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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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अब तो आजाद पंछी की तरह परवाजें भरेंगी...मंजू ने की रगड़ाई
पर अभी भी हलकी सी हिचक हलकी सी आवाज में थी और उसे तोडना जरूरी था,... मंजू ने कस के मिसेज मोइत्रा का गाल दबाया, उनका मुंह खुल गया, देर से मंजू अपने मुंह में थूक इकट्ठा कर रही थी,... बोली,...
स्साली तेरी मुख शुद्धि करनी पड़ेगी तब तेरी आवाज निकलेंगी, ...
और मंजू के मुंह से ढेर सारा थूक, मिसेज मोइत्रा के मुंह में,... और मंजू ने अपने होंठों से मिसेज मोइत्रा के होंठों को सील कर रखा था, उसकी देह का पूरा दबाव मिसेज मोइत्रा पर था, वो चूम या चूस नहीं रही थी बल्कि मिसेज मोइत्रा के होंठों को चबा रही थी, साथ में एक हाथ कस के मिसेज मोइत्रा की जबरदस्त चूँची को मसल रहा था और दूसरे हाथ की हथेली, उनकी चिकनी चमेली पर,...
फिर एक झटके में मंजू ने दो उँगलियाँ मिसेज मोइत्रा की बुर में जड़ तक पेल दीं और गच्चागच गच्चागच, उस कसी बुर में अंदर बाहर,... क्या किसी मर्द का लंड जाएगा,...
मिसेज मोइत्रा छटपटा रही थीं, हाथ पैर पटक रही थीं छुड़ाने की कोशिश कर रही थीं,... पर मंजू की देह में बहुत ताकत थी.
मिसेज मोइत्रा के मुंह में उसका थूक, मिसेज मोइत्रा की बुर में उसकी दो मोटी मोटी उँगलियाँ,...
दो चार मिनट में ही मिसेज मोइत्रा थक के हार गयीं,... मंजू जान गयी थी अब तक उन्हें, और समझ रही थी की मिसेज मोइत्रा को इस जबरदस्ती में बहुत मजा आ रहा होगा,... और फिर अभी, आज रात को ही मिसेज मोइत्रा के इसी मुंह में बहुत कुछ जाना था, आज रात को मिसेज मोइत्रा की पूरी सोच बदल जानी थी, लड़को के लिए और सबसे उन दोनों कबुतरियों के लिए जिसे उन्होंने पिजड़े में बंद कर रखा था
मजा तो तब है जब मिसेज मोइत्रा खुद पिंजड़ा खोल के अपनी दोनों कबुतरियों को अपने दामाद के हवाले कर दें,... और उन्हें उड़ने के लिए छोड़ दें,...
और जब मंजू ने अब मिसेज मोइत्रा को छोड़ा और
निपल उमेठती हुयी बोली,
" चल साली बोल, तेरी बेटी और तेरा दामाद,... "
अबकी मिसेज मोइत्रा की आवाज में कोई भी हिचक नहीं थी बल्कि एक नयी मस्ती थी,... वो ख़ुशी से बोलीं,
" अरे यार बेटियां मेरी, दामाद मेरा,... दामाद का काम ही है बेटियों को चोदना,... आखिर इत्ता ढूंढ ढांढ के दामाद लाते क्यों हैं बेटी को भेजते क्यों है चुदवाने के लिए न ,.बेटियां मेरी, दामाद मेरा, जवानी मेरी बेटियों पर चढ़ी, जोबन उनके गदरा रहे हैं, खूंटा मेरे दामाद का तना रहता है, तो बेटियों को दामाद नहीं चोदेगा तो कौन चोदेगा ... तो चोदना हो तो चोद दे मेरी बेटियों को मेरा दामाद,... "
मिसेज मोइत्रा में मंजू की आत्मा घुस गयी थी,... दोनों पक्की सहेलियों की तरह खिलखिलाती रहीं बड़ी देर तक और मंजू कस कस के उनकी कसी टाइट बुर में ऊँगली करती रही, कभी गोल गोल घुमाती,.... कभी चम्मच की तरह मोड़ के बुर की अंदर की दीवालों को खुजलाती, तो कभी जब कैंची की फाल की तरह फैलाती तो मिसजे मोइत्रा की जान निकल जाती, लेकिन उन्हें मजा भी आ रहा था , चूत से चाशनी निकलनी शुरू हो गयी थी.
