- 22,427
- 58,536
- 259
जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
अपडेट पोस्टेड
कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें।
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
अपडेट पोस्टेड
कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें।
Last edited:
Ek chote si baat ka itna bada issue bana diyaजोरू का गुलाम भाग ७
सांझ हुयी घर आये
नींद आगयी। खूबी गाढ़ी और गहरी। और सपने में ‘उन्हें’ देखती रही , एक से एक 'आउटफिटस 'में , मेकअप के साथ।
शाम को जब वो आये और उन्होंने नाक किया , तब नींद खुली।
आगे
शाम को जब वो आये और उन्होंने नाक किया , तब नींद खुली।
और आज से पहले उन्हें कभी इतना बेताब ,बेकाबू नहीं देखा था। और इतना खुश भी,…
उन्होंने सीधे मुझे भींच लिया , ये भी नहीं देखा दरवाजा बंद है की खुला। और उनकी निगाहें सीधे जोबन की चोटियों पर अटकीं ,
और मैं भी न सिर्फ एक साटन की नाटी नाइटी में , वो भी खूब लो कट , और नूडल स्ट्रिंग वाली , पूरा क्लीवेज दिखता।
" बहुत भूख लगी है "
नदीदों की तरह सीधे घाटी बीच झांकते वो वोले।
" मुन्ना , दुद्धू पियेगा ,"
मैंने चिढ़ाकर पुछा।
और जवाब उनके होंठों ने दिया , सीधे नाइटी से झांकते मेरे कबूतर की चोंच को गपुच कर।
मैंने भी ,कस के उनके सर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने बूब्स पर जोर से दबा दिया।
एक हाथ से मैं उनके बाल सहला रही थी, और दूसरे हाथ से कंधे से स्ट्रैप सरका दिया ,
और अब निपल सीधे उनके मुंह के अंदर ,
खूब जोर जोर से चूस रहा थे वो।
मैं प्यार से उनके बाल सहला रही थी और कान में किस करके बोली ,
" बहुत भुक्खू लगी है बेबी को। ले न पी , मन भर। "
और मैंने जोर से अपना जोबन उनके मुंह में ठूंस दिया।
जवाब में दूसरा हाथ भी उनका मेरे नाइटी के अंदर घुस गया और उरोजों से ग़दर मचाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उन्हें हलके से धक्का देके पलंग पे गिरा दिया , और बोली ,
" मिलेगा ,मिलेगा पूरी रात मिलेगा लेकिन ये बता मीटिंग कैसी रही क्लाएंट के साथ ?
जवाब में फिर उन्होंने जोर से भींच लिया ,और सैकड़ों किस मेरे गालों पे , फिर दोनों हाथ उठा के जोर से बोले ,
डील क्लिंच्ड।
वाउ ग्रेट ,
मैंने भी उन्ही की तरह से जोर से बोला , हम दोनों ने हाई फाइव किया ,
और उन्होंने अपना मोबाइल का एक मेसेज मेरे आगे किया ,
कंपनी के सीनियर वी पी का मेसेज था , कांग्रेच्युलेशन का, डील होने का।
आगे पढ़ न , वो बोले।
असली बात आगे ही थी , ६५, ००० का स्पेशल बोनस और एक अड्डीशनल इन्क्रीमेंट।
हम लोगों ने फिर हाई फाइव किया और अब उन्हें भींच कर चूमने की मेरी बारी थी।
फिर मैं आँख नचा के बोली ,
"यार , शॉपिंग तो बनती है "
"एकदम "
आज तो वो किसी भी चीज के लिए राजी होने के लिए तैयार थे।
" समझ लो , तेरी जेब काट लुंगी पूरी। "
मैंने धमकाया।
" कोई नहीं , और लौट के जो मैं काटूंगा न , तो चिल्लाना मत। हफ्ते भर निशान रहेगा। "
अब वो पूरी तरह मेरी वेव लेंथ पर आते जा रहे थे।
