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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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जरुर...Yes thanks so much. Yes there were two girls one was Guddi and other was Reet. and nice of you to recall Chanda Bhabhi, she did train but it was her Devar. This is only story which i tried to write in a man's perspective. But your views tell me that it will be worth posting. Please do share your opinion. I will post only when i feel that at least around 10 readers who comment on the stories are there and may get around 10 K eyeballs per post.
शायद कैरेक्टर के नाम में समानता के कारण पाठक कन्फ्यूज होकर वही कहानी समझते होंगे...Many of my stories are in the PDF section but i think the visibility of that section is low, and reader interaction is almost non-existent. A lot of new readers have joined who has not read this story. But the biggest misfortune my stories face is many readers feel, ek aur holi ki story and even for a new story they feel ye to padhi hogi and Mohe Range de suffered the same problem. But yes i will think about your suggestion.
A complete logical and knowledgable novel with myriad of emotions instead of mindless fuck...Aap jarur is story ko post kare kyunki Maine jitni bhi story padi thi xossip pe .unme se ye meri fvt story me se ek thi.
Maza aa gaya. Nari ras se kanya ras ka milan my fev. Superb guddi rani ki pichhade ke bad agadi. Wah wah wah. Par ritu aur unka khel bahot kam dikhaya.गुड्डी -अगला राउंड
" हे तूने इसे इतना मस्त खड़ा कर दिया है , इसका क्या होगा। " रीनू ने गुड्डी को चिढ़ाते हुए कमल जीजू के मोटे खूंटे की ओर इशारा किया ,
सच में एक बार फिर से , पूरे बालिश्त भर का , खूब मोटा और एकदम कड़ा , टनटनाया ,
और अब गुड्डी भी एकदम मजा करने के मूड में थी ,
" आप हो न भौजी , अबकी आप घोंटो , ... मेरी ओर से गिफ्ट ,... " गुड्डी भी अब एकदम ननद भाभी वाले रोल में आ गयी थी , रीनू को छेड़ते बोली।
" अरे यार ले लेती , लेकिन अबकी मेरे अगवाड़े पिछवाड़े , मुँह पे हर जगह सिर्फ तेरे उस बचपन के यार का नाम लिखा है , मेरे जीजू का ,... तेरी नालायक कोमल भाभी ने उसे छिपा के रखा था , लेकिन अबकी ,... इसलिए मेरी प्यारी ननद रानी , खड़ा तूने किया है तुझे ही निपटाना होगा , हो जाय एक राउंड और पिछवाड़े का कमल जीजू के साथ ,... "
रीनू ने गुड्डी के भइया की ओर देखते अपना इरादा साफ़ कर दिया।
"नहीं नहीं भाभी ,... पीछे नहीं ,.... बहुत दर्द हो रहा है। " गुड्डी कुछ डर से कुछ दर्द से चीखी।
" तो ननद रानी साफ़ साफ़ काहें नहीं बोलती , अपने भैया से बुर चुदवाने का मन कर रहा है , सही है , ,... "
और ये कहते हुए रीनू ने बोतल एक बार फिर गुड्डी के होंठों के बीच लगा दिया , और अबकी तो सीधे दो पेग , घलघल , जबरदस्ती ,...
ननद छटपटाती रही , लेकिन वो भौजी कौन भौजी है जो ननद के छटपटाने से छोड़ दे, और रीनू जबरन बोतल उस के मुंह में ठूंसे रही ,...
तबतक रीनू की निगाह गुड्डी रानी की खुली जाँघों के बीच पड़ गयी ,
सीधे वहीँ पर जहाँ डाक्टर गिल ने दुल्हन का घूँघट खोल दिया ,
और कमल जीजू तो पक्के खिलाड़ी उनकी भी निगाह , वहीँ सीधे रीनू की निगाह का पीछा करते , दोनों के चेहरे चमक उठे ,
मटर के दाने के बराबर , खूब गीली , एकदम तनी , कड़ी कड़ी ,
गुड्डी की क्लिट , एकदम एक्सपोज्ड ,...
जादू की बटन।
और सबसे पहले भौजी ने वहां हाथ लगाया , बस तर्जनी की टिप , हलके से छुआ , दबाया , बहुत हलके से रगड़ा , मसला और
पांच सेकेण्ड भी नहीं हुए होंगे गुड्डी सिसकने लगी ,
रीनू का दूसरा हाथ अब सीधे गुड्डी की कच्ची अमिया पर , निप्स को फ्लिक करते , ... अब गुड्डी के निप्स भी सुपर सेंसिटव थे , क्लिट और निप्स पर दुहरा हमला , मेरी ननद की हालत ख़राब ,...
ओह्ह्ह उफ्फ्फ नहीं उह्ह्ह आअह्ह ,...