" अबे स्साली एक बात है लेकिन तेरे दामाद में,... "
मिसेज मोइत्रा बोली नहीं उन्हें मालूम था मंजू बात पूरा करेगी,... और मंजू ने बात पूरी की,... जोर जोर से ऊँगली करते हुए,
" स्साला तेरा बहनचोद दामाद,... उसे तेरी बेटियां अपनी स्सालिया नहीं,... ये चाहिए ये, अपनी सास का भोंसड़ा। स्साला मरता है उसके लिए, कित्ती बार मैंने अपने कान से सुना, जो स्साला को चोदते हुए तेरे जोबन की तारीफ़ करे,... और दो तीन राउंड के बाद तो कम से एक राउंड और,... उसकी बीबी बोलती है ,
" अबे यार चल तेरी किस्मत में तो वो मस्त माल है नहीं, तू मुझे ही मिसेज मोइत्रा समझ के चोद ले,... "
और सुनते ही तीन राउंड के बाद ही उसका लोहे के रॉड ऐसा कड़ा, खड़ा हो जाता है और फिर तो वो चुदाई होती है नॉन स्टाप, जैसे कोई धुनिया रुई धुनें, और हर धक्का बच्चेदानी तक सीधे,... तीन बार झाड़ के ही उसका झड़ता है,... और ये सब सिर्फ तेरे बारे में सोच के होता है,... और सोच अगर तू सच में उससे चुद गयी, तेरा पाँव धुल के पियेगा,... "
" रोज पिलाऊंगी " हंसती हुयी मिसेज मोइत्रा बोलीं,....
और मंजू ने मिसेज मोइत्रा की गीली बुर से चाशनी से डूबी उँगलियाँ दोनों निकाल के मिसेज मोइत्रा के मुंह में ठूंस दी हलक तक. मिसेज मोइत्रा मजे से अपनी ही चाशनी मंजू की ऊँगली से चाट रही थीं, और मंजू उनकी दोनों कबुतरियों के बारे में बात कर रही थीं,
" चोदना तो अपनी सास को चाहता है वो लेकिन जीजा साली का रिश्ता, फिर उसकी सालियों पर जवानी चढ़ रही है तो कहीं कभी मन आ जाए जीजा साली का चोद ही दे,... इसलिए में कह रही थी ज्यादा चूतड़ मत पटकना,.. लेकिन मन उसका इन चूँचियो में ही उलझा है। लेकिन असली परेशानी उसे पटाने में तेरी बेटियां ही है , इसलिए की तुम उन दोनों से डरती घबड़ाती हो,... कहीं देख ले क्या सोचेंगी,... बस इसी घबड़ाहट में जवानी निकल जाती है। मेरी बेटी उसका खून खच्चर महीने वाला शुरू हुआ , एकदम मेरी सहेली सब काम मैंने ही उसे समझाया, खाली माँ बेटी, ... बाकी बातें माँ समझाती है तो चुदवाना कौन सिखाएगा,... "
बात मंजू की सही थी और मिसेज मोइत्रा भी मान रही थीं मंजू मन के अंदर की बात पकड़ लेती है और अगर उन्हें अपने दामाद के साथ मज़ा लेना है तो जो जो मंजू कहे वो करना होगा।
मंजू ने मिसेज मोइत्रा के मुंह से ऊँगली निकाल ली थी और उसमें उनका जो मुख रस लगा था, उसे प्यार से मिसेज मोइत्रा के गाल पर लपेटते हुए समझाया, ...
