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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

motaalund

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भाग १७६


मामा की बेटी बनी है लुगाई,



भैया ने पूरी रात कर दी ठुकाई





मामा की बेटी बनी है लुगाई

भैया ने पूरी रात कर दी ठुकाई

कोमल बदन की कुंवारी छमिया
नरम मुलायम अभी जिसकी अमिया




भैया के लौड़े से दिन रात खेले

होठों से चुमा और कभी मुंह में लेले

मेरे प्यारे भाई मेरे जोबन से खेलो

पूरा घुसा दो और जी भर के पेलो


भैया को भी बहना लगे बड़ी प्यारी
मस्ती सी जब करती लौड़े की सवारी

भैया ने मक्खन से भर दी कटोरी
उन्गली से चाटे अब मामा की छोरी

,,,,


उन्होंने जैसे ही अपना मूसल निकाला मेरी उँगलियाँ ननद की चूत , और रबड़ी मलाई सीधे उसकी चूत से उसके चेहरे पर।

अच्छी तरह फेसियल करा दिया मैंने उसका , लिथड़ लिथड़ कर।

…….और मैंने अपनी ननद को चूम लिया।

मेरे मरद के वीर्य से लिथड़ा चुपड़ा उस किशोरी का ,उनकी ममेरी बहन का चेहरा सच में बहुत प्यारा लग रहा था। मीठा मीठा।



……………..

और छोटी मोटी चुम्मी नहीं कस के , जैसे कोई मर्द किसी नई नवेली , कच्ची जवानी की सील तोड़ते हुए चूमता है , अधिकार से। कचकचा कर ,कुछ देर तक मैं उसके होंठों को अपने होंठों के बीच दबाकर चूसती चुभलाती रही , फिर मेरे होंठ उसकी ठुड्डी पर थे , हलके हलके चाटते , और मेरी ऊँगली उस टीनेजर के होंठ पर ,

मेरे बिना कहे उस किशोरी ने अपनी जीभ बाहर निकाल दी , आज उस जीभ ने मुझे बहुत मजे दिए थे , आगे पीछे दोनों छेदों में ,
और अब मेरे होंठ गुड्डी के होंठों से दूर थे , लेकिन उन होंठों ने गुड्डी की जीभ दबोच ली और पहले हलके हलके , फिर कस के चूसने लगी।

क्या रस था उस छोरी की मीठी मीठी जीभ में ,



और जब उसने जीभ अंदर कर ली तो साथ में मेरी जीभ भी उसके मुंह में , और साथ में मैंने जैसे स्कूल की लडकियां बबल गम का बुलबुला बनाती है ,मैंने अपने सैलाइवा का , .... वो सब मेरी ननद के मुंह में , ... मेरे होंठों ने उसकी होंठ को सील कर रखा था। मेरा सैलाइवा उसके मुंह में , .... और जब मेरे होंठों ने उस किशोरी के होंठ छोड़े तो सीधे उसके कान में ,

फुसफुसाते हुए मैंने सारे राज़ बता दिए ,

" अरे ननद रानी अभी तो तेरे मुंह में बहुत कुछ जाएगा , रोज नया नया स्वाद। "

और एक बार फिर मेरे हाथ ने जबरन उस गौरेया के गाल दबाकर मुंह खोलवा दिया और मेरी दो उंगलिया सीधे हलक तक ,

अब गुड्डी ने अपने गैग रिफ्लेक्स पर कंट्रोल करना सीख लिया था , दो के बाद तीन , फिर चार उँगलियाँ , पूरी ताकत से मैंने ठोंक दिया , एकदम गले तक. .... वो गों गों कर रही थी , हाथ पैर पटक रही थी पर मैंने कस के उसे दबोच रखा था। चार ऊँगली उसके मुंह में , फिर धीरे धीरे गोल गोल उसके मुंह के अंदर , चारों उँगलियाँ चम्मच की तरह मोड़ कर ,

" अरे रानी देख एक से एक मोटे लंड तेरे इस मुंह में जाएंगे , लंड से निकलने वाले तरह तरह के रस ,.... तनी मुंह फैला के घोंटना सीख ले ,... "

