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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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Part 6Part 5
ले आया था देवर अब सारा सामान
देख उसको चेहरे पे आ गई मुस्कान
लाया हूँ फूल मिठाई और ये गजरा
भाभी सजाऊंगा सुहागरात का कमरा
मीठे से होगी प्रथम मिलन की शुरूआत
यादगार बनेगी अपनी पहली सुहागरात
देवर जी तुम तो बहुत तेज जा रहे हो
अपनी भाभी से सुहागरात मना रहे हो
भाभी से आज तुम बीवी बन जाओगी
आज रात नंगी हो मुझसे चुदवाओगी
पहले तो इन बालों में गजरा सजाऊंगा
फिर कमरे में जाके पूरी रात बजाऊंगा
देवर ने जब बालो में गजरा लगाया
कसी हुई मेरी गांड पे लौड़ा चुभाया
हाथ बढ़ा पकड़ लिए मेरे सख्त मम्मे
और अपने होठों से मेरी गर्दन को चूमे
भाभी लग रही हो कामदेवी की मूरत
दीवाना बन गया हूं देख के तेरी सूरत
दीवानापन मुझे तेरा नज़र आ रहा है
तेरा लन मेरी गांड में चुभा जा रहा है
संभले नहीं देवर जी ये जवानी संभाले
कर दिया है आज ये योवन तेरे हवाले
भोगुगा तुम्हारी रोज़ जी भर के जवानी
मजे लोगी बनके मेरे लौड़े की दीवानी
सारा मजा क्या अब इसआंगन में लोगे
खड़े खड़े क्या यहीं तुम मुझे चोद दोगे
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Hamesha ki tarah bohot hi garam aur uttejak ansh likha aapne...Part 6
ज़ालिम ने पहले तो गांड को दबाया
झटके से फिर अपनी गोद में उठाया
ले चला फिर मुझे कांधे पे उठा के
हाथो से मेरी मोटी गांड को दबा के
भाभी तुम्हे अपनी दुल्हन बनाउंगी आज
पूरी रात इस बिस्तर पे बजाऊंगा आज
जब ये बात मुझे कहीं जा रही थी
मेरी चूत दरिया सी बही जा रही थी
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जाओ तुम मेरे कमरे में आती हूँ मैं
शगुन वाला केसर दूध लाती हूं मैं
गिलास नहीं चाहिए मम्मो से पिला दो
अपनी इन चुचियो का मजा दिला दो
देवर जी बेचैनि इतनी अच्छी नहीं है
इसके बिना सुहागरात सच्ची नहीं है
शगुन का ये दूध आज तुम्हें पीना है जरूरी
इसका बिना अपनी सुहागरात रहेगी अधूरी
आ गई मैं फिर कमरे में देवर के पास
हाथो मैं लेके बादाम दूध का गिलास
लो पियो देवर जी इसमें ताक़त बड़ी
पूरी रात तुम्हें करनी है मेहनत कड़ी
मेरे पास आया अपना करीब खींचा
बाहो में भर मेरे मम्मो को खूब भिंचा
कोमल अंगो पे मेरे वो हाथ लगा फेरने
सख्त बाहों मे कस के लगा मुझे घेरने
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चिपक रही मैं उसे जैसा कोई बेल
शुरू हो गया था मोहब्बत का खेल
हर अंग पे मेरे चुम्बन वो करने लगा
मेरे जिस्म से हर वस्त्र वो हरणे लगा
पहली खिंची साड़ी फिर चोली उतारी
फिर आयी टांगों से मेरे साये की बारी
निकली जब उसने मेरी टांगों से कच्छी
तुम्हारी चूत की खुशबू कितनी है अच्छी
भाभी कितने कोमल हैं ये मम्मे तुम्हारे
लगते हैं जैसे मैंने थामे है रुई के गुब्बारे
बिस्तर पे उसने फिर मुझको लिटाया
मेरे कोमल चुचो से मुंह को लगया
अपने होठों में लेकर निपल को चाटें
कभी उनको चुसे कभी उनको काटे
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Thanks. Posting next update soonHamesha ki tarah bohot hi garam aur uttejak ansh likha aapne...
Dudh pilaane k saath suhaagrat shuru ho gayi devar bhaujai ki...
arushi_dayal ji ....kahan kahan se pictures aap dhund ke laati ho jo bilkul sateek beth jaye... Zabardast
Aur wo jo bhabhi ke mamme pakadne par pic daali hai jismein devar ungliya tak gadh gayi hain...uffff bohot hi kamuk tasveer hai.....
