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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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कंटेंट अच्छा होने पर अपने आप फॉलो होने लगता है...One thing I treat all my stories in the same fashion and put them on the same pedestal. The system I follow is supposed I post an update on Story A on the 10th and on Story B on 15. so, the next update will again be on story A followed by story B.
Last update in Story A was posted on 7th January-
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Adultery - छुटकी - होली दीदी की ससुराल में
भाग ७६ बुरके वाली, पठान टोली की14,00,228हिना का पिछवाड़ा पंकज अब पूरी रफ़्तार से हिना को चोद रहा था, लेकिन गुलबिया ने मेरी ओर देखते हुए आँख मार के पंकज को ललकारा," पलट साली को, असल चुदवासी है तो लंड के ऊपर चढ़ के चोदेगी,... "और पंकज ने पलटी मारी, खूंटा जड़ तक अंदर था और कस के उसने हिना...exforum.live
and last update on this story was posted on January 12
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Erotica - जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
भाग २१५आ गए जीजू22,082,49आज जम कर मैंने गुड्डी के पिछवाड़े की गली के अंदर तक साबुन लगाया , ... और नहाने के बाद ,... एक बॉरोलीन की ट्यूब गांड के छेद में डालकर पूरी अच्छी तरह पिचका दी।और जब मुड़कर उसने मेरी ओर देखा , तो मैंने थोड़ा सा हिंट दे दिया ," क्या पता , आज इस ओर का भी नंबर लग...exforum.live
Therefore, equity demanded that the next episode should be on the story which was posted on 7th January, about two weeks ago and the story where a post has been posted on 12th January should also follow soon.
I agree with your viewpoint that nobody can read all the stories and it is wrong on my part to allude to a story you are not reading. And i am happy that somebody is looking ahead for updates.
Normally i post to 4 updates on both stories so even if it is it will make 6 story posts per month.
However, another thing which has slowed down me is the pop up adds. For a few days things have improved but it is back with a vengeance.
I post in Hindi and for almost a week Google input tools were closed. just some of the issues.
so next post in the next week, early next week. and i will be looking forward to your comments.
आप सब बातों का ध्यान भी रखती हैं...आभारी तो मैं हूँ आपकी इन पोस्टों के लिए
मैंने पोस्ट्स पर कुछ रुक कर टिप्पणी इस लिए भी दी की आपकी पोस्ट ९ वीं पोस्ट थी ११५९ पृष्ठ पर
और दसवीं पोस्ट में एक मित्र ने उस कविता की प्रशंसा के लिए कुछ कहा।
अब मेरी पोस्ट पृष्ठ ११६० पर आती तो कई मित्र आपकी कविता से वंचित रह सकते थे
इसलिए
और पृष्ठ ११५९ पर ही मैंने आपकी कविता के पिछले पोस्ट्स के बारे में लिंक्स भी दिए थे
आपकी कविता की चित्रों की कोई भी तारीफ़ कम होगी।
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All are equally important...Sure, thank you for your detailed reply.
I hope you did not get offended with my point (& I had no intention of that).
You are absolutely right in giving equal attention to all your stories. I know...it takes a hell lot of effort to write such epics.
As an example, I have to think many times to give appropriate comments to your updates .so, then even more difficult to write stories. So, all the more glory to you.
komaalrani
छेड़ने में कोमल भी पीछे नहीं...जोरू का गुलाम भाग २१६
कमल जीजू और गुड्डी का पिछवाड़ा
आ गयी गुड्डी
23.22856
कमल और अजय जीजू की निगाह एक बार फिर से गुड्डी की मेन्टलपीस पर रखी पिक्चर पर पड़ी ,
" क्या मस्त पटाखा है , स्साली। " अजय के मुंह से निकल गया।
" स्साली का पिछवाड़ा तो देखो , क्या हॉट हॉट है ,... " रीनू ने और आग लगाई।
कमल जीजू ने ठंडी सांस भरी , " स्साली एक बार मिल जाय गांड मारने को। "
मैंने मुंह में खूब ढेर सारा थूक इकठ्ठा किया और सब धीरे धीरे कमल जीजू के खूंटे पर , मैं क्यों आग भड़काने का मौका छोड़ती , मैंने भी बोल दिया ,
" जीजू इस टीनेजर का पिछवाड़ा एकदम कोरा है , कच्ची कसी कसी , ... कैसे पेल पाएंगे आप अपना मोटा खूंटा ,..."
"" अरे यार एकदम कच्चे लौंडो की मैंने फाड़ी है , लेकिन क्या नमक है इसमें और रीनू सही बोलती है , मस्त ब्वाइश चूतड़ हैं इसके , बस मिल जाए ,... "
कमल जीजू गुड्डी की गाँड़ फाड़ने के लिए पागल हो रहे थे।
मैंने थोड़ा सा और थूक उनके खूंटे पर डाल कर स्लर्प स्लर्प कमल जीजू के सुपाड़े को और गीला कर के ,... असल में , मैं इतना ज्यादा थूक परोपकार के लिए ,... अपनी ननद के फायदे के लिए लगा रही थी। मेरी कमीनी बहन , तो कमल जीजू को तेल वैसलीन कुछ भी लगाने नहीं देगी , पक्की आर्गेनिक है वो ,... नथिंग केमिकल , और कुछ तो चिकनाई इस थूक से ,...
