• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

Well-Known Member
22,547
58,975
259
1०० वां भाग

छुटकी -होली दीदी की ससुराल में का १०० वां भाग पोस्टेड, पृष्ठ १०३५


भाग १०० - ननद की बिदायी

कृपया पढ़ें और अपने कमेंट जरूर दें
 
Last edited:

Jiashishji

दिल का अच्छा
1,123
1,925
158
खूंटे पे




मेरी निगाह भी उस तन्नाए खूंटे पर गड़ी थी , माना की आज उन्हें मुझे झड़ने नहीं देना था लेकिन थोड़ी सी पेटपूजा ,


"तो गुड्डी थोड़ा इनको भी रसभरी का मजा चखादें ,... मैं तो तड़पाना चाहती थी इन्हे मेरी मस्त ननद को इतने दिन तड़पाया इन्होने। अब तुम कहती हो तो,... "

मैं मुस्करा के अपनी ननद के निपल्स को पिंच करते बोली।



" एकदम भाभी ,थोड़ा सा ,... देखिये कितना बौराया है। "

गुड्डी की नजर उनके तन्नाए मूसलचंद से नहीं हट रही थी।

मन तो कर रहा था मेरा भी ,

और मैं उनके ऊपर ,...

……………………………………………..




इशारा करके मैंने गुड्डी को भी बुलाया ,एकदम पास में , रिंग साइड सीट पे।

पर मेरी रानी इतनी आसानी से मेरी ननद के भैय्या को थोड़े ही मिलने वाली थी , इतना तड़पाया था उन्होंने मेरी छुटकी ननदिया को ,
" चल पहले दुल्हन का घूंघट तो खोल ,... " मैंने गुड्डी को बोला।




और अब मेरी ननद एक्सपर्ट हो गयी थी ,बस उसने अपनी कोमल कोमल मुट्ठी से हलके हलके उनके लंड को पहले सहलाया फिर एक झटके में ,

और झट्ट से उनका मोटा पहाड़ी आलू ऐसा मोटा पगलाया सुपाड़ा बाहर. देख कर ही मेरी छुटकी ननदिया के होंठों में पानी आ गया ,

लेकिन मैं तो उस बेचारी के बेचारे को और तड़पाना चाहती थी ,

जरा सा और नीचे , और मेरे लोवर लिप्स उस बेचारे के मोटे सुपाडे को सहलाते सहलाते बस छू से गए और मैंने झट से हटा लिया ,

मेरी निगाहें उस टीनेजर पर ही टिकी थी ,जो अब मेरी साजन की रखैल बनने वाली थी , बल्कि बन चुकी थी।

उसके किशोर चेहरे पर मस्ती छा रही थी ,

" हे भाभी दे दो न बिचारे भैय्या को , देखो कैसे तड़प रहे हैं " मुस्कराते हुए वो शोख बोली।




" लेकिन मेरी इस प्यारी दुलारी ननदिया को भी तो बहुत तड़पाया है उन्होंने ,... चल तू कहती है तो बस उन्हें मेरी बात माननी पड़ेगी। "
उस के भोले कमसिन चेहरे को देखते मैं बोली।

" भैय्या , ... बोल दे न। हाँ। बोल दो न भाभी को उनकी बात मानोगे " वो शरीर शोख अदा से बोली

" बोलो ,बहुत तड़पाया है तूने मेरी ननदिया को , बोलो मेरी ननद है न मस्त माल "

अब मैं उनकी आँखों में आँखे डालकर पूछ रही थी।




" हाँ बहुत मस्त है , ... " मस्ताते हुए वो बोले।

" तो बोल चोदोगे न उसको " मेरी निचली फांके अब सुपाड़े पर रगड़ रही थीं।




" हाँ ,हाँ एकदम ,...चोदुँगा। " वो कसमसा रहे थे ,नीचे से कमर उठा रहे थे उचका रहे थे।

" रोज बिना नागा चोदना होगा ,समझ लो। " मैं भी अब अपनी फांके उनके मोटे सुपाड़े पर कमर हिला हिला के रगड़ रही थी। "

