यहाँ भी गुड्डी की गुड्डी(पतंग) भी नई ऊँचाइयाँ छूने को अग्रसर है...गाजर की खीर वाला फार्मूला बड़ा पक्का है, सोलहवां सावन वाली कहानी में भी गुड्डी ने आजमाया था अपने भाई पर
यहाँ भी गुड्डी की गुड्डी(पतंग) भी नई ऊँचाइयाँ छूने को अग्रसर है...गाजर की खीर वाला फार्मूला बड़ा पक्का है, सोलहवां सावन वाली कहानी में भी गुड्डी ने आजमाया था अपने भाई पर
मंजू काफी इंसाफ पसंद है...और क्या -यही तो मंजू का इन्साफ है और जादू भी, शेर बकरी एक साथ,
दामाद सास दो बस जस्ट टीनेजर सालिया-सोच के ही झुरझुरी होती है।
अब कौन सा इम्तिहान कठिन है .. ये तो गुड्डी हीं बताएगी....गुड्डी रानी की असली क्लास तो अब लगेगी,
कमल जीजू की मोटी कलम से, और मेरी बड़ी बहन रीनू,...
पढाई भी इम्तहान भी, मेरे जीजू उसके तो भाई ही लगेंगे तो दोनों कहानियों में एक साथ
मेरा भाई , मेरी जान
लेखक/लेखिका .. अपनी कल्पनाशीलता और समाज के परिदृश्यों को कहानी में ढाल कर एक नया आयाम पेश करता है...Please how i wish that there are more readers like you but you make me
ओह्ह... बहुत-बहुत धन्यवाद....नए साल की मेरी भेंट
वही फागुन के दिन चार,... बिना किसी जोड़ तोड़ के और चित्र भी ( थोड़े बहुत ), हर हफ्ते दो पोस्ट
* टर्म्स एंड कंडीशंस एप्लाई ( रिप्लाई, लाइकस )
शायद मेरी याददाश्त धोखा दे रही है...हाँ, मुझे आज भी वह कहानी याद है जहाँ बहन अपनी योनि में एक बैंगन डालती है और उस बैंगन से उसका भरता बनाती है और भाई को उस दिन खाना बहुत स्वादिष्ट लगता है।
सचमुच...कोमल जी
बहुत ही कामुक अपडेट।मंजू बाई ने आखिरकार मिसेस मोइत्रा का सबकुछ बदल दिया चाल चरित्र सोच ,अब बस किला फतेह करने की देर है। अब हर दिन होली और रात दीवाली होगी मिसेस मोइत्रा और दोनों रसगुल्लो की।
अब आगे का इंतजार रहेगा।
बाकी आप की लेखन कला का मैं कायल हू,
एक एक शब्दों का चयन, हर शब्द प्रयोग क्या बात,
अद्भुत,अद्वतीय, शब्दों का ऐसा सम्मोहन जिससे बचना मुश्किल ही नहीं नामुकिन है।ये ऐसा महासागर है जिसकी कोई सीमा नहीं है।
आप की लेखन कला और लेखनी को कोटि कोटि प्रणाम।
बहुत बहुत धन्यवाद।
You too are marvelous...Like always
Hot and sizzling
I loved it
देवर-भाभी.... जीजा-साली के बाद सास-दामाद ...Part 2
पर कुदरत ने भी साथ दे दिया फिर से जागी एक आस अपनी बेटी से मिलने को आयी दामाद के घर जब सास
रेणु से मिलकर सरिता ने खूब किया दुलार
बेटों को लगा कर गले जी भर लुटाया प्यार
देख के अपनी बेटी की वो खिली खिली जवानी
समझ गई बेटी की चूत को खूब मिल रहा पानी
राहुल भी जब आया शाम को सास ने प्यार जताया
आगे चलकर बड़े प्यार से दामाद को गले लगाया
मिल सरिता से राहुल के कच्छे में आई सुनामी
कच्छे में ही हाय तनकर लौड़ा देने लगा सलामी
सरिता को भी एहसास हो गया की जाग गया है लौड़ा
मिल के सास से जल्दी राहुल अपने कमरे को दौड़ा
फिर सब ने मिल बैठ रात को टेबल पर खाया खाना
राहुल जल्दी खिसक गया कुछ काम का बना बहाना
मम्मी आप तो थकी हुई हैं आप करो आराम
मुझको राहुल बुला रहे हैं इनको है कुछ काम
मम्मी भी खेली खाई थी समझ गई बेटी की बात
दामाद पटक के बिस्तर पर अब चोदेगा पूरी रात
सास तो बड़ी थकी हुई थी सो गई जल्दी आँखे मीच
उधर रेनू पाहुंच चुकी थी अपने पति की टांगो के बीच
सासु जी की खुल गई नींद सुना जो उसने खटका
बेटी की सुन मादक सिस्की उसका मन भी भटका
जाकर देखा खिड़की से पर्दा हटा हुआ था थोड़ा
बेटी पूरी शिद्दत से पतिदेव का चूस रही थी लौड़ा
पनिया गई सासु की चूत देख के अपनी बेटी का जोश
देखा जब दामाद का लौड़ा तो फुर्र हो गए उसके होश
देखा नहीं मैंने अब तक इतना तगड़ा कोई लौड़ा
मेरी बेटी को चोद चोद के ये तो कर देगा चौड़ा
ये तो मेरी चुदी चुदाई बुर को भी फेला देगा
मेरे जैसी भोसड़े वाली को भी ये रुला देगा
कैसी चूत में लेती होगी इतना लंबा मोटा मेरी बेटी
ऐसा कुछ हो जाए जादू की इसका जगह हूं मैं लेटी
उधर बेटी कुद कुद के लौड़ा लपक रही थी
देख देख माँ की चूत से चाशनी टपक रही थी
सोच लिया सरिता ने मन में अब कुछ भी कर जाऊंगी
अपने दामाद के मोटे लौड़े से मैं अपनी चूत मारवाऊंगी
मंजू ने तो आपके साजन के लट्ठ को और बलिष्ठ बनाने में भी योगदान दिया....मिसेज मोइत्रा के सुधार प्रोग्राम में मंजू की जबरदस्त भूमिका है