सही कहा..एकदम और सबसे अच्छा तो ये होगा की तीनों के साथ एकसाथ
थ्री सम नहीं फोर सम,... सास, दो दो सालिया और ,... ये
और ये आइडिया मंजू का है वो बोली है तो करवा भी देगी
अब तो वही होगा... जो मंजूरे मंजू होगा...
सही कहा..एकदम और सबसे अच्छा तो ये होगा की तीनों के साथ एकसाथ
थ्री सम नहीं फोर सम,... सास, दो दो सालिया और ,... ये
और ये आइडिया मंजू का है वो बोली है तो करवा भी देगी
You have different strength as compared to her.Thankyou so much for this much appreciation I don't think I an nowhere near deserving of it, and yes I have read some of your stories not the whole but parts of it and I really lved them, I can't name it but it was about Holi and a girl's erotic encounters of holi, presentation was really erotic and raw and best thing was local slangs abuses and folk songs. You're a really great writer keep doing it.
Please read "Phagun ke din char" its not only a holi story but terrorism angle with thriller as well as minute details.True TharkiPo bhai..Komaal Madam is really a specialist in Holi stories and many stories of her are Holi based..and local languages and dialects. Honestly, no one can beat them!!
TharkiPo prkin Rajizexy komaalrani Ashokafun30
Fertility भी चेक करना पड़ेगा क्या...एकदम सही कहा, डाक्टरनी साहिबा ने पूरी जिम्मेदारी निभायी है और आगे भी निभाएंगी
पर मेरे लिए वह कठिन इस लिए लगता है की मैं चाहे कहानी हो या नॉन फिक्शन, लिखूं या पढूं , क्या और कब ( ) के साथ क्यों और कैसे ( ) को भी थोड़ा बहुत समझना चाहती हूँ, वर्जनाओं को तोड़ते समय मन में जो उहापोह होती है उसे दिखाना चाहती हूँ,... और वह समझना थोड़ा कठिन होता है,...बहुत बहुत धन्यवाद,
जिस डगर को को मैं जानती नहीं उधर चलने से डरती हूँ, हाँ अभी छुटकी की कहानी में मैंने इन्सेस्ट की एक उप कथा जो एक कहानी सी ही थी, लिखने की कोशिश की और उसको कुछ मित्रों ने पसंद भी किया, पर मैं किसी भ्रम में नहीं हूँ. वह भाग इस लिए नहीं पसंद किया गया की मैंने इन्सेस्ट के आधार पर कुछ अच्छा लिखा,... वो मेरे बेबी स्टेप से हैं और यह सिर्फ आप सबका स्नेह और विश्वास है जिन्होंने उसकी तारीफ़ की।
इस फोरम में एक से एक इन्सेस्ट लिखने वाले हैं, सबसे ज्यादा कहानियां उसी पर लिखी जाती है और पढ़ी जाती है,
पर मेरे लिए वह कठिन इस लिए लगता है की मैं चाहे कहानी हो या नॉन फिक्शन, लिखूं या पढूं , क्या और कब ( ) के साथ क्यों और कैसे ( ) को भी थोड़ा बहुत समझना चाहती हूँ, वर्जनाओं को तोड़ते समय मन में जो उहापोह होती है उसे दिखाना चाहती हूँ,... और वह समझना थोड़ा कठिन होता है,...
दूसरे मेरे लिए इन्सेस्ट की एक सीमा यह भी है की एक लड़की के कितने भाई होंगे,... तो कित्ती देर तक वो कहानी शुद्ध इन्सेस्ट पर चल पाएगी।
फिर मेरे पाठको में भी दो तरह के लोग है, कुछ ने छुटकी की कहानी सिर्फ इसलिए पढ़नी छोड़ दी क्योंकि उसमे इन्सेस्ट का एक बड़ा प्रसंग था,... कई बार पाठक अपनी फैंटेसी में कहानी का हिस्सा बन जाता है और उसे वह नागवार गुजरता है
इस तरह की कई बातें है जो सिर्फ मेरी सीमाओं को दिखाती है
यह नहीं है की मैं फैंटेसी नहीं लिखती लेकिन वो सिर्फ होली के दृश्यों में वो भी एक सीमा तक, कुछ ख़ास रिश्तों में जैसे देवर भाभी, ननद भाभी या जीजा साली जो ग्राह्य लगते है या जिन फैंटेसी से मैं अपने जो जोड़ कर सहज पाती हूँ,...
मैं मना नहीं कर रही, सिर्फ अपनी सीमा बता रही हूँ , और मैंने अरविन्द गीता का प्रसंग लिखा और मुझे न लिखते समय न पढ़ते समय और न अभी भी , कोई ग्लानि सेन्स आफ गिल्ट नहीं होता,... लेकिन उस प्रसंग के अंत में दो पोस्टें ग्राम्य जीवन की सच्चाई, माइग्रेशन के दर्द पर भी थी,... गीता की माँ का कष्ट भी था उस में जो शुद्ध इन्सेस्ट वाली कहानियों में नहीं होता,...
एक बार फिर से आभार , बस यही निवेदन कर सकती हूँ दोनों कहानियों से जुड़े रहिये।
I will have to disagree with you Raji on this. Agree, aap Komal Madam se prerna leti ho and you consider her your mentor. Nothing better than this..but even your stories are very good and they will stand the test of time for their longevity and uniqueness.Thanks a lot dear statistically helpful favorite frnd. Ye sach hai ki me apni mentor Komal didi ki prerna se likhti hu.
Lekin mujh nimani Raji ko gyanwan Komal mam ki shreni mein rakhna "diye ko surya ke sath compare karne wali baat hai".
और हर बार कुछ नया करने को रह जाता है...जितने राग बारिश से जुड़े हैं, शायद किसी और पृष्ठभूमि से नहीं,... मल्हार के ही कितने प्रकार होते हैं,
फिल्मों में भी मिलन हो , छेड़छाड़ हो या विरह बारिश के गाने शायद सबसे ज्यादा हो, ...
और बारिश अगर खिड़की के बाहर हो रही हो, ... बाहर जा कर भीगने का मन कर रहा हो, पानी में कागज की नाव चलाने का मन कर रहा हो , ... पर कर नहीं सकती,
तो बारिश मेरी पोस्टों को भीगा देती है और वो गीली गीली बारिश से भीगी पोस्टें आप सब के पास,... बारिश सिर्फ भीगने का ही नहीं साथ साथ भिगाने का भी मौसम है
और इसी लिए ये सब पोस्टें ताज़ी टटकी नयी हैं, बारिश की गिफ्ट,...
Yes, Komal Madam told me about that story. Will try to find some time and read it. Thx for your suggestion though.Please read "Phagun ke din char" its not only a holi story but terrorism angle with thriller as well as minute details.
आपकी यही विविधता तो कहानी को रोचक बनाती है...बरसात की पोस्टों की टाइटल भी बरसात से जुड़े गानों से है और ये सुदर्शन फ़ाकिर की ग़ज़ल जिसे बेगम अख्तर ने क्या खूब गाया है से ली गयी है,...
और इसकी डबल मीनिंग भी ननद भौजाई ने अच्छी तरह समझी भी छेड़ खानी में आयी भी