• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Serious ज़रा मुलाहिजा फरमाइये,,,,,

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,147
115,947
354
इस तरह गुज़र जाए दिन चार मुहब्बत में।
दोज़ख भी सँवर जाए दिलदार मुहब्बत में।।

प्यारेे वतन के सदके हर दिल से उठें ऐसे,
नफ़रत भी बदल जाए बस प्यार मुहब्बत में।।

ये मज़हबों की रंजिश, ये जातियों के झगड़े,
छँट जाएँ ग़र्दिशें सब गुलजार मुहब्बत में।।

आए ग़मों से खुश्बू खुसियों की सदा लेकर,
हर दर्द बने खुशदिल इजहार मुहब्बत में।।

नाहक़ न पिसे गुर्बत अमीर सोहरतों में,
हर दिल से फ़र्ज़ का हो इकरार मुहब्बत में।।

दरिया-ए-वतन में हों मौज़े-अमन रवाँ यूँ,
साहिल भी नज़र आए रू-दार मुहब्बत में।।

हर दिल अज़ीज जैसे गुल सा खिलें चमन में,
बहरें ये नेकियाँ यूँ हर बार मुहब्बत में।।


________गोपाल शरण सिंह
 
  • Like
Reactions: VIKRANT

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,147
115,947
354
अच्छी लगी है आपकी तिरछी नज़र मुझे
समझा गयी जो प्यार का ज़ेरो ज़बर मुझे।।

आये थे आप क्यूँ भला महफ़िल में बेनक़ाब,
तब से सुकूँ न मिल सका शामो सहर मुझे।।

नज़दीकियों के बीच बहुत दूरियां मिलीं,
करना पड़ा है उम्र भर लम्बा सफर मुझे।।

पत्ते भी साथ छोड़ के जाते खिंजां में हैं,
रोता हुआ ये दर्द बताया शज़र मुझे।।

ये वक्त जश्न का है मेरी ईद आज है,
जब मुद्दतों के बाद दिखा है क़मर मुझे।।

ख़ामोश हूँ मैं कब से ज़माने के दर्द पर,
सुहबत थी आपकी जो हुआ है असर मुझे।।

किस किस पे मैं यक़ीन करूँ ऐ खुदा बता,
ख़ंजर को जब चुभाए मेरा मोतबर मुझे।।

अपनी ख़ता पे आज वो चहरे उदास हैं,
करने चले थे शौक से जो बेकदर मुझे।।

किस्मत को राह खूब पता है मियाँ यहां,
ले जाएगी उधर ही वो जाना जिधर मुझे।।

मुहमोड़ कर वो चल दिये आया बुरा जो वक्त,
जो कह रहे थे गर्व से अपना जिग़र मुझे।।

इस मैकदे को छोड़ के तौबा करूँ सनम,
मिल जाये थोड़ी आपसे इज्ज़त अगर मुझे।।

मत पूछिए हुजूऱ मेरा हाल चाल अब,
रहती है आजकल कहाँ अपनी ख़बर मुझे।।

_______नवीन मणि त्रिपाठी
 
  • Like
Reactions: VIKRANT

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,147
115,947
354
Abhi naa jao chhod ke
Kahi story adhuri na rah jaye
बहुत बहुत शुक्रिया नैना जी आपकी इस खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए,,,,,,
 
  • Like
Reactions: VIKRANT and Aakash.

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
79,147
115,947
354
उम्र जलवों में बसर हो ज़रूरी तो नहीं।
हर शब-ए-ग़म की सहर हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

चश्म-ए-साक़ी से पियो या लब-ए-साग़र से पियो,
बेख़ुदी आठों पहर हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है,
उनकी अगोश मे सर हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

शेख़ करता तो है मस्जिद में ख़ुदा को सजदे,
उसके सजदों में असर हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

सब की नज़रों में हो साक़ी ये ज़रूरी है मगर,
सब पे साक़ी की नज़र हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

______ख़ामोश दहेलवी.
 

Sanskari Larka

Sᴀk†Lᴀน𝖓da
1,046
2,405
159
उम्र जलवों में बसर हो ज़रूरी तो नहीं।
हर शब-ए-ग़म की सहर हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

चश्म-ए-साक़ी से पियो या लब-ए-साग़र से पियो,
बेख़ुदी आठों पहर हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है,
उनकी अगोश मे सर हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

शेख़ करता तो है मस्जिद में ख़ुदा को सजदे,
उसके सजदों में असर हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

सब की नज़रों में हो साक़ी ये ज़रूरी है मगर,
सब पे साक़ी की नज़र हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

______ख़ामोश दहेलवी.
Wah kya bat hai
 
  • Like
Reactions: The_InnoCent

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
31,619
92,287
304
बहुत बहुत शुक्रिया नैना जी आपकी इस खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए,,,,,,
Gam ki Jung sabhi ko hai... hai dukh ey dard....
Hathiyar se nahi....... Kinhi logo ki baton se...
Par tu toh Jung se pehle hi sab kuch chhod bhage....
Tujhe se hi ek ummid.... Par tu toh bich raste me hi chhod diye hath meri
(ek kayar ki tarah)
 

Sanskari Larka

Sᴀk†Lᴀน𝖓da
1,046
2,405
159
गैर ले महफ़िल में बोसे जाम के
हम रहें यूँ तश्ना-ऐ-लब पैगाम के
खत लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो
हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
इश्क़ ने “ग़ालिब” निकम्मा कर दिया
वरना हम भी आदमी थे काम के
 
Top