" जा जा ,मैं ऐसी डरने वाली नहीं , मेरा साजन है चाहे काटे चाहे जो करे ,किसी को क्या। "
खिलखिला के मैं बोली।
तभी मेरी निगाह 'उनकी ' बिंदी पे पड़ी और मुस्करा के मैंने फिर उनके माथे पर लगा दिया। अबकी वो कुछ नहीं बोले।
सिर्फ हलके से मुस्करा दिए।
" चाय चलेगी "
फोन उठाते मैंने रूम सर्विस को आर्डर देने के पहले पूछा।
" ना , चलेगी नही ,दौड़ेगी ,"
" दो कप चाय " मैंने रूम सर्विस को बोला।
कुछ स्नैक्स भी बोल दो। उन्होंने जोड़ा।
ओके उनकी ओर मुंह करके मैं बोली और फोन पर आर्डर ऐड करा दिया,
" साथ में दो प्लेट आमलेट " और फोन रख दिया।
" आमलेट " चौंक के वो बोले।
जवाब में मैंने उनके होंठ पर एक किस जड़ा और हड़काया ,
" तू न ,अब पिटेगा मेरे हाथ से। सुबह प्लेट भर एग करी अकेले चट कर गया और अब आमलेट के नाम पे परहेज "
वेटर ले आया तो एक बार थोड़ा हिचके वो , ( माथे पर लगी बिंदी को लेकर ) लेकिन मैंने जोर से उनका हाथ पकड़ रखा था।
हम अपने कमरे में चाहे जो करें चाहे जैसे रहें ,किसी से क्या , मैं ये मानने में यकीन करती हूँ।
और अबकी बार वो अपने हाथ से आमलेट खा रहे थे। खुली आँखों से ,
बस मैं यही सोच रही थी की अगर उनकी मायकेवालिया देख लेतीं
( मेरे भैय्या ये नहीं खाते , मेरे भैय्या वो नहीं खाते )
तो बस फट के रह जाती ,
Thankyou so much komalji. Meri story aap ke page par vo bhi aap ne post ki amezing. Me bahot khush hui ho. Lots of thanks komaljiSaya. Dobara chudel ki prem kahani
![]()
Horror - Saya. Dobara chudel ki prem kahani
Saya part 1https://xforum.live/threads/saya-ek-chudil-ki-prem-kahani.34036/ To kahani ka part 2 ham yahi se suru karte he. Meri English bahot kamjor he is lie request he ki uspe dhyan na dekar sirf story pe hi dhyan de. Or please padhne vale bad me story ki koi comment jarur de. Taki muje pata...exforum.live
is story ne horror men saare record tod diye hain, sabse popular story hai apni style me
Aaj hi padhungi. Fagun aaj hi padhkar complete kiya hai. Ab iski hi bari hai.अभी यह अपडेट पोस्ट किया है
भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
उसके बाद फागुन के दिन चार पर अपडेट आएगा और तब इसका नंबर आएगा,
जल्द ही
https://exforum.live/threads/छुटकी-होली-दीदी-की-ससुराल-में.77508/page-1005
Ye thoda nahi bahut jyada hogaya mana jo kar rahi ho apne pati ke liye par kisi maa ko itna gira dena galat haiजोरू का गुलाम भाग १८
मम्मी और बर्थडे ब्वाय ,
मेरे बालम
स्नैप्स सारे मम्मी को व्हाटसऐप हो गए।
मम्मी का मेसेज आया।
और मैंने स्काइप आन कर दिया।
मैं उनका नाड़ा बाँधने की कोशिश कर रही थी तभी स्काइप पे वो अवतरित हुईं।
वो बिचारे बहुत झेंपे ,लेकिन ,…
" कैसा है बर्थडे ब्वॉय ,मेरा मुन्ना ,… "
मम्मी पूरे रंग में थीं।
" अरे मम्मी , बिचारे नाड़ा नहीं बाँध पा रहे हैं। अपनी माँ बहनों का नाड़ा खोल खोल कर बचपन से नाड़ा खोलने की तो प्रैक्टिस हो गयी लेकिन, आपकी समधन ने उन्हें नाड़ा बंद करना सिखाया ही नहीं ".
