- 22,409
- 58,469
- 259
जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
अपडेट पोस्टेड
कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें।
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
अपडेट पोस्टेड
कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें।
Last edited:
Abhi to cheekh rok li, lekin jab khebar ka darra par raha tb kese rukegi cheekhenजोरू का गुलाम भाग २२१ -
स्साली का गोलकुंडा
25 44 596
---
====
जो मजा स्साली की गाँड़ मारने में है, चाहे कोरी हो या फटी, चाहे जबरदस्ती चाहे मर्जी से, चाहे कुँवारी हो चाहे शादी शुदा, उतना मजा किसी चीज में नहीं,
और अगर शादी शुदा साली है तब उसके मर्द के सामने, उसको दिखा के, ललचा के, कभी थोड़ा निकाल के थोड़ा घुसा के, कभी दिखा के कभी छुपा के, कभी निहुरा के कभी गोद में बिठा के स्साली की गाँड़ मारने में है उस मजे केआगे सब मजा फीका,
और मारने वाले जीजू से कम मजा मरवाने वाली साली को नहीं आता, अपने मरद के सामने, अपने मरद को दिखा के, ललचा के, उकसा के, चिढ़ा के चिढ़ा के अपने जीजू से मरवाने में
पिछवाड़े के मामले में ये थोड़ा अभी, ....
आज से पहले अभी तक इन्होने सिर्फ अपनी भौजाई की गाँड़ मारी थी, और इनकी भौजाई मेरी एकलौती जेठानी की गाँड़ है भी बड़े मस्त, ये बड़े बड़े मटकते हुए चूतड़, तरबूज ऐसे,
इनके हरेक धक्के पर चीखती थीं। जितना चीख पुकार जब मैंने ८ इंच के डिलडो से इनकी भौजी की गाँड़ मारी थी उससे ज्यादा इनके मोटे खूंटे से पेलवाने के बाद नौ नौ टसुए बहा रही थीं, और अपनी औकात समझ गयी थीं।
मैं तो सिर्फ देख देख के मजे ले रही थी,
गुड्डी थी न मेरी ननद इनके बचपन का माल, आग में घी डालने के लिए, अपनी मीठी भौजी को चिढ़ाने के लिए,
रीनू को कुछ अंदाज तो लग गया था जब उसने इन्हे गुड्डी की गाँड़ मारते देखा था, और वही ले गयी थी इन्हे समझा बजा के उकसा के इनको अपनी बहन की गाँड़ मारने के लिए,
लेकिन धक्के देख के रीनू बोली, यार पी एच डी के आगे कोई डिग्री होती है क्या ( गाँड़ के मामले में हम सब बहने कमल जीजू को पी एच डी बोलते थे ), डी लिट्ट मैं बोली। बस तेरा वाला वही है, रीनू गुड्डी के पिछवाड़े आगे पीछे होते इनके खूंटे को देख के बोली।
और अब रीनू के चितौड़गढ़ पर मेरे बाबू का झंडा फहरने वाला था,
इनकी एक ऊँगली इनकी साली के पिछवाड़े धंसी हुयी थी, इन्होने अपनी दोनों टांगो के बीच निहुरी हुयी रीनू को दबोच रखा था इसलिए इनकी साली के दोनों छेद भी एकदम टाइट हो गए थे, और मारे बदमाशी के रीनू ने सिकोड़ भी लिया था पूरी ताकत से
और गुड्डी और छेड़ रही थी, उकसा रही थी अपने भैया को,
" अरे भैया ये क्या कर रहे हैं , मेरी मीठी भाभी का एक ऊँगली से क्या होगा ,... मालूम नहीं मायके में अपने , पूरे कातिक में एक दिन भी नागा नहीं जाता था इनका कोई भी कुत्ता , देसी , बिदेसी ,... कोई भी भेदभाव नहीं करती थी मेरी ये मायके की छिनार मीठी भाभी ,... मुक्के ऐसी मोटी गांठ , घंटे घंटे भर ,... तो ऊँगली क्या ,.... ऊंट के मुंह में जीरा ,... "
गुड्डी ने चिढ़ाया।
---
" साली तीन तीन से गांड मरवाकर मन नहीं भरा तेरा। जब फट रही थी कैसे चीख रही थी , भाभी बचा लीजिये आप , पैर छूती हूँ आपका , ... प्लीज मेरी अच्छी भाभी , प्रॉमिस ,... बस आज बचा लीजिये फटने से ,... जान निकल जायेगी ,... पक्का प्रॉमिस ,... आज के बाद कभी भी चूतड़ मटका मटका के नहीं चलूंगी , कभी टाइट जीन्स पहन के लौंडो के आगे अपने लौंडा छाप चूतड़ दिखा के नहीं ललचाऊँगी ,... "
रीनू एकदम पक्की मिमिक ,... एकदम गुड्डी की आवाज की नक़ल बना के बोल रही थी।
गुड्डी बजाय बुरा मानने के और जोर जोर से खिलखिला रही थी ,
" भाभी , सच , सोलहे आना सच ,... लेकिन आपने बचाया तो नहीं न। फड़वा तो दी न मेरी , फिर ,... अब तो मैं और चूतड़ मटका मटका के चलूंगी , एक बार फट गयी , अब क्या डरना ,... लेकिन न आपने मेरी बचाई न मैं आप की बचाऊंगी , पट्टा पट्टी। भइआ अरे जरा हचक के , मेरी भाभी के जब तक हर छेद में मूसल न चले न ,... "
और रीनू की चीख अबकी कस के निकल गयी , इस बार दो दो उँगलियाँ गांड में हचक कर ,... एकदम जड़ तक ,
अभी भी उन्होंने कस के अपनी साली की दोनों टाँगे अपनी टांगो के बीच में दबोच रखी थीं , हर धक्का सीधे साली की बच्चेदानी पर पड़ रहा था ,
पर अब छेद बदलने वाला था , ... इसलिए उन्होंने एक बार फिर अपनी टाँगे खोल दिन , साली की टांगों के बीच में डालकर , साली की टाँगे अच्छी तरह फैला दिन , और साथ में गोलकुंडा का छेद भी ,
अब उँगलियाँ निकल आयी थीं , दोनों अंगूठों को साली के पिछवाड़े डाल कर उसकी कसी गांड उन्होंने पूरी तरह फैलायी , अपना सुपाड़ा सेट किया , ....