गुड्डी हलके हलके सिसक रही थी , तड़प रही थी
पर यहाँ जल्दी किसे थी , और मेरी बहन रीनू तो एकदम पक्की लेस्बियन क्वीन , कच्ची कलियों को भोगने के मामले में तो उसका कोई सानी नहीं था ,...और अब रीनू ने झुक कर , अपनी जीभ से गुड्डी के निप्स फ्लिक करने शुरू कर दिए ,
और रीनू की एक ऊँगली उस कच्ची कली की प्रेम गली में भी घुस गयी और उसी हाथ का अंगूठा अब क्लिट को दबा रहा था , बस दो मिनट में प्रेम गली में पानी निकलना शुरू हो गया , रीनू ने ऊँगली का अंदर बाहर करने की रफ़्तार तेज कर दी , ...
थोड़ी देर में ही गुड्डी जोर जोर से चूतड़ पटक रही थी ,
" भाभी , भाभी ,... प्लीज छोड़ दो , ... छोड़ दो ,.. "
लेकिन भौजाई के चंगुल में आने के बाद कोई किशोर ननद बिना चुदे आज तक बची है , जो गुड्डी ही बचती।
" क्या कह रही है साफ़ साफ़ बोल न , ... अच्छा चोद दूँ , अरे मैं कैसे ,... इतना मस्त खूंटा तूने चूस चूस के खड़ा किया है , उन्ही से बोल न ,... कमल जीजू देखिये न क्या बोल रही है बेचारी ,... "
बस थोड़ी देर में जीजा साली ने मेरी टीनेजर ननद को बाँट लिया , कमर के ऊपर का हिस्सा भौजी के हिस्से में ,
चुम्मी , निप्स की चुसाई , कच्चे टिकोरों की रगड़ाई मसलाई , ... भाभी ने अपने हिस्से में ले लिया ,
और कमर के नीचे का हिस्सा , कमल जीजू के पास ,... बड़ी देर से वो गुड्डी की एक्ससाइटेड क्लिट को खुली खुली गुलाबी फांको को ललचायी नजर से देख रहे थे ,
बस उन्होने , पहले तो अपनी ऊँगली से हलके से क्लिट को छुआ और गुड्डी काँप गयी ,
फिर दोनों फांको को हलके से फांक किया ,... और उसके बीच अपना अंगूठा डाल कर , बिना अंदर ठेले सिर्फ ऊपर नीचे , ऊपर नीचे ,... गुड्डी जोर से पनिया गयी थी. दोनों हाथों से गुड्डी की जाँघों को उन्होंने पूरी ताकत से फैला दिया ,
रीनू ने जोर से गुस्से में घूर कर कमल जीजू को देखा , जैसे बिना बोले कह रही हो ,
" क्या ये लड़की अर्जी लगाए की मुझे चोदो , इतना मस्त मौक़ा कहाँ मिलेगा। "
और रीनू ने अपना काम किया ,... गुड्डी अब गद्दे पर लेट गयी थी , दो चार कुशन सीधे उस किशोरी के छोटे छोटे चूतड़ों के नीचे लगा कर उसे एकदम ऊपर कर दिया , गुड्डी के दोनों हाथ अपने कब्जे में किया और मोड़ कर सीधे गुड्डी के ही सर के नीचे , ...
" मैंने तेरे टिकोरे बहुत चूस लिए , अब ज़रा तू भी भाभी के ,.. " और अपनी बड़ी बड़ी चूँची गुड्डी के मुंह में धकेल दी।
और सिर्फ यही नहीं अपनी पूरी देह का वजन भी गुड्डी के ऊपर , ... और कमल जीजू को थम्स अप साइन दे दिया ,
और मुझे जोर से आँख मारी , ये राज सिर्फ मुझे और रीनू को ही मालूम था , इसलिए रीनू ने,......
अब गुड्डी लाख उछल कूद करे , दर्द से उसकी जान निकल जाए , लेकिन रीनू की पकड़ से वो छूट नहीं सकती थी न उसकी चीख निकल सकती थी ,...
कमल जीजू ने पहले ढेर सारा थूक गुड्डी के हलके से खुले छेद पर लगाया फिर अपने सुपाड़े पर ,...
और जोर का धक्का मार दिया ,... लेकिन ,कुछ ख़ास नहीं हुआ , ...