" देख यार तेरी बेटियां, मेरी बेटी, लेकिन अपनी जवानी, अपना जोबन हरदम थोड़ी रहने वाला है और तेरे पीछे तो एक मस्त सांड़ पड़ा है,... और मैं कहती हूँ एक बार वो तेरी ले लेगा न तो एकदम गुलाम हो जाएगा, जब ब्लाउज के ऊपर से देख के टनटनाता है उसका तो एक बार खोल के पकड़ा देगी या उसका खोल के पकड़ लेगी तो फिर तो नाक रगड़वाएंगी तो नाक रगड़ेगा तेरे आगे. "
बल्कि ये उमर तो आग को अपने चरम पर रखती है...समझ गयीं मिसेज मोइत्रा
मंजू ने मिसेज मोइत्रा के मुंह से ऊँगली निकाल ली थी और उसमें उनका जो मुख रस लगा था, उसे प्यार से मिसेज मोइत्रा के गाल पर लपेटते हुए समझाया, ...
" देख यार तेरी बेटियां, मेरी बेटी, लेकिन अपनी जवानी, अपना जोबन हरदम थोड़ी रहने वाला है और तेरे पीछे तो एक मस्त सांड़ पड़ा है,... और मैं कहती हूँ एक बार वो तेरी ले लेगा न तो एकदम गुलाम हो जाएगा, जब ब्लाउज के ऊपर से देख के टनटनाता है उसका तो एक बार खोल के पकड़ा देगी या उसका खोल के पकड़ लेगी तो फिर तो नाक रगड़वाएंगी तो नाक रगड़ेगा तेरे आगे. "
मिसेज मोइत्रा मंजू की बात सुन के मुस्करा रही थीं, बात एकदम सही कह रही थी, कितनी बार उन्होंने देखा है वो आता है उनकी बेटियों को लेने के लिए लेकिन चोरी चोरी चुपके चुपके बस उन्ही के चोली के फूल, और कहीं जान बूझ के शरारत से आँचल उन्होंने हल्का सा लुढ़का दिया
तो क्या कस के स्साले की पेंट टाइट हो जाती है, दूर से ही लम्बा मोटा नजर आता है,... लेकिन बात अब आगे बढ़नी चाहिए न देखा देखी से, ललचाता वो भी है, चाहती मिसेज मोइत्रा भी लेकिन कैसे,
और मंजू ने नब्ज पकड़ ली और इलाज भी बता दिया,...
" देख बे, असली परेशानी है तेरी बेटियां, बल्कि जिस तरह से तू उनके बारे में सोचती है,.... अब उस दिन अपने होने वाले यार का लंड पैंट के ऊपर से छू रही थी न तू, बस खोल के एक बार पकड़ लेती, मन तो तेरा कर रहा होगा न,... "
मिसेज मोइत्रा ने हामी में सर हिलाया,... और मंजू ने बात आगे बढ़ाई,
" तो क्यों नहीं पकड़ा,... और तू एक बार पकड़ लेती न लंड उसका खुल्लम खुल्ला, तो उस बहनचोद की भी झिझक खुल जाती, समझ जाता की तो तू खुद चुदवासी हो रही बस वो मौका निकाल के चोद देता, लेकिन क्यों नहीं पकड़ा,... इसलिए की तुझ साली को अपनी बेटियों का डर लग रहा था, की कहीं वो न आ जाएँ , क्या सोचेंगी,... और वो बहनचोद भी यही डर रहा था,.... की उसकी सालिया सोचेंगी की जीजू उनकी मम्मी पे लाइन मारते हैं... इसलिए वो ललचा रहा था वरना वो तेरे जुबना पकड़ लेता,...
तो बस मुझे यही डर लग रहा है की स्साली तुम दोनों की उमर इसी शरमा सरमी में निकल जाएगी, अरे जिसने की सरम उसके फूटे करम,... और जिसने सरम गंवाई उसने खायी रबड़ी मलाई, तो तुझ स्साली को अगर दामाद की रबड़ी मलाई घोंटनी है तो बेटियों से सरम हिचक छोड़नी पड़ेगी वरना उसी सरम में ये जोबन गँवा दोगी और वो अभी तो मरता है तुझे पे लेकिन कितने दिन,... "
मिसेज मोइत्रा हाँ में सर हिला रही थीं लेकिन उनकी समझ में नहीं आ रहा था हल क्या है।
मंजू जोर से हंसी और बोली,
" यार देख तू मान ले की तेरी बेटियां भी बड़ी हो गयीं हैं , जवान हो रही हैं जोबन आ रहा है,
तो बस तू ये बात मान ले, उन्हें छोटी बच्ची मानना बंद कर दे तो वो भी तेरी देह की आग समझेंगी, उनके सामने भी अगर चिपका चिपकी करोगी तो वो कुछ नहीं बोलेंगी,... मान लेंगी मम्मी का भी मन करता होगा,...
