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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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इन अपडेट्स से कुछ समय के लिए हिंडोले पर झूलने का आनंद मिल सकता है...फागुन के दिन चार के शुरूआती भाग के सस्पेंस /थ्रिलर से जुड़े कुछ चुने हुए अंश
रीत ने मुझसे सवाल पूछा- “जब बाम्ब एक्सप्लोड हुआ तो तुम लोग कहाँ थे…”
“अरे यार तुम्हें मालूम है, हम लोग सीढ़ी पे थे बाहर से किसी ने ताला बंद कर दिया था। ये तो अच्छा हुआ बाम्ब एक्सप्लोजन से वो दरवाजा टूट गया…”
रीत ने मेरी बात काटी और अगला सवाल दाग दिया, मुझी से- “और पुलिस बाम्ब एक्सप्लोजन के बाद अन्दर गई…”
“हाँ यार…” मैं किसी तरह से अपनी झुंझलाहट रोक पा रहा था।
“बताया तो था की हम लोग बाहर आ गए एक्सप्लोजन के बाद तब पोलिस वाले, कुछ पैरा मेडिक स्टाफ और फोरेंसिक वाले अन्दर गए थे मेरे सामने…”
डी॰बी॰ ने मेरी ताईद की और अपनी मुसीबत बुला ली।
“अच्छा आप बताइये। जब पुलिस वाले और फोरेंसिक टीम अन्दर गई तो उन्होंने चुम्मन और रजऊ को किस हालत में और कहाँ पर देखा…” रीत ने सवाल दगा।
“वो दोनों बरामदे में थे। पीछे वाली सीढ़ी जिस बरामदे में खुलती है वहाँ… दोनों गिरे हुए थे। रजऊ के ऊपर छत का कुछ हिस्सा गिरा था और चुम्मन के ऊपर कोई अलमारी गिर गई थी। जिस कमरे में बाम्ब था वहां नहीं थे…” डी॰बी॰ ने पूरी पिक्चर साफ कर दी।
“करेक्ट। तो तुम लोग तो सीढ़ी पे थे और वो दोनों बरामदे में और तुमने पहले ही बता दिया था की वो बंम्ब बिना टाइमर के था और रिमोट से भी एक्सप्लोड नहीं हो सकता था…”
रीत अब मेरी और फेस की थी- “तो सवाल है की वो एक्सप्लोड कैसे हुआ?”
“इसका जवाब तो तुम देने वाली थी…” मेरा धैर्य खतम हो रहा था। मैंने थोड़ा जोर से बोला।
“चूहे से…” वो मुश्कुराकर आराम से बोली।
डी॰बी॰ खड़े हो गए।
मैं डर गया मुझे लगा की वो नाराज हो गए।
लेकिन खड़े होकर पहले तो उन्होंने क्लैप किया फिर रीत की ओर हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया। रीत भी उठ गई और उसने तपाक से हाथ मिलाया।
डी॰बी॰ बैठ गए और बोले- “यही चीज मुझे समझ में नहीं आ रहा थी। फोरेंसिक एवीडेंस यही इंडिकेशन दे रहे थे। लेकिन इस तरह कोई सोच नहीं रहा था, ना सोच सकता था। तार पर बहुत शार्प निशान थे, वो चूहे के बाईट मार्क रहे होंगे और लाजिक तुमने सही लगाया, न ये लोग थे वहाँ, ना चुम्मन था और ना पुलिस। तो आखीरकार, कैसे एक्सप्लोड हुआ और फोरेंसिक एविडेंस से कन्फर्म भी होता है। एक मरा चूहा भी वहां मिला…”
“उस चूहे ने बहुत बड़ा काम किया बाम्ब के बारे में पता चल गया…” रीत बोली।
मुझे डर लगा की अब वो कहीं दो मिनट मौन ना रहें।
लेकिन डी॰बी॰ बोले और मुझसे मुखातिब होकर- “यू नो, इट वाज अ परफेक्ट बाम्ब जो रिपोर्ट्स कह रही हैं। मेजर समीर के लोगों ने भी चेक किया और अपने फोरेंसिक वालों ने भी। सैम्पल्स बाईं प्लेन हम लोगों ने दिल्ली सेन्ट्रल फोरेंसिक लेबोरटरी में, हाँ वही जो लोदी रोड में है, भेजे थे। प्रेलिमिनरी रिपोर्ट्स का वाई मेसेज आया है। सिर्फ टाइमर और डिटोनेटर फिट नहीं थे…”
“फिट नहीं थे मतलब…” मैं बोला। ये मेरी पुरानी आदत है की ना समझ में आये तो पूछ लो और इस चक्कर में कई लोग नाराज हो चुके हैं।