बुर चोद चोद कर , बुर के पानी से सुपाड़ा अच्छी तरह गीला हो गया था , बार बार थूक लगा कर जो उन्होंने दोनों उँगलियाँ अपनी साली के पिछवाड़े पेली थीं , तो वो भी थोड़ी ही सही चिकनी गीली हो गयी थी , ....
सट्टाक ,
गप्पाक ,
घच्च से सुपाड़ा आलमोस्ट पूरा अंदर ,.... एक तो उन्होंने दोनों हाथ से अपनी साली के चूतड़ पूरी ताकत से पकड़ कर , कस के , कमर का पूरा जोर लगा के धक्का मारा , दूसरे रीनू कोई नयी बछेड़ी तो थी नहीं जो , सुपाड़ा गांड के छेद पर लगते ही , गांड सिकोड़ लेती , वो तो खुद इन्तजार कर रही थी , जीजू के धक्के का , ...
और दूसरे धक्के में सुपाड़ा अंदर और अबकी साली जी की हलकी सी चीख निकल गयी , रोकते रोकते
उईईई , ओह्ह्ह उफ्फ्फ ,...
Itne dino se saali ji is sukh se anjan thiघुस, अड़स गया, स्साली रीनू के पिछवाड़े
अब उँगलियाँ निकल आयी थीं , दोनों अंगूठों को साली के पिछवाड़े डाल कर उसकी कसी गांड उन्होंने पूरी तरह फैलायी , अपना सुपाड़ा सेट किया , ....
बुर चोद चोद कर , बुर के पानी से सुपाड़ा अच्छी तरह गीला हो गया था , बार बार थूक लगा कर जो उन्होंने दोनों उँगलियाँ अपनी साली के पिछवाड़े पेली थीं , तो वो भी थोड़ी ही सही चिकनी गीली हो गयी थी , ....
सट्टाक ,
गप्पाक ,
घच्च से सुपाड़ा आलमोस्ट पूरा अंदर ,....
एक तो उन्होंने दोनों हाथ से अपनी साली के चूतड़ पूरी ताकत से पकड़ कर , कस के , कमर का पूरा जोर लगा के धक्का मारा , दूसरे रीनू कोई नयी बछेड़ी तो थी नहीं जो , सुपाड़ा गांड के छेद पर लगते ही , गांड सिकोड़ लेती , वो तो खुद इन्तजार कर रही थी , जीजू के धक्के का , ...
और दूसरे धक्के में सुपाड़ा अंदर और अबकी साली जी की हलकी सी चीख निकल गयी , रोकते रोकते
उईईई , ओह्ह्ह उफ्फ्फ ,...
वो सीख गए थे अगवाड़े और पिछवाड़े का अंतर , पिछवाड़े के मामले में पूरी ताकत से ठेलना , धकेलना , ... बजाय बार बार अंदर बाहर करने के , ... बुर की तरह गांड में कोई अगले हिस्से में नर्व एंडिंग्स नहीं होती ,.... इसलिए , और असली मामला खैबर के दर्रे का , गांड का छल्ला पार करने का है , जो दर्द होता है वही मजा भी है , ...
और अगले ही धक्के में , वो भी पार ,... स्साली मान गयी अपने जीजू की ताकत को और तरीके को ,
उईईई उईईईईई अबकी रीनू जोर से चीखी ,... जीजू उसके बदमाश , सिर्फ छल्ले को पार करके नहीं रुके , थोड़ा सा खूंटा बाहर खींच कर दुबारा , बार बार वो छल्ले पर अपना मोटा कड़ा सुपाड़ा रगड़ रहे थे , और मजा तो आ रहा था लेकिन लग भी बहुत तेजी से रहा था।
एक बार फिर रीनू की जीजू ने वही हरकत की लेकिन अबकी , अपनी टांगों को साली के पैरों के बाहर करके टाँगे अंदर , पूरी नहीं लेकिन थोड़ी सी भींच दी ,
और छेद और संकरा हो गया
अबकी ऑलमोस्ट सुपाड़ा पूरा बाहर निकाल के ,... क्या ताकत , जैसे कोई लोहार पूरी ताकत से हथौड़ा मारे ,...
उईईई उईईईईई ओह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उईईईईई
अबकी रीनू जोर से चीखी ,...
