने नहीं बंद किया , इत्ती जल्दी मची थी इस जल्दबाज को,... बस मेरी साड़ी पकड़ के खींचनी शुरू की और उनसे तेज मैंने अपनी साड़ी उतारकर वहीँ फर्श पे, साया मोड़ के उन्होंने कमर तक कर दिया, ब्लाउज की आधी बहने तो छेड़छाड़ में इनकी बहना ही खोल देती थीं,... बाकी इन्होने, टाँगे मैंने खुद अच्छी तरह फैला दीं,...
Thanks sooooooo muchItni kutai ke baad bhi Guddi ka man nahi bhara, or na hi guddi ke Jija ka.