“मतलब ये…” डी॰बी॰ मुश्कुराते हुए बोले जैसे टीचर क्लास में ना समझ बच्चों को देखकर मुश्कुराते हैं।
“वो लगाकर निकाल लिए गए थे। इसमें डिटोनेटर टी॰एन॰टी॰ के इश्तेमाल हुए थे जो नार्मली मिलेट्री ही करती है। इसके पहलेकर एक्स्प्लोजंस में नार्मल जो क्वेरी वाले डिटोनेटर्स, पी॰ई॰टी॰एन॰ इश्तेमाल करते हैं वो वाले होते हैं। दूसरी बात, इसमें डबल डिटोनेटर्स लागए गए थे। दूसरा डिटोनेटर्स स्लैप्पर डिटोनेटर्स।
अब बात काटने और ज्ञान दिखाने की जिम्मेदारी मेरी थी।
“वही जो अमेरिका में लारेंस वालों ने बनाए हैं। वो तो बहुत हाई ग्रेड। लेकिन मुझे वहां दिखा नहीं…” मैंने बोला और मुड़कर रीत की तरफ देखा की वो कुछ मेरे बारे में भी अच्छी राय बनाये लेकिन वो डी॰बी॰ को देख रही थी। और डी॰बी॰ ने फिर बोलना शुरू कर दिया।
“बात तुम्हारी भी सही है और मेरी भी की डिटोनेटर्स लगाकर निकाल लिए गए थे। लेकिन इन के माइक्रोस्कोपिक ट्रेसेस थे। और तीसरी बात। इसकी डिजायन इस तरह की थी की फिजिकल बैरियर्स के बावजूद। सेकेंडरी शाक्वेव्स 200 मीटर तक पूरी ताकत से जायेंगी। जिसका मतलब ये की उस समय जो भी उसकी जद में आएगा। सीरियसली घायल होगा। लेकिन डिटोनेटर की तरह शार्पनेल भी अभी नहीं लगे थे बल्की डालकर निकाल लिए गए थे…”
A rose by any other name...Zaroor Madam..I think this was one if the blockbuster story...
In my opinion, this story is responsible to take you to the "great writer" status
You can put your stories in either genre. Padhna to viewers ko hain naa
komaalrani
जैसे भाभियों ने समझाया था.. वो भूलने वाली बात भी नहीं...Maine puri padi hai apki ye story.aur bhabhi jo sex gyaan deti hai Ismy aaj bhi mujhe wo yaad hai
बनारस के रेलवे स्टेशन का दृश्य तो करुण रस का बेहतर उदाहरण है...Thanks but i think you are confusing it with Nanad Ki Training.
This one has a terror plot involving three cities, with old names starting from B, Banaras, Bombay and Baroda. The story starts in Banaras and moves to various cities in India. There is a love or erotic angle and of course, a lot of Holi scenes and stories will go to about 1000 pages. The story also includes a tribute to Satyajit Ray. That is why i have shared the excerpts to nudge the memory.
Thanks again.
हर बार पढ़ने पर एक नया रस मिलता है...Thanks aapne ekdam sahi kha lekin saval yahi ki kya viewers ise padhenge or purani story smjh ke ignore kar denge>
Are maza aa gaya. akhir guddi rani ki pichhe ki nath utar hi gai. Bas jo kam Komaliya ko karna tha. Vo ritu ne kar diya. Jabardastजोरू का गुलाम भाग २१७
गुड्डी का पिछवाड़ा
२३,७४,६१४
गुड्डी की किस तरह , क्या कोई धुनिया रुई धुनता होगा , जिस तरह गुड्डी रानी की गांड धुनी जा रही थी , साथ में जीजू की उंगलिया तेजी से गुड्डी की सहेली के अंदर बाहर ,
गुड्डी काँप रही थी और थोड़ी देर में वो झड़ने लगी , लेकिन कमल जीजू की रफ़्तार नहीं कम हुयी
न गुड्डी की चूत में अंदर बाहर होती उनकी ऊँगली धीमी हुयी न गुड्डी की गांड में अंदर बाहर होता उनका मोटा खूंटा ,...