हलके हलके मुठियाते मैंने जीजू को और उकसाया
"अरे जीजू आपने लौंडो की फाड़ी होगी, इस माल का पिछवाड़ा बहुत टाइट है। छेद क्या दरार भी नहीं है, पूरी कलाई के जोर से मैंने पेलने की कोशिश की थी पर ऊँगली भी नहीं गयी अंदर। और आपका तो मेरी मुट्ठी में भी नहीं समाता। " मैंने और आग में घी डाला
वास्तव में कमल जीजू का बहुत मोटा था।
मैंने फिर घडी की ओर देखा , बस चार मिनट , और मैंने भी कमल जीजू को छेड़ते हुए , उनके गाल सहलाते हुए ,...
" जीजू , मेरी दो शर्त हैं , आप मान जाइये तो क्या पता , आपको मिल जाए इस पटाखे का कोरा पिछवाड़ा ,... "
" अरे यार इस के पिछवाड़े के लिए दो के मैं सौ शर्त मान जाऊँगा , लेकिन तुम न बस ,... " कमल जीजू की आँख अभी भी गुड्डी की फोटो पर चिपकी थी।
" तो चलिए देखिये मेरी पहली शर्त है आप उसकी कोरी गांड मारिएगा मत ,... " मैंने बोला और बिचारे कमल जीजू का मुंह लटक गया ,
" मतलब ,... " किसी तरह से उनके मुंह से निकला।
मैं जोर से खिलखिलाई और कस के उनके खड़े खूंटे को दबाती बोली ,
" अरे जीजू मेरा मतलब एकदम साफ़ है , इस पटाखे की कोरी गांड मारिएगा मत , .... एकदम फाड़ दीजियेगा। हचक हचक के ,... "
और अगर मेरा मतलब अभी भी साफ न हुआ तो तो मैंने दोनों हाथ के अंगूठे और तर्जनी को जोड़ के बड़ा सा छेद बनाया ,
" बस ऐसा , खूब चाकर ,... अगर आपके गांड मारने के बाद भी वो खड़ी हो पाए अपने पैर न , ... तो जीजू हमारी आपकी परमानेंट कुट्टी। "
" इतनी चौड़ी हो जाय की मेरी मुट्ठी सटासट उसकी गांड में चली जाय , और सोच लीजिये जीजू , अगर ऐसी चौड़ी न हुयी तो बस मेरी मुट्ठी और आपका पिछवाड़ा"
, .. " रीनू क्यों चुप रहती।
" पर आप दोनों की बहन लगेगी वो , रिश्ते में , ... मेरी ननद है। " मैंने और छेड़ा और अबकी जवाब अजय जीजू ने दिया ,
" यार ऐसी बहन हो तो कोई भी बहनचोद होने को तैयार हो जाएगा। "
" तुम दोनों न , खाली आग लगाती हो ,... अरे बस मिल जाए न, पक्का ऐसा फाड़ूंगा उसकी , ..बड़ा से बड़ा मोची भी नहीं सिल पायेगा। लेकिन एक बार मिल तो जाय ,... सोच सोच के ही कमल जीजू का खूंटा पत्थर का हो गया था।
और दरवाजा खुलने की आवाज आ गयी , मैं समझ गयी , जीजू की बात का जवाब मिल गया है , गुड्डी ही होगी।
" पता नहीं कौन है " मैं बुदबुदायी और शेर को एक बार फिर से पिंजड़े में डाल दिया , और अपना टॉप भी नीचे कर लिया।
और गुड्डी ही थी।
गुड्डी की आंखे मेरे दोनों जीजू पर ,
और दोनों जीजू की आँखे उस किशोरी पर ,.. न इनके बोल फूट रहे थे न उसके ,
मैं ही बोली ,
गुड्डी मेरी ननद , अभी जस्ट इंटर पास किया है कुछ दिन पहले ,
मेरे दोनों जीजू ,बेचारे दोनों के खूंटे एकदम खड़े, सामने वो फोटो से भी ज्यादा हॉट लग रही थी।
…………
रिश्ते में सुधार जरुरी था...गुड्डी
गुड्डी लग भी ऐसी रही थी की किसी भी मरद की बोलती बंद हो जाए।
किसी भी आदमी की जो फैंटेसी होती है , बस लगता है वही मूर्तिमंत हो गयी हो ,
स्कूल गर्ल , विद इनोसेंट फेस एंड जस्ट मेच्योरिंग बॉडी
स्कूल यूनिफार्म का टॉप , जस्ट जैसे उसके नए नए आये जुबना को दबोचे ,
टेनिस बॉल्स की साइज के ,एकदम मुट्ठी में आ जाएँ , छोटे लेकिन खूब कड़े
और ऊपर से उस टॉप में साफ़ झलकते पोकिंग निप्स , एकदम खड़े , कड़े तने बरछी की तरह सीने में बेधते,
टॉप भी सिर्फ एक गाँठ से बंधा , बस वो खुला और जोबन छलक कर टॉप उसकी गहरी नाभी के बहुत ऊपर ख़तम हो जाता था , गोरा चिकना पेट
कातिल कटीली कमरिया , मुट्ठी में आ जाय इतनी पतली ,
और स्कर्ट भी कमर से बहुत नीचे बस किसी तरह कूल्हे पर टिकी फँसी ,...