मैंने भी बहती गंगा में हाथ धोया।
मम्मी भी ,वो मुझसे ज्यादा अपने दामाद का पक्ष लेती थीं , बोलीं
" अरे तो मेरे बिचारे सीधे साधे मुन्ने को क्यों दोष देती हो , अपनी सास को दोष दो न। "
फिर एक ठंडी सांस लेकर बोलीं ,
" लेकिन बिचारी समधन जी भी क्या करें , एक बार उनका नाड़ा खुल गया तो छैले बाँधने नहीं देते , एक के बाद एक , और अभी तो हैं भी तो टनाटन मॉल।
नहींबिश्वास हो तो उस छिनार के पूत से पूछ लो , क्यों मुन्ना है न सही बात , उनकी तलैया में गोता खाने वालो की लाइन लगी रहती हैं न। अच्छा बस एक बात बताओ, जब मेरी समधन का नाड़ा खुला था , खुला तो अक्सर ही रहता है , तो तूने उनकी बुलबुल तो देखी होगी न , कैसे लाल लाल चोंच चियारे रहती है ,चारा खाने केलिए। बोल न। "
मैं जोर जोर से खिलखिलाने लगी और उनको कुहनी मार के उन्हें छेड़ते हुए , उकसाते हुए बोली
" अरे मम्मी कुछ पूछ रही हैं ,बोल न। क्या लौंडियों की तरह शर्मा रहे हो , आखिर तेरे मातृभूमि के बारे में पूछ रही हैं। तुम्हे अपनी मातृभूमि से प्यार नहीं है क्या ,
और फिर आज तेरी बर्थडे है , तो जहाँ से निकले थे , उसे याद करने का , देखा तो होगा , बताओ न मम्मी को , …
मेरी सास की चिरैया के बारे में , कैसी है ,"
मम्मी भी उस हमले में शामिल हो गयीं ,
"अरे मेरी बिटिया सही तो कह रही है , सोच न आखिर मेरी समधन ने न जाने कितनो से अपने गद्दर जोबन मिजवाये होंगे , कितनो के पास जाके चुदवाया होगा , फिर वो गाभिन हुयी होंगी , फिर उनकी चूत से तू निकला होगा , इसमें शरमाने की क्या बात हैं।
तो आज तो उस मातृभूमि को याद करने का दिन है न जिसमें कितनोका लंड गया होगा , किसी की सफल चुदाई के बाद उनकी चूत से तू निकला होगा , और मातृभूमि क्या साफ साफ क्यों नहीं बोलती उस पंचभतारी ,छिनार के पूत सेअपनी माँ के बुर ,… "
मम्मी अब एकदम फुल स्पीड में चालू हो गयी थीं।
वह जोर जोर से ब्लश कर रहे थे , लेकिन मुझे पता था की उन्हें कितना मजा आ रहा है।
" अरे क्यों लौंडिया की तरह शर्मा रहे हो , मम्मी सच तो कह रही हैं , बोलो न खुल के ,मम्मी की बात का जवाब दो न "
मैंने उन्हें छेड़ा।
" अरे शर्मायेगा क्यों मुन्ना मेरा , " मम्मी बोलीं और जोड़ा ,
" इसकी मां बहने तो शरमाती नहीं, पूरे मोहल्ले को , हिन्दुस्तान -पाकिस्तान बांटती फिरती हैं तो मेरा मुन्ना क्यों शरमाएगा , बोल गिफ्ट कैसी लगी। "
वो बिचारे और जोर शर्माए लेकिन मैंने जब जोर से घूरा तो घबड़ा के बोले ,
" अच्छा है ,मम्मी ,पसंद है मुझे। "
उनकी निगाह उस दुपट्टे पे थी जो मम्मी की गिफ्ट थी।
" कलर एकदम मैचिंग हैं न "
मम्मी ने फिर पूछा
Jo tumne jhela uska badla apne pati se aise liya ja raha haiकूकरी क्लास
जब उठी तो तीझरिया हो रही थी , नेट पर मैंने कुछ देखा एक दो फोन घुमाया और फिर उन्हें नंबर लगाया।
" हे आज शाम को आफिस से थोड़ा जल्दी निकलना , मिसेज तनेजा को जानते हो न , फेमस कूकरी एक्सपर्ट , उनके यहाँ मैंने तुम्हारे लिए टाइम बुक कर लिया है। "
मैंने उन्हें बोला।
" पर आज शाम को कैसे , मेरी कुछ क्लाएंट्स से मीटिंग शेड्यूल्ड है ,बड़ी इम्पोर्टेंट मार्केटिंग मीटिंग है , "
वो कुछ हिचकिचाते बीच में इंटरप्ट करते बोले।
" तुम आदमी लोग , कब सुधरोगे ,थोड़ी तो लिसनिंग एबिलिटी डेवलप करो , जब मैं बोल रही हूँ
तो चुपचाप पहले सुनो , समझो। "
मेरी आवाज अब थोड़ी कड़ी होगयी थी और वो भी समझ गए थे की उन्हें 'आफिस मोड ' से बाहर निकल आना चाहिए ,
जब मैं बोल रही हूँ , भले ही वो आफिस में बैठे हों।
" अब चुपचाप मुंह बंद करके सुनो , मिसेज तनेजा का एक हफ्ते का कूकरी कोर्स है ,सिर्फ ६-८ सीटें हैं , दो घंटे का ,
आज से शुरू हो रहा है। बड़ी मुश्किल से मैंने उन्हेंपटाया है तुम्हे लेने के लिए , खास तौर से मुगलाई ,अवधी ,…सब के सब नान वेज , और तेरे मायकेवालों ने तो वैसे भी कुछ सिखाया नहीं , वो लोग तो १८ वीं शताब्दी में रहने वाले ,
वहां तो लहसुन प्याज भी ,
और तुम को तो मालूम है मम्मी को नान वेज कितना पसंद है। खैर बड़ी मुश्किल से वो मानी है तो तुम टाइम पर , और हाँ वो स्वीट डिश भी एक सिखाएंगी तो मैंने मैंगो सूफले के लिए बोल दिया , अबतो तुम मैंगो खाने लगे हो।
हाँ एक बात और , वहां एप्रन कंपल्सरी है तो मैंने मिसेज डी मेलो को बोल दिया है एक पिंक एप्रन तेरे लिए अरेंज करने कोऔर हाँ वो जो तुम्हारी चाय समोसे वालीसो काल्ड इम्पॉरटेंट मीटिंग है , वो मिसेज डी मेलो ने आलरेडी रिशेड्युल्ड कर दी हैं। और हाँ टाइम पर जाना और एप्रन मत भूलना ".
