लेकिन जो भी करेगी उसे इतना पता है कि मजा हीं आएगा...अपनी गुड्डी एकदम समझदार है उसे पता है कि उसकी भाभी उसके साथ क्या-क्या करने वाली है और कितने लोग उसकी जवानी में डुबकी लगाने वाले
लेकिन जो भी करेगी उसे इतना पता है कि मजा हीं आएगा...अपनी गुड्डी एकदम समझदार है उसे पता है कि उसकी भाभी उसके साथ क्या-क्या करने वाली है और कितने लोग उसकी जवानी में डुबकी लगाने वाले
अभी तो गांड़ मराई की क्लास बाकी है...गुड्डी की सिखलाई में जो कमी रह गई थी उसकी भरपाई लाइव क्लास ने कर दी ।
ये जवानी का जोश है... सबकुछ आगे बढ़-बढ़ के करेगी...गुड्डी जैसी टीनएज लड़की जब अपने रंग में आती है तो अच्छे बच्चों को पानी पिला देती है । सच में बहुत ही क्विक लर्नर है अपनी गुड्डी कितनी जल्दी सब कुछ सीख गई अपने भैया के साथ साथ अपनी भाभी को भी खुश रखना
शादी न सही मांग भराई हो गई....एक छोटी सी फुहार उनकी ममेरी बहन के मांग पर सीधे , ... सिन्दूर न सही उनका वीर्य ही सही.
Kya baat kahi hain aapne.
थ्रीसम दो कन्याओं और एक पुरुष का...Bahot badhiya threesome.
अब तो सैंडविच, बर्गर पराठा सब बनेगा...Bahot badhiya sandwich banaya aapne guddi ka.
अपना देवर तो कोई है नहीं.Kya aapke dever ko bhi mauka milega guddi ke sath??
आपने भी बहुत सूक्ष्म संदेशों को पकड़ा है..."बात काटती हुयी हँस के जेठानी बोलीं, " अरे उन की चिंता न कर, बस तू आ जा , तेरे जीजा तो,... उनकी तो ऐसी एक चाभी मेरे पास है , उनके सामने तेरी उस कंटाइन सास को मैं नंगे भी भी नचा दूँ तो वो कुछ नहीं बोल सकते,... वो मैं जैसे कहूँगी वैसे ही तेरे वाले से कहेंगे,... "
बेहतरीन अपडेट कोमल जी,
और सबसे अच्छी बात ये है आपकी लेखनी मै की आप मनोविज्ञान का या कोई अव्यक्त सन्देश का बेतरीन उपयोग करती हैं जो कई बार छुपा हुआ होता है. जैसा की इन ऊपर लेखे शब्दों मै हुआ है. इस कहानी की नायिका कोमल और उसकी जेठानी के पति दोनों किसी न किसी परेशनी से घिरे हुए थे. कोमल का पति सेक्सुअल डेप्रेवशन और बिसुअल behaviour से और जेठानी का पति भी shayad किसी प्रॉब्लम से घिरा हुआ है जो कहानी मै जयादा खुलकर नहीं बताया गया है. एक तरफ कोमल ने आपने पति की प्रोब्लेम्स को समझा और उससे accept किया और उसे इसमे से निकलने मै मदद की वहीँ दूसरी और जेठानी ने आपने पति को अपमानित और नियंत्रण मै rakhne की कोशिश की. उसी का परिणाम है की कोमल अब खुश है और वहीं जेठानी अब छनछनाती रहती है.
वैसे आम जिंदगी मै भी तो यही होता है. हम सब आपने partner मै perfection ढूँढ़ते रहते हैं. मगर परफेक्ट तो कोई होता नहीं है. और शायद यही सारी परेशानियों का कारन है. हमें आपने साथी की imperfection को वैसे ही अपनाना होगा जैसे कोमल ने इस कहानी मै किया है.