तांक झांक उनके कमरे में जाना मोबायल चेक करना,... देखो अगर ये सब करोगी और वो तुझे तेरे दामाद के साथ कुछ करते देखेंगी तो बुरा लगेगा,... उन्हें की मम्मी तो हमें पिंजड़े में बंद करके रखती हैं और खुद .“ तो उन्हें सहेली की तरह मानो, अच्छे वाले मज़ाक करो, छेड़ो,... और अपने दामाद का नाम ले ले के ही,...
' अरे कैसी सालियाँ हो, हमारे जीजू होते तो मैं तो सीधे गोद में बैठती, जीजू साली में तो सब कुछ चलता है,..."
कभी थोड़ा लेट हो जाएँ तो, कुछ मत बोलो, बल्कि खुद उन्हें बाहर जाने को बोलो, कहीं बाहर से कुछ सामान लाना है, उन्हें समझाओ की चाहे तो अपनी सहेली के यहाँ चली जाएँ फिर देखना,... वरना ऐसे ही तड़पते तड़पते,... और वो बिचारा भी कबतक इन्तजार करेगा,... हफ्ता, दस दिन महीना, मान लेगा ये मिसेज मोइत्रा मिलने वाली नहीं,... बस हाथ मलती रहना। "
मंजू की बात मिसेज मोइत्रा के मन में घर कर रही थी और साथ साथ मंजू की उँगलियाँ जो एक बार फिर से चूत की गहराइयों में मंथन कर रही थी,...
मंजू ने छेड़ा,... इसी में से निकली होंगी दोनों जुड़वां बहनें,...
और मिसेज मोइत्रा खिलखिला के हंसी, बोलीं
" आज यह पहली बात मंजू तूने गलत बोली,.... वरना तेरी हर बात १०० फीसदी सही, अरे यार वो दोनों, आपरेशन से हुयी थीं, और लेडी डाक्टर मेरी सहेली थी, इतना बढ़िया आपरेशन किया एक चीरे का निशान भी नहीं दिखता,... और मेरी बुर उस कमीनी डाक्टर ने, बोर्डिंग में मेरी जूनियर थी,... उसी के साथ फिर से जो थोड़ी बहुत ढीली हुयी भी थी, फिर से टाइट कर दी और चिढ़ाया की जीजू को अब सुहागरात का मजा मिलेगा,... उसे क्या मालूम था का जीजू का मैगी छाप है उसी तरह पतला उसी तरह लुजलुज, .... "
अब मंजू समझी साल्ली छिनार की इतनी टाइट क्यों है, कुँवारी तो नहीं लेकिन नयी ब्याही ऐसी ही लगती है,...
" तेरे मुंह में घी गुड़, जल्दी ही तेरी ये बात सही निकले साला, बेटियों को चोदना हो तो चोदे, लेकिन मेरी तो टाँगे उठाये,... बेटी अगर दामाद से नहीं चुदेगी तो किससे चुदेगी,...स्साला दोनों मेरी कुँवारी बेटियों की झिल्ली फाड़े, गाँड़ मारे, मुंह में दे,... स्साला जीजा तो बड़े शौक से बना था तो ये कौन करेगा, और बित्ते भर का औजार,... सास और साली के काम न आये "मंजू - मिसेज मोइत्रा
और जुड़वां बेटियां
मंजू ने छेड़ा,... इसी में से निकली होंगी दोनों जुड़वां बहनें,...
