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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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Bahut hi shandar update diya hai Komal ji.Jija Sali ka mast adventure dikhaya hai.गुड्डी और रीनू
" क्यों भाभी , मजा आ रहा है न ननद के भाई के साथ ,... "
उस दर्द के बाद भी कुतिया की तरह झुकी रीनू ने , गुड्डी की ओर मुड़ कर बोली ,
" स्साली , ... भाभी , ननद के भाई के साथ मजा नहीं लेगी तो क्या तेरी ऐसी छिनार भाइचोद ननद की तरह अपने भाई के सामने टाँगे फैलाएंगी। "
" अरे नहीं भाभी , आप अपने भाई के साथ भी मजे लीजिये , और मेरे भइया के साथ भी , आखिर भाभियाँ अपने मायके को छोड़ के आती ही इसलिए हैं , ननदों के भाइयों से चुदवाने ,... मैं तो बस ये पूछ रही हूँ मायके में अपने भाइयों के साथ ज्यादा मजा आता था , या मेरे भाई के साथ ,.... "
गुड्डी खिलखलाई।
" अपने बहनचोद भाई से तूने अपनी कुँवारी चूत की सील तो तुड़वा ही ली है , ... चल अब तुझे अपने मायके ले चल कर , अपने भाइयों से भी , ... पूरा गाँव चढ़ेगा तेरे ऊपर ननद रानी तब पूछूँगी , किसके साथ ज्यादा मजा आया। "
रीनू कौन चुप होने वाली ,
लेकिन कुछ वो और बोलती , उसके पहले साली की चीख निकल गयी।डॉगी पोज का फायदा समझिये , नुकसान समझिये , चोदने वाले को झुके हुए माल की गांड पर नजर पड़ ही जाती है , और इनकी साली के चूतड़ भी ,...
एकदम जालिम , ..आग लगाउ ,... एक तो २५ की पतली कटीली कमरिया , और उसपर ३४ डी के जोबन ही कम नहीं थे , ... पर चूतड़ उनकी साली के पूरे ३६ ,... खूब भारी , गदराये ,... और निहुरने पर तो और ,...
एक ऊँगली उन्होंने जोर से घुसेड़ दी , और रीनू की चीख निकल गयी ,...
और गुड्डी क्यों छोड़ती ये मौक़ा , ....
फिर रीनू ने भी तो गुड्डी के साथ एकदम भाभी का धरम निभाया था , जबरन उसे पकड़ कर निहुरा कर , उसकी गांड फैलाकर उसमें मोटा खूंटा धंसवाया था , और अगली बार उसके मुंह में अपनी बड़ी बड़ी चूँची जबरदस्ती घुसेड़ कर , ... जबतक गुड्डी ने पूरा मोटा सुपाड़ा न घोंट लिया , ... उसके बाद भी अपनी जाँघों के बीच दबाकर ,... वो चीखती रही चिल्लाती रही बिसूरती रही , पर एक पक्की भौजाई की तरह ,... रीनू ने अपनी ननद की गांड भी फड़वाई , उसकी सैंडविच भी बनवायी ,
" अरे भैया ये क्या कर रहे हैं , मेरी मीठी भाभी का एक ऊँगली से क्या होगा ,... मालूम नहीं मायके में अपने , पूरे कातिक में एक दिन भी नागा नहीं जाता था इनका कोई भी कुत्ता , देसी , बिदेसी ,... कोई भी भेदभाव नहीं करती थी मेरी ये मायके की छिनार मीठी भाभी ,... मुक्के ऐसी मोटी गांठ , घंटे घंटे भर ,... तो ऊँगली क्या ,.... ऊंट के मुंह में जीरा ,... "
गुड्डी ने चिढ़ाया।
" साली तीन तीन से गांड मरवाकर मन नहीं भरा तेरा। जब फट रही थी कैसे चीख रही थी , भाभी बचा लीजिये आप , पैर छूती हूँ आपका , ... प्लीज मेरी अच्छी भाभी , प्रॉमिस ,... बस आज बचा लीजिये फटने से ,... जान निकल जायेगी ,... पक्का प्रॉमिस ,... आज के बाद कभी भी चूतड़ मटका मटका के नहीं चलूंगी , कभी टाइट जीन्स पहन के लौंडो के आगे अपने लौंडा छाप चूतड़ दिखा के नहीं ललचाऊँगी ,... "
रीनू एकदम पक्की मिमिक ,... एकदम गुड्डी की आवाज की नक़ल बना के बोल रही थी।
गुड्डी बजाय बुरा मानने के और जोर जोर से खिलखिला रही थी ,
" भाभी , सच , सोलहे आना सच ,... लेकिन आपने बचाया तो नहीं न। फड़वा तो दी न मेरी , फिर ,... अब तो मैं और चूतड़ मटका मटका के चलूंगी , एक बार फट गयी , अब क्या डरना ,... लेकिन न आपने मेरी बचाई न मैं आप की बचाऊंगी , पट्टा पट्टी। भइआ अरे जरा हचक के , मेरी भाभी के जब तक हर छेद में मूसल न चले न ,... "