मैंने फोन रखा भी नहीं था की मिसेज डी मेलो ,उनकी सुपर एफिसिसएंट सेक्रेटरी उनके कमरे में थीं ,
पिंक एप्रन के साथ।
" मेरे ख्याल से सर आपको निकलना चाहिए , पन्दरह मिनट में पहुंचना होगा आपको वहां। "
बड़ी मुश्किल से अपनी खिलहिलाहट दबाते मैंने फोन रखा।
मेरा तो मन कर रहा था की मिसेज डी मेलो को बोलूं की जरा अपनी पिंक लिपस्टिक दें दें उनको फ्रेशःअपहोने के लिए।
लेकिन मैंने सोचा की चलो थोड़ा धीरे धीरे , उनकी ३० + गोवानीज सेक्रेटरी अब पूरी तरह मेरे पाले में थी।
ढाई तीन घण्टे बाद वो लौटे ,एकदम हैरान परेशान , थके बुझे।
मैंने मुस्कराहट रोकी , ये तो होना ही था।
बाकी सब कोर्स वाली औरते थीं ,और सब की सब नंबरी मर्दखोर।
मिसेज तनेजा कौन कम थीं ,
और ये बिचारे अकेले ,खूब रगड़ाई हुयी होगी।
लेकिन मैं भी छोड़ने वाली नहीं थी,
" अरे जरा जो आज सीख़ विख के आये हो , जरा बना के दिखाओ , मैंने सब चीजें तैयार कर के रख दी हैं। अच्छा चलो थके होगे , एक कप चाय बना लो , बल्कि दोकप , मेरे लिए भी। "
टफ हफ्ता था उनके लिए। लेकिन ८-१० नान वेज रेसिपीज उन्होंने अच्छी तरह सीख ली।
सबसे बढ़कर जो असली चीज होती है , कब धीमी आंच पे हलके भूनना है तो कब
और सब बढ़कर मुझे गुड्डी ,मेरी ननद की बाते याद आ रही थी ,
"मेरे भैया वो तो छूते भी नहीं है , आप के मायकेवालों की तरह नहीं।"
और एक बार जब मैंने बर्थडे पे पेस्ट्री मंगा ली थी ,लाख कहा मैंने एगलेस है पर वो छिपकली ,
' क्या पता , और फिर बर्तन तो वही होते हैं और आपको तो मालूम है यहाँ सब लोग एकदम , … "
और पेस्ट्री फेंकी गयी।
और अब रोज वही ,
मैरिनेट ,वाशिंग, क्लीनिंग ,सब कुछ,
एक मेरी 'पैंटी फ्रेंड ' थी ,उनके ग्रूप में उसने खूब मजे ले ले के सुनाया ,कैसे सब औरतें उनकी रगड़ाई करती थीं ,
सब मिल के ऐसे छेड़ती थीं की बस ,
मुझे अपने शुरू के दिन याद आ गए उनके मायके में जो मेरे साथ , ....