और रीनू , मैंने बोला न गाली देने में हम तीनों बहनों में नंबरी , कमल जीजू को छेड़ते बोली ,
" अरे जीजू तेरी अम्मा का भोंसड़ा नहीं है , जो सटाओगे और वो गप्प ,... मेरी ननद की कसी कसी चूत है , ज़रा जोर लगाओ ,... "
" तू सही बोली " अजय जीजू की गोद में बैठे बैठे मैंने वहीँ से आवाज लगाई और जोड़ा ,
" यार हम बहनों की ससुराल के जितने मरद हैं , सब के सब मादरचोद हैं , ... " और फिर एक पल के लिए अपने उनकी ओर देख के बोली ,
" और जो नहीं है , वो बहुत जल्द होने वाले हैं , क्यों , है न सही बात। "
वो ऐसे शरमाये की क्या कोई लौंडिया पहले मिलन की बात बताने में लजाती है , गाल एकदम गुलाल
और उधर कमल जीजू , उन्हें भी बात लग गयी , एक बार फिर से गुड्डी के दोनों पैर उठा के , अपने कंधे पर रख कर उन्होंने सेट किया
दोनों हाथों से कस के मेरी टीनेजर ननदिया की कमर पकड़ी ,
और उधर रीनू भी समझ गयी थी कमल जीजू अबकी अपनी पूरी ताकत लगा देंगे , चाहे जो हो ,.... तो उसने भी एक बार फिर से ,...
गुड्डी पर अपनी पकड़ तगड़ी आकर दी , गुड्डी का सर रीनू की दोनों जाँघों के बीच कस के फंसा दबा , गुड्डी के हाथ गुड्डी के सर के नीचे दबे और गुड्डी की देह पर रीनू ने अपनी पूरी देह का बोझ ,पूरी ताकत से दबा रखा था जिससे सूत भर भी न हिल पाए वो ,
और कमल जीजू ने ठोंक दिया , पूरी ताकत से ,
बिचारी वो किशोरी तड़प के रह गयी , न चीख सकती थी , न चिल्ला सकती थी ,
रीनू ने कस के अपने बड़े बड़े बूब्स उसके मुंह में ठूंस रखे थे ,
But terrorist plots are generally during those festivals and hence seems to be logical in the background of holi.I get your point and is true as well. But the point (or problem) is..your "reputation" precedes your stories
You are mostly synonymous with Holi Erotica..
So, while every story is different and unique in its own way, the "theme" (Holi) creates confusion. (Or at the first glance may look the same).
Hopefully, people will look at your story (phagun...) in a fresh way... hope you get my point.
Good Luck!!
komaalrani
आप कहीं भी पोस्ट करें... बस लिंक दे दें...बहुत बहुत धन्यवाद।
आपकी सलाह एकदम सही है।
अगर मैंने इसे पोस्ट किया तो इरोटिक वाले भाग में ही डालूंगी और थ्रिलर का टैग लगा सकती हूँ।
Man gae. Guddi rani ka to ashli khel to ab huaa. Chadh gaya shand bachhiya par. Dono jiju se apni apni sali ka vo conversation maza aa gaya. Mazak me to kisi ko nahi chhoda. Jabardastगुड्डी - मस्ती ही मस्ती
और कमल जीजू ने ठोंक दिया , पूरी ताकत से ,
बिचारी वो किशोरी तड़प के रह गयी , न चीख सकती थी , न चिल्ला सकती थी , रीनू ने कस के अपने बड़े बड़े बूब्स उसके मुंह में ठूंस रखे थे ,
लेकिन उसकी देह देख कर उसकी तड़पन उसके दर्द का अहसास साफ़ साफ़ लग रहा था ,
पर अब कमल जीजू रुकने वाले नहीं थे , एक के बाद एक , ... रीनू ने इत्ती कस के दबोच रखा था मेरी ननद को , की उसके हिलने सटकने की कोई भी चिंता करने की उन्ही जरूरत नहीं थी। और चूत इतनी सूखी भी नहीं थी इनकी बहन की , ... क्लिट की जो रगड़ाई मेरी बहन और मेरे जीजू ने उनकी बहना की , की थी , वो फ़क़ाफक पानी फेंक रही थी ,... और कमल जीजू ने भी अपने सुपाड़े पर थूक तो लगाया ही था ,
गुड्डी की पतली कमरिया पकड़ के चार पांच धक्के लगा के ही वो रुके ,
पर सुपाड़ा अभी भी पूरा नहीं घुसा था , हाँ तीन चौथाई के करीब अंदर , फंस चुका था , ... और जब रुक कर कमल जीजू ने सांस ली , तो मैंने रीनू दोनों ने एक साथ उन्हें थम्स अप साइन दिया ,
एक तो जीजू का बीयर कैन ऐसा मोटा लंड और गुड्डी , इनकी ममेरी बहन ,कच्ची नयी कसी चूत ,... न वैसलीन , न कड़वा तेल, न कोई लूब , ... सिर्फ थूक के भरोसे ,
रीनू ने भौजी होने का पूरा हक़ अदा किया , एक ऊँगली में थोड़ा सा थूक लगा के , ... एक बार फिर हलके हलके
गुड्डी की खुली एक्सपोज्ड क्लिट पर , ... और दर्द में चूर होने के बावजूद एक बार फिर मेरी ननद पनियाने लगी , उसी चूत सिकुडने मचलने लगी। कमल जीजू ने भी एक हाथ उसकी कमर से हटा के उसके छोटे छोटे टेनिस बॉल्स साइज बूब के ऊपर , कभी हलके से दबाते , मीजते , ... तो कभी अंगूठे और तर्जनी के बीच उसके कबूतर की चोंच मसल देते ,...
