पता नहीं क्या होगा, कहानी में क्या टर्न आये कई बार ये मेरे हाथ में भी नहीं रहता, ख़ास तौर से कहानी का एन्ड,.. ये स्टोरी पहले इंग्लिश में और उस समय गुड्डी के जाने के साथ ख़तम हो गयी , दूसरी बार जब फोरम बंद होने वाला था मैंने आलमोस्ट डेली पोस्ट्स की थीं , टाइम पर ख़तम होने के लिए और स्टोरी एक फाइनेंसियल थ्रिलर की ओर मुड़ गयी थी,
एक्विजशन और मर्जर, सेबी, इंश्योरेंस कम्पनी, इंटरेनशनल फायनेंशियल मुद्दे , लेकिन उन पार्ट्स को बहुत कम लोगों ने पढ़ा और वो फोरम बंद हो गया जिसकी याद हम सबको आती है,
और इस बार अभी तक तो पलड़ा जेठानी जी का ही भारी है, और पढ़नेवालों में भी जेठानी के चाहने वालों की तादाद कम नहीं, तो बस आगे आगे देखिये,... क्या पता