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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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Shetan

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फागुन के दिन चार के शुरूआती भाग के सस्पेंस /थ्रिलर से जुड़े कुछ चुने हुए अंश

रीत ने मुझसे सवाल पूछा- “जब बाम्ब एक्सप्लोड हुआ तो तुम लोग कहाँ थे…”

“अरे यार तुम्हें मालूम है, हम लोग सीढ़ी पे थे बाहर से किसी ने ताला बंद कर दिया था। ये तो अच्छा हुआ बाम्ब एक्सप्लोजन से वो दरवाजा टूट गया…”

रीत ने मेरी बात काटी और अगला सवाल दाग दिया, मुझी से- “और पुलिस बाम्ब एक्सप्लोजन के बाद अन्दर गई…”

“हाँ यार…” मैं किसी तरह से अपनी झुंझलाहट रोक पा रहा था।

“बताया तो था की हम लोग बाहर आ गए एक्सप्लोजन के बाद तब पोलिस वाले, कुछ पैरा मेडिक स्टाफ और फोरेंसिक वाले अन्दर गए थे मेरे सामने…”

डी॰बी॰ ने मेरी ताईद की और अपनी मुसीबत बुला ली।

“अच्छा आप बताइये। जब पुलिस वाले और फोरेंसिक टीम अन्दर गई तो उन्होंने चुम्मन और रजऊ को किस हालत में और कहाँ पर देखा…” रीत ने सवाल दगा।
“वो दोनों बरामदे में थे। पीछे वाली सीढ़ी जिस बरामदे में खुलती है वहाँ… दोनों गिरे हुए थे। रजऊ के ऊपर छत का कुछ हिस्सा गिरा था और चुम्मन के ऊपर कोई अलमारी गिर गई थी। जिस कमरे में बाम्ब था वहां नहीं थे…” डी॰बी॰ ने पूरी पिक्चर साफ कर दी।

“करेक्ट। तो तुम लोग तो सीढ़ी पे थे और वो दोनों बरामदे में और तुमने पहले ही बता दिया था की वो बंम्ब बिना टाइमर के था और रिमोट से भी एक्सप्लोड नहीं हो सकता था…”

रीत अब मेरी और फेस की थी- “तो सवाल है की वो एक्सप्लोड कैसे हुआ?”

“इसका जवाब तो तुम देने वाली थी…” मेरा धैर्य खतम हो रहा था। मैंने थोड़ा जोर से बोला।

“चूहे से…” वो मुश्कुराकर आराम से बोली।

डी॰बी॰ खड़े हो गए।

मैं डर गया मुझे लगा की वो नाराज हो गए।

लेकिन खड़े होकर पहले तो उन्होंने क्लैप किया फिर रीत की ओर हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया। रीत भी उठ गई और उसने तपाक से हाथ मिलाया।

डी॰बी॰ बैठ गए और बोले- “यही चीज मुझे समझ में नहीं आ रहा थी। फोरेंसिक एवीडेंस यही इंडिकेशन दे रहे थे। लेकिन इस तरह कोई सोच नहीं रहा था, ना सोच सकता था। तार पर बहुत शार्प निशान थे, वो चूहे के बाईट मार्क रहे होंगे और लाजिक तुमने सही लगाया, न ये लोग थे वहाँ, ना चुम्मन था और ना पुलिस। तो आखीरकार, कैसे एक्सप्लोड हुआ और फोरेंसिक एविडेंस से कन्फर्म भी होता है। एक मरा चूहा भी वहां मिला…”

“उस चूहे ने बहुत बड़ा काम किया बाम्ब के बारे में पता चल गया…” रीत बोली।



मुझे डर लगा की अब वो कहीं दो मिनट मौन ना रहें।

लेकिन डी॰बी॰ बोले और मुझसे मुखातिब होकर- “यू नो, इट वाज अ परफेक्ट बाम्ब जो रिपोर्ट्स कह रही हैं। मेजर समीर के लोगों ने भी चेक किया और अपने फोरेंसिक वालों ने भी। सैम्पल्स बाईं प्लेन हम लोगों ने दिल्ली सेन्ट्रल फोरेंसिक लेबोरटरी में, हाँ वही जो लोदी रोड में है, भेजे थे। प्रेलिमिनरी रिपोर्ट्स का वाई मेसेज आया है। सिर्फ टाइमर और डिटोनेटर फिट नहीं थे…”

“फिट नहीं थे मतलब…” मैं बोला। ये मेरी पुरानी आदत है की ना समझ में आये तो पूछ लो और इस चक्कर में कई लोग नाराज हो चुके हैं।