और मिसेज मोइत्रा खिलखिला के हंसी, बोलीं
" आज यह पहली बात मंजू तूने गलत बोली,.... वरना तेरी हर बात १०० फीसदी सही, अरे यार वो दोनों, आपरेशन से हुयी थीं, और लेडी डाक्टर मेरी सहेली थी, इतना बढ़िया आपरेशन किया एक चीरे का निशान भी नहीं दिखता,... और मेरी बुर उस कमीनी डाक्टर ने, बोर्डिंग में मेरी जूनियर थी,... उसी के साथ फिर से जो थोड़ी बहुत ढीली हुयी भी थी, फिर से टाइट कर दी और चिढ़ाया की जीजू को अब सुहागरात का मजा मिलेगा,... उसे क्या मालूम था का जीजू का मैगी छाप है उसी तरह पतला उसी तरह लुजलुज, .... "
अब मंजू समझी साल्ली छिनार की इतनी टाइट क्यों है, कुँवारी तो नहीं लेकिन नयी ब्याही ऐसी ही लगती है,...
बस मंजू ने ऊँगली तेज करनी शुरू की और चिढ़ाया,
"मेरी बात मान, जरा सा बेटियों को छूट दे, उन से दोस्ती कर मस्ती कर,... और फिर अपने दामाद को चढ़ा,.... देखना हफ्ते भर में चोद चोद कर के वो स्साली छिनार तेरी चूत का भोंसड़ा बना देगा,..."
"एकदम तेरी सब बातें मानूंगी, स्साली मैं ही बेवकूफ थी, ओह्ह उफ़"
चूतड़ पटकते हुए मिसेज मोइत्रा बोलीं, ... फिर मंजू से कहने लगीं,
"यार मेरी मंजू मेरी रानी बस एक बार झाड़ दे, बहुत मन कर रहा है , बहुत तड़प रही हूँ,"
मंजू ने ऊँगली निकाली और मिसेज मोइत्रा की कसी बुर चूसना शुरू कर दिया, और चूस के तो वो कच्ची कलियों को दो मिनट में झाड़ देती थी ये तो वैसे ही गरमाई थी,...
स्साली रंडी, अब तेरा दामाद,... तेरी बेटियों को चोदने वाला दामाद झाड़ेगा तुझे,... चल बताती हूँ,... " मंजू ने चिढ़ाया और फिर बोली,
" तेरा दामाद, तेरी ये दोनों मस्त टांगे उठाएगा, .... फैलाएगा,... "
लेकिन मंजू के टाँगे उठाने के पहले खिलखिलाते हुए मिसेज मोइत्रा ने खुद ही अपनी गोरी गोरी लम्बी लम्बी टाँगे फैला के उठा के मंजू के कंधे पे रख दीं, जैसे कोई बहुत ही चुदवासी औरत खुद ही मरद के कंधे पर रख देती है और मंजू से बोली,
" तेरे मुंह में घी गुड़, जल्दी ही तेरी ये बात सही निकले साला, बेटियों को चोदना हो तो चोदे, लेकिन मेरी तो टाँगे उठाये,... बेटी अगर दामाद से नहीं चुदेगी तो किससे चुदेगी,...स्साला दोनों मेरी कुँवारी बेटियों की झिल्ली फाड़े, गाँड़ मारे, मुंह में दे,... स्साला जीजा तो बड़े शौक से बना था तो ये कौन करेगा, और बित्ते भर का औजार,... सास और साली के काम न आये "
यही तो मिसेज मोइत्रा के मुँह से मंजू सुनना चाहती थी, घचाक से दो उँगलियाँ उसने जड़ तक मिसेज मोइत्रा के बुर में पेल दिया और चिढ़ाते हुए बोली,...
" ऐसे ही पेलेगा तेरी इस कसी बुर में तेरा दामाद,... फरक सिर्फ इतना होगा की मेरी दो ऊँगली नहीं, मेरी कलाई ऐसा मोटा खूंटा होगा उसका और लोहे के डंडे ऐसा कड़ा.फाड़ के रख देगा तेरी, "
मंजू कुछ देर तक गपागप ऊँगली अंदर कर रही थी पर उसका मन आज सिर्फ तड़पाने का था झड़ने का नहीं,... और मिसेज मोइत्रा का मन चुसवाने का हो रहा था, वो मंजू से बोलीं,...