और अबकी गुड्डी की बारी थी मिमिक करने की , एकदम रीनू की चीख की तरह उसने चीख निकाली , क्या जबरदस्त चीख थी।
और चिढ़ाया ,
" मीठी भाभी कुछ धंस गया क्या , जोर से चुभा , भैया से कहती हूँ आपको मलहम लगा देंगे , वो सफ़ेद वाला , नौ महीने बाद उसका असर होगा , लेकिन होगा श्योर और दर्द भी ख़तम ,"
दर्द के मारे रीनू की जान निकल रही थी , बोला नहीं जा रहा था , उसने खा जाने वाली नज़रों से अपनी टीनेजर ननद को देखा एकदम हरी मिर्च ,
लेकिन गुड्डी कौन आसानी से चुप होनेवाली थी , अब उसे मौका मिला था भाभी को छेड़ने का , ,
" " भाभी अगर आप कहें तो , बताइये न कहाँ चुभा , .... मेरे पास श्योर शाट मलहम है , बस ऊँगली से , आप कहियेगा तो मैं ही ऊँगली डाल के , .... रेड हाट चिली , ... आसाम की क्या कहते हैं भूत झोलकिया , वही वाली , एकदम लाल ,.... लाल। आराम से लगाउंगी , आखिर ननद हूँ आपकी ,.... ""
रीनू कुछ बोलती उसके पहले ही जोरदार चीख निकल गयी साली जी की , जीजू ने धक्के की ठेलने की , धकेलने की रफ़्तार बढ़ा दी , और हर बार उस खैबर के दर्रे को छेड़ते हुए , रगड़ते , दरेरते ,...
चीख पर चीख ,...
जीजू साली के , सिर्फ तीसरी बार गांड मार रहे थे। सबसे पहले उन्होंने अपनी भाभी की ,... कुछ ही दिनों पहले तो , और आज अपनी बहन की , बस कुछ देर पहले ही लेकिन सीखने में वो बहुत तेज थे ,
बस कुछ दिन की बात , ... अगले हफ्ते संडे को , आज शुक्रवार है तो ९ दिन बाद , दोनों रसगुल्लों की कोरी कोरी गांड ,... और वो दोनों तो गुड्डी से भी कच्ची हैं
उसके बाद मिसेज मोइत्रा का पिछवाड़ा , ....क्या पता मेरी सास , बुआ सास , और उनकी बेटी छुटकी का भी नंबर लगा जाय , सबके सब कोरी थी पिछवाड़े ,...
" जीजू, प्लीज एक मिनट रोक लीजिये बस एक मिनट, अबे स्साले निकालने को नहीं बोल रही हूँ, बस सांस लेने दे, बस एक मिनट, जान निकल रही है , जीजू, मेरे अच्छे जीजू, मान जाओ। " रीनू बोल रही थी।
बस चार पांच धक्के और उनका भाला जड़ तक अंदर एकदम धंसा , और , धक्का साली की गांड में रोक दिया उन्होंने, लंड जड़ तक अंदर घुस गया था रीनू की गाँड़ में। गाँड़ पूरी तरह फैली परपराती, छरछराती, जैसे सच में किसी ने मिर्च कूट दिया हो, चमड़ी अंदर की जगह जगह छिल गयी थी ।
... आखिर इतनी प्यारी एकलौती साली थी।
चुदाई में पक्के आलराउंडर , ... एकबार गोलकुंडा विजय के बाद ,... फिर उन्होंने प्रेम गली की सुध ली ,... पहले तो हथेली से थोड़ा मसला रगड़ा , वो पानी फेंकने लगी तो पहले एक ऊँगली फिर दूसरी ऊँगली , कभी गोल गोल , कभी हलके हलके अंदर बाहर ,...
साली के पिछवाड़े का दर्द अब हल्का हो रहा था , उन्होंने अब ठेलना भी बंद कर दिया था , जड़ तक धंसा था , पिछवाड़े और ऊपर से आगे ऊँगली का असर , बीच बीच में जिस हाथ की दो उँगलियाँ गुलाबी लव लेन के अंदर थीं , उसकी का अंगूठा , हलके से क्लिट को भी छू दे रहा था , दबा देता , और साली गिनगीना जाती ,
ये सब खेल तमाशा उनके बाएं हाथ का खेल था ,
दाएं हाथ से वो साली के गदराये जोबन का मजा ले रहे थे ,
पर फर्स्ट गियर से चौथे गियर में जाने में उन्हें ज्यादा टाइम थोड़े ही लगता था ,
बुर में घुसी ऊँगली इंजन की पिस्टन की तरह पूरी ताकत से अंदर बाहर और साथ साथ आते जाते , जी प्वाइंट को भी रगड़ देते , और उनकी साली गिनगीना जाती , काँप जाती , साथ में क्लिट पर अंगूठा लगातार हलके हलके दबा रहा था
पिछवाड़े का घुसा पिस्टन भी अब एक बार फिर से फूल स्पीड से , ...
गांड भी मारी जा रही थी और बुर की भी ऐसी तैसी हो रही थी ,... आज सच में साली को जीजू का मजा मिल रहा था।
Meri request hai aap Mohe rang de padhe aur ho sake to Phagun ke din chaar main fir se post kar rahi hun naye dher saare addition ke saath, dono men romance bahroppor hai,Bahut din baad story section me aaye , dil se chahte hain aap kabhi romantic story likhen![]()
![]()
अरे वाह कोमलजी ये तो सोलह आना सच ही कहा. साली के पूछवाड़े को जब तक जीजा ना रोन्दे तो साली केसी और जीजा केसा. दिखा दिखा कर तो तुमने बेचारे को तड़पा दिया. अब उनकी बारी है.जोरू का गुलाम भाग २२१ -
स्साली का गोलकुंडा
25 44 596
---
====
जो मजा स्साली की गाँड़ मारने में है, चाहे कोरी हो या फटी, चाहे जबरदस्ती चाहे मर्जी से, चाहे कुँवारी हो चाहे शादी शुदा, उतना मजा किसी चीज में नहीं,
और अगर शादी शुदा साली है तब उसके मर्द के सामने, उसको दिखा के, ललचा के, कभी थोड़ा निकाल के थोड़ा घुसा के, कभी दिखा के कभी छुपा के, कभी निहुरा के कभी गोद में बिठा के स्साली की गाँड़ मारने में है उस मजे केआगे सब मजा फीका,
और मारने वाले जीजू से कम मजा मरवाने वाली साली को नहीं आता, अपने मरद के सामने, अपने मरद को दिखा के, ललचा के, उकसा के, चिढ़ा के चिढ़ा के अपने जीजू से मरवाने में
पिछवाड़े के मामले में ये थोड़ा अभी, ....