और मुश्किल से बित्ते भर की , ज़रा सा भी निहुर जाए तो गोलकुंडा और प्रेम गली दोनों दिख जाए।
थॉन्ग भी क्रॉच लेस आगे पीछे दोनों ओर से ,.... खूब लम्बी छरहरी गोरी गोरी टाँगे , रेशमी चिकनी जाँघे ,
और सबसे बढ़कर , गालों के डिम्पल और जान लेने वाली मुस्कराहट ,
मुंह चिरैया ने ही खोला ,
" भाभी आपके जीजू तो मेरे भी जीजू , .... हलके से हँसते हुए वो बोली
और जैसे कोई तिलस्म टूटा हो , कमल जीजू भी खड़े हो गए ,
" और क्या जीजू से तो ,... " कमल जीजू बोले
लेकिन उनके पहले गुड्डी ही आगे बढ़ी और खिलखलाते बोली ,
' ... गले मिलना चाहिए। "
मैंने करेक्शन इशू किया ,
" अरे , मेरे जीजू तेरे जीजू नहीं भैय्या लगेंगे , ...और ये मेरी नालायक बहन , तेरी भाभी रीनू। "
" तो क्या भइया गले नहीं मिल सकते , .... " रीनू ने दोनों जीजू को उकसाते बोला ,
" एकदम मिल सकते हैं , ... " गुड्डी खुद बोली ,
" और दो हों तो एक आगे , एक पीछे ,... " मैं बोली लेकिन उसके पहले ही कमल जीजू पीछे और अजय आगे से ,...
और दोनों बदमाश , पहले तो उस छोटे से स्कूल टॉप के ऊपर से नाप जोख और फिर दोनों के हाथ अंदर ,
……………….
लेकिन कुछ देर बाद अजय ने मैदान कमल जीजू के लिए छोड़ दिया , और कमल जीजू पीछे से चिपके हुए।
गुड्डी भी खूब मजे से मजा ले रही थी। स्कर्ट कब की उठ चुकी थी , टॉप की टाइ खुल चुकी थी। बस किसी तरह क्वार्टर ब्रा नीचे से जुबना को और उभार उभार कर दिखा रहा था, वो आगे की ओर ज़रा सी झुकी तो बस निप्स भी दिखने लगे , ...
और रीनू मेरी कमीनी बहन मैदान में आगयी ,
कमल जीजू को हड़काया जोर से , अरे बहन से मिल रहे हो या उसके कपड़ों से ,
और ये कह के रीनू ने कमल जीजू का बॉक्सर शॉर्ट्स नीचे खींच दिया ,
मेरे होंठों ने पहले ही उनके खूंटे को खड़ा कर दिया था , फिर उस किशोरी के साथ रगड़ घिस , .... जीजू का औजार एकदम बौराया था ,
खूब मोटा , बालिश्त भर लंबा और एकदम टनटनाया ,...
रीनू ने थोड़ा सा , गुड्डी को आगे की ओर पुश किया तो वो सामने एक सोफे को पकड़ के झुक गयी , बस अपने आप
और कमल जीजू का खूंटा गुड्डी के अगवाड़े पिछवाड़े ठोकर मारने लगा ,.. और गुड्डी भी अब इतनी नादान नहीं थी की न समझ पाती
वो और आगे निहुर गयी , जबसे वो आयी थी , कितनी बार उसके भैया उसे कुतिया बना कर , निहुरा कर ,...
लेकिन कमल जीजू पक्के खिलाड़ी , उनका एक हाथ गुड्डी के जाँघों के बीच और दूसरा उसके उभार के बीच ,
अंगूठे और तर्जनी के बीच मेरी ननद के निप्स पकड़ कर वो हलके हलके रगड़ रहे थे ,
दूसरे हाथ की उँगलियाँ खुले क्रॉच से सीधे चुनमुनिया के भीगे भीगे होंठों रगड़ रही थी।
गुड्डी सिसक रही थी , गीली हो रही थी , और सिसकियों के बीच हलके से चीख उठी , ... मैं रीनू की ओर देख कर मुस्करायी ,
साफ़ था कमल जीजू ने अपनी एक ऊँगली , अंदर घुसेड़ दी थी , प्रेम गली में और अगले पल उनका अंगूठा गुड्डी की क्लिट पर ,..
कमल जीजू का सिर्फ हथियार ही नहीं जबरदस्त था उन्हें नयी नवेली हो या खूब खेली खायी ,... दोनों को पिघलाना भी अच्छी तरह से आता था।
और गुड्डी पिघल रही थी , मचल रही थी ,... और वैसे भी उसकी सहेली अब एक बार खूंटे का मजा ले चुकी थी , तो उसका मन भी ,...
और एक बार फिर एक और ऊँगली , और अबकी गुड्डी जोर से चीखी ,....
मैं समझ गयी दोनों उँगलियाँ कम से कम दो पोर तक घुस चुकी है और गोल गोल,
लेकिन कुछ हो देर में चीखें एक बार फिर जोर जोर की सिसकियों में बदल चुकी थीं ,
अरे कच्चे लौंडो की फाड़ी .. जिसकी नुन्नी से कोई रस निकलता भी था या नहीं...घुस गया कमल जीजूका
और गुड्डी पिघल रही थी , मचल रही थी ,... और वैसे भी उसकी सहेली अब एक बार खूंटे का मजा ले चुकी थी , तो उसका मन भी ,...
और एक बार फिर एक और ऊँगली , और अबकी गुड्डी जोर से चीखी ,.... मैं समझ गयी दोनों उँगलियाँ कम से कम दो पोर तक घुस चुकी है और गोल गोल,
लेकिन कुछ हो देर में चीखें एक बार फिर जोर जोर की सिसकियों में बदल चुकी थीं ,
मैं अजय जीजू की गोद में बैठी हुयी अपनी ननद का हाल देख रही थी ,
उस बिचारी को क्या मालूम अभी तो ट्रेलर भी नहीं शुरू हुआ ,
मेरी और अजय जीजू दोनों की निगाहे वहीँ गड़ी , लेकिन अजय जीजू के हाथ अब कमल जीजू की तरह खुल के मेरे उभारों पर , टॉप मेरा कब का उतर कर नीचे आ गया था , बस एक छोटी सी पुश अप ब्रा , और अजय का हाथ उसके अंदर।
और मेरा हाथ अजय जीजू के शार्ट के अंदर , 'उसे ' सहलाता , मसलता ,....