बस थोड़ी देर मेरी बहन और जीजू की रगड़ाई मसलाई से शायद मेरी ननद भूल गयी थी की अभी तो ट्रेलर भी नहीं पूरा चला है , ... और
एक बार फिर अचानक , ... अबकी जीजू का एक हाथ मेरी ननद के कमर पर और दूसरा उसकी छोटी छोटी चूँची पर ,...
ये धक्का पहले के किसी भी धक्के से तगड़ा था , ...
दर्द के मारे गुड्डी बिलबिला उठी , पर मेरी बहन , ऐसे उसने दबोच रखा था , सूत भर भी नहीं हिल सकती थी ,
जैसे किसी नयी नयी बछिया को खूंटा से बाँध दिया गया हो , और उसके ऊपर मोटा जबरदस्त सांड़ चढ़ जाए , सबको मालूम हो , की सांड़ बिना पूरे ठेले छोड़ेगा नहीं , पर बछीया खूंटा तुड़ाने की कोशिश कर रही हो ,... बस वही हालत गुड्डी की हो रही थी।
और अब जब कमल जीजू रुके तो सुपाड़ा पूरी तरह अंदर पैबस्त था।
और उन्होंने सोचा की उन्होंने दिल्ली जीत ली , पर ऐसा हुआ नहीं। सुपाड़ा ठेलने के बाद भी , गुड्डी की चूत में उन्हें वैसे ही ,... एक दो बार उन्होंने धक्का मारा , पर,... ,...
यह राज सिर्फ मुझे मालूम था या रीनू को , रीनू मेरी ओर देख कर मुस्करायी , और मैं रीनू की ओर देखकर ,
असल में गुड्डी को हम लोगों के पास आये पांच छ दिन तो हो ही गए थे , और ये बात कमल जीजू , अजय जीजू सब को मालूम थी की अगर मैं इस पटाखा को लायी हूँ , तो पटक कर अपने सैंया से न सिर्फ इसकी सील तुड़वा चुकी होउंगी , वल्कि रोज दिन रात चुदवा रही होउंगी।
और अंदाज उनका सोलहो आना सही
अगर कोई भाभी अपनी कच्ची उम्र की टीनेजर ननद को बहला फुसला कर अपने मायके ले जाते तो उसका सिर्फ एक मतलब होता है , वो उसे अपने भाइयों से चुदवाने ले जा रही है , सगे न हों तो चचेरे , ममेरे , मौसेरे, ... गाँव के रिश्ते के , ... ( सोलहवां सावन में तो आपने देखा ही होगा ).
और अगर वो अपने साथ , अपने घर ले जा रही थी तो बस पक्का , अपने पिया के नीचे अपनी ननद को लिटायेगी , ( जैसे यहाँ ).
जीजू बिचारे , माना की उनका औजार गदहा छाप था , और मेरी ननद की बहुत ही कसी ,... लेकिन यहाँ पिछवाड़े की तरह कोई खैबर का दर्रा तो था नहीं न , जो इस तरह एक दो बार उन्होंने धक्का मारा , थोड़ा आगे भी बढ़ा पर जा कर रुक गया ,... वो ठेल रहे थे पर अंदर घुस नहीं रहा था ,...