आज से पहले अभी तक इन्होने सिर्फ अपनी भौजाई की गाँड़ मारी थी, और इनकी भौजाई मेरी एकलौती जेठानी की गाँड़ है भी बड़े मस्त, ये बड़े बड़े मटकते हुए चूतड़, तरबूज ऐसे,
इनके हरेक धक्के पर चीखती थीं। जितना चीख पुकार जब मैंने ८ इंच के डिलडो से इनकी भौजी की गाँड़ मारी थी उससे ज्यादा इनके मोटे खूंटे से पेलवाने के बाद नौ नौ टसुए बहा रही थीं, और अपनी औकात समझ गयी थीं।
मैं तो सिर्फ देख देख के मजे ले रही थी,
गुड्डी थी न मेरी ननद इनके बचपन का माल, आग में घी डालने के लिए, अपनी मीठी भौजी को चिढ़ाने के लिए,
रीनू को कुछ अंदाज तो लग गया था जब उसने इन्हे गुड्डी की गाँड़ मारते देखा था, और वही ले गयी थी इन्हे समझा बजा के उकसा के इनको अपनी बहन की गाँड़ मारने के लिए,
लेकिन धक्के देख के रीनू बोली, यार पी एच डी के आगे कोई डिग्री होती है क्या ( गाँड़ के मामले में हम सब बहने कमल जीजू को पी एच डी बोलते थे ), डी लिट्ट मैं बोली। बस तेरा वाला वही है, रीनू गुड्डी के पिछवाड़े आगे पीछे होते इनके खूंटे को देख के बोली।
और अब रीनू के चितौड़गढ़ पर मेरे बाबू का झंडा फहरने वाला था,
इनकी एक ऊँगली इनकी साली के पिछवाड़े धंसी हुयी थी, इन्होने अपनी दोनों टांगो के बीच निहुरी हुयी रीनू को दबोच रखा था इसलिए इनकी साली के दोनों छेद भी एकदम टाइट हो गए थे, और मारे बदमाशी के रीनू ने सिकोड़ भी लिया था पूरी ताकत से
और गुड्डी और छेड़ रही थी, उकसा रही थी अपने भैया को,
" अरे भैया ये क्या कर रहे हैं , मेरी मीठी भाभी का एक ऊँगली से क्या होगा ,... मालूम नहीं मायके में अपने , पूरे कातिक में एक दिन भी नागा नहीं जाता था इनका कोई भी कुत्ता , देसी , बिदेसी ,... कोई भी भेदभाव नहीं करती थी मेरी ये मायके की छिनार मीठी भाभी ,... मुक्के ऐसी मोटी गांठ , घंटे घंटे भर ,... तो ऊँगली क्या ,.... ऊंट के मुंह में जीरा ,... "
गुड्डी ने चिढ़ाया।
---
" साली तीन तीन से गांड मरवाकर मन नहीं भरा तेरा। जब फट रही थी कैसे चीख रही थी , भाभी बचा लीजिये आप , पैर छूती हूँ आपका , ... प्लीज मेरी अच्छी भाभी , प्रॉमिस ,... बस आज बचा लीजिये फटने से ,... जान निकल जायेगी ,... पक्का प्रॉमिस ,... आज के बाद कभी भी चूतड़ मटका मटका के नहीं चलूंगी , कभी टाइट जीन्स पहन के लौंडो के आगे अपने लौंडा छाप चूतड़ दिखा के नहीं ललचाऊँगी ,... "
रीनू एकदम पक्की मिमिक ,... एकदम गुड्डी की आवाज की नक़ल बना के बोल रही थी।
गुड्डी बजाय बुरा मानने के और जोर जोर से खिलखिला रही थी ,
" भाभी , सच , सोलहे आना सच ,... लेकिन आपने बचाया तो नहीं न। फड़वा तो दी न मेरी , फिर ,... अब तो मैं और चूतड़ मटका मटका के चलूंगी , एक बार फट गयी , अब क्या डरना ,... लेकिन न आपने मेरी बचाई न मैं आप की बचाऊंगी , पट्टा पट्टी। भइआ अरे जरा हचक के , मेरी भाभी के जब तक हर छेद में मूसल न चले न ,... "
और रीनू की चीख अबकी कस के निकल गयी , इस बार दो दो उँगलियाँ गांड में हचक कर ,... एकदम जड़ तक ,
अभी भी उन्होंने कस के अपनी साली की दोनों टाँगे अपनी टांगो के बीच में दबोच रखी थीं , हर धक्का सीधे साली की बच्चेदानी पर पड़ रहा था ,
पर अब छेद बदलने वाला था , ... इसलिए उन्होंने एक बार फिर अपनी टाँगे खोल दिन , साली की टांगों के बीच में डालकर , साली की टाँगे अच्छी तरह फैला दिन , और साथ में गोलकुंडा का छेद भी ,
अब उँगलियाँ निकल आयी थीं , दोनों अंगूठों को साली के पिछवाड़े डाल कर उसकी कसी गांड उन्होंने पूरी तरह फैलायी , अपना सुपाड़ा सेट किया , ....
