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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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३ लाख + व्युज़ के लिए सभी मित्रों को धन्यवाद,

इस कथा यात्रा में भाग लेने के लिये,

साथ देने के लिए

साभार
 

komaalrani

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Nice but....mujhe lagta aapne kuchh chhupa liya hai...inke dono jija se bahut kuchh hua hoga wo aapne nahi bataya
:) :perfect: aage aage dekhiye hota hai kya, maine pahle hi kh diya tha, ....sb kuch aayega, han kuch aage piche ho sakata hai


bas saath banaaye rakhiye , sb milega
 

komaalrani

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निजाम बदल गया है















" अपने भैय्या से पूछ न , उनको भी सिर्फ एक बात ही सूझती है। " हँसते हुए मैं बोली।




उनकी आवाज मेरा ध्यान खीच के मुझे वापस लायी।

मेरे अंडर गारमेंट्स कहाँ रखें , वो पूछ रहे थे।

मेरी साडी ब्लाउज पेटीकोट सब अलग अलग खानों में प्रॉपर्ली तहिया के उन्होंने रख दिए थे ,फिर शलवार सूट भी और बाकी ड्रेसेज भी।

मेरे बोलने के बाद मैचिंग लिंगरी , ब्रा ,पैंटी भी

और सारी हाई हील्स ,सैंडल्स , बाथरूम स्लीपर्स सब कुछ सबसे नीचे वाले खाने में।





अपने कपडे भी ,

सारा समानअटैचियों से निकल कर करीने से वार्डरोब में लग चुंका था और मेरी ड्रेसिंग टेबल पर मेरे मेकअप का सारा सामान,

" मेरे भैया तो अपने हाथ से पानी तक नहीं लेते , भाभी सब कुछ आप को ही , ... "

मेरे कान में गुड्डी की बाते गूंज रही थी थी




और आँखे उन को सब कुछ करते देख रही थी।

मेरी निगाह बिस्तर पर गयी ,

" सुनो ,इस पर वो डबल बेड का ब्लैक साटिन वाली बेडशीट ,... क्या पता आज रात किसी की किस्मत खुल जाए। "


मुस्कराते मैं बोली और फ्रेश होने बाथरूम चली गयी।


लौट के आयी तो सब कुछ एकदम टँच।

वो खड़े मेरी ओर देख रहे थे जैसे अप्रूवल का इन्तजार कर रहे हों।

मैंने प्यार से उनके कढ़े बाल बिगाड़ दिए और मुस्कराने लगी।

ख़ुशी उनके चेहरे पर दौड़ गयी।

मैं खुले वार्डरोब की तरफ देख रही थी ,

" क्या पहनूँ ,क्या न पहनूँ "

बस यही सोच रही थी , उहापोह में लेकिन उन्होंने रास्ता साफ़ कर दिया।

मैं बताता हूँ ,

और एक मेरा फेवरिट शलवार सूट निकाल के दे दिया

और जवाब में मैंने अपनी साडी ,ब्लाउज खोल के उनकी ओर उछाल दिया।

बड़े ध्यान से साडी तहा के उन्होंने वार्डरोब में रख दी , फिर ब्लाउज को भी।

और अब मेरे अंडरगारमेंट्स का नम्बर था , वो उन्होंने न सिर्फ कैच किया ,बल्कि सूँघा भी और चूमा भी ,





मैं तबतक शलवार पहन चुकी थी ,


और उनकी निगाहें मेरे उभारों पर ,

लालची कहीं के , मैंने हलके से बोला।


मैं उन्हें छेड़ने ,ललचाने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी।

जब पी संग हो तो हर दिन होली है ,

मैंने धीरे धीरे अपने मस्त उभारों को सहलाया ,हलके से दबाया , फिर नीचे से उभारते हुए उन्हें ललचाया।




बिचारे जंगबहादुर की हालत खराब थी। एकदम तन्नाया , बौराया ,

और फिर मैंने अपने निपल्स फ्लिक कर दिए ,

बिचारे बढे मेरी ओर ,लेकिन मैं पीछे हट गयी।

" ना ना , अच्छा चल बस ज़रा सा , सिर्फ निपल , ... "

और उनकी जीभ मेरी निपल फ्लिक करने लगी।




मन सच पूछिये तो मन मेरा भी कर रहा था , उन्हें देख के। हैं भी वो ऐसे ,किसी भी लड़की की गीली हो जायेगी , तो बस

अब उन्हें तड़पाना छोड़ के मैंने खुद उनका सर पकड़ के अपने बूब्स उनके मुंह में ठूंस दिए।



