Part 4
चाची लिपट गई मुझसे और बोली मुझको थाम
अगर दोनों पकड़े गए तो सोचो क्या होगा अंजाम
मेरे नीरस जीवन में तो छाये है काले काले मेघा
मुझे बिस्तर में जो ख़ुशी चाहिए तू वो कैसे देगा
हाथ पकड़ के चाची का रख दिया लन के ऊपर
और कानो में उसके बोला उसके होठों को छुकर
चाची बिस्तर में जो तुमको चाहिए वो है मेरे पास
पेल के अपने लौड़े से बुझा दूंगा तेरी सारी प्यास
देखा है मैंने जिस दिन से ये लम्बा और मोटा लौड़ा
मेरा भी मन मचलने लगा है इसको लेने को थोड़ा
लेकिन अभी नहीं है ये वक़्त मिटाने को मेरी प्यास
जब भी मिलेगा सही मौका खुद आऊंगी तेरे पास
प्यासी चाची ने कर दिया था अब खुल के इज़हार
मेरे मोटे लौड़े से चूदने को बिलकुल थी अब त्यार
आंख मिचौली शुरू हो गई मेरी अब चाची के साथ
ढूंढ रहा था बस इक ऐसा मौका जब आये वो हाथ
जान बूझ के चाची मुझको अब थी बड़ा सताती
सिने से सरका के पल्लू अपनी चूची खूब दिखती
एक दिन जब बोले चाचू मैं आज शहर को जाउंगा
एक दिन का है कम्म वहां पे परसो वापस आऊंगा
सुन के ये बात चाचा की चाची हल्के से मुस्कायी
देख की मेरी आँखो में धीरे से अपनी आँख दबायी
समाज गया मैं चाची की चंचल आंखो की वो बात
मधुर मिलन जब होगा अपना आज आएगी वो रात
बाजार से जाकर ब्रा और पैंटी ले के आया खास
इसको पहन के रात को चाची तुम आना मेरे पास
पकड़ के ब्रा और पैंटी मुझसे चाची थोड़ी शरमाई
बोली मुझसे तु भी नीचे की आज कर लेना सफाई
करने लगे फिर हम दोनों इस हसीन रात की तयारी
हम दूल्हा दुल्हन और आज जैसी सुहागरात हो हमारी