“मतलब ये…” डी॰बी॰ मुश्कुराते हुए बोले जैसे टीचर क्लास में ना समझ बच्चों को देखकर मुश्कुराते हैं।

“वो लगाकर निकाल लिए गए थे। इसमें डिटोनेटर टी॰एन॰टी॰ के इश्तेमाल हुए थे जो नार्मली मिलेट्री ही करती है। इसके पहलेकर एक्स्प्लोजंस में नार्मल जो क्वेरी वाले डिटोनेटर्स, पी॰ई॰टी॰एन॰ इश्तेमाल करते हैं वो वाले होते हैं। दूसरी बात, इसमें डबल डिटोनेटर्स लागए गए थे। दूसरा डिटोनेटर्स स्लैप्पर डिटोनेटर्स।
अब बात काटने और ज्ञान दिखाने की जिम्मेदारी मेरी थी।

“वही जो अमेरिका में लारेंस वालों ने बनाए हैं। वो तो बहुत हाई ग्रेड। लेकिन मुझे वहां दिखा नहीं…” मैंने बोला और मुड़कर रीत की तरफ देखा की वो कुछ मेरे बारे में भी अच्छी राय बनाये लेकिन वो डी॰बी॰ को देख रही थी। और डी॰बी॰ ने फिर बोलना शुरू कर दिया।

“बात तुम्हारी भी सही है और मेरी भी की डिटोनेटर्स लगाकर निकाल लिए गए थे। लेकिन इन के माइक्रोस्कोपिक ट्रेसेस थे। और तीसरी बात। इसकी डिजायन इस तरह की थी की फिजिकल बैरियर्स के बावजूद। सेकेंडरी शाक्वेव्स 200 मीटर तक पूरी ताकत से जायेंगी। जिसका मतलब ये की उस समय जो भी उसकी जद में आएगा। सीरियसली घायल होगा। लेकिन डिटोनेटर की तरह शार्पनेल भी अभी नहीं लगे थे बल्की डालकर निकाल लिए गए थे…”
Jabardast Komalji. Please pura vistar se ho jae. Maza aa jaega. Bas kahani me koi badlav mat karna please.

IMG-20240201-204245
 

Sutradhar

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I am planning to repost my long story or novel,

Phagun ke din chaar फागुन के दिन चार ( without any change and with very few pics)

should I post it in the erotica, thriller, or other sections? I will be waiting for the reader's suggestions.
कोमल जी

मुझ जैसे पाठक ज्यादा ना तो समझते हैं और ना ज्यादा कह पायेंगे, बस आप तो पोस्ट करना शुरु कीजिए। मैंने इसे किस तरह ढूंढ - ढूंढकर पढ़ा है, मैं ही जानता हूं।

आपकी सभी कहानियों में इसका अलग ही स्थान है साथ ही आपके लेखन का इस कहानी में अलग ही स्तर है और आपने जिस बारीकी से इस कहानी में जो ज्ञान की कशीदाकारी की है उसके लिए तो मेरे पास हमेशा की तरह शब्दों का अभाव हो जाता है।

वैसे इसे erotic thriller वर्ग में डाला जा सकता है।

लगे हाथ अपने मन की भी भड़ास निकाल लेता हूं कि हो सके तो कहानी को जहां आपने छोड़ा था उससे आगे भी लिख सके तो आपकी महती कृपा होंगी। आपकी और कहानियों की तरह इसमें भी अपार संभावनाएं हैं। ( कुछ शीला भाभी का ससुराल, कुछ बिछड़े प्रेमियों का मिलन आदि आदि)

सादर
 

12bara

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Thanks but i think you are confusing it with Nanad Ki Training.

This one has a terror plot involving three cities, with old names starting from B, Banaras, Bombay and Baroda. The story starts in Banaras and moves to various cities in India. There is a love or erotic angle and of course, a lot of Holi scenes and stories will go to about 1000 pages. The story also includes a tribute to Satyajit Ray. That is why i have shared the excerpts to nudge the memory.

Thanks again.
main Chanda bhabhi ki bat kar raha hu ...sayad yahi naam hai ...Ismy do heroin hai ek sidhi sadhi dusre secret agent hoti hai hero bhi police officer banta hai.. terrorist ne school me ..yahi wali hai story hai na..?
 