" एकदम ,बस जरा सा दो न ,... "

अब सच में उनकी हालत खराब हो रही थी। लेकिन मैं गुड्डी से पूछ रही थी ,धीरे से एकदम लेडीज ओनली टाक की तरह ,



" हे तेरी आंटी जी ,.. "

मेरी बात समझ के वो शोख खिलखिलाते हुए बोली,

" अरे भाभी ,जिस दिन आप लोग आयी हैं बस उसी दिन टाटा बाई बाई किया था उनको ,फिर २५ दिन की छुट्टी। " अपने पीरियड की डेट्स के बारे में,... भाई भी उसके कान पारे सुन रहे थे।




मैंने जल्दी से जोड़ा ,सात दिन हम लोग इनके मायके में थे इसका मतलब अभी बिना किसी हिचक के ,१८ दिन तक इसकी हचक के ,... पिल ये लेती ही है। मैंने खुद दी थी महीने भर का कोटा ,..

" दे दूँ न ,चल अब तेरे भइया जिस दिन भी नागा करेंगे न ,... " मैंने गुड्डी से पूछा।

वो किशोरी इस तरह हंसी,... दूध खील बिखर उठे ,

" दे दो न भौजी ,"



( बात असली ये थी की मन तो मेरा भी बहुत कर रहा था,... स्साला इत्ता मस्त खड़ा खूंटा देख के किसकी चुनमुनिया में आग नहीं लगेगी, और इनकी छुटकी बहिनिया ने चूस चाट के मुझे किनारे पर पहुँचाया जरूर था, पर पार नहीं लगाया था, ऐन मौके पे मैंने ब्रेक लगा दिया था। )

गचाक गच्चाक ,

गप्प



img upload

गप्पाक
मैंने उसके भइया की पतली केहरि कटि पकड़ी और पूरी ताकत से जैसे गौने की रात कोई दूल्हा दुल्हन की सील तोड़ता है उसी तरह

एक बार दो बार


तीसरी बार में उनका मोटा सुपाड़ा मेरी बुर के अंदर

गच्चाक




img upload


और मेरी मसल्स ने उस को कस के दबोच लिया , वो लाख कमर उठायें ,धक्का मारने की कोशिश करें ,

वो सूत भर भी सरक् नहीं सकता था।

गुड्डी बहुत ध्यान से देख रही थी।

मेरी कसी कसी रसीली बुर में फंसा , धंसा उनका मोटा सुपाड़ा , मेरी बुर के अंदर रगड़ता, दरेरता अब एक सूत भी न अंदर जा सकता था न बाहर निकल सकता था।

गुड्डी के भैय्या ,उस बिचारी के बिचारे , मेरे नीचे दबे , मेरी बुर में धंसे,

बार बार वो कोशिश कर रहे थे , कमर उचकाने की, नीचे से धक्का लगाने की , पर वो सूत भर भी नहीं हिला।

कुछ देर तक उन्हें तड़पाने तरसाने के बाद ,जोर जोर से उनके मोटे सुपाड़े को अपनी बुर से भींचने , स्क्वीज करने के बाद मैंने गुड्डी को की ओर मुंह किया और पूछा ,

" हे गुड्डी हो गया न ,अब निकाल लूँ। "



img upload

" नहीं नहीं भाभी , देखिये भैया ने तो साढ़े तीन मिनट तक,... अभी तो आपने बस शुरू ही ,... " उनकी ममेरी बहन घबड़ा के बोली।

" चल यार तू भी क्या याद करेगी ,मेरी एकलौती छुटकी ननद है ,आज तेरी पहली रात है यहां ठीक है तीन मिनट और ,... " मैं बोली।