सीन थोड़ा बदला , कमल जीजू की उंगलिया अब मेरी ननद की बिलिया से निकल कर बीच बीच में उसके पिछवाड़े के छेद को भी रगड़ मसल देते और बुर का पानी गांड के छेद पर ,
गुड्डी एक बार फिर जोर से चीखी , अबकी कमल जीजू ने दोनों उँगलियाँ थोड़ी ज्यादा ही , लेकिन जिस तेजी से वो अंदर गोल गोल घुमा रहे थे आगे पीछे कर रहे थे , गुड्डी अब उतनी ही तेजी से सिसक रही थी। गीली हो रही थी ,
बस दो तीन मिनट , और अबकी गुड्डी बड़ी जोर से चीखी , .... और ,... चीखती ही रही , ...
………
मैं और अजय जीजू दोनों समझ रहे थे , मुस्करा रहे थे , ...
कमल जीजू ने गुड्डी की फैली टांगो के बीच अपनी टाँगे घुसा के उसे फैला दिया था , पूरी तरह , इत्ती देर से वो ऊँगली कर रहे थे , उन्हें अंदाज तो लग ही गया था , इस ओखली में मूसल चल चुके हैं , और एक दो बार नहीं कई कई बार , ...
बस , अबकी उन्होंने जब ऊँगली निकाली तो बस अपना पगलाया , इतनी देर से इंतज़ार करता सुपाड़ा , पूरी ताकत से पेल दिया , .. और उनका सुपाड़ा था भी तो इत्ता मोटा , एक के बाद दूसरा तीसरा , चौथा , ... जब तक सुपाड़ा मेरी ननद की बिल में आलमोस्ट घुस नहीं गया ,
वो पेलते रहे, ठेलते रहे, धकेलते रहे
और गुड्डी रानी चाहती भी थीं चुदवाना , जानती भी थी की सुपाड़ा एक बार धंस गया तो लंड बिना चोदे छोड़ेगा नहीं।
पर किसी छोटे बच्चे की मुट्ठी ऐसा सुपाड़ा घुसेगा तो कोई भी लड़की ,...दर्द के मारे उसका बुरा हाल था ,
पर जीजू ने उसी दर्द का फायदा उठाकर , एक ऊँगली जो अब तक बुर में कोलाहल मचा रही थी , कलाई के जोर से सीधे गुड्डी रानी के पिछवाड़े के छेद में पेल दिया , बड़े दर्द के आगे कोई भी छोटा दर्द भूल जाता है , और हुआ यही , जब तक गुड्डी अपनी गांड सिकोड़े , वो ऊँगली ऑलमोस्ट पूरी तरह अंदर ,...
जीजू ने अपना मूसल और नहीं ठेला , बस हलके से कभी आगे पीछे , तो कभी गोल,...
बुर के अंदर की एनाटामी जितना कमल जीजू को मालूम थी उतना बड़े से बड़े गायंकोलॉजिस्ट्स को भी नहीं मालूम होगी ज्यादातर नर्व एंडिंग्स शुरू के भाग में ही होती हैं और उनका सुपाड़ा तो उससे ज्यादा ही अंदर घुसा हुआ था , और किसी लड़की को पागल करने का मंतर उनसे ज्यादा कौन जानता था , .. तो बस अब गुड्डी सिसक रही थी , उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव लहरा रहे थे ,
जीजू का सुपाड़ा और ऊँगली अंदर धंसे हुए , एक बुर में दूसरा गांड में
लेकिन एक ऊँगली से किसी का क्या भला होना था ,...
जीजू ने दूसरी ऊँगली घुसाने की कोशिश की तो गुड्डी बड़ी जोर से चीखी , और जीजू ने ऊँगली निकाल कर ,
उस टीनेजर के चीखने का फायदा उठाकर सीधे , उसके मुंह में ,...
इतनी ट्रेनिंग तो मैंने गुड्डी रानी को दे ही दी थी , वो हलके हलके उस ऊँगली को चूसने चाटने लगी , ... और अब रीनू मेरी बहन भी मैदान में आगयी। आखिर गुड्डी उसकी भी तो ननद थी , उसकी भी तो जिम्मेदारी बनती थी ,...
रीनू ने कस कर गुड्डी के गोल गोल नितम्बों को पकड़ा , प्यार से सहलाया और फिर पूरी ताकत से दोनों नितम्बों को पकड़ कर फैला दिया ,
रीनू दे दोनों हाथों के अंगूठे गांड के छेद को फैलाये हुए थे ,
बस , कमल जीजू ने गुड्डी के मुंह से गुड्डी के थूक से भीगी गीली ऊँगली निकाली और उस ऊँगली के साथ अब एक ऊँगली उसी के नीचे चिपका कर पेल दी।
रीनू के अंगूठो ने पूरी ताकत से गांड चियार रखी थी , और अबकी दोनों उँगलियाँ जड़ तक अंदर घुसी।
पिछवाड़ा ... हलाल हो हीं गया...कच्ची कच्ची कोरी टाइट पिछवाड़े पर हमला
जीजू ने दूसरी ऊँगली गुड्डी की कसी कोरी टाइट मस्त गाँड़ में घुसाने की कोशिश की तो गुड्डी बड़ी जोर से चीखी , और जीजू ने ऊँगली निकाल कर ,
उस टीनेजर के चीखने का फायदा उठाकर सीधे , उसके मुंह में ,...