बुर चोद चोद कर , बुर के पानी से सुपाड़ा अच्छी तरह गीला हो गया था , बार बार थूक लगा कर जो उन्होंने दोनों उँगलियाँ अपनी साली के पिछवाड़े पेली थीं , तो वो भी थोड़ी ही सही चिकनी गीली हो गयी थी , ....
सट्टाक ,
गप्पाक ,
घच्च से सुपाड़ा आलमोस्ट पूरा अंदर ,.... एक तो उन्होंने दोनों हाथ से अपनी साली के चूतड़ पूरी ताकत से पकड़ कर , कस के , कमर का पूरा जोर लगा के धक्का मारा , दूसरे रीनू कोई नयी बछेड़ी तो थी नहीं जो , सुपाड़ा गांड के छेद पर लगते ही , गांड सिकोड़ लेती , वो तो खुद इन्तजार कर रही थी , जीजू के धक्के का , ...
और दूसरे धक्के में सुपाड़ा अंदर और अबकी साली जी की हलकी सी चीख निकल गयी , रोकते रोकते
उईईई , ओह्ह्ह उफ्फ्फ ,...
वाह मान गए. सारी ट्रेनिंग तो कोमलिया ने ही तो डी है. तो फिर कैसे रुक जाते. अरे जीजा तो वही रीनू जैसी चंचल साली ने भी रहेम मांग लिया. मेरे अच्छे जीजू बस दो मिनट मान जाइये ना. मेरे अच्छे जीजू.घुस, अड़स गया, स्साली रीनू के पिछवाड़े
अब उँगलियाँ निकल आयी थीं , दोनों अंगूठों को साली के पिछवाड़े डाल कर उसकी कसी गांड उन्होंने पूरी तरह फैलायी , अपना सुपाड़ा सेट किया , ....
बुर चोद चोद कर , बुर के पानी से सुपाड़ा अच्छी तरह गीला हो गया था , बार बार थूक लगा कर जो उन्होंने दोनों उँगलियाँ अपनी साली के पिछवाड़े पेली थीं , तो वो भी थोड़ी ही सही चिकनी गीली हो गयी थी , ....
सट्टाक ,
गप्पाक ,
घच्च से सुपाड़ा आलमोस्ट पूरा अंदर ,....
एक तो उन्होंने दोनों हाथ से अपनी साली के चूतड़ पूरी ताकत से पकड़ कर , कस के , कमर का पूरा जोर लगा के धक्का मारा , दूसरे रीनू कोई नयी बछेड़ी तो थी नहीं जो , सुपाड़ा गांड के छेद पर लगते ही , गांड सिकोड़ लेती , वो तो खुद इन्तजार कर रही थी , जीजू के धक्के का , ...
और दूसरे धक्के में सुपाड़ा अंदर और अबकी साली जी की हलकी सी चीख निकल गयी , रोकते रोकते
उईईई , ओह्ह्ह उफ्फ्फ ,...
वो सीख गए थे अगवाड़े और पिछवाड़े का अंतर , पिछवाड़े के मामले में पूरी ताकत से ठेलना , धकेलना , ... बजाय बार बार अंदर बाहर करने के , ... बुर की तरह गांड में कोई अगले हिस्से में नर्व एंडिंग्स नहीं होती ,.... इसलिए , और असली मामला खैबर के दर्रे का , गांड का छल्ला पार करने का है , जो दर्द होता है वही मजा भी है , ...
और अगले ही धक्के में , वो भी पार ,... स्साली मान गयी अपने जीजू की ताकत को और तरीके को ,
उईईई उईईईईई अबकी रीनू जोर से चीखी ,... जीजू उसके बदमाश , सिर्फ छल्ले को पार करके नहीं रुके , थोड़ा सा खूंटा बाहर खींच कर दुबारा , बार बार वो छल्ले पर अपना मोटा कड़ा सुपाड़ा रगड़ रहे थे , और मजा तो आ रहा था लेकिन लग भी बहुत तेजी से रहा था।
एक बार फिर रीनू की जीजू ने वही हरकत की लेकिन अबकी , अपनी टांगों को साली के पैरों के बाहर करके टाँगे अंदर , पूरी नहीं लेकिन थोड़ी सी भींच दी ,
और छेद और संकरा हो गया
अबकी ऑलमोस्ट सुपाड़ा पूरा बाहर निकाल के ,... क्या ताकत , जैसे कोई लोहार पूरी ताकत से हथौड़ा मारे ,...
उईईई उईईईईई ओह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उईईईईई
अबकी रीनू जोर से चीखी ,...
और अबकी गुड्डी की बारी थी मिमिक करने की , एकदम रीनू की चीख की तरह उसने चीख निकाली , क्या जबरदस्त चीख थी।
और चिढ़ाया ,
" मीठी भाभी कुछ धंस गया क्या , जोर से चुभा , भैया से कहती हूँ आपको मलहम लगा देंगे , वो सफ़ेद वाला , नौ महीने बाद उसका असर होगा , लेकिन होगा श्योर और दर्द भी ख़तम ,"
दर्द के मारे रीनू की जान निकल रही थी , बोला नहीं जा रहा था , उसने खा जाने वाली नज़रों से अपनी टीनेजर ननद को देखा एकदम हरी मिर्च ,
लेकिन गुड्डी कौन आसानी से चुप होनेवाली थी , अब उसे मौका मिला था भाभी को छेड़ने का , ,
" " भाभी अगर आप कहें तो , बताइये न कहाँ चुभा , .... मेरे पास श्योर शाट मलहम है , बस ऊँगली से , आप कहियेगा तो मैं ही ऊँगली डाल के , .... रेड हाट चिली , ... आसाम की क्या कहते हैं भूत झोलकिया , वही वाली , एकदम लाल ,.... लाल। आराम से लगाउंगी , आखिर ननद हूँ आपकी ,.... ""
रीनू कुछ बोलती उसके पहले ही जोरदार चीख निकल गयी साली जी की , जीजू ने धक्के की ठेलने की , धकेलने की रफ़्तार बढ़ा दी , और हर बार उस खैबर के दर्रे को छेड़ते हुए , रगड़ते , दरेरते ,...