" अरे नहीं भाभी ,मेरी अच्छी भाभी ,... तीन मिनट में क्या ,... फिर भैय्या ने साढ़े तीन मिनट तो मेरे साथ भी ,... "



img upload

गुड्डी ने जिस तरह रिक्वेस्ट किया मैं क्या कोई भी नहीं मना कर सकता था लेकिन मैंने भी उससे रिक्वेस्ट कर दी ,
" चल यार तू भी क्या याद करेगी ,... लेकिन साढ़े तीन मिनट तेरे भैय्या ने तेरी चूसी थी तो तू भी आ जा मेरे साथ ,... "

खूंटे पर तो मैं चढ़ी थी , गुड्डी की सवालिया निगाहों का मैंने इशारे से भी जवाब दिया और बोल के भी समझाया ,


मैंने उसके भैय्या की बॉल्स की ओर इशारा किया , और होंठों से अपने चूसने का भी , फिर बोला भी

" अरे यार गन्ने का मजा तो मैं ले रही हूँ लेकिन रसगुल्ला तो मैंने अपनी ननद के लिए छोड़ रखा है न ,असली कारखाना हो वही है मलाई रबड़ी बनाने का। "
गुड्डी थोड़ा ठिठकी ,जरा सा झिझकी ,पर आ कर अपने बचपन के यार के पैरों के बीच बैठ गयी , एक पल वो रुकी , फिर झुक के उसने इनके पेल्हड़ ( बॉल्स ) पर हलके से चुम्मा ले लिया।



img upload

फिर जीभ की टिप से उसे बस छू भर दिया ,
भौजी के खेत की जुताई चालू ।
मस्त मस्त अपडेट ।
 

komaalrani

Well-Known Member
22,547
58,975
259
भौजी के खेत की जुताई चालू ।
मस्त मस्त अपडेट ।
Thanks so much
 
  • Like
Reactions: motaalund

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
एकदम,


और इस का प्रयोग इस कहानी में हो चुका है, एक बड़ी क्रिटिकल जगह पर जहाँ से कहानी में बाज़ी पलटी,

बाज़ी मेरे हाथ में आगयी और इनकी मायकेवालियों को पता चल गया कि,

मेरा साजन सिर्फ मेरा है और वो बहुत बदल चुका है,

थोड़े से पन्ने पलटिये, पेज १२५, पूरा पढ़ डालिये, पसंद आये तो लाइक भी करिये।

उसी में पोस्ट १२४२ और उसके पहले १२४२,

चलिए लिंक भी दे देती हूँ और कुछ हिस्से फिर से दुहरा देती हूँ , लेकिन पेज १२५ पढ़िएगा जरूर,...



" हम तीनो,मैं, गुड्डी और मेरी जेठानी कान पारे सुन रहे थे ,इन्तजार कर रहे थे।


और उनके बोल फूटे , झटपट जैसे जल्दी से अपनी बात ख़तम करने के चक्कर में हों।

" गुड्डी , चूत ज़रा अपनी चूत मुझको दो न। "

जैसे ४४० वोल्ट का करेंट लगा हो सबको ,सब लोग एकदम पत्त्थर।

गुड्डी के तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था

मेरी जेठानी भी एकदम ,

मैंने बात सम्हालने की कोशिश की ,

" अरे गुड्डी चूत मतलब , ये तेरी दोनों जांघो के बीच वाली चीज , नीचे वाले मखमली कोरे होंठ नहीं मांग रहे है ,

बल्कि ऊपर के होंठ के बीच में फंसी सिंदूरी रसीली फांक मांग रहे हैं। अरे आम को चूत ही तो कहते हैं संस्कृत में। रसाल ,मधुर और होता भी तो है वैसे ही चिकना , रसीला। चाटने चूसने में दोनों ही मजा है , हैं न यही बात। "

उन्होंने सर हिला के हामी भरी , जेठानी मेरी एक नम्बरी क्यों मौक़ा छोड़तीं ,बोली ,

" अरे मान लो गुड्डी से नीचे वाला होंठ मांग ही लिया तो क्या बुरा किया , अरे दे देगी ये समझा क्या है अपनी ननद को। घिस थोड़ी जायेगी "