कहानी में नया मोड़ लग रहा है इसका श्रेय रीनू हीरोइन अजय और कमल हीरो पर जाता है गुड्डी गुड्डी की भाभी गुड्डी के भैया इन तीनों का सील तोड़नेवाला अजय और कमल है और इसका सबूत जो गुड्डी दे रही है 100% सच हम दर्शकों का जो गुड्डी के भैया को लेकर शका था आज गुड्डी ने शक मिटा दिया रीनू ने जो गुड्डी को 11 इंच स्ट्रैप ऑन दिया था अब समझ में आ रहा है जब जावेद गुड्डी के भाई को पिछवाड़ा मारेगा तब गुड्डी 11 इंच से स्ट्रैप ऑन से चेक करेगी कहानी में जो जैसा किरदार छाप छोड़ता है उसकी वैसे ही तारीफ होती हैं आप सभी को नया साल की शुभकामनाएं सही लगे तो जवाब देना नहीं कोई बात ही नहीं
मैं पहले भी यह कह चुका हूँ और फिर से यह कहना चाहता हूँ कि यह कहानी वाकई एक मास्टरपीस है.. आपने न केवल कहानी के घटनाक्रम को खूबसूरती से पेश किया है, बल्कि इसके माध्यम से आपने बिजनेस और मार्केट के हर छोटे-बड़े पहलू को भी बहुत अच्छे से उकेरा है..
कंपनी के शेयरों के दामों की गिरावट, उस अज्ञात कंपनी का उन्हें नीचें दामों में अधिग्रहण करने की कोशिश, और फिर म्यूचुअल फंड हाउसेज से बातचीत करना — इन सभी घटनाओं का चित्रण आपने बहुत ही रचनात्मक तरीके से किया है.. जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, पाठक को कॉर्पोरेट जंग का अहसास होता है, जहां एक गलत कदम कंपनी के भविष्य को संकट में डाल सकता है.. आपने सच में यह दिखाया है कि व्यापार केवल आंकड़ों और पावरपॉइंट प्रेज़न्टैशनो का खेल नहीं है, बल्कि यह मानसिक शक्ति, निर्णय क्षमता और समय की बारीकी को समझने का भी खेल है..
खासकर जिस तरह से आपने 'बियर मार्केट' की अवधारणा और उसके प्रभावों को डिटेल्स में समझाया, वह काबिले तारीफ है.. शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव, म्यूचुअल फंड के जरिए निवेशकों से संपर्क, और फिर बाजार की गिरावट के बीच उनका संघर्ष - यह सब बहुत ही वास्तविक और सजीव तरीके से लिखा गया है..
कुल मिलाकर, इस कहानी का हर पहलू न केवल एक शानदार नरेशन बल्कि वास्तविकता की तरफ भी इशारा करता है, जो कि किसी भी अच्छे लेखक की पहचान होती है.. आपकी कहानी में एक गहरी सोच और धैर्य की झलक मिलती है.. हर शब्द, हर वाक्य और हर अध्याय को समझने के बाद यह अहसास होता है कि आप अपने पाठकों को केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण सिख भी दे रहे हैं..
![]()
आप का सुझाव बहुत अच्छा है पर थोड़ा दुसाध्य है। व्यंग्य लिखना कठिन है और उसे पूरी कहानी में निभाना और दुष्करलाजवाब अपडेट..!!!
आपके द्वारा लिखी गई हर कहानी में एक अनोखे ही प्रकार का जादू होता है, जिससे सब पाठक सहमत है। इसी संदर्भ में, एक विचार जो मेरे मन में आ रहा है.. मेरा मानना है की आप एक उत्कृष्ट सैटायर कथा लिख सकते है.. आप अगर कभी एरोटिक ह्यूमर या सैटायर (व्यंग्य) आधारित कहानी लिखें, तो वह भी बेहद दिलचस्प और बेहतरीन होगी.. आपकी की जो सहजता और वाक्पटुता है, उससे ऐसा कुछ मजेदार रचनात्मक निकल सकती है, जो पाठकों को हास्य के साथ-साथ एक नया अनुभव भी दे।
इरोटिक ह्यूमर और सैटायर के बीच का संतुलन बेहद दिलचस्प हो सकता है। आप जिस तरह से रिश्तों और सेक्स के भावनात्मक पहलुओं को छूने की क्षमता रखती हैं, उसी तरह आप इन्हें हल्के-फुल्के और व्यंग्यात्मक अंदाज में भी पेश कर सकती हैं.. कल्पना कीजिए, अगर किसी पात्र की इच्छाएँ या मनोविज्ञान को व्यंग्य के माध्यम से पेश किया जाए, तो वह पाठकों को न सिर्फ आकर्षित करेगा, बल्कि हंसा भी देगा और साथ ही एक गहरी समझ भी पैदा करेगा..
अगर आप इस दिशा में कभी हाथ आजमाती हैं, तो वह भी उतना ही प्रभावशाली और बेहतरीन होगा, जितना आपकी अन्य कहानियाँ हैं।
यह केवल एक सुझाव था..