मैंने ही कमान अपने हाथ में ली , अजय जीजू का मुठियाते हुए , मैंने वहीँ से कमल जीजू को गरियाया ,
" अरे जीजू , मेरी बहन की फाड़नी की थी तो , ... बेचारी चीनू , सुहागरात के बाद सीधे हस्पताल पहुंच गयी , फाड़ कर उसका खून खच्चर कर दिया , ... और जब अपनी बहन की फाड़नी है तो इतना घबड़ा घबड़ा कर ,... फाड़ दो न स्साली की , "
रीनू क्यों चुप रहती , आखिर कमल जीजू , उसके भी तो जीजू थे , ...और गाली देने का हक़ उसका भी था ,
" नहीं यार कोमल , असली बात और है , आज कल ये चीनू की सास के साथ , चीनू तो छह महीने से अमेरिका में है तो उसकी सास के साथ ही तो इन्हे आदत तो अपनी माँ के भोंसडे की हो गयी है ,... ताल पोखरे टाइप , और शादी के पहले उन्होंने अपनी कुँवारी बहनों के साथ प्रैक्टिस की , उनकी फाड़ फाड़ कर ,... इसलिए चीनू की भी उन्होंने ,... क्यों जीजू सही है न , अरे जो आपके नीचे लेटी है , वो भी आपकी बहन ही है , बस बहन समझ कर चोदिये ,... और वैसे भी मेरी बहन , आपकी बहन,आप बहन बहन में तो फरक करते नहीं ,... "
अब बहुत हो गया था। कमल जीजू ऐसे बचपन के खिलाड़ी के लिए ,... उन्होंने एक बार सुपाड़े को थोड़ा पीछे खींचा , कस कर एक बार फिर से दोनों हाथ मेरी ननद की कमर पर जमाया , पूरी ताकत से
एकदम जैसे धोनी छक्का मारने के पहले अपने दस्तानों को ठीक करते हैं ,
और उन्होंने छक्का मार दिया ,
और एक छक्के पर नहीं रुके वो , छः बालों पर छः छक्के , और हर बार पहले से ज्यादा दूर आडिएंस में , लास्ट वाला तो स्टेडियम के बाहर।
रीनू को पूरा अंदाजा था , क्या होने वाला है ,
(आखिर चीनू की शादी के समय वही कुँवारी साली थी ( मैं भले छोटी थी सबसे पर मेरी शादी और हनीमून दोनों सबसे पहले हो गया था ) , और उसकी भी सबसे पहले फाड़ी कमल जीजू ने ही थी , अपने जीजा होने का हक़ निभाया था उन्होंने )
इसलिए एक बार फिर से उसने पूरी ताकत से अपने हाथों से गुड्डी के कन्धों को कस के दबोच लिया और अपना पूरा बोझ उस कच्ची कली के ऊपर ,
और चीखने का क्या वो चिंचिया भी नहीं सकती थी , जिस तरह से मेरी मंझली बहन ने अपने बड़े बड़े उभार उसके मुंह के अंदर ठूंस रखे थे , हाँ तड़प सकती थी वो और तड़प रही थी , दर्द के मारे उसकी हालत खराब थी , देह उसकी दर्द से ऐंठ रही थी ,
वो तड़पती रही , चीखने की कोशिश करती रही ,
और जब जीजू के धक्के रुके ,... आधा लंड वो खा चुकी थी। साढ़े चार पांच इंच के करीब ,...
मेरी अजय जीजू की और , सबसे ज्यादा तो इनकी निगाहें , गुड्डी की खुली जाँघों के बीच चिपकी पड़ी थीं , जहाँ जीजू का मूसल धंसा हुआ था और गुड्डी जल बिन मीन की तरह तड़प रही थी. और तभी सब की निगाह , गुड्डी की बिल के मुंह पर ,... वहां खून की दो चार बूंदे चुहचुहा आयी थीं , ... जैसे किसी कुँवारी की झिल्ली फटे ,...
इनकी समझ में नहीं आया , जिस दिन मैं गुड्डी को ले आयी थी , उसकी अगली रात तो इन्होने गुड्डी की , ... खूब खून खच्चर हुआ था , सफ़ेद चादर पर जवाकुसुम खिल आये थे ( और मैंने वो चद्दर बहुत सम्हाल के रखी थी , बिना दिए , साफ़ किये , ... इस लिए एक ये भी परम्परा है की , गौने की रात चादर सफ़ेद ही बिछाती हैं ननदें , ... जिससे अगले दिन अपनी नयी नयी आयी भौजाई को छेड़ सकें ) .
बस गुड्डी ने कुछ नहीं देखा , क्योंकि रीनू एकदम उसके ऊपर चढ़ी , उसे दबोच कर ,... हिल भी नहीं सकती थी गुड्डी बेचारी ,.... न चीख सकती थी , न कुछ देख सकती थी।
और कमल जीजू ने नहीं देखा , वो तो एकदम उसे नए माल की फाड़ने में लगे थे , ...
( हाँ लेकिन मैंने अपने सोना मोना को , उनको जीजू लोगों के जाने बाद बता दिया , खून का राज ,... असल में मेरी सहेली डाक्टर गिल ने , जब गुड्डी को कॉपर टी लगाया था , और साथ में हुडोक्टोमी कर के उसकी 'दुल्हन का घूंघट ' हटाया था , उसी समय , ... गुड्डी उनकी भी तो ननद ही लगती थी , कुछ छेड़खानी तो बनती थी , उन्होंने उसकी हाइमनोप्लास्टी कर दी , ज्यादा नहीं बस बहुत पतली सी झिल्ली। इसलिए वो खून की बूंदे , और कमल जीजू को जो एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ी,.. )
और ब्लो हॉट ब्लो कोल्ड की तरह अब कमल जीजू ने , जैसे कोई पहले मारे फिर पुचकारे , झुक कर गुड्डी के उभारों को सहलाना चूमना , चाटना , ..
साथ में उनकी दुष्ट अनुभवी उँगलियों ने ,... डाक्टर गिल ने जो दुलहन का घूंघट उठा दिया था , गुड्डी की एक्सपोज्ड क्लिट पर ऊँगली से ,...
बस थोड़ी देर में ही गुड्डी आह से आहा तक ,...