चीख पर चीख ,...
जीजू साली के , सिर्फ तीसरी बार गांड मार रहे थे। सबसे पहले उन्होंने अपनी भाभी की ,... कुछ ही दिनों पहले तो , और आज अपनी बहन की , बस कुछ देर पहले ही लेकिन सीखने में वो बहुत तेज थे ,
बस कुछ दिन की बात , ... अगले हफ्ते संडे को , आज शुक्रवार है तो ९ दिन बाद , दोनों रसगुल्लों की कोरी कोरी गांड ,... और वो दोनों तो गुड्डी से भी कच्ची हैं
उसके बाद मिसेज मोइत्रा का पिछवाड़ा , ....क्या पता मेरी सास , बुआ सास , और उनकी बेटी छुटकी का भी नंबर लगा जाय , सबके सब कोरी थी पिछवाड़े ,...
" जीजू, प्लीज एक मिनट रोक लीजिये बस एक मिनट, अबे स्साले निकालने को नहीं बोल रही हूँ, बस सांस लेने दे, बस एक मिनट, जान निकल रही है , जीजू, मेरे अच्छे जीजू, मान जाओ। " रीनू बोल रही थी।
बस चार पांच धक्के और उनका भाला जड़ तक अंदर एकदम धंसा , और , धक्का साली की गांड में रोक दिया उन्होंने, लंड जड़ तक अंदर घुस गया था रीनू की गाँड़ में। गाँड़ पूरी तरह फैली परपराती, छरछराती, जैसे सच में किसी ने मिर्च कूट दिया हो, चमड़ी अंदर की जगह जगह छिल गयी थी ।
... आखिर इतनी प्यारी एकलौती साली थी।
चुदाई में पक्के आलराउंडर , ... एकबार गोलकुंडा विजय के बाद ,... फिर उन्होंने प्रेम गली की सुध ली ,... पहले तो हथेली से थोड़ा मसला रगड़ा , वो पानी फेंकने लगी तो पहले एक ऊँगली फिर दूसरी ऊँगली , कभी गोल गोल , कभी हलके हलके अंदर बाहर ,...
साली के पिछवाड़े का दर्द अब हल्का हो रहा था , उन्होंने अब ठेलना भी बंद कर दिया था , जड़ तक धंसा था , पिछवाड़े और ऊपर से आगे ऊँगली का असर , बीच बीच में जिस हाथ की दो उँगलियाँ गुलाबी लव लेन के अंदर थीं , उसकी का अंगूठा , हलके से क्लिट को भी छू दे रहा था , दबा देता , और साली गिनगीना जाती ,
ये सब खेल तमाशा उनके बाएं हाथ का खेल था ,
दाएं हाथ से वो साली के गदराये जोबन का मजा ले रहे थे ,
पर फर्स्ट गियर से चौथे गियर में जाने में उन्हें ज्यादा टाइम थोड़े ही लगता था ,
बुर में घुसी ऊँगली इंजन की पिस्टन की तरह पूरी ताकत से अंदर बाहर और साथ साथ आते जाते , जी प्वाइंट को भी रगड़ देते , और उनकी साली गिनगीना जाती , काँप जाती , साथ में क्लिट पर अंगूठा लगातार हलके हलके दबा रहा था
पिछवाड़े का घुसा पिस्टन भी अब एक बार फिर से फूल स्पीड से , ...
गांड भी मारी जा रही थी और बुर की भी ऐसी तैसी हो रही थी ,... आज सच में साली को जीजू का मजा मिल रहा था।
जीजा साली का ये रिस्ता तो बहोत पुराना है ही. पर साली जीजा की तारीफ कर दे. या घरवाली सोई दोनों ने एक साथ तारीफ कर डी तो कहना ही क्या. माझा आ गया.जीजा साली की मस्ती
--
पर फर्स्ट गियर से चौथे गियर में जाने में उन्हें ज्यादा टाइम थोड़े ही लगता था , बुर में घुसी ऊँगली इंजन की पिस्टन की तरह पूरी ताकत से अंदर बाहर और साथ साथ आते जाते , जी प्वाइंट को भी रगड़ देते , और उनकी साली गिनगीना जाती , काँप जाती , साथ में क्लिट पर अंगूठा लगातार हलके हलके दबा रहा था
पिछवाड़े का घुसा पिस्टन भी अब एक बार फिर से फूल स्पीड से , ...