मैंने इशारे में उसे साफ़ साफ़ बता दिया , भले उस की किताब में पहले पन्ने पर उस के बचपन के आशिक का नाम है ,लेकिन अब उस उसपर इतने लोग नाम लिखेंगे की याद करना तो दूर वो पढ़ना भूल जाएगी /

मेरी चारो उँगलियाँ गुड्डी के मुंह के लार से ,थूक से लिथड़ गयी थीं।

मैंने उँगलियाँ बाहर निकालीं और उस किशोरी के मुँह पर लथेड़ दीं ,जहाँ उस के भइया की लंड की मलाई लिपटी थी वहीँ अब उस का भी सैलाइवा , एकदम अच्छी तरह ,पूरा चेहरा गीला।वो हम दोनों का खेल तमाशा देख रहे थे टुकुर टुकुर ,

" हे क्या देख रहे हो शर्म नहीं आ रही ,दो लड़कियों की बातें छुप छुप के सुन रहे हो , बेसरम घर में माँ बहन नहीं है क्या " मैंने कस के हड़काया उन्हें , और बोली ,

" चलो उधर मुंह करो। अपना पिछवाड़ा इधर करो , और अगर बिना हम लोगों के कहे इधर देखा न , तो बस , .... तेरी गांड मार लुंगी , चाहे डिलडो से या मुट्ठी से या लंड से। "




गुड्डी खिलखिला रही थी और वो बिचारे उन्होंने ,.... अपना पिछवाड़ा हम लोगों की ओर कर लिया।

" भाभी आप भी न ,... " गुड्डी खिलखिलाते हुए बोली।

मेरा हाथ अब मेरी ननद के नितम्बों को दबा रहा था ,

" सही तो कह रही हूँ यार, जो मारने वाली चीज है वो तो मारी ही जायेगी , चाहे तेरी हो या तेरे भइया की। "

मैंने उसे चिढ़ाया ,

मेरा दूसरा हाथ उसकी गोलाइयों को सहला रहा था। सच्च में उसकी अमिया का जवाब नहीं था , खूब कड़ी कड़ी , देखने में भी छूने में भी और स्वाद में भी एकदम खटमिठ्वा।



उनकी ममेरी बहन के चढ़ती जवानी के नए जुबना को सहलाते , दबा के मैंने पूछा।

" हे इन टिकोरों पे सब से पहले किस ने नजर लगाई? "

मैंने पूछा।

बजाय जवाब देने के गुड्डी जोर से खिलखिला रही थी , फिर खिलखिलाते हुए ही हम लोगों की ओर पिछवाड़ा किये , उस ने अपने भाई की ओर इशारा किया।

गुड्डी की खिलखिलाहट जारी थी में दूसरा सवाल पूछ दिया , उसके कान को चूमते ,फुसफुसाते ,

" तुम दसवीं में थी न ,... "

"नहीं भाभी ,हाईस्कूल में जस्ट गयी थी। "




अब मैं समझ गयी , मैं भी तो यू पी बोर्ड वाली थी। वहां नौवीं दसवीं दोनों को हाईस्कूल कहते हैं।

" और तुझे पता कैसे चला ,... "

" भाभी आप भी न ,लड़कियां तो सबसे पहले नोटिस करती हैं , ... वो मुझे देखते तो एकदम घबड़ा के और जब मैं उनकी ओर न देखने की ऐक्टिंग करती थी तो चुपके चुपके से वहां ,... " वो बोली।
" वहां , ?" मैंने हड़काया।

वो फिर जोर से हंसी ,बोली ,


" मेरे नए आ रहे उभारों पे , ... अभी तो बहुत छोटे छोटे थे लेकिन आ रहे थे , एकदम रुई के फाहों की तरह। और अगर मैं उन्हें वहां सीखते पकड़ लेती तो क्या कोई चोर घबड़ा जाएगा जैसे वो ,... बोली नहीं निकलती थी। जल्दी से जैसे थूक निगलते थे ,... मैं क्या मेरी सारी सहेलियां भी ,दिया ,छन्दा भी ,... बल्कि छन्दा ने तो मुझसे भी पहले नोटिस किया था। स्कूल की बाकी लड़कियां भी। "
" तुझे बुरा नहीं लगा , तेरे स्कूल की लड़कियां इनका नाम ले ले के तुझे छेड़ती थीं " मैंने उसके उभार प्यार से सहलाते पूछा।