इतनी ट्रेनिंग तो मैंने गुड्डी रानी को दे ही दी थी , वो हलके हलके उस ऊँगली को चूसने चाटने लगी , ... और अब रीनू मेरी बहन भी मैदान में आगयी। आखिर गुड्डी उसकी भी तो ननद थी , उसकी भी तो जिम्मेदारी बनती थी ,...
रीनू ने कस कर गुड्डी के गोल गोल नितम्बों को पकड़ा , प्यार से सहलाया और फिर पूरी ताकत से दोनों नितम्बों को पकड़ कर फैला दिया , रीनू दे दोनों हाथों के अंगूठे गांड के छेद को फैलाये हुए थे ,
बस , कमल जीजू ने गुड्डी के मुंह से गुड्डी के थूक से भीगी गीली ऊँगली निकाली और उस ऊँगली के साथ अब एक ऊँगली उसी के नीचे चिपका कर पेल दी।
रीनू के अंगूठो ने पूरी ताकत से गांड चियार रखी थी , और अबकी दोनों उँगलियाँ जड़ तक अंदर घुसी।
…………………
फिर तो क्या कोई लंड गांड मारेगा , जिस तरह कमल जीजू की दोनों उंगलियां अंदर बाहर , गपागप गपागप , सटासट ,
बीच बीच में वो अंदर घुसी दोनों उँगलियों को कैंची की फाल की तरह फैला देते तो मेरी ननद चीख उठती ,
साथ साथ पिछवाड़े के छेद से अंदर घुसी दोनों उंगलिया , अंदर की दीवालों पर , करोचते रगड़ते , लिसड़ लिसड़ ,...
और अबकी दोनों उँगलियाँ जब एक बार फिर बाहर निकल कर गुड्डी के मुंह की ओर बढ़ीं तो अबकी गुड्डी ने कस के होंठ भींच लिए ,
जैसे कुछ भी अब वो इन उँगलियों को मुंह में नहीं लेगी , .. उसे अब अंदाज हो गया था की वो कहाँ से ,...गीता ने उसे सब ' किंक ' समझा रखे थे, कुछ प्यार दुलार से कुछ जोर जबरदस्ती, देह के हर छेद से निकलने वाले देह रस का गुड्डी को रसिया बना दिया था। तो गुड्डी समझ तो गयी ही थी की ये उँगलियाँ उसके कहाँ से आ रही हैं .
पर मेरी कमीनी बहन थी न , ...
उसने पूरी ताकत से गुड्डी के गाल दबा दिए और गौरेया ने चोंच चियार दी ,
लेकिन उस किशोरी , सारंग नयनी ने अब अपनी पलके मूँद ली , जैसे वो देखेगी नहीं तो ,...
लेकिन रीनू ये भी कैसे होने देती , ... जोर से अपने बड़े लम्बे नाखूनों से उसने कस के गुड्डी के निप्स को नोच लिया , और एक हाथ सीधे गुड्डी की गर्दन पर ,
" स्साली , रंडी , तेरा सारा खानदान गांड मराता है , ... छोड़ छिनारपना , वरना ये टेटुआ दबा दूंगी ,... चूस मजे ले ले के आँख खोल के देख , तेरा ही माल है , तेरी ही मक्खन मलाई ,... खोल , भोंसड़ी की भंडुए की ,... "
गुड्डी ने पट पट आँखे खोल दी ,...
फिर तो थोड़ी देर मुंह में और थोड़ी देर पिछवाड़े , ... और अब रीनू को उसका पिछवाड़ा फैलाना भी नहीं पड़ा न गुड्डी ने सिकोड़ा , दोनों ऊँगली आराम से अंदर बाहर हो रही थीं ,
और ये नहीं जीजू उसकी प्रेम गली को भूल गए थे , सुपाड़ा अभी भी पूरा धंसा था , हलके हलके अंदर बाहर हो रहा था , और जीजू का दूसरा हाथ भी उस किशोरी की जाँघों के बीच घुसा , कभी फांको को रगड़ देता , तो कभी कोई ऊँगली क्लिट को छेड़ देती , बुर एकदम पनिया रही थी , जीजू का सुपाड़ा उस पानी से एकदम गीला हो गया था ,
और अब असली खेल शुरू होने वाला था ,...
और रीनू से भौजाई वाला अपना रोल निभाया , अबकी जब कमल जीजू ने पिछवाड़े से ऊँगली निकाली दोनों तो रीनू ने पिछवाड़े का मोर्चा सम्हाल लिया , उसने कस के नन्द की गांड पूरी ताकत से दोनों हाथों से फैला दिया और जोर से जैसे बच्चे थूक का बबल बनाते हैं , उसी तरह का खूब ढेर सारे थूक का बबल बना के , ... सीधे गुड्डी की गांड फैले खुले छेद पर एक नहीं दो तीन बार , ....
और कमल जीजू ने अपना मोटा खूंटा निकाल के गांड के छेद पर ,
मैं और अजय जीजू सांस रोके देख रहे ,
कच्ची कसी कोरी गांड , मुश्किल से दिख रहा छेद और
बीयर कैन ऐसा मोटा लंड ,
रीनू ने दोनों हाथों का अंगूठा , रीनू के थूक से लथपथ ,जरा सा खुले गांड के छेद में जबरन ठूंस के घुसेड़ दिया और एक बार कस के दोनों अंगूठो को विपरीत दिशाओं में पकड़ के कस के पूरी ताकत से स्ट्रेच कर दिया , ज़रा सा छेद खुला और बस उसी में कमल जीजू ने अपना सुपाड़ा सटा दिया ,...