और रीनू की चीख अबकी कस के निकल गयी , इस बार दो दो उँगलियाँ गांड में हचक कर ,... एकदम जड़ तक ,
अभी भी उन्होंने कस के अपनी साली की दोनों टाँगे अपनी टांगो के बीच में दबोच रखी थीं , हर धक्का सीधे साली की बच्चेदानी पर पड़ रहा था ,
पर अब छेद बदलने वाला था , ... इसलिए उन्होंने एक बार फिर अपनी टाँगे खोल दिन , साली की टांगों के बीच में डालकर , साली की टाँगे अच्छी तरह फैला दिन , और साथ में गोलकुंडा का छेद भी ,
बिलकुल सही कहा आपने। झलक मिलती हैं।Sayad aap ne meri contest story कौमार्य (virginity) padhi ho to. Usme komalji ki kuchh had tak soch ki zalak milegi. Mene kuchh is lie kaha kyo ki vo great he. Unhe match karna mere bas ki to nahi. Upar se vo guru he.
Filhal to meri new horror story किस्से अनहोनीयों के chalu hi ki he. To pahele use badhana he. Aur saya part 2 complete karna he. Uske bad 100% start karungi
Ha mene notification me aap ki likes dekhi. Bahot bahot shukriya. Time mile to padhna. Bor nahi hoge. Thankyou so muchबिलकुल सही कहा आपने। झलक मिलती हैं।
कोमल जी तो कमाल ही है ।
उनकी कहानी इतनी जीवंत लगती हैं कि मानो आपके सामने ही घटित हो रही और उनके पात्र जैसे आपके आस - पास ही हो।
आपकी कहानी "किस्से अनहोनियों के " शुरू कर दी है।
आपकी अंग्रेजी फॉन्ट वाली कहानियों के लिए क्षमाप्रार्थी हूं।
सादर
जी जरूर,Ha mene notification me aap ki likes dekhi. Bahot bahot shukriya. Time mile to padhna. Bor nahi hoge. Thankyou so much
Ji jarur. Muje intjar rahegaजी जरूर,
और बोर होते ही आपसे शिकायत कर दूंगा, बुरा मत मानिएगा।
हक है मेरा।
सादर
यह पोस्ट सुगना भौजी ,एक जबरदस्त कहानी का जबरदस्त काव्य रूपांतर,
आभार के शब्द कम पद जाते हैं
इस फोरम में अक्सर नजदीकी रिश्तों की ही कहानियां होती है जीजा साली, देवर भाभी,
कुछ हिम्मती इन्सेस्ट लिखने वाले हुए तो भाई बहन या माँ बेटा
लेकिन आपकी पिछली काव्यकथा ने चाची - भतीजे के संबंधों पर दृष्टिपात किया और इस बार ससुर बहू के संबंधो पर, मैं आपकी फैन तो पहले से थी लेकिन इन नये आयामों का असर मेरी कहानी पर भी पड़ने लगा है, खासतौर से छुटकी - होली दीदी की ससुराल में
इन्सेस्ट के आँगन में मैं पर नहीं रखती थी क्योंकि मुझे मालूम था की वह विधा कितनी कठिन है लेकिन आपकी कविताओं ने इस तरह असर किया की अरविन्द और गीता का प्रसंग में भाई बहन के संबंध पर मैंने लिखने की कोशिश की फिर रेनू और कमल,... और अभी तो
अब जो आपने ससुर बहू का यह प्रसंग दिखाया है तो मुझे लग रहा है की आप की इस कविता की ट्रिब्यूट के तौर पर छुटकी - होली दीदी की ससुराल में एक छोटा ही प्रसंग बहू और ससुर के बारे में लिखने का प्रयास करूँ,... वो आपकी कविता की प्रतिच्छाया भी नहीं होंगी। पर मेरी कहानी का ट्रिब्यूट होगा आपकी कविता।
आपकी कविता कैसी लगी इस पर अपडेट बाद में
Saali ki cheekhon se madhur awaj or kya hogi, lekin komal ji apse pehle bhi kai baar advise diya hai, yahan pr jija saali ke beech baaten honi chahiye. Garama garam ,chat pati, to or naja ayega, abhi esa lag raha hai ki bus dono min reh kar sirf kaam kr rahe haiरीनू, मेरी बहन और मेरा मरद
और रीनू साली की चूँची थी बहुत जबरदस्त , ३४ डी ,... सिर्फ बड़ी ही नहीं , मांसल भी कड़ी कड़ी भी ,...