और बस पांच छः मिनट के अंदर गुड्डी फिर दुबारा झड़ रही थी और साथ में ,... कमल जीजू , खूंटा पूरी तरह अंदर घुसा ,... वो झड़ते हुए रुक गए , फिर दुबारा और ,... अब गुड्डी के पैरों ने जैसे जवाब दे दिया और वो वही गद्दे पर कटे पेड़ की तरह गिर पड़ी।
कमल जीजू भी साथ साथ ,...
खूंटा अभी भी मेरी ननद के पिछवाड़े पूरी तरह धंसा था , वहीँ गद्दे पर पड़ गए।
रीनू उठी और गुड्डी के पास जा कर थोड़ी देर तक उसका सर सहलाती रही , फिर जितने तकिये , कुशन , मसनद थीं सब लगा कर , उनके सहारे उसे अधलेटा , बैठा दिया।
गुड्डी एकदम थकी थेथर लग रही थी , आँखे उसकी बंद , रीनू थोड़ी देर तक उसका चेहरा , सर , खुले बाल सहलाती रही , अब वो रीनू के सीने के सहारे बैठी थी ,
" क्यों मजा आया न ननद रानी ,... " हलके से रीनू ने मेरी टीनेजर ननद के ईयर लोब्स को किस करते हुए पूछा
गुड्डी ने न जवाब दिया , न आँख खोली बस हलके से मुस्करा दी , और ये दावतनामा बहुत था उसकी रीनू भाभी के लिए , झुक के उन्होंने उस कच्ची कली के गुलाब की पंखुड़ियों को चूम लिया।
हलके से होंठ लरज के रह गए उस कली के , लेकिन रीनू लड़कियों खास तौर से कच्ची कलियों के मामले में एकदम पक्की उस्ताद थी , उसने झुक के गुड्डी की बगल में गुदगुदी लगाई और अब वो कोरी कली हंस पड़ी ,
" भाभी ,... " शिकायत भरे अंदाज में वो बोली और रीनू ने झुक कर फिर एक बार , अबकी कस के उसे चूम लिया और चिढ़ाते हुए पूछा ,
" हे बोल न मजा आया न ,गांड मरवाने में ,... "
" धत्त , जान निकल गयी , ... इत्ता दर्द हो रहा है , अभी तक ,... " बिना आंख खोले दर्द भरी आवाज में वो बोली।
" अरे रानी यही तो मजा , मारने वाले को दर्द देने में , और मरवाने वाली को दर्द सहने में ,... और मैं ये भी नहीं कहूंगी की सिर्फ पहली बार दर्द होता है , हाँ लेकिन पांच छ बार के बाद ,... सच्ची इसी दर्द में तू मजा लेने लगेगी। "
रीनू ने समझाया , और अब रीनू का एक हाथ गुड्डी के नए आये जस्ट उभरते जोबन को भी हलके सहला रहा था पुचकार रहा था। "
नहीं नहीं भाभी , अब नहीं , बस एक बार ही बहुत है ,... " घबड़ा कर वो किशोरी बोल पड़ी , फिर जोड़ा ,... " बहुत हुआ तो आगे , पीछे , नहीं। एकदम नहीं। "
अजय जीजू ने मेरी ओर देखा , और मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ चिपका दिए और समझाया ,
"अरे जीजू , मेरी ननद है। आज तक किसी लड़की ने पिछवाड़े के लिए हाँ किया क्या जो ये करेगी , ... और कोई पिछवाड़े का रसिया है जो लड़की के मना करने पर छोड़ देगा। एक बात और , मेरी ननद ऐसी है की अभी कमल जीजू ने जित्ती मेहनत की न , उत्ती मेहनत आपके खूंटे को भी करने पड़ेगी , इस टीनेजर की देह है ही ऐसी ,... कित्ती भी रगड़ाई करियेगा , जस की तस, कसी की कसी , एकदम चिपकी।"
" अच्छा चल , मुंह में तो ले सकती है न ,... " रीनू बोली और उस की चाल मैं समझ रही थी।
" भाभी कुछ भी , बस , बस पीछे नहीं ,... " वो शोख बोली।
और कमल जीजू ने उसी समय अपना मोटा खूंटा उसके पिछवाड़े से निकाल लिया , वो भी अब आगे बढ़कर गुड्डी से सटकर बैठ गए थे। कमल जीजू के खूंटे के साथ यही गड़बड़ था , हचक कर पेलने के बाद , अच्छी तरह झड़ने के बाद भी वो थोड़ा सोया , थोड़ा जागा ही रहता था।
" अच्छा चल , एक छोटी सी चुम्मी तो बनती है न , कितने प्यार से तेरी ली उसने ,... "
और जबतक गुड्डी कुछ समझती , रीनू ने जबरदस्ती , पूरी ताकत से उसका सर झुका के होंठ सीधे कमल जीजू के सुपाड़े पर ,
गुड्डी ने आँखे तो बंद कर ली पर उसके होंठ , रीनू ने कमल जीजू के सुपाड़े पर ,... और कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा ,... कौन लड़की मना कर सकती थी।
एक दो हलके हलके चुम्मियाँ , गुड्डी ने ली , पर उसने आँखे खोल दी ,...