गुड्डी की हालत कसाई की छुरी के नीचे बकरी के बच्चे की तरह हो रही थी , जो जानता है बस अब किसी भी पल ,...
" स्साली ढीली कर ,... " जोर से रीनू गरजी और दो चांटे कस के चूतड़ पर ,
जब तक गुड्डी सम्हलती , जोर से कमल जीजू का जो हाथ गुड्डी की जांघों के बीच था , उसने कस के मेरी ननद की क्लिट को पिंच कर दिया
साथ ही रीनू ने मेरी ननद की निप्स को शैतान बच्चे के कान की तरह पकड़ के ऐंठ दिया , जोर से , पूरी ताकत से , ... और गुड्डी इस दुहरे हमले से चिल्ला पड़ी।
और वो भूल गयी असली हमला कहाँ होने वाला है , कमल जीजू ने कस के एक हाथ से उसकी पतली कमर पकड़ रखी थी ,
बस पूरी ताकत से ,... जीजू की कमर की ताकत का मुझे अच्छी तरह अंदाजा था और गुड्डी बिचारी तो नयी बछेड़ी थी ,थोड़ा सा सुपाड़ा , खुले छेद में फंस गया , बस दोनों हाथों से अब जीजू ने गुड्डी की कमर पकड़ी ,...
और पूरा जोर लगा के ,
एक बार दूसरी बार तीसरी बार ,... और अब सुपाड़ा आलमोस्ट धंस गया ,
जैसे पतली मुंह वाली बोतल में कोई जबरन पूरी ताकत लगा के मोटा कार्क ठूंस दे , बस उसी तरह ,
अभी तो सिर्फ सुपाड़ा हीं गया है...घुस गया, धंस गया, अटक गया, अंड़स गया
बस पूरी ताकत से ,... जीजू की कमर की ताकत का मुझे अच्छी तरह अंदाजा था और गुड्डी बिचारी तो नयी बछेड़ी थी ,
थोड़ा सा सुपाड़ा , खुले छेद में फंस गया , बस दोनों हाथों से अब जीजू ने गुड्डी की कमर पकड़ी ,...
और पूरा जोर लगा के ,
एक बार दूसरी बार तीसरी बार ,... और अब सुपाड़ा आलमोस्ट धंस गया ,
जैसे पतली मुंह वाली बोतल में कोई जबरन पूरी ताकत लगा के मोटा कार्क ठूंस दे , बस उसी तरह ,
उईईईइ , ओह्ह्ह्हह ,.... आह्हः , उफ्फ्फ्फ़ नहीं ओह्ह्ह्ह
उईईईईईई उईईईईई
गुड्डी चीख रही थी , बिसूर रही थी ,...
पर रीनू , एकदम पक्की भौजाई ,... अब पिछवाड़े से आगे आगयी , सीधे गुड्डी के गाल उसने चूम लिया और बोली
"ननद रानी , अब एक बार जब तेरी गांड में सुपाड़ा घुस गया है न , तो बस ,... लाख चूतड़ पटको , गांड चियारो , रोओ चिल्लाओ , अब बिना गांड मरवाये कोई बचत नहीं , फिर ननद की ऐसी मस्त गांड हो और मारी न जाय ,... ये ननद से बढ़ कर भौजाई के लिए शर्म की बात है ,..."
और जैसे रीनू की बात के जवाब में , कमल जीजू ने फिर एक के बाद एक एक चार पांच करारे धक्के मारे ,.... और अब सुपाड़ा पूरा गांड के अंदर था।
दर्द से मेरी ननद की गांड फटी जा रही थी , वो चीख रही थी चिल्ला रही थी , पर मैं जानती थी असली दर्द तो अभी बाकी है , जब खैबर का दर्रा पार होगा , गांड का छल्ला ,.... बस बेहोश न हो उस समय तो ,
रीनू आकर मेरी बगल में बैठ गयी , मैं अजय जीजू की गोद में ,
कमल जीजू ने एक धक्का और मारा फिर से पूरी ताकत से ,
उईईईईईई उईईईईईई ,... जोर से चीखी मेरी ननद ,
कमल जीजू ने उसकी आवाज बंद करने की कोशिश की उसके मुंह पर हाथ रख कर ,
पर
नहीं नहीं ,
मैं और रीनू एक साथ चिल्लाई ,
" अरे जीजू चलने दीजिये न ये रेडियो मिर्ची का संगीत , बहुत अच्छा लग रहा है। " मैं बोली।
" अरे गांड फड़वाते समय ननद की चीखों से ज्यादा कोई मीठी आवाज भौजी के कान के लिए नहीं हो सकती ,... और चिल्लाने दीजिये इसे " रीनू ने तुरप का पत्ता जोड़ा ,
साली के आगे.. बहन की कौन सी पूछ...और "ये "आ गए,...
ये और इनकी साली रीनू
तब तक एक मीठी आवाज आयी , ये आ गए थे
( बताया तो था, ये अभी ही मुंबई से लौटे थे, कल ही इनकी साली रीनू ने जोर से हड़काया था, इनके फ्लाइट पकड़ने के पहले, और आज फ्लाइट से लौट के गुड्डी को घर लाने की जिम्मेदारी इनकी थी, लेकिन मैंने इनको बोला था की गुड्डी को छोड़ देंगे लेकिन ये घर में खुद तब घुसेंगे जब मैंने मेसेज करुँगी। और अब जब गुड्डी की गाँड़ ने कमल जीजू का बांस ले लिया था अंदर मैंने इन्हे ग्रीन सिग्नल दे दिया था अंदर आने के लिए )
और रीनू को देखकर ,
फिर तो सब भूलकर वो और उनकी साली एक दूसरे की बाँहों में ,... और रीनू ने कुछ देर में ही उन्हें बाकी लोगों की तरह बनयान और ब्रीफ में
वो क्यों छोड़ते , रीनू भी बस ,... आलमोस्ट टॉपलेस , ब्रा थी लेकिन हुक खुले ,.... और रीनू ठसके से उनकी गोद मेऔर चूम कर बोली
" आप एकदम टाइम से आगये , अभी ज्यादा कुछ नहीं मिस किया , अपनी बहन का ,...अभी तो बस फिल्म शुरू हुयी है , ....