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komaalrani

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main Chanda bhabhi ki bat kar raha hu ...sayad yahi naam hai ...Ismy do heroin hai ek sidhi sadhi dusre secret agent hoti hai hero bhi police officer banta hai.. terrorist ne school me ..yahi wali hai story hai na..?
Yes thanks so much. Yes there were two girls one was Guddi and other was Reet. and nice of you to recall Chanda Bhabhi, she did train but it was her Devar. This is only story which i tried to write in a man's perspective. But your views tell me that it will be worth posting. Please do share your opinion. I will post only when i feel that at least around 10 readers who comment on the stories are there and may get around 10 K eyeballs per post.
 

komaalrani

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Madam, one suggestion...
Since this is a completed story, make a pdf and put it in completed story section.
Ek shot mein log pdf download kar ke padh sakte hain. Think about it if you feel this suggestion is ok. Thanks.
komaalrani
Many of my stories are in the PDF section but i think the visibility of that section is low, and reader interaction is almost non-existent. A lot of new readers have joined who has not read this story. But the biggest misfortune my stories face is many readers feel, ek aur holi ki story and even for a new story they feel ye to padhi hogi and Mohe Range de suffered the same problem. But yes i will think about your suggestion.
 

12bara

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Yes thanks so much. Yes there were two girls one was Guddi and other was Reet. and nice of you to recall Chanda Bhabhi, she did train but it was her Devar. This is only story which i tried to write in a man's perspective. But your views tell me that it will be worth posting. Please do share your opinion. I will post only when i feel that at least around 10 readers who comment on the stories are there and may get around 10 K eyeballs per post.
Aap jarur is story ko post kare kyunki Maine jitni bhi story padi thi xossip pe .unme se ye meri fvt story me se ek thi.
 

Mass

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Many of my stories are in the PDF section but i think the visibility of that section is low, and reader interaction is almost non-existent. A lot of new readers have joined who has not read this story. But the biggest misfortune my stories face is many readers feel, ek aur holi ki story and even for a new story they feel ye to padhi hogi and Mohe Range de suffered the same problem. But yes i will think about your suggestion.
I get your point and is true as well. But the point (or problem) is..your "reputation" precedes your stories :D
You are mostly synonymous with Holi Erotica..
So, while every story is different and unique in its own way, the "theme" (Holi) creates confusion. (Or at the first glance may look the same).
Hopefully, people will look at your story (phagun...) in a fresh way... hope you get my point.
Good Luck!!
komaalrani
 

komaalrani

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कोमल जी

मुझ जैसे पाठक ज्यादा ना तो समझते हैं और ना ज्यादा कह पायेंगे, बस आप तो पोस्ट करना शुरु कीजिए। मैंने इसे किस तरह ढूंढ - ढूंढकर पढ़ा है, मैं ही जानता हूं।

आपकी सभी कहानियों में इसका अलग ही स्थान है साथ ही आपके लेखन का इस कहानी में अलग ही स्तर है और आपने जिस बारीकी से इस कहानी में जो ज्ञान की कशीदाकारी की है उसके लिए तो मेरे पास हमेशा की तरह शब्दों का अभाव हो जाता है।

वैसे इसे erotic thriller वर्ग में डाला जा सकता है।

लगे हाथ अपने मन की भी भड़ास निकाल लेता हूं कि हो सके तो कहानी को जहां आपने छोड़ा था उससे आगे भी लिख सके तो आपकी महती कृपा होंगी। आपकी और कहानियों की तरह इसमें भी अपार संभावनाएं हैं। ( कुछ शीला भाभी का ससुराल, कुछ बिछड़े प्रेमियों का मिलन आदि आदि)

सादर
बहुत बहुत धन्यवाद।

आपकी सलाह एकदम सही है।

अगर मैंने इसे पोस्ट किया तो इरोटिक वाले भाग में ही डालूंगी और थ्रिलर का टैग लगा सकती हूँ।
 

komaalrani

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I get your point and is true as well. But the point (or problem) is..your "reputation" precedes your stories :D
You are mostly synonymous with Holi Erotica..
So, while every story is different and unique in its own way, the "theme" (Holi) creates confusion. (Or at the first glance may look the same).
Hopefully, people will look at your story (phagun...) in a fresh way... hope you get my point.
Good Luck!!
komaalrani
Thanks I am sure i will require a lot of Luck, if i decide to post it.

Yes this story too begins with a Holi scene and has at least three to four Holi scenes. But it has a lot of realistic background. It required me to read a few books cover to cover to understand the economics of terror, Taliban and Afghanistan , some parts made me feel sad and many readers in the last forum where it was originally posted, some readers did express how sad they felt while reading those parts. It has almost all the Rasa.

The confusion about Holi i found more in this forum. Like Phagun ke din char when i originally posted it got a good readership. and now many have not read this story. so I am still keeping my fingers crossed. If and that is a big IF , i post it will be in the Erotica section. Thanks again.
 
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