रीनू भी अब मेरी ननद के ऊपर से उठ गयी , गुड्डी का मुंह फटा पड़ रहा था , रीनू ने उनके मुंह से अपनी चूँची बाहर निकाल ली , लेकिन अभी भी अपने हाथों से उसने गुड्डी के कन्धों को दबोच रखा था ,... जांघों के बीच उस किशोरी के सर को कस के दबा रखा था ,
गुड्डी दर्द से तो कराह रही थी लेकिन अब जीजू की उँगलियों का असर , जीभ का असर बीच बीच में वो सिसकियाँ भी ले रही थी। पर जीजू मेरे , उन्हें तो लड़कियों को तड़पाना अच्छा लगता था , गनीमत थी की रीनू ने अभी भी कस के गुड्डी रानी को दबोच रखा था।
कमल जीजू ने थोड़ा सा अपने मोटे औजार जो पीछे खींचा , और फिर एक बार पूरी ताकत से ,... रगड़ता ,दरेरता , घिसटता , ...
उईईई ओह्ह्ह उईईईईई उहहहह
उईईईईईई ,
गुड्डी जोर से चीख पड़ी , और अबकी न उसे रीनू ने रोका न कमल जीजू ने ,
बस गनीमत थी की रीनू ने उसके कंधे हाथ दबोच रखा था , वो जोर से उछली , चूतड़ पटकते हुए तड़प रही थी ,
अगर रीनू ने उसे इस तरह दबोच नहीं रखा होता तो शर्तिया वो पलटी मारने की कोशिश करती ,
पर कमल जीजू न , फिर से दुबारा उसी जगह पर बार बार , अपने खूंटे को , अपने सुपाड़े से रगड़ते रहे , दरेरते रहे ,
गुड्डी चीखती रही , चिल्लाती रही , ... बार बार इनकी ओर देखती , ... पर ,....
उईईईईईई , नहीं नहीं , ओह्ह्ह्ह छोड़ दो , ... उफ्फ्फ्फ़ नहीं ,...
वो जोर जोर से चूतड़ पटक रही थी , छुड़ाने की कोशिश कर रही थी , ...
पर कोई भौजाई ननद को ऐसे मौके पर छोड़ती है क्या जो मेरी बहिनिया छोड़ देती। उस सारंग नयनी की हिरण सी बड़ी बड़ी आँखों में , आँसू तैर रहे थे और एक छलक कर उसके चिकने गाल पर लुढ़क गया। और रीनू ने झुक कर उस कतरे को बड़े प्यार से चाट लिया ,
"स्साली , तेरे इस नमकीन आंसू से तेरे नमकीन गाल और नमकीन हो जाएंगे ,... "
और साथ में कचकचा कर ननद के गाल भी काट लिए , ये दांत के निशान दो चार दिन जाने वाले नहीं थे।
तबतक कमल जीजू ने उसी फटी जगह को दरेरते और जोर से धक्का मारा , और गुड्डी एक बार फिर बुरी तरह चीख उठी ,
उईईई उईईईईई ,
" यार इसी आवाज को सुनने के लिए कान तरस रहे थे मेरे , जरा और जैसे चीख ,... सच में चुदती हुयी ननद की चीख से मीठी आवाज भौजाई के लिए कुछ हो ही नहीं सकती नहीं सकती। चीख चीख , और जोर से चीख मेरी दिल जनिया।"
रीनू ने उसे और चिढ़ाया ,
और उधर कमल जीजू ने एक बार फिर अपना काम देव का तीर बाहर तक खींच कर गुड्डी की दोनों लम्बी टाँगे अपने कंधे पर सेट कर के वो करारा धक्का मारा की ,
आलमोस्ट अंदर ,...