गांड भी मारी जा रही थी और बुर की भी ऐसी तैसी हो रही थी ,... आज सच में साली को जीजू का मजा मिल रहा था।
वो चीख भी रही थी , सिसक भी रही थी , और साथ में गालियाँ , साली हो और गाली न हो , और वो भी रीनू जैसी साली,
" स्साले , मादरचोद , ये कहाँ से तूने ,... अपनी माँ के पेट से सीख कर आया क्या , तेरी रंडी माँ कोठे पर गांड मरवा रही थी , भँड़वे , ... जब तू पेट में था ,... अरे ज़रा आराम से , मेरी छोटी बहन की सास की पोखर ताल ऐसी गांड नहीं है ये , ... बचपन से लगता है अपनी माँ के भोंसडे में प्रैक्टिस की है तूने , मादरचोद , गांडू चिकना , ... पिछली बार तो इतना ,... ओह्ह उफ़ क्या करते हो जीजू ,... "
लेकिन साली को ये नहीं मालूम था की माँ के नाम की गाली , आग में घी का काम करती है , पता नहीं कौन कौन सी उनकी फैंटेसी जग जाती हैं , माँ की गाँड़, भोंसडे के नाम पे
और वो एकदम,... अगिया बैताल झूठ, पीछे से स्टीम इंजन के पिस्टन की तरह धकाधक उनका मोटा खूंटा साली के पिछवाड़े
और आगे से दोनों उंगलिया , जोर से क्लिट को रगड़ता मसलता अंगूठा
और दूसरे हाथ से वो निपल को पिंच कर रहे थे ,
वही हुआ जो होना था , एक बार फिर उनकी स्साली तेजी से झड़ रही थी , सिसक रही थी , चूतड़ उठा उठा कर , ... बुर अंदर फूल पिचक रही थी ,
लेकिन अबकी न उनकी अंगुली हलकी हुयी न लंड , ...
एक बार , दो बार , तीन बार ,... जब वो थेथर हो गयी तो वहीँ गद्दे पर , ... लेकिन अब भी उनका खूंटा तो वैसे ही , पर उन्होंने साली के पिछवाड़े से निकाल लिया था , और अब तक वो समझ गए थे , लंड गांड से निकलने के बाद कहाँ जाता है , .... गांड मरवाने वाली के मुंह में,
---
और एकदम थकी पस्त साली ने मुंह खोल दिया , लगी चूसने चाटने ,
हाँ अभी ये झड़े नहीं थे और ये बात मुझे और गुड्डी दोनों को मालूम थी की इनका पानी निकलने में अभी बहुत टाइम लगने वाला है।
बस यही मौका था उस किशोर ननदिया के पास बोलने का छेड़ने का , भाभी तो अब बोल ही नहीं सकती थी , मुंह में भइया का मोटा सा खूंटा जो धंसा था ,
और ननद मौका क्यों चुकती , गुड्डी चालू हो गयी।
" का हो भौजी , मजा आ रहा है न , कैसा स्वाद है, . चाटिये कस कस के , .... सीधे आपके पिछवाड़े से गया है मेरे भैया का, आ रहा मजा चूसने का, आज चलिए मेरे सामने मेरे भैया का तीनो छेद में ले लिया, और मलाई निकलनी अभी बाकी है, कोई आपकी और कोई छोटी बहन हो, अरे झांटे आयीं हो न आयीं हो, मेरे भैया के पास भेज दीजिये, आपसे ज्यादा चौड़ी करवा के महीने में भेज दूंगी आपकी ननद की गांरटी" । "
--
रीनू भौजी ने गुस्से से चिढ़ाती उस टीनेजर शोख ननद को देखा , लेकिन सच में , मुंह में तो ननद के भइया का खूंटा ठूंसा हुआ था , बोल तो सकती नहीं थी , ...
और जो खूंटा निकला मुंह से तो उस तन्नाए खूंटे को देखकर भौजी का मन , वही जो सारे भौजाइयों का होता है , ननद के भाई के खूंटे को देखकर , अंदर लेने का
और अबकी मंद समीर की तरह , सिम्पल मिशनरी पोज , जिज्जा ऊपर , साली नीचे ,... सावन भादों के झूले की तरह,एक बार फिर से पिछवाड़े के बाद प्रेम गली का नंबर था
कभी जीजा पेंग लगाते तो कभी साली , तो कभी दोनों बारी बारी , ... साली ने कस के अपने जीजू को दबोच रखा था , जीजू उसके अंदर धंसे ,...
झूले की रफ़्तार एक बार फिर बढ़ गयी थी , दोनों की पूरी देह , होंठ , हाथ सब कुछ ,... कभी वो जोर जोर से धक्के लगाते तो रीनू सिसकती तो कभी उनकी साली कौन कम थी , वो अपने भारी भारी चूतड़ उछाल के नीचे से धक्के लगाती , अपनी गदरायी चूँची उनके चौड़े सीने में रगड़ती , अपने लम्बे तीखे नाख़ून उनकी पीठ में गड़ाती , और साथ में गालियों की बौछार ,... बहन को , माँ को , उनके सारे मायके वालों को ,
--
" हाँ जीजू, हाँ ऐसे ही चोद स्साले क्या मस्त चोदते हो, उफ़, बहुत मजा आ रहा है, किसकी बुर में ट्रेनिंग लेनी, बहन के नाम पे तो तेरी यही रंडी गुड्डी, इसकी तो मेरी बहना ने फड़वायी, जरूर स्साले गांडू तुम मादरचोद हो, एकदम मस्त चोदने लायक है भी, अरे इत्ती कस के नही। तेरी माँ का भोंसड़ा नहीं है ताल तलैया, पोखर ऐसा, उफ़ उफ़, हाँ ओह्ह जीजू, हाँ ऐसे ही "
और जहाँ रीनू ने उनकी माँ का नाम लिया,
रीनू के जोबन की ऐसी की तैसी,
एक उनके हाथ के नीचे कुचला मसला जा रहा था, और दूसरे को चुसूर चुसूर चूस रहे थे