रीनू का हाथ भी उनके ब्रीफ में ,... और
उधर कमल जीजू ,... जैसे कोई धनुर्धर धनुष की कमान अपने कंधे तक ,पूरी ताकत से खींच कर तीर छोड़ने की तैयारी करे ,
कोई राइफल शूटर कंधे पर राइफल सेट कर के , सीधे निशाना लगा कर ,...
बस उसी तरह ,... कमल जीजू ने अपना मोटा सुपाडा थोड़ा सा बाहर निकाला ,
अपने दोनों हाथों से गुड्डी की कमर को पकड़ा , ... और एक दो पल रुके रहे ,
गहरी ;लम्बी सांस ली , ....
बिचारी गुड्डी , ...उसने समझा , जीजू शायद , उसके भइया के आने के कारण ,... बाहर निकाल रहे हैं , थोड़ी राहत की सांस ली ,
पिछवाड़ा थोड़ा ढीला किया ,
बस ,...
कमल जीजू ने तीर चला दिया , उनके राइफल की गोली चल गयी ,
पूरी ताकत से उन्होंने ढकेल दिया , पेल दिया , ठेल दिया ,
गुड्डी दर्द से बिलबिलाती रही , चीखती रही , चिल्लाती रही , बिसुरती रही ,
जीजू धकेलते रहे , ठेलते रहे , पेलते रहे ,....
घायल हिरनी की तरह वो सारंग नयनी तड़प रही थी ,
एक कुशल शिकारी की तरह कमल जीजू अपना भाला उसके मर्मस्थल पर बेधे हुए , धकेल रहे थे ,
और अंदर , और अंदर ,....
थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक बार कमल जीजू ने पूरी ताकत से ठेला ,
गुड्डी ने एक बहुत तेज चीख मारी और उस की चीखें दर्द से बेहाल हो कर रुक गयीं ,
लेकिन मेरी अजय जीजू की , रीनू की इनकी निगाहें सीधे सिर्फ जीजू के बीयर कैन ऐसे मोटे खूंटे पर थी , करीब आधा , आधे से थोड़ा ही कम
४ इंच तक अंदर घुस गया था ,
इसका मतलब खैबर का दर्रा पार ,
कमल जीजू का पहाड़ी आलू ऐसा मोटा सुपाड़ा मेरी टीनेजर कच्ची उम्र की ननद के गांड के छल्ले को दरेरता रगड़ता घिसटता अंदर घुस गया था।
जीजू रुक गए थे ,
कुछ देर में गुड्डी ने हलके सुबकना फिर शुरू किया , .... बस जीजू ने बहुत धीरे धीरे , सुपाड़े को पीछे खींचा और एक बार फिर पूरी ताकत से अंदर ठेल दिया ,
उईईईईई उईईईईई ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह नहीं उफ्फ्फ्फ्फ़
लेकिन कमल जीजू , जिसने भी गांड का मजा लिया होगा उसे मालूम होगा , असली मजा तो उस छल्ले को पार करने का है ,
कम से कम चार पांच बार ,... जीजू थोड़ा बाहर निकालते , फिर घुसेड़ देते , ... फिर बाहर निकालते , फिर पूरी ताकत से ,..
फिर हलके हलके धक्के से उन्होंने गुड्डी की गांड मारनी शुरू की , आधे से थोड़ा ज्यादा उस कच्ची कली के पिछवाड़े उन्होंने ठूंस दिया था ,
गुड्डी की चीखें अब बंद हो गयी थी , पर बीच बीच में जीजू , अपना खूंटा आलमोस्ट बाहर तक निकाल के पूरी ताकत से ठूंस देते और गुड्डी चीख उठती
और बार बार 'इनकी ' ओर देखती की शायद
लेकिन ये तो पूरी तरह अपनी साली में खोये हुए
रीनू ने चिढ़ाया ,... ( गुड्डी तो शायद सोच रही होगी की मेरे भैया बचा लेंगे पर ,... )
ब्रीफ रीनू ने खींच कर नीचे उतार दिया ,
इनका खूंटा , खूब मस्त , एकदम कड़ा , खड़ा , तना ,...
" क्यों जीजू , ... बहिन की गांड मरौव्वल देख के इतना टनटना रहा है ,... सच में तेरी बहन की गाड़ हैं भी बहुत मस्त ,... "
फिर अपने तोप का मुंह रीनू ने ननद की ओर मोड़ दिया ,
" देख अपने भैय्या का , न मैंने छुआ न पकड़ा , न दबाया न मसला , ...और इतना तगड़ा टनटनाया ,... ये सब तेरी गांड मरौव्वल देख कर , तेरे भाई का ,...."