गांड़ मराई तो होगी लेकिन साजन के साथ नहीं..भोजी ने नानदिया की मौज कर दी
अपने प्यारे सजनवा के निचे लिटा दी
पकड़ के सजनवा का लौड़ा दिखाये
होठों से चूस कर उसे लालचये
कमसिन कली को फूल बना दो
आज इसकी चुत का बैंड बाजा दो
फाड़ डालो चुत को जड़ तक घुसा के
मम्मे भी चुस लो अच्छे से दबा के
छोटी छोटी आमिया को हाथों में भर के
गांड मारो इसकी बिना किसी डर के
लाल डायरी तो उस तोते की तरह है जिसमें एक जादूगर की जान बसती थी..."
,....लेकिन एक बात जो लाल डायरी में थी मेरे बारे में उसे पढ़ के मेरे बस आंसू निकल आये,... मेरे आने के दो दिन के अंदर ही किचेन मेरे हवाले , बेड टी से लेकर रात के खाने तक सब मेरे जिम्मे,.. सास शायद गाँव गयी थीं, दो दिन के लिए, और जेठानी ने रोज की तरह ,
लेकिन उस दिन ख़ास हुकुम था ,... कल एक पूजा होती है , जिसमें मुंह अँधेरे सूरज निकलने के पहले सब बन जाना चाहिए, साढ़े पांच बजे के पहले,... और आज कल चार बजे से पावर कट रहता है छह बजे तक,... मोमबत्ती और दियासलाई दोनों किचेन में ध्यान से रख देना,... किचेन में वो कहाँ रहता है ये मत पूछना,... रोज तो सुबह नौ बजे तक उठती हो , महरानी की तरह , एक दिन जल्दी उठ जाओगी तो क्या ,... और हाँ नहा जरूर लेना फ्रेश कपडे भी , ये नहीं की वही सब .. पहने , पूजा का खाना बनना है नयी बहू ही बनाती है,...
goodwill la jolla
और रात को भी उन्होंने जब मैं किचेन समेट रही थी , दस बार मोमबत्ती माचिस और चार बजे का नाम लिया ,
खैर मैंने अलार्म लगा लिया था , सोने तो ये खैर देते नहीं , मेरी सासू जी का बेटा मेरे कपड़ों और नींद दोनों का दुश्मन था,...
पौने चार बजे ही उठ के मैं नहा धो के फ्रेश कपडे पहन के , सवा चार बजे मैं किचेन में पहुंची, लाइट तो चार बजे ही चली गयी थी ,... बस किसी तरह मोमबत्ती और दियासलाई ढूंढ के , चूल्हे के पास ही रखा था मैंने ,...
goodwill la jolla
और माचिस जलाने ही वाली थी की एक हलकी सी महक नाक में आयी ,... मेरी कुछ समझ में नहीं आया , .... लेकिन फिर वो थोड़ी सी तेज ,... मैं डरी और जल्दी से इनको आवाज लगाई ,... इनकी नींद,.. लेकिन मेरी आवाज तो इन्हे दूर से ही सुनाई पड़ जाती थी और गहरी नींद में हो तो भी , बस पल भर में वो मेरे पास ,... और मुझसे पहले वो चिल्लाये गैस,... और झट झट किचेन की सारी खिड़कियां खोल दी, माचिस मेरे हाथ से छीन के दूर फेंक दी ,...
और उनकी चिल्लाहट सुन के जेठानी जी आ गयीं और पीछे पीछे जेठ जी भी,... और डांट मुझे ही पड़ी,"
कोमल जी कहानी का सबसे बुरा भाग ऊपर वाला प्रसंग ही लगा. आखिर कोमलिया जितनी प्यारी कन्या को कोई मारने के बारे सोच भी कैसे सकता है. कोमलिया तो सबका अच्छा ही करने की कोशिश करती है. उसके साथ ऐसी हरकत करने का तो कोई राक्षस ही सोच सकता है.
इस राक्षसनी जैसी जेठानी का कोई उपचार नहीं है. इसे भगायो और जेठ की दूसरी शादी करवायो जिससे मोहे रंग दे कहानी मै जैसी जेठानी थी वैसी आये जो कोमलिया को अपनी छोटी बहन माने.