और जब ,...
आधे घंटे तक गुदा मंथन कर जो लिंग निकलेगा तो उसकी जो हालत होगी वही , कमल जीजू के लंड की हालत थी , और झड़ने के बाद भी इतनी देर तक वो अंदर था ,
और जब इत्ती देर तक , इत्ती कस के मथानी चली थी तो , ....
गुड्डी के चेहरे पर जो भाव दिखा ,
वो लड़की गिनगिनाइ , छुड़ाने के लिए छटपटाई ,..
पर भौजाइयां होती किस काम के लिए हैं , ... रीनू भाभी उसकी थीं न वहां ,
जोर से रीनू ने उस छुड़ाने की कोशिश करती मेरी ननद के दोनों गाल कस कर दबाये , चिरैया ने मुंह खोल दिया ,
इसका एक फायदा है कि कहानी एक बार में इकट्ठी पढ़ने को मिलेगी...Madam, one suggestion...
Since this is a completed story, make a pdf and put it in completed story section.
Ek shot mein log pdf download kar ke padh sakte hain. Think about it if you feel this suggestion is ok. Thanks.
komaalrani
शिप के मामले में मेरा ज्ञान बहुत सीमित था...कोमल जी
मुझ जैसे पाठक ज्यादा ना तो समझते हैं और ना ज्यादा कह पायेंगे, बस आप तो पोस्ट करना शुरु कीजिए। मैंने इसे किस तरह ढूंढ - ढूंढकर पढ़ा है, मैं ही जानता हूं।
आपकी सभी कहानियों में इसका अलग ही स्थान है साथ ही आपके लेखन का इस कहानी में अलग ही स्तर है और आपने जिस बारीकी से इस कहानी में जो ज्ञान की कशीदाकारी की है उसके लिए तो मेरे पास हमेशा की तरह शब्दों का अभाव हो जाता है।
वैसे इसे erotic thriller वर्ग में डाला जा सकता है।
लगे हाथ अपने मन की भी भड़ास निकाल लेता हूं कि हो सके तो कहानी को जहां आपने छोड़ा था उससे आगे भी लिख सके तो आपकी महती कृपा होंगी। आपकी और कहानियों की तरह इसमें भी अपार संभावनाएं हैं। ( कुछ शीला भाभी का ससुराल, कुछ बिछड़े प्रेमियों का मिलन आदि आदि)
सादर
चंदा भाभी ने आनंद बाबू को ट्रेनिंग दी थी..main Chanda bhabhi ki bat kar raha hu ...sayad yahi naam hai ...Ismy do heroin hai ek sidhi sadhi dusre secret agent hoti hai hero bhi police officer banta hai.. terrorist ne school me ..yahi wali hai story hai na..?
Are wah unko bhi mil gai sali. Mela chhonu monu. Chhodna mat ritu. Amezing combination. Kamal jiju with gudi. Vo with ritu. And komal with ajay jiju. Maza aaega. Ye game jaldi khatam mat karnaपिछवाड़े से निकला, मुंह में अटका
गुड्डी ने आँखे तो बंद कर ली पर उसके होंठ , रीनू ने कमल जीजू के सुपाड़े पर ,... और कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा ,... कौन लड़की मना कर सकती थी।
एक दो हलके हलके चुम्मियाँ , गुड्डी ने ली , पर उसने आँखे खोल दी ,...
और जब ,... आधे घंटे तक गुदा मंथन कर जो लिंग निकलेगा तो उसकी जो हालत होगी वही , कमल जीजू के लंड की हालत थी , और झड़ने के बाद भी इतनी देर तक वो अंदर था ,
और
जब इत्ती देर तक , इत्ती कस के मथानी चली थी तो , ....
गुड्डी के चेहरे पर जो भाव दिखा ,
वो लड़की गिनगिनाइ , छुड़ाने के लिए छटपटाई ,.. पर भौजाइयां होती किस काम के लिए हैं , ... रीनू भाभी उसकी थीं न वहां ,
जोर से रीनू ने उस छुड़ाने की कोशिश करती मेरी ननद के दोनों गाल कस कर दबाये , चिरैया ने मुंह खोल दिया ,
और सुपाड़ा अंदर ,...