गुड्डी पहली बार हल्का सा मुस्करायी ,
रीनू में अब मेरे उनका , ' वो ' अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया और एक झटके में ही इतने जोर से खींचा , सुपाड़े का चमड़ा खिंच गया , सुपाड़ा निकल कर बाहर , पूरी तरह।
गुड्डी अभी भी उनकी तरफ देख रही थी , रीनू ने फिर छेड़ा ,
" क्यूँ मन कर रहा है , चल यार छोटी ननद है ,... वरना अब की तो मैंने बोला था की इसे किसी को छूने नहीं दूंगी , ...सिर्फ मैं अकेले अकेले ,... अब तेरे मुंह में इत्ता पानी आ रहा है , तो पहले जिसका घोंट रखा है उससे निपट ,... तेरे भइया से भी तेरी गांड मरवा दूंगी , .... "
लेकिन उनकी निगाह अब बार रीनू के ब्रा में छिपे कम दिख ज्यादा आरहे उभारों को देख कर मचल रही थी ,
थी भी मेरी बहना की एकदम परफेक्ट डी कप ,...
रीनू ने इनकी ओर मुंह किया और हड़काया ,
" लालची , नदीदे , ... मिलेगा मिलेगा ,.... लेकिन तुझे मालुम नहीं , ऊपर के लिए नीचे अर्जी लगानी पड़ती है , और अगर उसके बाद मेरी मर्जी होगी तो दे दूंगी , तू भी क्या याद करेगा यार ,... "
रीनू को मैंने बता दिया था की कैसे जबरदस्त चूत चटोरे हैं वो , और रीनू जब से आयी थी उसकी बिल में खुजली मची हुयी थी
उन्हें और बोलने की जरूरत भी नहीं थी , अगले पल वो रीनू की खुली जाँघों के बीच में , ...
" नो हैंड्स ,... " रीनू बोली ,
और वो नहीं भी बोलती तो ,... उन्होंने अपने होठों से लेसी पैंटी खींच के नीचे उतार दी , और तड़पाने में उनका ,... और पहली बार साली के साथ , पिछली बार रीनू ने खूब छेड़खानी की थी लेकिन उसकी वो पांच दिन वाली छुट्टी चल रही थी , ....
उनकी जीभ की नोक रीनू की सिल्कन जाँघों के ऊपरी हिस्से को बस कभी छूती कभी छोड़ देती , ... और धीरे लेबिया के चारो ओर , बस हलके हलके , ... जैसे कोई फेदर से सहला रहा हो , ... बस बीच में दोनों फांको के बीच में भी जीभ की नोक हलके से छू के हट जाती ,
अब रीनू तड़प रही थी , सिसक रही थी , ...
' जीजू कर न ,... ओह्ह नहीं ,... प्लीज ,... उफ्फ्फ ,... "
मैं कनखियों से देख रही थी और मुस्करा रही थी , आज मेरी बहन पहली बार किसी ऐसे मर्द के साथ ,... सच में उनकी जीभ किसी तगड़े से तगड़े मर्द के खूंटे से भी ज्यादा मजा देती थी, और अबकी तो सामने साली थी
रीनू से नहीं रहा गया , खुद अपने हाथ से उनका सर पकड़ कर दोनों जांघ के बीच ,... और वो भी सीधे पहले गियर से चौथे गियर में ,
जीभ उनकी सीधे रीनू की बिल के अंदर , क्या कोई लंड से चोदेगा ,... जिस तरह वो जीभ से चोद रहे थे , साथ में दोनों होंठों से रीनू के भगोष्ठों को चूस रहे थे कस कस के ,
रीनू बिचारी जोर जोर से चूतड़ पटक रही थी , आँखे उसकी मस्ती से बंद हो रही थी , सिसक रही थी , तड़प रही थी ,...
और वो भी आज पहली बार स्साली मिली थी , ... बीच बीच में जीभ की नोक से रीनू की क्लिट छेड़ देते , और वो पानी से बाहर आयी मछली की तरह तड़प उठती थी ,...
लगता था की रीनू अब गयी तब गयी , पर मैं जानती थी आज उन्हें पहली बार साली मिली है , उसे इतनी आसानी से छोड़ नहीं देंगे ,
बस जैसे ही वो झड़ने के कगार पर पहुंचती , वो रुक जाते , अपने होंठ हटा लेते ,
और रीनू की गालियों का टारगेट सिर्फ वह नहीं होते उनसे ज्यादा वो कमीनी मुझे गाली देती ,
" नालायक , कमीनी ,कोमल , ...बेईमान ,... तभी इस स्साले को छुपा के रखा था ,... ओह्ह क्या मस्त ,.... स्साली छोटी बहन है तो क्या मतलब ,... अकेले अकेले मजा लेगी ,... ओह्ह जीजू ,... ओह्ह झाड़ दो न , ... प्लीज जीजू ,... झाड़ दो , ..आज तक किसी भी मरद के साथ इत्ता मजा नहीं मिला जो आज मिल रहा है ओह्ह जीजू, कोमलिया स्साली तभी तुझे छिपा के रखती थी, ओह्ह्ह जीजू प्लीज जीजू
और मैं उनकी ओर हलके से आँख मार के इशारा करती , ... अभी नहीं और वो फिर और ,...
तीन चार बार रीनू को एकदम किनारे पर ले जाके ,...
लेकिन ऐसा नहीं है मेरी हालत कम खराब थी , अजय , रीनू का मरद कम कमीना नहीं है , उसकी उंगलिया , एक साथ वो मेरे निप्स को भी फ्लिक कर रहा था और क्लिट को भी , कभी खच्चाक से एक साथ दो ऊँगली मेरी गीली बुर में पेल देता और साथ में अपना अंगूठा , मेरे क्लिट पर ,
मैं अजय जीजू की गोद में बैठे प्यार से अपने खिलौने को , अजय के खूंटे को कभी सहलाती तो कभी , कस के दबोच लेती ,...
लेकिन मुझे लगा बेईमानी हो रही है ,
और मुझे बेईमानी एकदम पसंद नहीं।