नदीदे वो ,फिर तो एकदम पागल हो गए। जोर जोर से चूसने चुभलाने लगे।


मेरा एक हाथ आगे उनके रिप्ड जीन्स के ऊपर से उनके खूंटे को सहला रहा था तो दूसरा पीछे बबल बॉटम को ,



और एक झटके में उनकी जीन्स भी नीचे थी।

मोटा ७ इंच का खूँटा बाहर ,

कुछ तो था भी जबरदंग और कुछ मम्मी ,

मंजू की मिली जुली देसी दवाइयों के लेप का असर ,शिलाजीत ,अश्वगंधा ,शतावर और भी न जाने क्या क्या ,

एकदम पत्थर और मोटा भी खूब ,

मैं हलके हलके मुठिया रही थी और सोच रही मेरे जीजू लोगों से २० नहीं तो १९ भी नहीं है मेरे सैंया का।






बल्कि उनकी साली का कहना था की उसके जीजू का ही यानी इन्ही का २० , बल्कि २२ है , ...

और इन बातों में उस कमीनी की बात गलत नहीं होती।




और ऐसा नहीं हो कल खाली मेरे जीजू के हथियारों ने मस्ती की ,उनके इस दुष्ट मोटे लन्ड ने भी तो ,

दो बार झड़े थे वो भी , एक बार रीनू के मुंह में





और दूसरी बार क्या जबरदस्त टिट फक किया था।

सारी मलाई रीनू की चूंची पर ,




और वो भी तब जब रीनू की पांच दिन वाली छुट्टी चल रही थी ,


मुझसे बोल के गयी है ,आती हूँ लौट के न ,तो बस छूने नहीं दूंगी इसे ,

तुम अपने दोनों जीजू के साथ मस्ती करना और मैं अपने।


और ये बात नहीं की मैंने अपने दोनों जीजू के साथ मस्ती नहीं की , दोनों पक्के बदमाश, स्साले

ऐसी रगड़ रगड़ के मेरी सैंडविच बनायी, मैं चीख रही थी और मेरी कमीनी बहन अपने जीजू की गोद में बैठी, मेरे दोनों जीजू को ललकार रही थी,

पहली बार मेरे पिछवाड़े किसी का, ...

और सिर्फ सैंडविच ही नहीं, अलग अलग भी दोनों ने , आगे पीछे दोनों और का मजा लिया दोनों जीजू ने ,

कुल पांच बार, बताउंगी बताउंगी , पक्का प्रामिस सारे डिटेल्स के साथ अब जीजा साली की बात नहीं बताउंगी तो फिर खोल के ये सब लिखने कहने का मतलब क्या , लेकिन पहले मुझे अपनी जेठानी को शीशे में उतारना है , एक बार बस उसे मालूम हो जाए ,

उनका देवर अब उनके देवर से बढ़कर मेरा पति है , मेरा और मेरा पति

और ये बात आज ही हो जानी है ,




वैसे तो रीनू मुझसे कुछ महीने बड़ी थी लेकिन उसका मानना था की कोई जरूरी ही छोटी साली ही सब मस्ती करे ,

बड़ी क्यों नहीं।

और वैसे भी बचपन की शर्त के मुताबिक़ , जिसकी शादी पहले हो जाती उसका मर्द बाकी दोनों बहनो के साथ ,

लेकिन उस समय तो वो एकदम 'संस्कारी मुसभुडूक़ '

पर अब , ...और मेरी दो ऊँगली एक साथ उनके पिछवाड़े घुस गयी , मलाई अभी भी लबालब।



तब तक नीचे से हंकार आ गयी मेरी जेठानी की।


और मैंने जल्दी से तैयार होना शुरू कर दिया।

कुर्ता जो उन्होंने सेलेक्ट किया था , वो पहन लिया ,बिना ब्रा के।

और बटन भी सिर्फ एक बंद की।

मुझे देख के वो मुस्करा रहे थे और मैं भी कुछ सोच के ,

शलवार सूट ,

इस घर में इससे पहले मैं साडी के अलावा कुछ पहन ही नहीं सकती थी , वो साडी का पल्लू सर पर , बाल ज़रा भी नहीं दिखना चाहिए।

ब्लाउज भी एकदम बैकलेस या लो कट नहीं।


एक बार मेरी जेठानी ने मेरे वार्डरोब का इंस्पेक्शन कर लिया

( उनके और मेरी छोटी ननद के लिए ये बहुत कामन चीज थी ,नो सेन्स आफ प्राइवेसी )