" उन्हह , भाभी अच्छा लगता था। बस वो बेचारे ललचाने के अलावा कुछ भी नहीं कर पाते , ... और मैं उन्हें खूब दिखा दिखा के ,उभार उभार के ललचाती। बहुत मजा आता था , बल्कि छन्दा तो बोलती थी यार तेरे भइया से कुछ नहीं होगा , तू ही उनका खोल के ,... '

" तेरा क्या मन करता थी की वो क्या करें ,... " मैंने बात साफ़ साफ़ पूछी।

" आप भी न भाभी ,आप को मालूम नहीं क्या की जब नयी नयी जवान होती लड़की के जोबन उठने शुरू होते हैं तो क्या मन करता है उसका ?'

उसने बात घुमाने की कोशिश की और मैंने कस के उसके निपल उमेठ दिए ,
" बोल साफ़ साफ़ न ,वरना ,... " और उस शोख ने बोल दिया।
" वही भाभी , ... रगड़वाने , मिजवाने ,मसलवाने का ,... मेरी किसी भी सहेली के पास दो चार से कम नहीं थे ,मीजने रगड़ने वाले ,हाईस्कूल में भी। पर , पर भइया बहुत सीधे थे सिर्फ बिचारे ललचाते रहते थे। "
बात उसकी एकदम सही थी , बहुत सीधे थे वो। ससुराल में भी कोहबर में इनकी इतनी रगड़ाई हुयी थी लेकिन बोल नहीं फूटे ,...
ये रखैल लुगाई कैसे बन गई...
 

Jiashishji

दिल का अच्छा
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भोजी ने नानदिया की मौज कर दी
अपने प्यारे सजनवा के निचे लिटा दी
पकड़ के सजनवा का लौड़ा दिखाये
होठों से चूस कर उसे लालचये

E0028-F17-F446-4109-A2-B2-7-CD2-AAB7461-B
कमसिन कली को फूल बना दो
आज इसकी चुत का बैंड बाजा दो
फाड़ डालो चुत को जड़ तक घुसा के
मम्मे भी चुस लो अच्छे से दबा के
छोटी छोटी आमिया को हाथों में भर के
गांड मारो इसकी बिना किसी डर के
Wah
 

Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
Supreme
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फेसियल के नए नए तरीके....
Yes dear mottalund ,lekin didi to new methods hi nikal rahi hai pehle inhone white sindhur ka bataya tha ab white facial.
Just btw ,Mene ek short story "ek panth 2 kaaj " likhi hai dear,agar ho sake to padh kar comment karna .Ok ❤️💚💜💋💋💋happy belated Holi
 

motaalund

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Yes dear mottalund ,lekin didi to new methods hi nikal rahi hai pehle inhone white sindhur ka bataya tha ab white facial.
Just btw ,Mene ek short story "ek panth 2 kaaj " likhi hai dear,agar ho sake to padh kar comment karna .Ok ❤️💚💜💋💋💋happy belated Holi
Done in review thread Dr Sahiba....
Thanks for suggesting such a nice story.
 

anvesharonny

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Congratulations didi ji for 14 lakh views.
Excited Happy Birthday GIF
 

komaalrani

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मेरी नजर में तो दोनों को जाती है...
are nahi Arushi ji jo kaam 4 lines men kar deti hain vo baaki log 40 page men nahi kar pate
 
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Reactions: motaalund

komaalrani

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Aur khana bhi padega.
ekdm
 

komaalrani

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लेकिन पीछे वाला भी बचना नहीं चाहिए
पीछे वाला तो एकदम नहीं बचेगा

न मिसेज मोइत्रा का , न दोनों रसगुल्लों का

और

न मेरी सास का

मेरे साजन सब जगह चढ़ाई करेंगे, थोड़ी जबदरस्ती थोड़ी मर्जी और मैं रहूंगी साथ में रनिंग कमेंट्री देने के लिए
 
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