रीनू ने कमल जीजू को भी घूरकर देखा , ... और वो इशारा समझ गए , बस अपने दोनों हाथों से उन्होंने कस के गुड्डी का सर पकड़ लिया और लगे ठेलने ,
गुड्डी बेचारी के पास अब अगला हथियार शुतुरमुर्ग वाला था , ... उस किशोरी ने अपनी आँखे बंद कर ली।
पर रीनू को मालूम था की उसकी ननद ये करेगी , तो एक साथ दोनों निपल पकड़ कर मरोड़ दिए पूरी ताकत से , और गरजी ,
" रानी , ये इसकी हालत किसने की , तुम्ही ने न , किसका लगा है , तेरा ही न , चल खोल आँख , ... और अब एक पल भी देर की न तो तेरा टेटुआ पकड़ कर दबा दूंगी। ये छिनार पना कही और करना , स्साली रंडी , गांड मरवाने में शर्म नहीं लाज नहीं , अपने भाइयों के सामने खुल के , कुतिया की तरह निहुर के गांड मरवा रही थी तो कुछ नहीं , और ज़रा सा चूसने के बोला तो , ... भाईचोद , तेरे भाई की गांड मारुं ,... खुद बोल रही थी छिनार न की मुंह में लेगी , तो अब क्या हुआ ,... स्साली , अगर अगले पल आँख नहीं खुली न गली के कुत्तों से चुदवाउंगी तुझे और तेरे सारे अकाउंट्स पर पोस्ट कर दूंगी , छिनार , स्साली नौटंकी ,... "
गुड्डी के निप्स ,जबसे गोल्डन रिंग लगे थे , हरदम टनटनाये रहते थे , ... एक्स्टा सेंसिटिव हो गए थे , और उसपर रीनू के बड़े शार्प नेल्स ,
वो दर्द से बिलबिला उठी ,..
और झट से आँखे खोल दी ,
" गुड गर्ल ,... " रीनू ने अब पैंतरा बदल दिया। " एकदम मेरी प्यारी दुलारी ननद है , अरे यार आँख बंद करने पर मजा आधा हो जाता है , करने वाले का भी करवाने वाली का भी , थोड़ा सा मुंह और बड़ा करो न ,... थोड़ा सा और ,... ये मत कहना मेरी ननद रानी की तेरी कोमल भाभी ने तेरे बचपन के यार का नहीं चुसवाया था।"
अब गुड्डी के चेहरे पर हलकी सी मुस्कराहट आयी और उसने मुंह थोड़ा और खोला ,
कमल जीजू ने थोड़ा और धकेला ,
कुछ देर बाद रीनू ‘मेरे उनके’ पास बैठी थी , कमल जीजू ने गुड्डी के सर को बड़े हलके से पकड़ रखा था , और गुड्डी बड़े प्यार से लॉलीपॉप की तरह उसे चूस रही थी।
……………
गुड्डी और इनके आने के पहले जो व्हिस्की की बोतल मेरी दोनों जीजू और मैं और रीनू ,... रीनू ने फिर से उठा के इनके होंठों पर लगा दिया और सीधे बॉटल से
घुटुक,
एक बार में ही एक पेग पूरा उनकी साली ने उनके पेट के अंदर ,
और दारु पीते हुए भी उनकी निगाह गुड्डी के ऊपर लगी थी , एकदम हलक तक कमल जीजू ने लंड उसके पेल रखा था आँखे उसकी उबली पड़ रही थीं , मुश्किल से गों गों की आवाज निकल रही थी , पर चूसने में मेरी ननद कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी ,
"सच में यार तुम दोनों भाई बहन चूसने में नंबरी हो , " अपने जीजू को , मतलब इन्हे चूम के रीनू बोली।
" पर मेरा इनाम ,... " हंस के वो बोले , आखिर थोड़ी देर पहले उन्होंने चूस चूस के रीनू को झाड़ दिया था ,...
" चल स्साले क्या याद करेगा , तू भी , सच में तूने इतना मस्त चूसा था , चल तुझे अपनी ननद , अरे वही जो सामने चूस रही है , उसकी गांड दी , .... मारोगे न। छिनार की गांड ,... . "
,बिना बोले उन्होंने अपना हाथ रीनू के जोबन पर रख कर अपना इरादा जाहिर कर दिया ,
मेरी बहना के जोबन थे भी मस्त गद्दर , सिर्फ बड़े ही नहीं कड़े भी , एकदम गोल गोल , बरछी की तरह निपल्स ,...