और मैं अपने मायके से कुछ शलवार सूट लायी थी मेरे फेवरेट ,

मेरी जेठानी ने ऐसी नाक भौं सिकोड़ी की बस वार्डरोब से वो सीधे मेरे बॉक्स मैं और मैंने एक दिन भी इनके मायके में नहीं पहना।

और आज उन्ही जेठानी के पास न सिर्फ शलवार सूट में बल्कि कुरता एकदम मार्डन , टाइट और वो भी बिना ब्रा





उन्हें अगर अबतक न पता चला हो तो पता चल जाएगा ,


मुल्क में निजाम बदल गया है।
 
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Rahul201220

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Nice but....mujhe lagta aapne kuchh chhupa liya hai...inke dono jija se bahut kuchh hua hoga wo aapne nahi bataya

नायिका / कोमल के पति ने उसके दोनो जीजू के साथ सेक्स को होने नही दिया था और आगे भी पति नायिका / कोमल को उसके जीजू या दुसरो से चुदने नही देता,

इसलिए बदला लेने / जीजू को खुश करने और भविष्य मे पति दोबारा रोक-टोक ना करे,
इसलिए कोमल ने अपनी बहन के साथ मिलकर अपने पति को बातों के जाल मे फँसा कर कमल जीजू से गांड फड़वा दी।

अब जिसने पति की ही गांड फाड़ दी, अब उस पति की क्या कभी हिम्मत होगी, उनको उसकी पत्नी को चोदने से रोक पाए।

बस सारा यही मामला है, पहले जीजू से पति की गांड फड़वा कर एक कोने मे बैठा दिया, और खुद नायिका / कोमल मजे से अपने दोनो जीजू से चुदती रही।

इस फोरम मे गे ( लड़का-लड़का ) सेक्स दिखाना मना है, इसलिए जीजू से पति की गांड फड़ाई को लिखा नही गया है।
 
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komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग ७८

सब कुछ बदल गया है











एक बार मेरी जेठानी ने मेरे वार्डरोब का इंस्पेक्शन कर लिया

( उनके और मेरी छोटी ननद के लिए ये बहुत कामन चीज थी ,नो सेन्स आफ प्राइवेसी )


और मैं अपने मायके से कुछ शलवार सूट लायी थी मेरे फेवरेट ,

मेरी जेठानी ने ऐसी नाक भौं सिकोड़ी की बस वार्डरोब से वो सीधे मेरे बॉक्स मैं और मैंने एक दिन भी इनके मायके में नहीं पहना।



और आज उन्ही जेठानी के पास न सिर्फ शलवार सूट में बल्कि कुरता एकदम मार्डन , टाइट और वो भी बिना ब्रा



उन्हें अगर अबतक न पता चला हो तो पता चल जाएगा ,

मुल्क में निजाम बदल गया है।


" हे तू भी तो चेंज कर ले , घर में भी यही दिन भर , ... "

मैंने उनकी ओर इशारा किया ,

और उनके कपडे जमींन पर , और मैं वार्डरोब से उनके कपडे निकाल रही थी।


घर में कई काम मैं उनसे करवाने लगी थी थी ,पर कुछ कामों का हक़ अभी भी मैंने उन्हें नहीं दिया था ,


जैसे उनके कपडे निकाल के उन्हें देने का ,

जिस दिन वो आफिस जाते थे , उनके लिए लन्च बनाने का का , और भी उनसे जुड़े ढेर सारे काम ,


पिंक ट्रांसलूसेंट झलकउवा टी शर्ट ,










और एक मेश शियर बॉक्सर शार्ट ,




और आफ कोर्स नो अंडरगारमेंट्स फार हिम।

सब कुछ दिखता था ,और ' वो ' तो एकदम तंन्नाया खड़ा बौराया।

ऊपर से मैंने जोर से ' उसे ' मसल दिया ,


और उनका वो पकड़ के ही आलमोस्ट ड्रैग करते अपनी जेठानी और उनकी भौजाई के पास नीचे।


और सीन पर सबसे पहले मैं प्रकट हुयी ,

पहली पहली बार इनके मायके में शलवार सूट में , चुन्नी थी लेकिन गले से एकदम चिपकी ,


कुर्ते के ऊपर के बटन खुले और साफ़ था की अंदर ब्रा नहीं थी।





बिचारि मेरी जेठानी , वो कुछ कमेंट मारती इंस्ट्रक्शन इशू करती ,

कि उनके देवर मेरे पीछे पीछे ,

अपने झलकउवा गुलाबी स्लीवलेस शर्ट और मेश बॉक्सर शार्ट में।



मेरी जेठानी बिचारि , ऊपर की सांस ऊपर नीचे की सांस नीचे



बस उन्हें निहारती रह गयी।

" क्या देख रही है ऐसे अपने देवर को "


मैंने छेड़ा।

" मसल्स "

मुस्कराती वो बोली।

" ऊपर वाली या नीचे वाली "

मैंनेफिर से छेड़ा।

खूँटा उनका खड़ा मोटा , मेश बॉक्सर शार्ट में साफ़ साफ़ ,...

