"जितना उन्हें अपनी साली रीनू को चोद कर ख़ुशी नहीं हो रही होगी, जितना रीनू को अपने जीजू, मेरे मरद के मोटे बांस से चुदवा के ख़ुशी नहीं हो रही होगी, उससे ज्यादा ख़ुशी मुझे अपने मरद को मेरी बहिनिया को चोदते देख के हो रहे थी,"
और क्या जब से इनका रूप ये थोड़ा बदला है इन्होने खुल के मजे लेने शुरू किये हैं तो, वरना छुप छुप के जीजा साली की कहानियां पढ़ेंगे, नाम बदल बदल के फोरम पे कमेंट भी करेंगे , लेकिन जब सामने साली हो मजाक कर रही हो उकसा रही तो, बस अच्छे बच्चे बन के अपने खोल में छुप जाते थे,
आप को अगर कोई चीज बहुत पसंद आये लेकिन लगे यार थोड़ा सा ये भी हो जाता तो, कहानी के शुरू में तो बात ही यही थी, और जब ये खुल के मजा ले रहे हैं जो मन में आता था पहले भी उनके लेकिन करने के समय एकदम से, और मेरी बहने इनके सामने तो नहीं लेकिन मेरे सामने तो
इसलिए ही मुझे इनसे भी ज्यादा अच्छा लग रहा था और मेरी बहन को पता चल गया था मेरा वाला कैसा जबरदस्त है।