साली की चुदाई पूरे जोर से चालू हो गयी थी।
और साली भी रीनू ऐसी , ...साली सिर्फ चुदवा ही नहीं रही थी अपने जीजू से , जीजू को चोद भी रही थी ,
हर धक्के का जवाब धक्के से चूतड़ उछाल उछाल कर , खुद अपनी चूँचियाँ अपने जीजू के चौड़ी छाती में रगड़ रही थी , घिस रही थी , चुम्मा चुम्मी अब सीधे टंग फाइट तक पहुँच गयी , जीजू की जीभ ऐसे चूस रही थी जैसे जीभ न हो जीजू का लंड हो। अपनी लम्बी छरहरी टाँगे , साली ने जीजू की देह में लता की तरह लपेट कर , ... रीनू की बाहें इनकी पीठ पर ,.... कभी जोर से सिसकती तो उसके नाख़ून उसके जीजू के पीठ में गड़ जाते , ... स्क्रैच के निशान उसके जीजू की छाती पर , पीठ पर ,... अगर कभी जीजा का धक्का रुकता तो खुद वो अपने जीजू को जोर से अपनी ओर खींच कर ,... जैसे प्यासी धरती हाथ बढ़ा कर सावन में बादल को बुला ले , ...
और सिर्फ देह बाहर से ही नहीं , वो ट्रिक जो तीनो बहनों ने सीख रखी थी , .... नट क्रैकर ,..... उसकी मस्त रसीली गुलाबी चूत अब अपने जीजू का मोटा लंड , बार बार सिकोड़ रही थी , निचोड़ रही थी ,..
उनके धक्के भी अब लम्बे लम्बे , ... सुपाड़े तक लंड को वो बाहर निकालते , फिर एक धक्के में अपनी साली की बुर में पूरा लंड , ... साली सिसक उठती , लेकिन सुपाड़े का हर धक्का सीधे बच्चेदानी पर ,...
पर साली के जीजू की फेवरिट पोज तो कोई और थी न ,
और पूरा लंड घुसेड़े , घुसेड़े ,....
और साली भी कौन नयी बछेड़ी थी , ... और वो भी तो कब से तड़प रही थी जीजू का घोंटने को ,... साली ने भी अपना सारा जोर , अपनी कुहनी मोड़ कर हाथों पर ,
और वो कुतिया बनी , ... हाँ लेकिन ये न इतने केयरिंग , ... ऐसे समय में भी ,... आस पास की सब तकिया , मसनद , साली के नीचे ,
कातिक की कुतिया झूठ जिस तरह से रीनू चुदवा रही थी , और ये चोद रहे थे , अपने पैरों को रीनू के दोनों खुले पैरों के बीच में डाल कर उन्होंने रीनू की खुली टांगो को और अच्छी तरह फैला दिया था इसलिए आराम से सटासट , सटासट लंड जा रहा था , निहुरी हुयी , कुतिया बनी स्साली गपागप गपागप लंड घोंट रही थी।
और तभी उन्होंने साली से बेईमानी कर दी , ... पर सालियाँ मण्डप में गाली देने से , कोहबर में छेड़ने से , ... कोई मौका छोड़ती नहीं तो कभी कभार जीजू का भी मौका ,... और जब उनका खूंटा जड़ तक घुसा था , बस अपनी दोनों टाँगे उन्होंने रीनू की टांगो के बीच से निकाल कर , अब उनके पैरों के बीच रीनू की लम्बी टाँगे , और धीरे धीरे कैंची की तरह सिकोड़ कर ,... उनकी साली की टाँगे एकदम चिपक गयीं और साथ ही टांगों के बीच का छेद भी एकदम कसा , सिकुड़ा और उसके अंदर मोटा भाला धंसा , ... हलके हलके निकाले उन्होंने ,....
