मित्रों
कोमलरानी जी की कहानी "फागुन के दिन चार" एक लम्बी और थ्रिलर कहानी थी जिसमें बहुत सी बातों का खुलासा अंत मे जाकर हुआ था, उस कहानी के दौरान भी बहुत से पाठकों को ट्विस्ट समझने में परेशानी हुई थी लेकिन थ्रिलर होने के कारण उन्होंने बीच मे रहस्य नही खोले थे।
इस कहानी के दौरान इन्होंने फ्लैशबैक का प्रयोग करके थोड़े-बहुत तथ्यों को बता दिया है।
कृपया कहानी को आगे बढ़ने दीजिये ताकि राज और रहस्य बने रहे और सही समय पर खुल सकें।
जिन लोगों ने थ्रिलर कहानी, उपन्यास या फिल्में देखी है वो ये समझ सकते है कि इस जॉनर में अंत मे ही स्थिति स्पष्ट और साफ होती है।
तमाम फिल्मे ऐसी है जिनको ट्विस्ट के साथ खत्म की जाती है जिसके अगले भाग का इंतजार 2-3 साल तक किया जाता है, मुझे उदाहरण देने की आवश्यकता नही है क्योंकि आप सब स्वयं विद्वान है।
ये कोई गणित नही है कि स्टेप क्लियर हुए बिना आगे नही बढा जा सकता। अगर लेखक/लेखिका बोल दे कि आगे पता चलेगा तो पाठक मानसिक रूप से ट्विस्ट के लिए तैयार हो जाता है, ये स्पॉलर देने वाली बात हो जाती है, फिर ट्विस्ट ट्विस्ट नही रह जाता।
इसलिए कृपया कहानी के साथ धैर्य रखें, कहानी को आगे बढ़ने दें, एक ही बिंदु के साथ आपको बार-बार उपस्थित नही होना चाहिए।