वो हाथ से छुपाने की फालतू कोशिश कर रहे थे ,












मैंने एक बार घूरा तो उन्होंने हाथ हटा लिया , खूंटा साफ़ झलक रहा था , और उनकी भाभी की निगाहें बार बार

" दोनों "

खिलखलाती वो बोलीं फिर मुझसे कहा ,


" चल कल मैं भाभी जी घर पर हैं नहीं देख पायी थी थी अभी रिपीट आने वाला होगा इसलिए तुझे बुला रही थी। "
 
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komaalrani

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पहली बाजी मेरे हाथ












" चल कल मैं भाभी जी घर पर हैं नहीं देख पायी थी थी अभी रिपीट आने वाला होगा इसलिए तुझे बुला रही थी। "

………………………………………………..
"अरे एकदम मेरा भी कल छूट गया था , चलिए। "

मैंने हामी भरी।

चाय चलेगी , जेठानी ने पूछा।



वो सोच रही थीं मैं जा के बनाउंगी ,

पर यहां तो पत्ते बदल गए थे।

मैंने उनकी ओर देखा और इशारा समझ के वो तुरंत बोले ,

" आप लोग लगाइये मैं अभी झट से चाय बना के लाता हूँ। "

और किचेन की ओर मुड़ गए।

" अरे आपके देवर चाय बहुत अच्छी बनाते हैं , चलिए हम लोग सीरियल देखते हैं "




और हम दोनों टीवी के सामने बैठे थे।


" तुमने तो इसे एकदम बदल दिया। " जेठानी ने कुछ शिकायत कुछ कॉम्प्लिमेंट से कहा।

" अच्छे लगते हैं न न्यू लुक में। " मैंने उलटे सवाल दाग दिया।

पहली बाजी मेरे हाथ थी।

" लेकिन मर्द अपने हाथ से ,...किचेन में ,... "

जेठानी ने कुछ शिकायत भरे स्वर में कहने की कोशिश की



तो मैंने एक जबरदस्त दिया उन्हें , मैं समझ गयी थी अभी उनका मुंह बंद कराना जरुरी है।




" आप सही कहती हैं , यहाँ तो ये कुछ भी नहीं , लेकिन इनकी सास ने न एक से एक डिश इन्हे सिखा दी है ,

और तो और ,.. मंजू बाई , .. जो हमारे यहाँ काम करने आती है न , उससे कह के ,मम्मी ने इन्हे , और अपनी सास की तो कोई बात ये सपने में भी नहीं टालते ... अब तो झाड़ू पोछा , डस्टिंग , ... बर्तन , ...अगर कभी वो नहीं आयी न , ...

एकदम बढ़िया करते हैं आपके देवर , लेकिन मैं क्रेडिट इनकी सास को दूंगी ,... "






मैं मुस्कराती बोली

असल में इनके मायके में , मुझे तो सीधे कुछ कहना मुश्किल था , लेकिन मम्मी के नाम पर क्या क्या नहीं , यही जेठानी , मायके का मेरे नाम लगा लगा कर ,

" तेरे मायके में होता होगा ये , यहां नहीं , अब मायके के गुन ढंग भूल के , ससुराल के संस्कार सीख "

तो कभी , " मायके में लगता है इसकी मम्मी ने कुछ सिखाया नहीं , कोई काम धाम ,... औरत का काम तो किचेन में ,... "

और इसीलिए में मम्मी का नाम ले कर ,


जेठानी को लग तो बहुत रहा होगा , पर क्या कर सकती थी बेचारी

और वो थोड़ी देर में चाय ले के आ गए।

और हम लोगों के साथ बैठ के सीरियल देखने लगे। मेरी जेठानी के बगल में।

चाय बहुत अच्छी थी और फुल टी सर्विस , दूध ,शुगर क्यूब्स अलग से ,



जान बूझ के मैं खूब झुक के चाय बना रही थी ,

और मेरे लो कट टाइट कुर्ते से सिर्फ गहराई और उभार ही नहीं कबूतर की चोंचे भी दिख रही थीं।



