रसगुल्ला ऑलरेडी चाशनी से भरपूर है.. बस निकालने की देरी हैरसगुल्ला की चासनी निकालने का पूरा प्लान बनकर तैयार है।
पूरा एक महीना .........
रसगुल्ला ऑलरेडी चाशनी से भरपूर है.. बस निकालने की देरी हैरसगुल्ला की चासनी निकालने का पूरा प्लान बनकर तैयार है।
पूरा एक महीना .........
चाँद कदम रखने वाला पहला व्यक्ति कौन....एकदम जानबूझ के मिस्टर मोइत्रा की ट्रेनिंग ऐसी लगी है की मियां बीबी दोनों महीने भर के लिए गायब और
यहाँ तो महीने भर का भंडारा चलेगा दोनों रसगुल्लों का पूरी टाउनशिप जीम लेगी लेकिन सबसे पहले मेरे साजन भोग लगाएंगे जैसे अपनी बहन का भोग लगाया, कच्ची कलियाँ खिलाने का काम तो उन्ही के जिम्मे है
सुबह सुबह दर्शन के बाद हीं भोग लगेगा..आखिर अपनी सास को सुबह-सुबह दर्शन करा ही दिए मुन्ना के मुन्ने का ।
लेकिन पीछे वाला भी बचना नहीं चाहिएमिसेज मोइत्रा के वापस आने के बाद उनके सामने भी अगर रसगुल्ला का भोग लगे और साथ में मैसेज मोइत्रा का भी तब मजा और भी ज्यादा आएगा।
तभी तो उनकी सारी अकड़ नीचे वाले मुंह से निकलेगी।
दिन अच्छा बीतेगा उनका और रात भर सोचेंगी कैसे मिलन होगा मुन्ना के मुन्ने से
देगी भी और लेगी भी....गुड्डी का तो फर्ज बनता है कि अपनी भाभी और भाई दोनों को खुश रखे और भरपूर मजा दे ।
वो प्रसंग 'छुटकी ....' में चल रहा है... और क्या खूब चल रहा है...Komal ji ma bete ka milan me itni deri kyu... Incest pasand karne walo ka ek bahut bada reader group intzaar kar rha hai...kuch un logo ka bhi khyaal kare.. incest ke angle ko bhi apne shabdo se jadumayi bana dijiye..
आपकी कविताएँ हर दिन हर पल एक नई ऊँचाई छू रही है..मामा की बेटी बनी है लुगाई
भैया ने पूरी रात कर दी ठुकाई
कोमल बदन की कुंवारी छमिया
नरम मुलायम अभी जिसकी आमिया
भैया के लौड़े से दिन रात खेले
होठों से चुमा और कभी मुंह में लेले
मेरे प्यारे भाई मेरे जोबन से खेलो
पूरा घुसा दो और जी भर के पेलो
भैया को भी बहना लगे बड़ी प्यारी
मस्ती सी जब करती लौड़े की सवारी
भैया ने मक्खन से भर दी कटोरी
उन्गली से चाटे अब मामा की छोरी
एक हिं बाथरूम रहा घर में,
तो गुड्डी भैया संग नहात रहिन।
दोनों लग जात रहे खेल चुदाई में,
पानी फजूल के बहात रहिन।
उ भाईका लौड़ा सहलावत,
भाई भी धोवत रहे इका मासूम बुर।
चिपकत रहिन दोनों ऐसे की,
कौनो आंग ना हो पावे दूर।
ऊ लौड़ा इका बुर में कितनी बार पेलत होई ऊ त बस गुड्डी जाने
अन्य कहानियों से कई गुना बेहतर....Ye wala ank meine padha hai, aur batana chahunga ke bahut hi umda likha hai aapne, but me Joru ka Ghulam wali story me ma bete ke milan ki baat kar raha hu, ma jo tirth yatra se bapas aa gyi hai