" स्साले , भोंसड़ी के आगे से पूछा न तो बहुत पीटूँगी , अरे यार स्साली हूँ तेरी ,... बहन की कच्ची अमिया पर तो जो जब चाहे तब चोंच मार लेता है और स्साली के लिए अर्जी दे रहा है ,... "
मैं अजय जीजू के साथ 'बिजी ' थी पर रीनू की बातें सुन रही थी , सच में इन्हे रीनू ऐसी साली ही ठीक कर सकती थी , जो इन का सारी झिझक , लाज लिहाज ,...
बस इतना इशारा काफी था , इनका एक होंठ रीनू के निप्स पर , रीनू का दूसरा उभार उनके हाथों के नीचे ,
जैसे कोई छोटा बच्चा , किस नए आये मेहमान के आगे अपनी सारी नर्सरी राइम्स सुना डालता है , बस उसी तरह ये भी अपनी सारी काम कला ,जो जो इनकी सास और मंजू बाई ने सिखाया था , ... और भी बहुत कुछ
जीभ से पहले ये निप्स के चारों और , पहले तो सिर्फ जीभ की नोक से , फिर पूरे जीभ से लपड़ सपड़ , और उसके बाद रीनू के बड़े कड़े निप्स को
जैसे कोई कोई तितली पंख फड़फड़ाये ,... जोर जोर से फ्लिक करते ,...
और यही हरकत उनकी ऊँगली रीनू के दूसरे निप्स के साथ कर रही थी ,
रीनू की सिसकियों से लग रहा था की वो बहुत गरमा गयी थी , उसका हाथ इनके खूंटे पर था , ... और जोर जोर से आगे पीछे ,... लेकिन जब उससे नहीं रहा गया तो धक्का मार के उन्हें हटा दिया ,...
" जीजू , मान गयी तुझे यार , ये स्साली तेरी घरवाली , मेरी कमीनी बहन , इसलिए तुझे डिब्बे में बंद कर के रखती थी , लेकिन समझ लो जितना मेरी बहन ने तुझे पूरे हनीमून में निचोड़ा होगा न , उतना आगे दो दिनों में मैं निचोड़ लुंगी , सारा पानी मेरे अंदर जाएगा ,... लेकिन मैं अपने से वादा किया था , की तेरा पहला पानी मेरे सामने मेरी इस मस्त ननद के अंदर ,... अब तुम नहीं रुके न तो मुझसे नहीं रहा जाएगा , मैं तुझे यही पटक कर चोद दूंगी , बस जरा तेरी बहन का हाल चाल ले कर आती हूँ तो तुझे बताती हूँ , जीजू। "
गुड्डी दस बारह मिनट से कमल जीजू का खूंटा चूस रही थी , और अब उसके गाल थक गए थे ,
तो उसने अपने होंठों से उसे बाहर कर लिया था , पर अभी भी एक हाथ से उसे मुठिया रही थी और जीभ से लिक कर रही थी ,
जब तक गुड्डी समझे रोके , रीनू ने उसी बोतल से , जिससे उसने उसके भैया को , ... सीधे गुड्डी के मुंह में , और एक पेग से ज्यादा ही ,
" यार तेरे मुंह ने बड़ी मेहनत की है , तो कुछ इनाम तो बनता था न , ... देख घबड़ा रही थी तू , पर चाट चूट के तूने कैसे चमाचम , एकदम साफ़ ,.... "
गुड्डी कुशन और तकिये के सहारे अधलेटी बैठी थी , कुछ थकान उसकी कम हो गयी थी और कुछ तेज दारु ने असर किया ,... "
" हे तूने इसे इतना मस्त खड़ा कर दिया है , इसका क्या होगा। "
रीनू ने गुड्डी को चिढ़ाते हुए कमल जीजू के मोटे खूंटे की ओर इशारा किया ,
सच में एक बार फिर से , पूरे बालिश्त भर का , खूब मोटा और एकदम कड़ा , टनटनाया ,
और अब गुड्डी भी एकदम मजा करने के मूड में थी ,
" आप हो न भौजी , अबकी आप घोंटो , ... मेरी ओर से गिफ्ट ,... " गुड्डी भी अब एकदम ननद भाभी वाले रोल में आ गयी थी , रीनू को छेड़ते बोली।