














































आखिर दोनों किसी दूसरे घर से आईं हैं...बहुत बहुत आभार, धन्यवाद
आपने एकदम सही कहा सास बहू की समझ, दोनों का एक दूसरे के लिए ख्याल, इसलिए ये रिश्ता देह से बढ़कर मन का भी और और मष्तिष्क का भी, बस साथ बनाये रखिये और अगली दो पोस्टों में इन रिश्तों के और रंग दिखेंगे, आप के कमेंट्स का इन्तजार रहेगा।
ओहो... तो पंचगव्य नहीं...आठ का प्रसाद तो सास को भी मिला , बहू कुछ तो ले आयी सास के लिए भी।