एक बार फिर गुड्डी ने जोर की चीख मारी ,... पर अब रीनू ने उसे छोड़ दिया और बोली ,
" चल मेरी ननदो अब आराम से अपने भइया से चुदवा , मजे ले ले के , तुझे रोज नए नए मोटे लौंड़े मिलें ,... अब इतना घुस गया है , तो तू चाहे जितना चूतड़ पटक के ,... अब तेरे भइया अपनी प्यारी बहना को बिना प्यार से दूध मलाई खिलाये छोड़ेंगे थोड़ी। "
और अगले पल मेरी कमीनी बहन , गुड्डी को छोड़ कर इनके पास , ... और इनके खूंटे को छूती दबाती बोली ,
" स्साले , बहन को चुदवाते देख कर खड़ा हो रहा है तेरा , पैदायशी बहनचोद है तू। "
फिर हलके से चूम कर बोली ,
" लेकिन जीजू यार तेरी किस्मत है ,इत्ते मस्त माल की तूने फाड़ी , ... बहुत मजा आया होगा न , पहली पहली रात , भइया से सैंया बन के। "
वो बस हलके से मुस्करा उठे , ... पर रीनू कैसे इत्ते आसानी से उन्हें छोड़ देती ,
Are bas kab se isi ki kami thi. Akhir unki bhi to sali he. Maza aa gaya. Gariyane ke sath ritu ke jo daylog he jabardast.साली -जीजा --- रीनू की रगड़ाई
एक बार फिर गुड्डी ने जोर की चीख मारी ,... पर अब रीनू ने उसे छोड़ दिया और बोली ,
" चल मेरी ननदो अब आराम से अपने भइया से चुदवा , मजे ले ले के , तुझे रोज नए नए मोटे लौंड़े मिलें ,... अब इतना घुस गया है , तो तू चाहे जितना चूतड़ पटक के ,... अब तेरे भइया अपनी प्यारी बहना को बिना प्यार से दूध मलाई खिलाये छोड़ेंगे थोड़ी। "
और अगले पल मेरी कमीनी बहन , गुड्डी को छोड़ कर इनके पास , ... और इनके खूंटे को छूती दबाती बोली ,
" स्साले , बहन को चुदवाते देख कर खड़ा हो रहा है तेरा , पैदायशी बहनचोद है तू। " फिर हलके से चूम कर बोली , " लेकिन जीजू यार तेरी किस्मत है ,इत्ते मस्त माल की तूने फाड़ी , ... बहुत मजा आया होगा न , पहली पहली रात , भइया से सैंया बन के। "
वो बस हलके से मुस्करा उठे , ... पर रीनू कैसे इत्ते आसानी से उन्हें छोड़ देती ,
" लेकिन जीजू यार तुम भी न ,.. ऐसी मस्त माल को ,.. अर्रे इसको तो हाईस्कूल में ही पटक के , कित्ते मस्त कच्चे टिकोरे हैं ,.. इत्ते दिन तूने इन्तजार कराया अपनी छिनार बहना को , ... मेरी गारंटी है , जिस दिन से मेरी ननद को झांटे आयी होंगीं न उसी दिन से इसकी चूत में खुजली मची होगी ,..."
और अब हम दोनों अपने अपने जीजू का पकड़ पकड़ के मस्ती से हलके हलके मुठिया रही थीं ,
मैं अपने जीजू का , अजय जीजू का
और मेरी बहना , अपने जीजू का ,
और हम दोनों के जीजू भी जुबना का रस ले रहे थे , कभी हाथों से तो कभी होंठों से।
और उधर गुड्डी की धकापेल चुदाई चल रही थी , कभी वो चीखती तो कभी मजे से सिसकती ,
कमल जीजू लम्बे लम्बे धक्के , खूब करारे
हाँ जीजू हाँ दर्द हो रहा है लेकिन मजा भी आ रहा है, गुड्डी अब खुश होके बोल रही थी
" अबे स्साली, कमल जीजू, जीजू तो हम दोनों के हैं, तेरे तो भैया लगेंगे "
रीनू अपने जीजू का, इनका, खड़ा खूंटा मुठियाते हुए बोली।
कमल जीजू ने खूंटा आलमोस्ट बाहर निकाल लिया था और गुड्डी मुड़ के बहुत प्यार से शरारत से इनको देख के बोली,
" नहीं मेरी मीठी भौजी,... मेरे तो भैया एक ही हैं जिसका खूंटा आप मुठिया रही हैं हैं ये तो मेरे भी जीजू ही हैं। "
तबतक कमल जीजू ने उस कटीली की कातिल पतली कमरिया पकड़ के वो धक्का मारा की मेरी ननद की बच्चेदानी जरूर हिल गयी होगी। गुड्डी की चीख निकल गयी, लेकिन एक बार फिर मुड़ के शरारत से उसने रीनू की ओर देखा, जैसे चिढ़ा रही हो।
" तेरे इसी भाई से तेरी गाँड़ मरवाउंगी अभी घबड़ा मत,... " रीनू बोली,
" बल्कि एक साथ दोनों , चढ़ेंगे, तेरे भी जीजू, मेरे भी जीजू छेद दो, जीजू दो। आखिर हम दोनों की छोटी ननद है "
हँसते हुए मैंने भी अपनी बड़ी बहन का साथ दिया।
लेकिन गुड्डी पैदायशी छिनार बजाय घबड़ाने के, जीभ निकाल के उसने हम दोनों को चिढ़ाया और साथ में नीचे से चूतड़ उछाल के कमल जीजू का भी साथ दिया।
चुद तो वो जब से आयी थी तब से रही थी , शायद ही कोई दिन नागा गया हो। ऊपर से सुबह सबेरे की एक घंटे की गीता के साथ क्लास, ये बात सही थी की चुदी अपने भैया के अलावा किसी से नहीं थी, आज पहली बार उसी बुर में उसके भैया के अलावा पहली बार किसी और का लंड गया था। लेकिन गुड्डी ये बात जानती थी की जावेद, मुन्ना, कम से कम दर्जन भर लौंडे कोचिंग के रोज उसका नाम ले ले के मुठिया रहे थे और अगले हफ्ते कोचिंग की पार्टी में जबरदस्त गैंग बैंग होने वाला था उसका।
