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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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komaalrani

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Ah! That's true. But I think emojis carry emotions and displays it perfectly.
But for you, I will try to use words for describing my emotions towards your stories.
i feel emojis are mostly short hands, stereotypes, they may accentuate, underline a particular feeling but words, they can be subtle, multi-layered, nuanced and show shades of gray
 

Nick107

Ishq kr..❤
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Ufffffffffffffffffffffff 👅👅👅👅 humiliation humiliation humiliation
..
I like it💋💋
Just keep it high... ❤💋
 

renuta

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i feel emojis are mostly short hands, stereotypes, they may accentuate, underline a particular feeling but words, they can be subtle, multi-layered, nuanced and show shades of gray
I agree. Words are more nuanced and can give a personal touch to the conversation because our minds gets absorbed into it. But in today's fast paced life, people prefer using emojis to convey their emotions in the faceless digital world communication.
 
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Rajizexy

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i feel emojis are mostly short hands, stereotypes, they may accentuate, underline a particular feeling but words, they can be subtle, multi-layered, nuanced and show shades of gray
Very well well & truly said Komal didi,ur knowledge is awesome that's why Raji loves u.
 

motaalund

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एकदम सही कहा आपने, अब मुझसे ज्यादा जेठानी को ख्याल है गुड्डी का, पर काटने का नहीं, परों को ताकत देने का जिससे वो उड़ सके.... मैंने शुरू में ही कहा था, असली बदला बदल देना होता है,... तो थोड़ा बहुत तो रगड़ाई खिंचाई,... लेकिन असली मकसद है उन्हें बदलने का। और औकात दिखाने का.
आपकी यही बातें तो दिल जीत लेती है...
 

motaalund

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yes, normally my English stories are different. Like in this forum, ' It's a hard rain' title itself based on a popular song of Bob Dylon and first lines are directly taken from a famous poem of T.S.Elliot.


" Dusk was dawning on glass panes of his window, smoke rubbing its muzzle, peeping from outside, streets following like tedious argument, …every evening, it reminded him of Prufrock’s love poem, more than 12 years has gone, him occupying this cabin, but today was to be last day, last evening,"

and it reminds me of famous saying of Godard, every film (for me, a story) should have a beginning, middle and end but not necessarily in that order.'

My stories like, Autumn Sonata, were of that genre. But in the current form of forums days of short stories are over (except in competition, where i prefer not to take part)

Now coming about the initiation process and role of Bhabhi, which probably started with ' Nanad ki training' and creeps time and again. Believe me i tried to fight against it. I believe a writer should be able to transcend oneself so i tried it in a novel like story, first time when a man was the narrator and supposed to be main protagonist. And it failed and failed big time in a story what I always feel as a big sucess, ' Phagun ke din Chaar". Narrator is a male and he has a love angle, gets married and has lot of not only erotic scenes but also makes active interventions. But the show stealer was Reet, again a female figure. so it is hard for me to visualize and in the storm of incest, subtle senses but may be some day, i may try a short story on Lolitasque theme" as you suggested, but the problem is teen must be in the last of teens, 18 + and by that age not much guiding is required.
The same thing I said in Hindi ... are also repeating here in English.
I bow before your superior knowledge.
 
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motaalund

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Ha par kacchi choot fadne ke liya aur jor lagega,au jab nanad Rani ki cheekhe niklegi tabhi toh maja aayega.
अरे भौजी कई तरह की जड़ी बूटियों और भस्म की ज्ञाता हैं...
और ये वियाग्रा से भी ज्यादा असरदार है... बिना किसी साइड इफेक्ट के......
एक खुराक और मशीन चालू....
 

Rajizexy

Punjabi Doc, Rajiii
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आज की रात






आज रात न मैं सोने वाली थी और न इनको और इनके माल को सोने देने वाली थी।

जिन कच्चे टिकोरों के लिए ,वो जब हाईस्कूल में थी,.... तब से ये तड़प रहे थे आज उनके मुट्ठी में होंगे।




जब चाहो,जितना चाहो दबाओ मीजो रगड़ो।


और वो कच्ची अमिया आज उन्हें अच्छी तरह डेकोरेटेड मिलनी वाली थी , आखिर एक तरह भाई बहन की सुहागरात थी।




और उन नए आये उरोजों को सजाया संवारा किसने था , उसी ने जिसने पूरी कोशिश की थी की
भाई बहना की ये मुलाकात न हो पाए ,