माहौल एक बार फिर हलका हो गया था। मैंने भी मजा लेते हुए कहा ,

" अरे घिस नहीं जायेगी , फट जाएगी इनके मूसल से "

हँसते हुए मैं बोली।



" तो क्या हुआ ,अरे कोई न कोई तो फाड़ेगा ही ,अपने प्यारे प्यारे भैय्या से ही फड़वा लेगी। "

जेठानी जी ने भी अपनी छुटकी ननद को और रगड़ा।

" और क्या ,फिर ये तो कहती ही हैं , मेरे भय्या कुछ भी ,कुछ भी मांगे मैं मना नहीं करुँगी , लेकिन अभी तो जो वो मांग रहे है वो तो दे दो न बिचारे को "

और चारा भी क्या था बिचारी के पास।

अपने रस से भीगे होंठों के बीच दबे खूब चूसी हुयी फांक को गुड्डी ने निकाल के जैसे ही उनकी ओर बढ़ाया ,

उनका एक हाथ वैसे भी गुड्डी के कंधे पर ही था , बस एकदम सटे चिपके बैठे थे वो ,बस दूसरे हाथ ने झपट कर उस गुड्डी की खायी ,चूसी,चुभलाई आम की फांक को सीधे वो उन होंठों के बीच।

और अब वो उस फांक को वैसे ही चूस रहे ,चाट रहे थे, चख रहे थे जैसे थोड़ी देर पहले उनके बाएं बैठी वो एलवल वाली मजे से चूस रही थी।



....
बाँहों के घेरे में लेके भईया बहना की चूत चूस रहा है.... वो भी मजे ले-लेकर...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
Beauty lies in the eyes of the beholder,

Shakespeare in Love’s Labor Lost:

“Beauty is bought by judgement of the eye,


Not utter'd by base sale of chapmen's tongues”

Benjamin Franklin in Poor Richard's Almanack,

“Beauty, like supreme dominion
Is but supported by opinion”


so credit goes to your eyes, your mind and aesthetic sense otherwise these words penned in Mohe Rang de long back, remained unappreciated, not even acknowledged,....

This post was printed on 7th March, 2021,...and it triggers a discussion on 'convergence', convergence of technologies starting from fire and wheel to AI and Big Data,... in that post and some dystopian apprehensions
I do not think that this has gone unnoticed but it might be the case that readers are too lazy to comment or appreciate.
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
आपके शब्द भंडार की कल्पना भी नहीं कि जा सकती....एक दम लबालब भर हुवा है....
मुझे अचानक ही इस शब्द के दर्शन हो गए।
आपका आभार।
मेरा अपना मानना है कि 'लबालब' तरल पदार्थ के लिए प्रयोग होना चाहिए...
सही शब्द मेरे विचार से ठसाठस होना चाहिए...
मस्तिष्क ज्ञान से ठसाठस भरा हुआ है...
अगर गलत है तो करेक्ट करें...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
मोहे रंग दे ने 1. २ मिलियन व्यूज पार कर लिया है जो ' इरोटिका ' कैटगरी में सबसे अधिक है ,

पहली बार उस कैटगरी में किसी थ्रेड ने 1. २ मिलियन व्यूज की संख्या पार की है और यह मेरे मित्रों के स्नेह का परिणाम है ,

आप सब को धन्यवाद,...

यह कहानी एकदम अलग है सेंसुअस, नव दम्पति की छेड़ छाड़ से भरी, रोमांस, शरारतों, और चुहुल के साथ लोकगीत,
एक अलग ढंग की मन मोहने वाली कहानी....
लेकिन लास्ट में जो बिल्ड अप किया था उसे आगे ले जाने की भी जरूरत है....
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
और ननद भौजाई की ये चुलबाजियां अभी जारी रहेंगी, साजन तड़पे तो तड़पे, आखिर उस ने बेचारी ननद को भी तो तड़पाया है
सिर्फ एक पर आरोप क्यों... दोनों ने एक- दूसरे को तडपाया है....
 
Top