कमल जीजू को भी उस टीनेजर की चूत चोदने में बहुत मजा आ रहा था और गुड्डी उतने ही मजे से चुदवा भी रही थी और उन्हें चिढ़ा भी रही थी, चढ़ा भी रही थी,
" जीजू आपकी उन दोनों सालियों की चूत नहीं है जिन्होंने न जाने कितने गन्नो का रस पी के आपको मजा दिया था, मैं इत्ती जल्दी नहीं झड़ने वाली। "
बस यहीं गुड्डी चूक कर गयी और जीजू ने अपने सारे हथियार एक साथ चला दिए। होंठ उनके गुड्डी की छोटी छोटी चूँची चूसते दूसरा हाथ से कस के जोबन मसलते, और एक हाथ सीधे गुड्डी की क्लिट पर, कमल जीजू का खूंटा अंदर धंसा था तो वो लंड के बेस से गुड्डी की बुर रगड़ भी रहे थे। दो मिनट में ही गुड्डी झड़ने के किनारे आ गयी , बस उन्होंने धीरे धीरे अपना मोटा बांस निकाला और क्या ताकत से पेला,... गुड्डी की चीख तो मुंह में रह गयी लेकिन मेरी और रीनू की चीख निकल गयी, और वो पहाड़ी आलू ऐसा मोटा सुपाड़ा हथोड़े की ताकत से मेरी उस टीनेजर ननद की बच्चेदानी से टकराया और कमल जीजू ने कस के उस कच्ची कली को दबोच लिया।
गुड्डी की आँखे बंद हो गयी थीं , सांसे तेज चल रही थीं, पूरी देह ढीली पड़ती जा रही थी। कमल जीजू के बाहों में वो झड़ रही थी, एक बार रुकती तो दूसरी बार झड़ना चालू हो जाता ,
एक और धक्का , ... और जैसी ज्वालामुखी फूट पड़ा जो , गुड्डी फुट भर भर अपने चूतड़ उछाल रही थी , मचल रही थी सिसक रही थी जोर जोर से झड़ रही थी , जीजू का सुपाड़ा पूरी तेजी से ,... मेरी ननदिया के बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा था , जीजू का लंड अब पूरी तरह अंदर घुसा , धंसा
लेकिन कमल जीजू , पक्के खिलाड़ी ,... जैसी ही गुड्डी का झड़ना धीमे होता , वो एक बार फिर पूरे धंसे लंड के बेस से उस किशोरी के खुले इरेक्ट भीगे क्लिट को रगड़ देते और वो दुबारा झड़ने लगती , वो अपना होश खो चुकी थी।
रीनू ने शायद कमल जीजू को कुछ इशारा किया और कमल जीजू ने खुद ही कमल जीजू को इसी मौके का इंतजार था , उन्होंने पलटी मार दी।
अब गुड्डी ऊपर और वो नीचे , लेकिन अपने पैरों और हाथों दोनों से उन्होंने गुड्डी को कस के दबोच रखा था , खूंटा एकदम जड़ तक घुसा , वो सूत भर भी हिल नहीं सकती थी
और वैसे भी अभी भी रुक रुक कर के वो बार बार झड़ रही थी , और उसे देस दुनिया की खबर नहीं थी ,
रीनू जोर जोर से इनका खूंटा मुठिया रही थी , और इनकी निगाहें गुड्डी की दुबडुबाती , गोल गोल , अभी ताज़ी फटी गाँड़ के छेद पर चिपकी थी ,
रीनू ने अपने जीजू को चढ़ाया ,
" जीजू मौका अच्छा है चढ़ जाइये , देखिये गोल छेद आपके सामने है , अगर अब भी आपने इसकी नहीं ली तो ,... "
A good writer must be good reader too.Thanks I am sure i will require a lot of Luck, if i decide to post it.
Yes this story too begins with a Holi scene and has at least three to four Holi scenes. But it has a lot of realistic background. It required me to read a few books cover to cover to understand the economics of terror, Taliban and Afghanistan , some parts made me feel sad and many readers in the last forum where it was originally posted, some readers did express how sad they felt while reading those parts. It has almost all the Rasa.
The confusion about Holi i found more in this forum. Like Phagun ke din char when i originally posted it got a good readership. and now many have not read this story. so I am still keeping my fingers crossed. If and that is a big IF , i post it will be in the Erotica section. Thanks again.
Initially it is slow one but then it catches speed and readers will be so excited to know about what happens next.If and when you decide to post it, do let me know..will try to find out some time and definitely read it..(even if a bit leisurely). Thanks again.
komaalrani