Last part
चलो बहू हम भी आज तुम्हें एक राज की बात बताएं
तुम्हें देखेंने हम जब पहली बार तुम्हारे घर थे आये
हमें देने को चाय चाय जब तुम ड्राइंग रूम में थी आई
पागल हम उस दिन हो गए थे देख तेरी गांड गदराई
और फ़िर तेरे गोरे चूचो पे वो छोटा सा काला तिल
सच कहूँ बहू तूने ले लिया था उसने उस दिन मेरा दिल
सोच लिया था हम तुझको अपने घर की बहू बनाएंगे
जब मिलेगा मौका तुमको अपने लौड़े के नीचे लाएंगे
तुझे शहर से गांव बुलाना वो तो सिर्फ एक बहाना था
असल बात थी कि तुमको अपने लंड के नीचे लाना था
जिस दिन चोद रहे थे बाबूजी बिमला चाची को आप
मैने भी सोच लिया था अपने बिल में लूंगी ये मोटा सांप
देख आपका जोश मैंने उस दिन सोच लिया था मन में
एक दिन मैं भी बैठूंगी बाबूजी के लम्बे और मोटे लन पे
अब तक क्यू छुपाया बहुरानी तुम पहले ही देती बोल
अब तक तो तेरे बदन के सारे ही छेद रख देता मैं खोल
अभी 2 आप ने अपनी बहू को ज़ी भर के खूब निचोड़ा
बाकी छेद भी दे दूंगी बाबूजी जरा सब्र कीजिए थोड़ा
सब्र तो ही नहीं होता हमसे बहूरानी देख के तेरी जवानी
अपने हुस्न से तू डस ले जिसको वो मांग सके ना पानी
चोद के तुझको आज हमारा सपना हुआ साकार
जब तक रहोगी तुम पास हमार रोज़ करेंगे प्यार
चलो बहू हम दोनों मिलकर कहीं घूमने जाते हैं
होटल के बंद कमरे में रुक कर हनीमून मनाते हैं
हमें पता है हनीमून पे आप हमको बहुत सताएंगे
पूरा वक्त लिटा कर नीचे आप मेरी चूत बजाएंगे
हनीमून पर बेटी तुमको अपनी पूरी रांड बनाएगी
तुझे बनकर घोड़ी बिस्तर पर तेरी गांड बजाएंगें
चुदी चुदाई चूत भी आपने रख दी फाड़ हमारी
अब गांड कैसे दे दे आपको वो है अभी कुंवारी
बहू अगर करती हो अपने ससुरसे थोड़ा सा प्यार
फ़िर हनीमून पे दे देना हमें ये अपनी गांड उपहार
अपने कंधों पर मैं ले लूंगा तेरी टांगो का बोझ
उस बोझ को झेलूंगा बहू मैं खुशी खुशी हर रोज
बाबूजी आपने मुझको दिन रात किया है प्यार
हमें यकीन है आपका प्यार ना जायेगा बेकार
आपने मेरी कोख में जो भरी है ये अपनी रबड़ी
इस रबड़ी की आपको मिलेगी जल्द खुशखबरी
सासु को दे नींद की गोली बाबूजी रोज रात को आते हैं
बिस्तर पर कर के मुझको पूरी नंगी दोनों छेद बजाते हैं
पतिजी अब रोज़ बोल रहे हैं मुझको वापस घर आने को
उनका लौड़ा भी फड़क रहे हैं कब से मेरी चूत बजाने को
हमें पता है कि बेमन से ही हमअब जाके उनसे चुदवाएंगे
जो मजा दिया ससुर ने बेड पे हमको पतिदेव न दे पाएंगे
बोल दिया है ससुर जी जो जब भी बढेगी हमारी प्यास
एक फोन पर आना होगा उनको भुजाने बहू की प्यास