Part 7Hamesha ki tarah bohot hi garam aur uttejak ansh likha aapne...
Dudh pilaane k saath suhaagrat shuru ho gayi devar bhaujai ki...
arushi_dayal ji ....kahan kahan se pictures aap dhund ke laati ho jo bilkul sateek beth jaye... Zabardast
Aur wo jo bhabhi ke mamme pakadne par pic daali hai jismein devar ungliya tak gadh gayi hain...uffff bohot hi kamuk tasveer hai.....
Bohot khub... arushi_dayal ji paani paani kar diya aapne .. main to bhabhi ke hontho ko garmi tak mehsoos krne lagaPart 7
भाभी तुम अब मेरी टांगों में आओ
पकड़ के मेरा लौड़ा मुँह ने घुसाओ
मेरा लौड़ा मांगे है तुम्हारा दुलार
होठों में लेकर जरा इसको प्यार
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आ गई अब मैं उसकी टांगों के बीच
आंखो मैं देख उसकी पैंट लेई खींच
मेरी नज़रो के आगे था ऐसा नज़ारा
काले नाग का जैसा खुला हो पिटारा
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देख के उसका मोटा लम्बा सा लंड
मेरे प्यासे कलेजे को पड़ गई ठंड
इतना कड़क था ज़ालिम का लौड़ा
पकड़ा हो जैसे मैंने लोहे का हथौड़ा
चमड़ी से जब बाहर निकला सुपाड़ा
लगे कोई मोटा पहाड़ी आलू बुखारा
पकड़ के उसे प्यार से मैं सहलाऊ
होठों से चुमू और गालो पे लगाऊ
दिल मेरा चाहे लौड़े से जी भर के खेलु
अपने मुलायम लाल सुर्ख होठों में लेलू
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Part 6
ज़ालिम ने पहले तो गांड को दबाया
झटके से फिर अपनी गोद में उठाया
ले चला फिर मुझे कांधे पे उठा के
हाथो से मेरी मोटी गांड को दबा के
भाभी तुम्हे अपनी दुल्हन बनाउंगी आज
पूरी रात इस बिस्तर पे बजाऊंगा आज
जब ये बात मुझे कहीं जा रही थी
मेरी चूत दरिया सी बही जा रही थी
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जाओ तुम मेरे कमरे में आती हूँ मैं
शगुन वाला केसर दूध लाती हूं मैं
गिलास नहीं चाहिए मम्मो से पिला दो
अपनी इन चुचियो का मजा दिला दो
देवर जी बेचैनि इतनी अच्छी नहीं है
इसके बिना सुहागरात सच्ची नहीं है
शगुन का ये दूध आज तुम्हें पीना है जरूरी
इसका बिना अपनी सुहागरात रहेगी अधूरी
आ गई मैं फिर कमरे में देवर के पास
हाथो मैं लेके बादाम दूध का गिलास
लो पियो देवर जी इसमें ताक़त बड़ी
पूरी रात तुम्हें करनी है मेहनत कड़ी
मेरे पास आया अपना करीब खींचा
बाहो में भर मेरे मम्मो को खूब भिंचा
कोमल अंगो पे मेरे वो हाथ लगा फेरने
सख्त बाहों मे कस के लगा मुझे घेरने
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चिपक रही मैं उसे जैसा कोई बेल
शुरू हो गया था मोहब्बत का खेल
हर अंग पे मेरे चुम्बन वो करने लगा
मेरे जिस्म से हर वस्त्र वो हरणे लगा
पहली खिंची साड़ी फिर चोली उतारी
फिर आयी टांगों से मेरे साये की बारी
निकली जब उसने मेरी टांगों से कच्छी
तुम्हारी चूत की खुशबू कितनी है अच्छी
भाभी कितने कोमल हैं ये मम्मे तुम्हारे
लगते हैं जैसे मैंने थामे है रुई के गुब्बारे
बिस्तर पे उसने फिर मुझको लिटाया
मेरे कोमल चुचो से मुंह को लगया
अपने होठों में लेकर निपल को चाटें
कभी उनको चुसे कभी उनको काटे
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She sets new records and breaks it herself, a new genre,Very good Arushi...both the shayaries and the photos as well,,,good going!!
arushi_dayal
Thanks Komal jiजबरदस्त
आँखों देखा सचित्र वर्णन
रेडियो कमेंट्री को जैसे कलर्ड टीवी की कमेंट्री ने रिप्लेस कर दिया
एक नयी विधा,
कोटिश बधाइयां
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Very true...every poetry is better than the previous one...a very unique talent..She sets new records and breaks it herself, a new genre,