कहानी में थोड़ा बहुत बदलाव , दुहराव बचाने के लिए जरूरी होता है , कई बार कहानी को पोस्ट होने के बाद , कभी रीडर्स के कमेंट के कारण कभी खुद को लगता है ये भी हो जाता तो,... तो वो भी कुछ जोड़ने का कारण बनता है, और इस फोरम के कुछ नियम क़ानून भी हैं तो जोड़ने के साथ काटना भी पड़ता है , लेकिन उससे कहानी की निरंतरता प्रभावित होती है , तो फिर कहीं कहीं कुछ जोड़ के , कभी फ्लैश बैक का सहारा ले के,
देवदास इतनी बार बनी,कुंदन लाल सहगल से लेकर शाहरुख खान तक, कहानी तो वही थी लेकिन हर बार कुछ कुछ अलग तो,...
तो बस और जहाँ तक पोस्ट की बात है तो आपकी बात सुन के मैंने पन्ने पलटे, दिसंबर के पहले पन्दरह दिनों में कुल सत्रह पोस्टें, छह दिनों में , १, ३,५,८,९,१२,१५ यानी हर दूसरे तीसरे , और पोस्ट की दर की बात करें तो रोज एक पोस्ट से ज्यादा,
हाँ दो अंतराल , एक तो कोरोना जब जब बढ़ा , न मेरा लिखने का मन करता था, न मैं पोस्ट करती थी , और
दूसरा इस बार जनवरी के शुरू में और उस का कारण सब को मालूम है,... बस ये मनाइये न अब कोरोना आये न मेरी इस या किसी कहानी पर पथराव हो, तो पोस्ट इसी गति से मैं करती रहूंगी ,
बस आखिर शर्त ये हैं की आपका और हर मित्र का साथ स्नेह और आशीर्वाद इसी तरह बना रहे,