बिचारे वो असर तुरंत हुआ , ' वो ' एकदम टनटना कर खड़ा , फुफकारने लगा ,और चड्ढी का बंधन भी नहीं था।

मुस्कराती हुयी ,चाय की सिप लेके उनकी ओर देखती ,

उनकी भाभी ने छेड़ा ,

" चाय तो सच में बहुत अच्छी है , कुछ टिप देनी पड़ेगी। "





" क्यों क्या टिप देंगी "

मैं क्यों मौक़ा छोड़ती।

कुछ सोचते वो उन्ही से बोलीं ,

"उन्हह "... " ... वो मेरी छुटकी ननद , तेरी ममेरी बहन कैसी रहेगी , क्यों बोलो न। "

खिलखलाते मैं बोली ,

" नेकी और पूछ पूछ। अरे दी आपने तो इनकी मन की बात कह दी ,और वैसे भी इनका पुराना माल है , टिप्स में इनके बहन के टिट्स "




और साथ में जैसे गलती से मेरे लंबे नाख़ून बॉक्सर शार्ट में तने इनके बम्बू को छू गए ,

मैंने फिर उनकी ओर देख के पूछा ,

" क्यों है न तेरा पुराना माल। "

पहले की बात होती तो इत्ती सी बात पे वो बुरा मान जाते ,उठ के चले जाते।

लेकिन आज वो मुस्करा रहे थे , हम लोगों की छेड़खानी का मजा ले रहे थे।

और अब जेठानी जी , आखिर उनकी एकलौती भौजाई थीं , मेरे साथ जुगलबंदी में शामिल हो गयीं। बोली ,

" अरे माल तो है ही इनका , बिचारि कितनी बेचैन रहती है , इनके लिए हरदम जांघों के बीच में खुजली मचती रहती है उसके , रोज पूछती रही है ,कब आएंगे भैया। "



" जाने दीजिये दीदी , इस बार ये भी छोड़ने वाले नहीं है , क्यों , ये भैय्या भी सैंया बनने के लिए बेताब हैं।
रास्ते में दस बार बोल चुके हैं , क्यों होगी न चढ़ाई अबकी मेरी ननदी के ऊपर। "

और अबकी मेरा हाथ जान बूझ के इनके खूंटे को रगड़ गया।



पहले को जमाना होता तो बस ये मुझसे दस फीट दूर मेरी जेठानी के सामने बैठते।

लेकिन इस समय मेरे और अपनी भाभी के बीच सैंडविच बने ,

और मेरी शरारतों का बजाय बुरा मानने के उनका हाथ भी मेरे कंधे पर आ गया। उंगलिया मेरे उभारों से बस इंच भर दूर।

उनकी भाभी की आँखे भी अब खुल के इनके खूंटे पे , आखिर इनका खूँटा था भी इत्ता मस्त जबरदस्त।

" क्यों देवर जी , इरादा तो आपका यही लग रहा है , सच में छोड़ना मत , उस साली के चक्कर में पूरे शहर में बैगन और कैंडल के दाम बढ़ गए हैं। "

अब उनकी भाभी भी एकदम खुल के , और हम दोनों की छेड़ छाड़ का वो मजा ले रहे थे।

सीरियल के बीच में ब्रेक आ गया तो मैंने चैनेल चेंज कर के , एक अवार्ड शो लगा दिया।

कोई स्टारलेट टाइप आइटम गर्ल अपने उभार को उभार उभार के नाच रहे थी।



" स्साली , क्या नाच रही है। "


उनके मुंह से निकल गया।

ये भी इनके मायके में एक 'फर्स्ट टाइम ' था ,संस्कारी होने के नाते कोई हलकी फुलकी गाली भी उनके मुंह से निकल नहीं सकती।


और अब तो मम्मी ने उनसे मेरी सास को गालियां दिलवा दिलवा के ,

लेकिन सबसे बढ़कर इनकी मुंहबोली साली , मेरी पक्की सहेली सुजाता ने ,...



साली के सामने बिना गाली के अगर इनके मुंह से बात निकल गयी तो तुरंत फाइन , ... आइसक्रीम पार्टी और उसी पार्टी में कम से कम दस असली वाली गाली




जेठानी जी को आज झटके पर झटके पर झटके लग रहे थे
 
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इस कथा यात्रा में भाग लेने के लिये,

साथ देने के लिए

साभार
Congratulations 🎉🎉👏👏
 
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