" अरे यार चूस चूस के झाड़ न "
" अरे तेरे पास इत्ती मस्त मस्त दो माल हैं सालियों से चुसवाओं न खाली तेरे दामाद का मोटा लंड घोंटेंगी अपनी माँ के लिए कुछ नहीं करेंगी, "
मंजू ने चिढ़ाया और कस के मिसेज मोइत्रा की दोनों चूँचियाँ मसल दी।
" अरे अभी उन बेचारियों को कुछ नहीं आता, चल अभी तो तू चूस मंजू मेरी अच्छी मंजू, बड़ी आग लगी है मेरी बुर में " मुस्कराते हुए मिसेज मोइत्रा बोलीं,...
इसका मतलब मिसेज मोइत्रा को उनकी बेटियों का जिक्र बुरा नहीं लगा था, मंजू ने बात आगे बढ़ाई
" चल स्साली, कोई बात नहीं, पांच दिन में ही उन दोनों को पक्की चूत चटोरी बना दूंगी,... ऐसी मस्त चूसेंगी,... एक से बुर चुसवाना, एक से गांड चटवाना, दो ऐसे मस्त मस्त माल घर में और तुझे,... "
मंजू बोल ही रही थी की मिसेज मोइत्रा खिलखिलाने लगीं, और बोलीं
" अरे मंजू तुझे इन्तजार करना पडेगा, कल से ही उन दोनों की माहवारी शुरू हो जायेगी,... दोनों जुड़वा है तो दोनों की एक ही दिन होती है,... लेकिन सिखा देना पांच दिन के बाद, दोनों तेरे हवाले,... अपने सब गुन ढंग,... सिखा देना, न माने तो जबरदस्ती,... लेकिन अभी मेरी नीचे की भट्ठी में जो आग लगी है उसका तो कुछ कर,... "
" चल, करती हूँ,... लेकिन आँख बंद कर के सोच स्साली की तेरी एक बेटी चूस रही है तेरी बुरिया,... उसमें तेरे दामाद की मलाई बजबजा रही है और तेरी बेटी,... किस बेटी से चुवायेगी बुर पहले,... " मंजू ने और उकसाया।
मिसेज मोइत्रा के पल के लिए चुप रहीं फिर, कस के उन्होंने मंजू का सर पकड़के अपनी दोनों जाँघों के बीच दबोच लिया और बोलीं,
" छुटकी चल चूस कस कस के चाट अपनी माँ की बुर, जिस बुर से तू निकली है.... बड़ी आग लगी है छुटकी चल चाट , चूस। "
नजरें हट कर नहीं देती...Thankyou very very much Delta is page ko dekho. Hot and beautifuls ka bhandar milega.
लाजवाब...Sach me, very good collection. Thanks for sharing it.
यही नहीं...Milf मिसेज मोइत्रा की पैंटी की खुशबू दामाद सूंघ कर मस्त हो जायेगा वाह कोमल जी आपके शब्दो की कामुकता और चित्रों का सयोजन बेमिसाल है मिल्फ मैच्योर की कामलीला का बेहतरीन दृश्य प्रस्तुत किया है आपने अद्भुत आपको बहुत बहुत साधुवाद
इसीलिए अपडेट्स स्टेबल होने के बाद हीं पढ़ना शुरू करता हूँ....मान गयीं मिसेज मोइत्रा -मंजू की बात
एकदम लेकिन ६ भाग हैं इसलिए आपको दुबारा तकलीफ दूंगी, बाकी भाग भी पढ़ कर आप के विचार जानने के लिए।
ये सही किया आपने...Iske baad bhi kayi posts hain jo abhi kuch der pahle post huyi maine isilye 6 oarts par rumal rakh ke reserve kar liya tha jiase story ki continity bani rahe. to ab baaki ke cooments.