पर असली मजा तो तब आया , जब उन्होंने पूरी ताकत से वापस घुसेड़ा , ... उसी कसी चिपकी बुर में ,...
उईईई नहीं ,... जी.... जू ,... नहीं नहीं ओह्ह्ह्हह उईईईईई
साली जोर से चीखी ,
और कौन ननद ये मौका छोड़ देती और गुड्डी तो असल वाली , पक्की बचपन की छिनार ननद थी , रीनू को छेड़ा उसने ,
" क्यों भाभी , मजा आ रहा है न ननद के भाई के साथ ,... "
उस दर्द के बाद भी कुतिया की तरह झुकी रीनू ने , गुड्डी की ओर मुड़ कर बोली ,
" स्साली , ... भाभी , ननद के भाई के साथ मजा नहीं लेगी तो क्या तेरी ऐसी छिनार भाइचोद ननद की तरह अपने भाई के सामने टाँगे फैलाएंगी। "
" अरे नहीं भाभी , आप अपने भाई के साथ भी मजे लीजिये , और मेरे भइया के साथ भी , आखिर भाभियाँ अपने मायके को छोड़ के आती ही इसलिए हैं , ननदों के भाइयों से चुदवाने ,... मैं तो बस ये पूछ रही हूँ मायके में अपने भाइयों के साथ ज्यादा मजा आता था , या मेरे भाई के साथ ,.... " गुड्डी खिलखलाई।
" अपने बहनचोद भाई से तूने अपनी कुँवारी चूत की सील तो तुड़वा ही ली है , ... चल अब तुझे अपने मायके ले चल कर , अपने भाइयों से भी , ... पूरा गाँव चढ़ेगा तेरे ऊपर ननद रानी तब पूछूँगी , किसके साथ ज्यादा मजा आया। "
रीनू कौन चुप होने वाली ,
लेकिन कुछ वो और बोलती , उसके पहले साली की चीख निकल गयी।
Reenu ka golkunda pr to pehle bhi chadhai hui hai fir ungli me hi cheekh nikal gyi, age kya hogaगुड्डी और रीनू
" क्यों भाभी , मजा आ रहा है न ननद के भाई के साथ ,... "
उस दर्द के बाद भी कुतिया की तरह झुकी रीनू ने , गुड्डी की ओर मुड़ कर बोली ,
" स्साली , ... भाभी , ननद के भाई के साथ मजा नहीं लेगी तो क्या तेरी ऐसी छिनार भाइचोद ननद की तरह अपने भाई के सामने टाँगे फैलाएंगी। "
" अरे नहीं भाभी , आप अपने भाई के साथ भी मजे लीजिये , और मेरे भइया के साथ भी , आखिर भाभियाँ अपने मायके को छोड़ के आती ही इसलिए हैं , ननदों के भाइयों से चुदवाने ,... मैं तो बस ये पूछ रही हूँ मायके में अपने भाइयों के साथ ज्यादा मजा आता था , या मेरे भाई के साथ ,.... "
गुड्डी खिलखलाई।
" अपने बहनचोद भाई से तूने अपनी कुँवारी चूत की सील तो तुड़वा ही ली है , ... चल अब तुझे अपने मायके ले चल कर , अपने भाइयों से भी , ... पूरा गाँव चढ़ेगा तेरे ऊपर ननद रानी तब पूछूँगी , किसके साथ ज्यादा मजा आया। "
रीनू कौन चुप होने वाली ,
लेकिन कुछ वो और बोलती , उसके पहले साली की चीख निकल गयी।डॉगी पोज का फायदा समझिये , नुकसान समझिये , चोदने वाले को झुके हुए माल की गांड पर नजर पड़ ही जाती है , और इनकी साली के चूतड़ भी ,...
