आपने बहुत सही कहा है, टैबू रिलेशन के बारे में और असली सेक्सुअल टेंशन तो तब होता है जब, होसकता है लेकिन होना नहीं चाहिए या कहीं कहीं होता भी है,
आपने कहा 'पवित्र रिश्ते'....
मेरी कहानी में भी भाई बहन के रिश्ते ज्यादातर सगे भाई बहन के बीच नहीं होते ( छुटकी वाली कहानी एक अपवाद है और उसमें भी गीता अरविंद का प्रंसग जोड़ा हुआ सा है, इन्सेस्ट को ट्राई करने के लिए ) और अक्सर बहन ममेरी होती है, जिसकी शुरुआत ' ननद की ट्रेनिंग ' कहानी से हुयी,... और उसमें भी कजिन्स का सेक्स सीन एकदम अंत में आया जो मुझे कभी कन्ट्राइव्ड भी लगता था.
और ज्यादातर कहानियों में गुड्डी ( इस कहानी में भी और मोहे रंग दे में भी ) ममेरी कजिन हैं.
इसका एक कारण है की ये रिश्ता ऐसा है जो कहीं हो सकता है कहीं नहीं हो सकता है कहीं वर्जित है कहीं नहीं और जिससे सेक्सुअल टेंशन थोड़ा और बढ़ जाता है। इरावती कर्वे की किनशिप संबंधो की पुस्तक ने भारत को चार भागों में बांटा है और कुछ रिश्ते कहीं वर्जित है तो कहीं नहीं, ममेरी कजिन वाला मामला इसी श्रेणी में आता है,... उत्तर भारत में वर्जनाओं की श्रेणी अधिक रूढ़िग्रस्त है पर पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी भारत में यह मान्य विवाह संबंध है. इन्सेस्ट की विधिक परिभाषा यही है की ' उस से दैहिक संबंध जिससे विवाह वर्जित है ' इस आधार पर ममेरी कजिन से संबंध भारत के बड़े से हिस्से में इन्सेस्ट नहीं है , और हिन्दू विवाह अधिनियम में मान्य है क्योंकि वह कस्टम और यूसेज को वरीयता देता है।
हाँ चचेरी बहन के साथ या लिबर्टी नहीं है क्योंकि पितृ सत्त्तात्मक परम्परा में वह एक ही परिवार की मानी जाती है।
मशहूर निर्देशक सत्यजीत राय की पत्नी भी उनकी ममेरी बहन थीं क्योकिं यह सम्बन्ध उस समाज में सामान्य है।
मुझे लगता है सेक्सुअल टेंशन का होना और दर्शाना उन विपरीत लिंगों के व्यक्तियों में जो कभी कभी मिलते हों ज्यादा स्वाभाविक है इसलिए कजिन्स में कैजुअल सेक्स कभी कभार हो जाना सम्भव सा लगता है इसलिए मेरी कहानियों में दुहराव की हद तक यही ' भाई बहन ' वाला रिश्ता होता है। एक घर में साथ साथ बड़े होते,... मुझे थोड़ा सा,... इसलिए इन्सेस्ट टैग वाली कहानी मेरी अभी तक कोई नहीं है,... कल्पना और फैंटेसी ठीक है लेकिन २-४ % अगर वो रियल्टी से जुड़ा हो , क्योंकि राइटर को हर ऐक्शन का मोटिवेशन भी देना पड़ता है वरना इन कहानियों में और xxx मूवीज में फर्क क्या रह जाए
आपने एकदम सही कहा आदम हौवा के जमाने से वर्जित फल चखने की इच्छा, और यही बात कुछ इन रिश्तों में भी है