दो धक्के मार के पूरा बित्ते भर का लंड अपनी साली रीनू की चूत में जड़ तक लंड ठूस दिया, ऐसा धक्का मारा की स्साली की बच्चेदानी काँप गयी, और अब एक्शन पूरी तरह ऊपर की मंजिल पर,
हफ्ते भर काठमांडू में रीनू खूब चुदी थी, कमल जीजू से, बचपन के हम बाँहों के नियम के हिसाब से जब हम बहने साथ हो तो उसका मरद छू भी नहीं सकता था, हाँ अगर बहन की मर्जी हो सैंडविच बननी हो तो अलग बात है। सबसे बड़ी मौसेरी बहन चीनू थोड़ी ऐसी ही, कमल जीजू वाली, इसलिए सबसे ज्यादा रगड़ाई रीनू की ही हुयी, लेकिन आज जिस तरह से मेरा मरद उसे चोद रहा था, जो मस्ती रीनू पे चढ़ी थी, उसके आगे रीनू काठमांडू को भूल गयी थी। खूंटे के मामले में मेरा मरद जीजू लोगो से उन्नीस नहीं था, और ऊपर से गीता के पहलौठी के दूध का असर , एकदम लोहे का खम्बा, और झड़ने के मामले में तो, कहीं मैंने पढ़ा था की कड़ा खूंटा वो है जिसपर गीली तौलिया टांग दो लेकिन असली खूंटा वो है जिसपर टंगे टंगे तौलिया सूख जाए , बस रीनू के जीजा मेरा बाबू एकदम वही। असली बात ये थी की उन्हें पूरे ड्डेह का खेल मालूम था और किसी लड़की को देख के समझ जाते थे वो की वो बूब गर्ल है या आस गर्ल
उनकी साली दोनों थी, गाँड़ मार मार कर उसकी, इन्होने मेरी बहन को अपना फैन बना लिया था और अब,
जिस तरह से वो रीनू के निप को चूस रहे थे
और दूसरे निप को ऊँगली और अंगूठे के बीच के बीच लेकर रगड़ रहे थे, इनकी साली बस पागल नहीं हुयी, वो बार बोल रही थी,
" उफ़ जीजू क्या करते हो, नहीं लगता है, अरे ओह्ह बहुत अच्छा लग रहा है, जीजू प्लीज काटो नहीं, हाँ ऐसे ही चूस, चूस स्साले, गुड्डी के भंडुए बहनचोद, पागल कर दोगे, "
रीनू की देह काँप रही थी।
लेकिन नीचे उन्होंने छोड़ दिया था ऐसा भी नहीं, लंड जड़ तक घुसा था और लंड के बेस से अपनी साली की गुलाबो की फांके और क्लिट वो कस कस के रगड़ रहे थे,
मस्ती से रीनू के निप्स एकदम कड़े पूरे एक एक इंच के,
और अब उन्होंने वो बदमाशी की, दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी साली की चूँचियों को एकदम आलमोस्ट सटा दिया और जीभ से फ्लिक करने लगे, दोनों निप्स को एकसाथ,
रीनू अब सच में पागल हो गयी, जैसे मिर्गी के मरीज की देह मुड़ती है, तड़पती छटपटाती है एकदम उसी तरह और वो लगातार बोल रही थी
" जीजू करो न, चोदो न , चोद स्साले अपनी साली को चोद बहन के यार चोद, "
बस उन्होंने रीनू को दुहरा कर दिया और क्या रगड़ के चोदा है,
और अब जो रीनू की स्पीड तेज हुयी , उनकी साली का बदन तूफ़ान में पत्ते की तरह कांपने लगा , .... उन्हें भी लग रहा था , अब गए , तब गए , एकदम कगार पर ,... रीनू गयी पर साथ साथ उनको भी ,
यह तीसरी बार वो झड़ रही थी , पहली बार तो फोरप्ले में ही उन्होंने अपनी साली को इतनी गीली कर दिया , और पहला धक्का ही ऐसा जोरदार लगाया था सीधे बच्चेदानी पर सुपाड़ा , ...उनकी साली उसी में ,...
दूसरी बार जब वो डबल अटैक कर रहे थे , पिछवाड़े मोटा खूंटा , और आगे बिल में दो ऊँगली रगड़ाती अंदर जड़ तक घुसी , जी स्पॉट को छेड़ती मसलती , और साथ में अंगूठा क्लिट पर ,
पर तीसरी बार साली उनकी जो डूबी तो साथ अपने जीजू को भी ले गयी ,
वही ट्रिक जो हम तीनों बहनों ने सीखी थी , अगर कोई मरद ,....
रीनू ने एक साथ अपनी दो उँगलियाँ उनके पिछवाड़े ठेल दी , और जड़ तक। और पल भर में दोनों उँगलियों ने उनके प्रोस्ट्रेट को ढूंढ लिया था ,जबरदस्त मसाज ,
रीनू झड़ रही थी , पहली दो बार से भी ज्यादा तेज , काँप रही थी , उसकी आँखे बंद थी , लेकिन उसकी दोनों उँगलियाँ , बिना रुके
और अब वो भी , जैसे कोई तूफ़ान समंदर में आगया हो , कोई छोटी सी नाव लहरों के थपेड़ों पर उछल रही हो , बस जीजा साली की देह इसी तरह , ... रूकती , फिर चालू हो जाती ,
और जब वो रुके , तो साली ने एक बार फिर कस के , प्रोस्ट्रेट मसाज , ... और दुबारा फिर गाढ़ी मलाई , ....
दोनों की आँखे बंद थी , दोनों मजे में डूबे , ऑलमोस्ट बेहोश ,
और मैं , मेरे दोनों जीजू बगल में बैठे देख रहे थे , मैं मुस्करा रही थी। इनकी कितनी पुरानी फैंटेसी थी जीजा साली की हचक कर ,...
वो और रीनू गुथमगुथा बोलने की हालत में नहीं थे , खूंटा अभी भी उनका अंदर धंसा हुआ , गाढ़ी रबड़ी मलाई प्रेम गली से छलकती बहती , साली की जांघों पर छलकती ,