एकदम जालिम , ..आग लगाउ ,... एक तो २५ की पतली कटीली कमरिया , और उसपर ३४ डी के जोबन ही कम नहीं थे , ... पर चूतड़ उनकी साली के पूरे ३६ ,... खूब भारी , गदराये ,... और निहुरने पर तो और ,...
एक ऊँगली उन्होंने जोर से घुसेड़ दी , और रीनू की चीख निकल गयी ,...
और गुड्डी क्यों छोड़ती ये मौक़ा , ....
फिर रीनू ने भी तो गुड्डी के साथ एकदम भाभी का धरम निभाया था , जबरन उसे पकड़ कर निहुरा कर , उसकी गांड फैलाकर उसमें मोटा खूंटा धंसवाया था , और अगली बार उसके मुंह में अपनी बड़ी बड़ी चूँची जबरदस्ती घुसेड़ कर , ... जबतक गुड्डी ने पूरा मोटा सुपाड़ा न घोंट लिया , ... उसके बाद भी अपनी जाँघों के बीच दबाकर ,... वो चीखती रही चिल्लाती रही बिसूरती रही , पर एक पक्की भौजाई की तरह ,... रीनू ने अपनी ननद की गांड भी फड़वाई , उसकी सैंडविच भी बनवायी ,
" अरे भैया ये क्या कर रहे हैं , मेरी मीठी भाभी का एक ऊँगली से क्या होगा ,... मालूम नहीं मायके में अपने , पूरे कातिक में एक दिन भी नागा नहीं जाता था इनका कोई भी कुत्ता , देसी , बिदेसी ,... कोई भी भेदभाव नहीं करती थी मेरी ये मायके की छिनार मीठी भाभी ,... मुक्के ऐसी मोटी गांठ , घंटे घंटे भर ,... तो ऊँगली क्या ,.... ऊंट के मुंह में जीरा ,... "
गुड्डी ने चिढ़ाया।
" साली तीन तीन से गांड मरवाकर मन नहीं भरा तेरा। जब फट रही थी कैसे चीख रही थी , भाभी बचा लीजिये आप , पैर छूती हूँ आपका , ... प्लीज मेरी अच्छी भाभी , प्रॉमिस ,... बस आज बचा लीजिये फटने से ,... जान निकल जायेगी ,... पक्का प्रॉमिस ,... आज के बाद कभी भी चूतड़ मटका मटका के नहीं चलूंगी , कभी टाइट जीन्स पहन के लौंडो के आगे अपने लौंडा छाप चूतड़ दिखा के नहीं ललचाऊँगी ,... "
रीनू एकदम पक्की मिमिक ,... एकदम गुड्डी की आवाज की नक़ल बना के बोल रही थी।
गुड्डी बजाय बुरा मानने के और जोर जोर से खिलखिला रही थी ,
" भाभी , सच , सोलहे आना सच ,... लेकिन आपने बचाया तो नहीं न। फड़वा तो दी न मेरी , फिर ,... अब तो मैं और चूतड़ मटका मटका के चलूंगी , एक बार फट गयी , अब क्या डरना ,... लेकिन न आपने मेरी बचाई न मैं आप की बचाऊंगी , पट्टा पट्टी। भइआ अरे जरा हचक के , मेरी भाभी के जब तक हर छेद में मूसल न चले न ,... "
और रीनू की चीख अबकी कस के निकल गयी , इस बार दो दो उँगलियाँ गांड में हचक कर ,... एकदम जड़ तक ,
अभी भी उन्होंने कस के अपनी साली की दोनों टाँगे अपनी टांगो के बीच में दबोच रखी थीं , हर धक्का सीधे साली की बच्चेदानी पर पड़ रहा था ,
पर अब छेद बदलने वाला था , ... इसलिए उन्होंने एक बार फिर अपनी टाँगे खोल दिन , साली की टांगों के बीच में डालकर , साली की टाँगे अच्छी तरह फैला दिन , और साथ में गोलकुंडा का छेद भी ,