न भाई अपनी बहना को चोद पाए ,न बहना अपनी भैय्या से चुदवा पाए।






पर मैं असली भौजाई कैसे देख सकती थी ननद बिना अपने भइआ से चुदे रह जाय।



और मेरी उन्ही जेठानी ने मेरी ननद की उन टांगो को जो अब ज्यादा तर उठी रहने वाली थीं, उबटन लगाया ,

पेडिक्योर किया और

क्या रच रच कर मेंहदी लगाई ,




असल में उनके देवर को मेंहदी का सिंगार बहुत पसंद था और उनसे ज्यादा ,
उनके मूसलचंद को ,

मेरी जेठानी ने जो सुन्दर मेंहदी अपनी किशोर कमसिन ननदी को लगायी , और उन्ही मेंहदी लगे छोटे छोटे टीनेजर हाथों से आज

उनके देवर के मूसलचंद को उनकी छोटकी ननदिया पकड़ेगी ,सहलायेगी,दबाएगी ,मसलेगी। अपने भइया के औजार के कड़ेपन का मोटापे का अहसास अपनी कोमल हथेली में करेगी।




मेरी उन जेठानी ने जो एकदम खिलाफ थीं ,मेरी सास से शिकायत करने वाली थीं ,खुद अपने हाथों से उसके हाथों में मेंहदी रच रच कर लगाई।

लेकिन रिकार्ड तोड़ दिया मेरी जेठानी ने मेरी ननद के छोटे छोटे जुबना पर ,जिसके लिए मेरी ननद जिल्ला टॉप माल के नाम से जानी जाती थी।

बूब्स के बेस से लेकर निप्स तक , क्या रच रच के मेंहदी लगाई मेरी सैंया की बहना को ,

बेल बूटे सब काढ़ दिए गुड्डी के उभरते उभारों पर ,


उसकी कच्ची अमिया तो वैसे ही आग लगाती थी , और अब मेरी जेठानी ने जो मेंहदी लगायी थी उन चूँचियों पर ,

आज की रात तो मेरी जेठानी की ननद की इन कच्ची अमियों की ,...




बस थोड़ी देर ही आँख लगी।





उन्होंने ही मुझे उठाया , पैकिंग इन्होने पूरी कर दी थी।



दो बजने वाले थे ,गुड्डी और उसकी मस्त मस्त सहेलियों के आने का टाइम ,

गुड्डी के स्कूल की पार्टी यानी फुलटाइम मस्ती



funny poem lines

स्कूल से कालेज एक लम्बी छलांग होती है ,इंटर की सारी लड़कियॉं और पार्टी दे रही ११ वीं की लड़कियां

मस्ती तो होनी ही थी , फिर कौन कहाँ जाए , कब मिले

स्कूल की यूनिफार्म ,चहारदीवारी लांघ कर कालेज में पहुंचने की खुशी ,



funny poem lines

और सहेलियों से बिछुड़ने का गम भी





कोई अपनी सालियों का इतनी बेसब्री से इन्तजार नहीं करता जितना वो अपनी 'बहनों ' का कर रहे थे।



हम दोनों धड़धडाते नीचे आगये ,किचेन से खाने की खुशबू आ रही थी ,आज पहली बार मैं जेठानी के हाथ का बना खाना खाने वाली थी।

टेबल आलरेडी सेट थी ६ के लिए ,हम तीन हमारे तीन ,गुड्डी और उसकी शैतान सहेलियां , दिया और छन्दा ,मेरी फेवरिट ननदें , पार्टनर्स इन क्राइम।



हम लोग बरामदे में खड़े ही थे की बाहर से चहकने की आवाजें आने लगीं , और धड़ाक से दरवाजा खुला , सबसे पहले दिया।



मैंने उसको आँख भर देखा भी न होगा की उसने मुझे दबोच लिया और जोर से चीखी ,
Dhansu ,jabardast, kamukta se bharpur,exquisite updates👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥
💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯
200-2
 
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anvesharonny

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अरे भौजी कई तरह की जड़ी बूटियों और भस्म की ज्ञाता हैं...
और ये वियाग्रा से भी ज्यादा असरदार है... बिना किसी साइड इफेक्ट के......
एक खुराक और मशीन चालू....
Bilkul sahi baat kahi aapne.
 
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