arushi_dayal
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Part 6Part 5
ले आया था देवर अब सारा सामान
देख उसको चेहरे पे आ गई मुस्कान
लाया हूँ फूल मिठाई और ये गजरा
भाभी सजाऊंगा सुहागरात का कमरा
मीठे से होगी प्रथम मिलन की शुरूआत
यादगार बनेगी अपनी पहली सुहागरात
देवर जी तुम तो बहुत तेज जा रहे हो
अपनी भाभी से सुहागरात मना रहे हो
भाभी से आज तुम बीवी बन जाओगी
आज रात नंगी हो मुझसे चुदवाओगी
पहले तो इन बालों में गजरा सजाऊंगा
फिर कमरे में जाके पूरी रात बजाऊंगा
देवर ने जब बालो में गजरा लगाया
कसी हुई मेरी गांड पे लौड़ा चुभाया
हाथ बढ़ा पकड़ लिए मेरे सख्त मम्मे
और अपने होठों से मेरी गर्दन को चूमे
भाभी लग रही हो कामदेवी की मूरत
दीवाना बन गया हूं देख के तेरी सूरत
दीवानापन मुझे तेरा नज़र आ रहा है
तेरा लन मेरी गांड में चुभा जा रहा है
संभले नहीं देवर जी ये जवानी संभाले
कर दिया है आज ये योवन तेरे हवाले
भोगुगा तुम्हारी रोज़ जी भर के जवानी
मजे लोगी बनके मेरे लौड़े की दीवानी
सारा मजा क्या अब इसआंगन में लोगे
खड़े खड़े क्या यहीं तुम मुझे चोद दोगे
ज़ालिम ने पहले तो गांड को दबाया
झटके से फिर अपनी गोद में उठाया
ले चला फिर मुझे कांधे पे उठा के
हाथो से मेरी मोटी गांड को दबा के
भाभी तुम्हे अपनी दुल्हन बनाउंगी आज
पूरी रात इस बिस्तर पे बजाऊंगा आज
जब ये बात मुझे कहीं जा रही थी
मेरी चूत दरिया सी बही जा रही थी
जाओ तुम मेरे कमरे में आती हूँ मैं
शगुन वाला केसर दूध लाती हूं मैं
गिलास नहीं चाहिए मम्मो से पिला दो
अपनी इन चुचियो का मजा दिला दो
देवर जी बेचैनि इतनी अच्छी नहीं है
इसके बिना सुहागरात सच्ची नहीं है
शगुन का ये दूध आज तुम्हें पीना है जरूरी
इसका बिना अपनी सुहागरात रहेगी अधूरी
आ गई मैं फिर कमरे में देवर के पास
हाथो मैं लेके बादाम दूध का गिलास
लो पियो देवर जी इसमें ताक़त बड़ी
पूरी रात तुम्हें करनी है मेहनत कड़ी
मेरे पास आया अपना करीब खींचा
बाहो में भर मेरे मम्मो को खूब भिंचा
कोमल अंगो पे मेरे वो हाथ लगा फेरने
सख्त बाहों मे कस के लगा मुझे घेरने
चिपक रही मैं उसे जैसा कोई बेल
शुरू हो गया था मोहब्बत का खेल
हर अंग पे मेरे चुम्बन वो करने लगा
मेरे जिस्म से हर वस्त्र वो हरणे लगा
पहली खिंची साड़ी फिर चोली उतारी
फिर आयी टांगों से मेरे साये की बारी
निकली जब उसने मेरी टांगों से कच्छी
तुम्हारी चूत की खुशबू कितनी है अच्छी
भाभी कितने कोमल हैं ये मम्मे तुम्हारे
लगते हैं जैसे मैंने थामे है रुई के गुब्बारे
बिस्तर पे उसने फिर मुझको लिटाया
मेरे कोमल चुचो से मुंह को लगया
अपने होठों में लेकर निपल को चाटें
कभी उनको चुसे कभी उनको काटे